जिससे स्वस्थ्य रह सके. बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) सतीष द्विवेदी ने कहा कि ‘सभी परीक्षक स्कूलों में प्रार्थना सभा के बाद 15 मिनट योग और छुट्टी के समय 15 मिनट पीटी कराने के लिये कहा गया है.’

सतीश द्विवेदी नये शिक्षा राज्यमंत्री बने है. ऐसे में वह अपनी सरकार के संस्कृतिक एजेंडों को लागू करके दिखावा कर रहे है. उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों में बच्चों को मिलने वाले खाने की हालत बेहद बुरी है. मिर्जापुर के प्राथमिक स्कूल में बच्चों को ‘मिड डे मील’ में रोटी नमक देने की घटना सामने आने के बाद अब जांच की बात चल रही है.देखा जाये तो पूरे प्रदेश के स्कूलों के ‘मिड डे मील‘ का बुरा हाल है.

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अमरोहा में बीएसए ने कुछ स्कूलों का निरीक्षण किया तो ‘मिड डे मील’ में दाल में सिर्फ पानी मिला. कई स्कूलों में खुद बच्चे बरतन धोते मिले. षामली के स्कूलों में ‘मिड डे मील’ में बासी खाना परोसा गया. अधिकारियों ने मामले की जांच की और मामले को रफादफा कर किया. इस स्कूल में रोटी बासी दी गई. रोटी में साबूत गेंहू निकले. सब्जी में सोयाबीन कच्ची थी. खाने के लिये दिये गये केले सडे हुये थे. ऐसी शिकायतें बहुत सारे स्कूलों में होती है. ज्यादातर मामलों में अधिकारी ऐसे मामलों को दबा जाते है. बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री सतीश द्विवेदी को चाहिये कि वह पहले अपने स्कूलों में बच्चों को अच्छी तरह से ‘मिड डे मील’ की व्यवस्था कर ले.

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इसके बाद ही योगा और पीटी कराये. उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों की हालत उपर से देखने में भले ही बदली दिख रही हो. जिसमें स्कूल रंगे पुते नजर आ रहे हो पर स्कूल में खाने की हालत और पढ़ाई की हालत बहुत अच्छी नहीं है. स्कूल में बच्चे को उपस्थित बहुत कम होती है. उनकी पढ़ाई का स्तर बहुत खराब है. ऐसे में सरकार को चाहिये कि वह पढ़ाई और खानपान के स्तर को सुधारे. इसके बाद योगा और पीटी जैसे शिगूफे छोडे. पीटी स्कूलों में पहले भी होती थी. सरकारी नीतियों की वजह से वह खराब हो गई. ऐसे में अब पढ़ाई के मुख्य मुददे से ध्यान खीचने के लिये पीटी और योगा का नाम ले रही है.

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