बिना हेल्मेट बाइक चलाना, बगैर सीट बेल्ट लगाए चलना, ओवरस्पीड और ओवरलोड जैसे तमाम ट्रैफिक रूल्स तोड़ने पर भारी जुरमाना लगाया जा सकता है. इस में ड्राइविंग लाइसेंस को निरस्त करने तक का प्रावधान है.
केंद्र सरकार ने सङक सुरक्षा और जरूरी एहतियात को देखते हुए नियम सख्त कर दिए हैं और लोकसभा ने 'मोटर यान (संशोधन) विधेयक-2019’ को मंजूरी दे दी गई है, जिस में परिवहन व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने एवं सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में काफी सख्त प्रावधान रखे गए हैं .
राज्यों के अधिकार में दखल नहीं
विधेयक पर चर्चा करते हुए केंद्रीय़ सङक एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा,"सरकार का मोटर यान संशोधन विधेयक के माध्यम से राज्यों के अधिकार में दखल देने का कोई इरादा नहीं है. इस के प्रावधानों को लागू करना राज्यों की मरजी पर निर्भर है और केंद्र की कोशिश राज्यों के साथ सहयोग करने, परिवहन व्यवस्था में बदलाव लाने और दुर्घटनाओं को कम करने की है."
सख्त प्रावधान
इस विधेयक को ध्वनिमत से मंजूरी दे दी गई है. विधेयक में सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में काफी सख्त प्रावधान रखे गये हैं. मसलन :
* किशोर नाबालिगों द्वारा वाहन चलाना.
* बिना लाइसेंस खतरनाक ढंग से वाहन चलाना.
* शराब पी कर गाड़ी चलाना.
* निर्धारित सीमा से तेज गाड़ी चलाना.
* निर्धारित मानकों से अधिक लोगों को बैठाना.
* अधिक माल लाद कर गाड़ी चलाना
* रैड लाइट जंप करना.
* बारबार लेन तोड़ना
* आपातकालीन वाहन जैसे ऐंबुलेंस अथवा 100 नंबर के वाहन को रास्ता नहीं देना आदि.
जुरमाने के साथ सजा भी
इन नियमों के उल्लंघन पर कड़े जुरमाने का प्रावधान किया गया है.
विधेयक में किए गए प्रावधान 18 राज्यों के परिवहन मंत्रियों की सिफारिशों पर आधारित हैं. इन सिफारिशों की संसद की स्थायी समिति ने भी जांचपरख की है.
विधेयक में तेज गाड़ी चलाने पर भी जुरमाना लगाने का प्रावधान किया गया है. बिना बीमा पौलिसी के वाहन चलाने पर भी जुरमाना रखा गया है. बिना हेलमेट वाहन चलाने पर जुरमाना एवं 3 माह के लिए लाइसेंस निलंबित किया जाना आदि शामिल हैं.