भारत में 15 अगस्त को आजादी का दिन माना जाता है, शायद इसीलिए क्रिकेट के 'कैप्टन कूल' महेंद्र सिंह धोनी ने इसे अपना 'रिटायरमैंट डे' बना कर खुद को इस खेल से ही आजाद कर दिया. जैसा कि उन का स्टाइल है, सब को चौंकाते हुए उन्होंने इंस्टाग्राम पर लिखा, 'आप लोगों के प्यार और सहयोग के लिए धन्यवाद. शाम 7.29 बजे से मुझे रिटायर समझा जाए.'

हालांकि अगले इंडियन प्रीमियर लीग में महेंद्र सिंह धोनी चेन्नई सुपर किंग्स की ओर से मैदान में क्रिकेट खेलते दिखेंगे, पर अगर उन के शुरुआती दिनों की बात करें, तब शायद किसी को यकीन भी नहीं था कि रांची का यह लड़का क्रिकेट की रेस का इतना तेज घोड़ा निकलेगा. यही वजह है कि वे भारतीय क्रिकेट के सब से कामयाब कप्तान रहे.

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वर्ल्ड क्रिकेट में भी महेंद्र सिंह धोनी एकलौते ऐसे कप्तान रहे हैं, जिन्होंने साल 2007 में आईसीसी का वर्ल्ड टी20, साल 2011 में क्रिकेट वर्ल्ड कप और साल 2013 में आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब जीत कर नया इतिहास बनाया.

महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में ही भारतीय टीम साल 2009 में टैस्ट क्रिकेट में नंबर वन बनी थी. उन्होंने अपनी शानदार कप्तानी की बदौलत भारत को घरेलू मैदानों पर 21 टैस्ट मैचों में जीत दिलाई थी, जो किसी भी भारतीय कप्तान का सब से बेहतर रिकौर्ड है.

निजी जिंदगी में फर्राटा मोटरसाइकिलों के शौकीन महेंद्र सिंह धोनी ने क्रिकेट भी तेज रफ्तार से खेला. विकेटकीपर से ले कर मैच फिनिशर का रोल उन्होंने बड़े उम्दा तरीके से निभाया. लेकिन पिछले कुछ समय से उन का और टीम का तालमेल सही नहीं बैठ रहा था. काफी समय से यह अटकलें लगाई जा रही थीं कि उन का पहले जैसा जलवा नहीं रहा है. वे बतौर बल्लेबाज मैदान पर सुस्त दिखने लगे हैं, जबकि वे अभी भी पूरी तरह फिट नजर आ रहे थे. यही वजह है कि उन के इस संन्यास पर उन के कोच रह चुके चंचल भट्टाचार्य ने कहा कि यह चौंकाने वाला फैसला है.

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