Funny Story In Hindi: वैसे तो हमारा महल्ला मिडिल और लोअर मिडिल क्लास फैमिलियों का तरतीबबेतरतीब जमघट है, जहां छोटीछोटी जरूरतें एकदूसरे से छीनते हम एकदूसरे से मौकेबेमौके, बहानेशहाने लड़ते रहते हैं, पर हमारे इसी महल्ले में परम पूजनीय, अति सम्माननीय समाजसेवक चिट्टा टाइकून भी रहते हैं. उन की बड़ेबड़े लोगों से दोस्ती है. उन्होंने एक कुत्ता रखा हुआ है. बीच में वे कुछ दिनों के लिए बेकुत्ता भी हो गए थे, पर अपने गेट पर उन्होंने आम आदमियों को डराने के लिए बोर्ड फिर भी लगाए रखा ‘कुत्तों से सावधान’.
लगता है कि अब आदमी से आदमी का डर जा रहा है, इसलिए बिन कुत्तों के भी सज्जनों को कुत्ते से फेक सावधान कराना पड़ता है.
छोटे घरों में तब तक शांति नहीं होती, जब तक उन में दिन में 2-4 बार तूतूमैंमैं न हो ले और बड़े घर तब तक बड़े नहीं लगते, जब तक उन में से दिन में 5-7 बार राजयोगी कुत्ते का भूंकना न सुनाई दे. बड़े घरों के कुत्ते राजयोगी होते हैं, तो छोटे घरों का आदमी खाजयोगी.
कायदे से जिन ऊंचे लोगों की फैमिली में कुत्ता नहीं होता, उन्हें ऊंचे समाज में ऊंची फैमिली होने के बाद भी साधारण फैमिली ही माना जाता है. समाज में आम आदमियों के बीच बड़ा आदमी होने की पहचान कुत्ता दिलाता है. बड़े लोगों की शान कुत्ता होता है. बड़े घरों में घर वालों से महान कुत्ता होता है. बड़े लोगों का आखिरी अरमान कुत्ता होता है. बड़े घरों की मुसकान कुत्ता होता है.
तो साहब, अब हुआ यों कि मुझे भी इंस्टाग्राम हैंडल से ही पता चला कि हमारे महल्ले के सब से बड़े लोगों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है कि उन के परिवार में सभी का लाड़ला नहीं रहा. परिवारजनों का रोरो कर हुआ बुरा हाल.
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