औरतों की खरीदफरोख्त का गलत धंधा गरीबी के चलते फलताफूलता है. इस धंधे के बाकी पहलुओं पर तो आमतौर पर बात होती है, पर औरतों की जिस्मानी और दिमागी परेशानियों पर कम ही बात होती है. औरतों की खरीद फरोख्त में सब से ज्यादा बुरा असर औरतों पर ही पड़ता है. वे जिस्मानी ही नहीं, बल्कि दिमागी तौर पर भी टूट कर बिखर जाती हैं.

हम ने अस्पताल में बीमार चल रही निर्मला के जरीए खरीदफरोख्त की शिकार औरतों की हालत को समझने की कोशिश की. गरीबों के लिए खूबसूरती भी किसी शाप से कम नहीं होती. गरीब की बेटी खूबसूरत होती है, तो उस का बचपन जल्द ही जवानी में बदल जाता है.

50 साल की उम्र में निर्मला को अब यह बात पूरी तरह से समझ आ चुकी है. लखनऊ, उत्तर प्रदेश के चारबाग रेलवे स्टेशन पर निर्मला अपनी 30 साल की बेटी और 15 साल की नातिन के साथ पुलिस की पकड़ में आई.

3 पीढि़यां एकसाथ देह धंधे में लग कर भी इतना नहीं कमा पातीं कि एक आम जिंदगी जी सकें. निर्मला रांची, झारखंड की रहने वाली थी. वह गरीब परिवार की थी. देखने में वह खूबसूरत थी. 15 साल की उम्र में ही उस की शादी अपने से तिगुनी उम्र के एक बूढ़े से हो गई थी. ऊपर से देखने में यह शादी जरूर थी, पर असल में यह खरीदफरोख्त थी.

निर्मला का पति जुराखन उसे अपने साथ पंजाब ले कर चला गया, जहां उस ने पैसों के बदले उसे बेच दिया. जुराखन ने निर्मला को बताया कि उस के पिता ने ही उसे बेचने को कहा है. बिक चुकी निर्मला एक हाथ से दूसरे हाथ होती दिल्ली के जीबी रोड के देह बाजार में पहुंच गई.

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