पि छले दिनों सोशल मीडिया पर यह दावा किया जा रहा था कि तमिलनाडु में रहने वाले बिहारी मजदूरों के साथ मारपिटाई की जा रही है और जिस में 2 बिहारी मजदूरों की मौत भी हो गई.

इस सिलसिले में सोशल मीडिया पर कई वीडियो पोस्ट किए गए, जिस के चलते तमिलनाडु में काम करने वाले लाखों प्रवासी बिहारियों और बिहार में रहने वाले उन के परिवार के लोगों के मन में डर का माहौल पैदा हो गया.

ऐसे वीडियो को सच मान कर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दखल दिया और मुख्य सचिव व डीजीपी को मामले की जांच करने का आदेश दिया, जहां पाया गया कि यह खबर झूठी है.

पर बिहारी मजदूरों की तथाकथित पिटाई का वीडियो शेयर करने वाले बिहार के चर्चित यूट्यूबर मनीष कश्यप ने यह दावा किया कि तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों पर जुल्म हो रहा है और पुलिस झूठ बोल रही है, लेकिन जांच से यह बात सामने आई कि मनीष कश्यप झूठी अफवाह फैला रहा था.

झूठी अफवाह फैलाने के जुर्म में मनीष कश्यप को गिरफ्तार कर लिया गया और वह अभी तमिलनाडु जेल में बंद है. उस के अलावा 3 और लोग यह फेक न्यूज फैलाने में शामिल थे और उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया गया.

मनीष कश्यप की गिरफ्तारी के बाद बिहार पुलिस ने फेक वीडियो मामले में एक और गिरफ्तारी की. इस बार पुलिस ने उपेंद्र साहनी नाम के एक नौजवान को गिरफ्तार किया.

मणिपुर हिंसा

मणिपुर में जनजातीय समूहों के कई जिलों में रैली के बाद राज्य में बाधित हुई कानून व्यवस्था को ले कर भारतीय सेना ने नागरिकों से अपील की थी कि वे केवल अधिकारिक और वैरिफाइड सोर्स वाले कंटैंट पर ही भरोसा करें. भारतीय सेना ने यह चिंता तब जाहिर की, जब मणिपुर में सुरक्षा के हालात को ले कर कई सारे फर्जी वीडियो फैलाए जा रहे थे.

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