भारत जैसे देश में जहां खेलों को सरकारी नौकरी पाने का जरीया माना जाता है, वहां खेल के प्रति इज्जत और खेल प्रेमी बहुत कम ही हैं. उन के लिए वही खिलाड़ी बड़ा है, जो ओलिंपिक खेलों में मैडल जीते.
इस बार के मेन टोक्यो ओलिंपिक खेलों में नीरज चोपड़ा ने भाला फेंक खेल इवैंट में सोने का तमगा क्या जीता, वे रातोंरात हीरो बन गए. राखी सावंत भी बीच सड़क पर लकड़ी को भाला बना कर फेंकती नजर आईं.
चूंकि नीरज चोपड़ा देखने में हैंडसम हैं, लंबेचौड़े हैं, तो वे जवान लड़कियों के क्रश बन गए. इस सब में खेल कहीं खो गया और वह सारी मेहनत भी जो नीरज चोपड़ा ने कई साल से एक गुमनाम खिलाड़ी की तरह की थी.
अब उन खिलाडि़यों की बात करते हैं, जो शरीर से कमतर होते हैं, पर मन से ताकतवर और जिन्हें सरकार ‘दिव्यांग’ कहती है. चूंकि इस बार के ओलिंपिक खेलों में भारत ने 7 तमगे जीत कर 48वां नंबर पाया था, तो टोक्यो में हुए पैरालिंपिक खेलों पर भी लोगों की नजर थी, जिन में ‘दिव्यांग’ खिलाड़ी हिस्सा लेते हैं.
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24 अगस्त, 2021 से 5 सितंबर, 2021 तक चले दिव्यांग खिलाडि़यों के इस विश्व खेल में भारतीय खिलाडि़यों ने शानदार प्रदर्शन किया और कुल 19 तमगे जीते.
इस बार कुल 54 खिलाड़ी टोक्यो पैरालिंपिक में हिस्सा लेने गए थे, जिन में से कामयाब खिलाडि़यों ने 19 तमगे जीते. इन में 5 सोने के तमगे, 8 चांदी के तमगे और 6 कांसे के तमगे शामिल थे. भारत का रैंक 24वां रहा, जो अपनेआप में रिकौर्ड है.
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