लेखक- एम. जीलानी

लेकिन कुछ किसान ही अपनी गायभैंसों से अच्छा दूध ले पाते हैं. ज्यादातर किसान अपनी गायभैंसों से उन की कूवत के मुताबिक दूध लेने में नाकाम रहते हैं और उन की गायभैंसें भी सेहतमंद नहीं रहती हैं. ज्यादातर गायभैंसें अक्तूबरनवंबर महीनों में ब्याती हैं. आमतौर पर गायभैंसें ब्याने में आधा घंटे से ले कर 3 घंटे तक का समय लेती हैं. अगर गायभैंसें ब्याने में इस से ज्यादा समय लें, तो फौरन पशु चिकित्सक को बुला कर दिखाएं.

अगर गाय या भैंस का नवजात बच्चा (बछिया, बछड़ा या कटिया, कटरा) पैदा होने के 30 सैकंड बाद भी सांस लेना शुरू नहीं करता?है तो उसे कृत्रिम सांस (आर्टिफिशियल सांस) दिलाएं. नवजात बच्चे की छाती को धीरेधीरे दबाएं और पिछले हिस्से को उठा लें. ऐसा करने से बच्चा सांस लेना शुरू कर देगा.

नवजात बच्चा पैदा होने के 2-3 घंटे बाद पहला गोबर करता है. अगर नवजात बच्चा पैदा होने के 2-3 घंटे बाद गोबर नहीं करता है, तो उसे 30 मिलीलिटर अरंडी का तेल पिला दें.

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नवजात बच्चे के जिस्म पर (ब्याने के फौरन बाद) लगा लसलसा पदार्थ आमतौर पर मां (गाय या भैंस) चाट कर साफ कर देती है. अगर लसलसा पदार्थ नवजात बच्चे की मां चाट कर ठीक से साफ नहीं करती है तो ऐसी हालत में उसे साफ, सूखे कपड़े से पोंछ दें.

आमतौर पर गायभैंसें ब्याने के 2-4 घंटे बाद जेर गिरा देती हैं, लेकिन कभीकभी वे

8-12 घंटे तक का समय जेर गिराने में लेती हैं.

अगर गायभैंसें ब्याने के 8-12 घंटे बाद भी जेर नहीं डालती हैं तो इस का मतलब जेर रुक गई है. ऐसी हालत में फौरन पशुओं के डाक्टर या किसी माहिर से बच्चेदानी में फ्यूरिया जैसी दवा डलवाएं.

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