छत्तीसगढ़ में वन्य प्राणी विशेषकर हाथियों की मानों शामत आई हुई है. बीते सप्ताह एक एक करके दो हाथियों की संदिग्ध मौत हो गई. इधर संवेदनशीलता का जामा पहन शासन कुंभकर्णी निद्रा में सोया हुआ है. जिस तरह विगत दिनों केरल में गर्भवती हाथी की विस्फोटक खाद्य पदार्थ खिलाकर क्रूर हत्या कर दी गई थी. सनसनीखेज तथ्य यह है कि छत्तीसगढ़ में भी ऐसा लगातार अलग अलग तरीके से होता रहता है. यहां अक्सर जहर दे कर या फिर करंट से हाथियों को मौत के मुंह में सुला दिया जाता है. और जैसा कि शासन की फितरत है मामले की जांच के नाम पर संपूर्ण घटनाक्रम को नाटकीय मोड़ दे दिया जाता है. आगे चलकर लोग भूल जाते हैं की किस तरह लोगों ने वन्य प्राणी हाथी को मार डाला था. इस संदर्भ में न तो छत्तीसगढ़ में कोई गंभीर पहल होती है न ही कभी कोई कठोर कार्रवाई होती है.
इधर छत्तीसगढ़ में बीते दो दिनों में दो मादा हाथी की मौत के बाद जिला बलरामपुर के अतोरी के जंगल में भी एक मादा हाथी का शव बरामद हुआ.
वन विभाग की टीम ने बताया मादा हाथी की मौत ३ से ४ दिन पहले हुई थी.फ़िलहाल विभाग के अधिकारी मौत के कारणों के संदर्भ में कुछ भी करने को तैयार नहीं है.
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दरअसल, छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में बीते दो दिनों में दो हाथी की मौत ने छत्तीसगढ़ वन विभाग की कार्यप्रणाली पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं.
दो दिन हो गये हाथियों का दल मृत हाथी के शव के पास डटा हुआ हैं. फलतः मृत हाथी का पोस्टमार्टम नहीं हो पाया है और मौत के कारणों का खुलासा भी नहीं हो सका.