जी हां! यह काम कर रही है फिल्में, मनोरंजन और समाज को शिक्षा देने के नाम पर सिनेमा यही कर रहा है .जिसका बड़ा उदाहरण है अक्षय कुमार की फिल्म, खिलाड़ी 786 जिसमें अक्षय कुमार नाच नाच कर हुक्का बार की बड़ाई कर रहे हैं.

हमारे नगर और गांव कस्बे तक अब नशे के सारे सामान मौजूद हैं .सरकार चाहे जो भी कहे, जैसा भी करें, जैसी भी तलवारें  भांजती रहे. मगर धीरे धीरे युवा वर्ग के खून में नशे की लत लगाना जारी है .इस पर हमारी सरकार ने नियम कानून कायदे तो बहुत सारे बना दिए हैं. मगर होता जाता कुछ नहीं,निर्विघ्न गति से नशे का यह कारोबार नेताओं और अफसरों के संरक्षण में जारी है. आजकल हुक्का बार का नया शगल शुरू हुआ है. देश का ऐसा कोई शहर नहीं होगा जहां हुक्का बार ना हो ऐसे में युवा पीढ़ी किस दिशा में जा रही है इसका सहज ही अनुमान लगा सकते हैं. इस संदर्भ में महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि बीच बीच में पुलिस एक्शन जारी रहता है ,मगर फिर भी एक जगह से हुक्का बार जब बंद हो जाता है तो दूसरी जगह प्रारंभ हो जाता है. आप आश्चर्य कर सकते हैं कि हुक्का बार के इस नशे में उच्च एवं निम्न दोनों ही वर्ग के लोग संलिप्त हैं. दरकार है दृढ़ इच्छाशक्ति और संस्कार की जो युवाओं को न समाज से मिल रहा है न परिवार में. आज हम यहां प्रस्तुत कर रहे हैं हमारे देश में एक नवीन तरह का मस्ती भरा हुक्का बार नशे का कारोबार. जो है युवा पीढ़ी के लिए जहर  सामान.

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