हर किसी को यह एहसास है कि अब होना जाना कुछ नहीं है और जो होना था वह हो चुका है, लेकिन जो हुआ उस पर कोई हल्ला नहीं मचा, जबकि यह दिल दहला देने वाला हादसा है. रक्षाबंधन क्या कोई भी त्योहार गरीबों के लिए खास माने नहीं रखता, उलटे रोज कमानेखाने वालों को तो कोफ्त ही होती है, क्योंकि छुट्टी के दिन दिहाड़ी नहीं मिलती और अगर टैंपरेरी नौकरी वाले हो तो पगार कट जाती है.

चंबल इलाके के मुरैना जिले के गांव धनेला के तिलहन संघ के दफ्तर के नजदीक एक फैक्टरी साक्षी फूड प्रोडक्ट्स है, जिस में चैरी बनाने और सप्लाई करने का काम होता है. इस फैक्टरी के मालिक इलाके के नामी और रसूखदार रईस कौशल गोयल हैं, जिन्होंने अपनी पत्नी के नाम पर यह फैक्टरी खोली है.

कौशल गोयल के रसूख का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इन की फैक्टरी एक ऐसे इलाके में चल रही थी, जो इंडस्ट्रियल नहीं है.

रक्षाबंधन की दोपहर साक्षी फूड के इर्दगिर्द काफी गहमागहमी थी. कलक्टर और एसपी समेत छोटेबड़े सरकारी मुलाजिमों के अलावा सैकड़ों गांव वाले जमा थे, जिस की वजह थी टैंक में 5 मजदूरों का मर जाना.

फैक्टरी के टैंक ने एकएक कर के जब 5 लाशें उगलीं तो वहां मौजूद लोगों का कलेजा कांप उठा. कुछ ने अपना गुस्सा भी जताया, जिसे बड़ी चतुराई से अफसरों ने ‘मैनेज’ कर लिया.

पांचों लाशों के निकलने के बाद इस हादसे की पूरी कहानी सामने आई, जिस के मुताबिक मरने वालों के नाम वीर सिंह, राजेश, रामावतार, गिरिराज और रामनरेश थे.

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