विशाल और नीतू एक ही कालेज में पढ़ते हैं. दोनों के बीच दोस्ती हुई जो प्रेम संबंधों में बदल गई. शुरुआत में दोनों लुकछिप कर मिलते थे, फिर खुलेआम मिलने लगे. होटल, रैस्तरां में जाना और मौजमस्ती करने से उन्हें कोई परहेज नहीं था.

पुरुष सैक्स के मामले में बड़ा अधीर या उतावला रहता है. इस के लिए वह शादी होने तक का इंतजार नहीं करता. यही बात विशाल पर भी लागू हुई. उस ने शादी का वादा कर के नीतू के साथ शारीरिक संबंध बनाने शुरू कर दिए. परिणामस्वरूप नीतू प्रैग्नैंट हो गई.

जब नीतू ने प्रैग्नैंट होने की खबर विशाल को दी तो उस के पैरोंतले जमीन खिसक गई. उस के होश उड़ गए. उस ने खुशी जाहिर करने के बजाय उस से गर्भपात कराने को कहा. नीतू ने कहा कि वह गर्भपात नहीं कराएगी बल्कि वह उस से शीघ्र शादी कर ले.

विशाल ने कहा, ‘‘ठीक है, मैं अपने पेरैंट्स से बात करूंगा.’’

उस ने पेरैंट्स से बात किए बगैर नीतू से कह दिया कि पेरैंट्स को शादी से आपत्ति है. सो, वह उस से शादी करने में असमर्थ है तथा बच्चे को पिता के रूप में अपना नाम नहीं दे सकता है. अब गर्भपात कराना ही एकमात्र हल है.

जब विशाल नीतू को गर्भपात के लिए डाक्टर के पास ले गया तो डाक्टर ने कहा कि इतने समय के पश्चात कानून गर्भपात करने की इजाजत नहीं देता क्योंकि इस से नीतू की जान को खतरा हो सकता है. विशाल ने नीतू से किनारा कर उसे अपने हाल पर छोड़ दिया.

यह तो केवल एक उदाहरण मात्र है. आएदिन प्रेमी अपनी प्रेमिका के साथ फिजिकल रिलेशनशिप बनाते हैं और फिर उसे म?ाधार में छोड़ देते हैं. शादी का वादा तो करते हैं लेकिन शादी करते नहीं. ऐसे में प्रेमिका को या तो गर्भपात कराना होता है या बिनब्याही मां बनना पड़ता है, बहुत बार तो आत्महत्या करने की नौबत आ जाती है. अगर उस ने जिंदा रहने का फैसला किया है तो ऐसी स्थिति में प्रेमिका को अपमान सहना पड़ता है.

प्रेमी अगर शारीरिक संबंध के लिए इतना ही उतावला है तो पहले शादी क्यों नहीं करता. शादी के बाद वह चाहे जितनी बार उस से फिजिकल रिलेशन बनाए, किस ने रोका है. लेकिन प्रेमिका को बहलाफुसला कर या शादी का ?ांसा दे कर वादाखिलाफी करना कहां तक उचित है?

कुछ लड़के तो लड़कियों से दोस्ती या प्यार का नाटक करते हैं और उन के जिस्म व जज्बातों से खेलते हैं. शुरू से ही उन के मन में पाप होता है. वे अपनी प्रेमिका के समक्ष ऐसे पेश आते हैं जैसे उस से हद दरजे का प्यार करते हैं और उस के बगैर जी नहीं सकते. उसे अपने प्यार का वास्ता दे कर शारीरिक संबंधों का मजा लेते हैं और फिर एक दिन दूध में से मक्खी की भांति अपने जीवन से निकाल फेंकते हैं. ऐसे में प्रेमिका अपने को ठगी हुई महसूस करती है.

लड़कों का क्या, वे तो मौजमस्ती कर के पल्ला ?ाड़ लेते हैं. उन का तो कुछ बिगड़ता नहीं है, जो कुछ बिगड़ता है वह लड़कियों का ही बिगड़ता है. वे न घर की रहती हैं न घाट की. उन की जिंदगी नर्क बन जाती है.

आमतौर पर कोई भी लड़की शादी के पूर्व प्रेमी के साथ शारीरिक संबंध बनाना नहीं चाहती. वह चाहती है कि शादी तक प्रेमी केवल उस से प्यार करे, जिस्म से नहीं. लेकिन प्रेमी है कि उसे ?ांसे में ले कर संबंध बना ही लेता है.

यदि कोई युवक अपनी प्रेमिका से सच्चा प्यार करता है तो उस के साथ एक निश्चित और मर्यादित दूरी बनाए रखनी चाहिए. प्रेमिका को भी चाहिए कि वह उसे शारीरिक संबंध बनाने से सख्ती से रोके. अन्यथा संकट में पड़ते देर नहीं लगेगी.

