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तभी उन दोनों को किसी के आने की आहट सुनाई दी, तो वे संभल कर बैठ  गए. प्रकाश ने छोटे बच्चे को गोद में ले लिया और अपने साथ लाया हुआ पाउडर का डब्बा रीता को दिखाने लगा. समाज की नजर में भले ही रीता ने पराए मर्द के साथ सैक्स कर के गलत काम किया था, पर उस के अपने विचार से वह एकदम सही थी, क्योंकि उस के इस एक कदम ने घर के सभी लोगों को खुश कर दिया था.

रीता के ससुर को वंश आगे बढ़ाने वाला मिल गया था, बेटियों को भाई और सुशील को बेटा. इसी वजह से सुशील पहले से ज्यादा खुश रहने लगा था और अपने काम को हंसीखुशी करने लगा था. इसी बीच प्रकाश की आवाजाही रीता के घर में अब और ज्यादा बढ़ गई थी. समय और बीता तो लोगों में बातें बनने लगीं कि हो न हो, जरूर इन दोनों में कोई लफड़ा है. और यह लड़का सुशील का नहीं, बल्कि प्रकाश का ही है. जिस घर में सभी काले और सांवले रंग के हों, वहां कोई गोरा लड़का पैदा कैसे हो सकता है?

बेटे के जन्म के बाद सुशील और उस के पिता के बीच सबकुछ ठीक होने लगा था. आज वह अपने पिता के पास आया और बोला, ‘‘क्या आप को नहीं लगता कि प्रकाश की आवाजाही कुछ ज्यादा बढ़ने लगी है? अब तो महल्ले में लोग बातें भी बनाने लगे हैं...’’

साथ ही साथ सुशील ने अपने मोबाइल को राममोहन की नजरों के सामने कर दिया. मोबाइल की स्क्रीन पर एक तसवीर थी, जिस में प्रकाश और रीता एकदूसरे के साथ ऐसे चिपक कर बैठे थे, जैसे पतिपत्नी हों.

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