लेखक- डा. ऋषिपाल

धान खरीफ की फसल है. जिस तरह धान की फसल लेने के लिए नम व गरम आबोहवा की जरूरत होती?है, ठीक उसी तरह से कीट की

बढ़वार और प्रजनन के लिए भी इसी तरह की जलवायु की जरूरत होती है. इसी वजह से धान की फसल पर अनेक कीटों का हमला होता है.

यही वजह है कि फसल को कम नुकसान पहुंचाने वाले कीट भी नुकसान पहुंचाने लगते?हैं. कीटों की वजह से धान की फसल में तकरीबन 10-15 फीसदी उत्पादन में कमी आ जाती?है.

मुख्य कीट और बचाव

पीला तना बेधक : इस कीट की मादा के अगले जोड़ी पंख पीले रंग के होते?हैं जिन के मध्य में काले रंग का बिंदु होता है. कीड़े के पिछले पंख भूसे के रंग जैसे होते हैं. मादा कीट की उदर की नोक पर भूरे पीले रंग का गुच्छा होता है.

इस कीट की पूरी तरह से विकसित सूंड़ी का रंग पीला सफेद होता?है. इस कीड़े के प्रौढ़  रात में घूमते हैं. कीड़े की मादा रात में 7 से 9 बजे के बीच अपने अंडे मुलायम पत्तियों की नोक पर देती है.

मादा गुच्छों में 100 से 200 अंडे देती?है. अंडे 7-8 दिन में फूट जाते हैं और उन से सूंडि़यां निकल आती हैं. नवजात सूंड़ी पत्ती की ऊपरी सतह पर चढ़ कर रेशमी धागों के सहारे दूसरे पौधों पर पहुंच जाती?है.

शुरुआती अवस्था में इस कीट की सूंड़ी पत्ती के ऊपर धारी सी बना कर खाती?है. तकरीबन 1 हफ्ते बाद सूंड़ी तने में छेद कर के अंदर घुस जाती?है और नुकसान पहुंचाती है.

इस कीट का प्रकोप फसल की बढ़वार अवस्था में होता है और पौधे का नया बढ़ने वाला भाग यानी बीच की पत्ती वाला भाग सूख जाता है. इसे मृत गोभ कहते?हैं. इस गोभ को आसानी से बाहर खींचा जा सकता?है.

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