काश, लड़कियां प्यार और शारीरिक संबंध में अंतर सम?ा पातीं. प्यार दिल से होता है, जिस्म से नहीं. प्रेमी को अपना शरीर तभी सौंपना चाहिए जब वह शादी कर उस का पति बन जाए.

जो लड़कियां शादी के पूर्व गर्भवती हो जाती हैं, उन के मातापिता की भी काफी बदनामी होती है. लोग तरहतरह की बातें करते हैं. अपने प्रेमी के साथ संबंध बनाने से पूर्व अपने परिवार की बदनामी के बारे में सोच लेना चाहिए.

जो लड़की शादी के पूर्व गर्भपात करा चुकी हो अथवा बच्चे को जन्म दे चुकी हो, उस की समाज में इतनी बदनामी हो जाती है कि कोई भी उस से शादी करने को तैयार नहीं होता क्योंकि आज भी समाज में किसी लड़की का शादी के पूर्व गर्भवती होना स्वीकार्य नहीं है. लड़की स्वयं भी ताउम्र अपराधबोध से ग्रसित रहती है. हमारे समाज में यौन संबंधों को विवाह के बाद ही अनुमति मिलती है.

लड़कियों को चाहिए कि वे प्रेमी के ?ांसे में न आएं. उन से किसी एकांत, होटल आदि में न मिलें. इस से उन्हें संबंध बनाने का मौका नहीं मिलेगा. युवतियां नासम?ा बच्चियां नहीं हैं. उन्हें अपना भलाबुरा पता होता है. इस के बावजूद यदि वे आग में कूदती हैं तो इस के लिए वे स्वयं जिम्मेदार हैं.

लड़कियों को यह जान लेना चाहिए कि प्रेम संबंधों में अपनी सीमाएं तय करने का आप को पूरा अधिकार है. इसलिए वे प्रेमी के बहकावेफुसलावे में न आएं और कहें कि अगर सच्चा प्यार है तो शारीरिक संबंध के लिए मजबूर न करें.

लड़कियों के साथ सैक्स करने के लिए लड़के दबाव डालने के लिए कहते हैं, ‘‘अपने प्यार को प्रमाणित करो.’’ इस का एक ही उत्तर है कि मैं यह नहीं करना चाहती. इस पर भी यदि लड़का न माने तो उस से नाता तोड़ दें. इस से आप को ?ाठे प्रेमी से छुटकारा मिल जाएगा.

आजकल शादी का ?ांसा दे कर लंबे समय तक शारीरिक संबंध बनाने के प्रकरण काफी बढ़ गए हैं. पुलिस और न्यायालय में ऐसे प्रकरणों की भरमार है. इस की नौबत ही न आए यदि लड़की संबंध बनाने से ही इनकार कर दे. बाद में पछताने से क्या होगा? यदि कथित प्रेमी को सजा मिल भी गई तो उस से आप का खोया हुआ कौमार्य और प्रतिष्ठा तो वापस नहीं आ जाएगी. इसलिए लड़कियों की सम?ादारी इसी में है कि वे शादी से पूर्व शारीरिक संबंध बनाने से बचें.

प्रेम प्रकट करने या लगाव जताने के और भी कई तरीके हैं जिन में संभोग की जरूरत नहीं होती. जैसे, प्रेमी प्रेमिका द्वारा एकदूसरे का हाथ अपने हाथ में लेना, बांहों में भरना, चूमना, स्पर्श करना आदि.

कई बार लड़के संभोग के लिए दबाव बनाते हैं कि एक बार ऐसा करने से कुछ नहीं होगा. लेकिन एक बार का यह संभोग जी का जंजाल बन सकता है. गर्भधारण के लिए एक बार किया गया संभोग ही काफी है.

इन सब के बावजूद यदि शारीरिक संबंध बनाना चाहती हैं तो इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वे बगैर कंडोम संभोग न करें. आजकल तो लड़कियों के लिए भी कंडोम आने लगे हैं जिन का इस्तेमाल कर के वे अनचाहे गर्भ से बच सकती हैं.

यदि बगैर कंडोम के संभोग किया गया हो या संभोग के दौरान वह फट गया हो तो गर्भ ठहरने की आशंका प्रबल हो जाती है. इस स्थिति में 72 घंटों के भीतर डाक्टर की सलाह पर आप गर्भनिरोधक गोलियों की

2 गोलियां ले लें और पहली खुराक लेने के 12 घंटों के बाद फिर 2 गोलियां लें. गोलियां जितनी जल्दी ली जाएं उतना अच्छा होता है. लेकिन ये गोलियां अपने मन से न लें.

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