सच तो यह है कि भारत भूमि की हवा कुछ ऐसी है कि यहां हर चीज में ढोंग शुरू हो जाता है. कोरोना कोविड 19 की दूसरी लहर के साथ राजधानी रायपुर में हो रहा तंत्र मंत्र पूजन हवन यह बताता है कि जब राजधानी का यह हालो- हवाल है तो गांव कस्बे में कैसे अशिक्षा और अंधविश्वास की चपेट में लोगों को ठगा जा रहा है.
कोरोना कोविड-19 की हवा क्या चली अंधविश्वास की लहर दौड़ पड़ी है. जो बताती है कि किस तरह हमारे यहां आज भी अनपढ़ तो अनपढ़ पढ़े लिखे लोग भी तंत्र मंत्र हवन, पूजा के फंदे में फंसे हुए हैं.
दरअसल, अंधविश्वास के इस मनोविज्ञान को हम बहुत समझदारी और होशियारी से ही जान समझ सकते हैं. अन्यथा इनका संजाल कुछ ऐसा है कि कोई बच नहीं सकता.
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यही कारण है कि जब कोरोना कोविड-19 की दूसरी लहर उठी है तो मानो हवन पूजा तंत्र मंत्र करने वालों की दुकानदारी अपने सबाब पर है. क्योंकि हमारे यहां शिक्षित वर्ग भी अंधविश्वास के फेर में फंस रूपए पैसे खूब लूटाता है. इसी का लाभ उठाते हुए गेरुआ वस्त्र धारी और काले वस्त्र धारी तंत्र और मंत्र की झूठी कहानियां गढ़ कर लोगों के जेब खाली कर रहे हैं.
विगत दिनों छत्तीसगढ़ के रायपुर में संपूर्ण विश्व से कोरोना महामारी का नाश करने के लिए एक बड़े धार्मिक संगठन परिवार के सदस्यों ने अपने-अपने घर में यज्ञ करके आहुति दी.महामृत्युजंय मंत्र और सूर्य मंत्र के उच्चारण से आहुति देकर सभी जाति, धर्म, पंथ के लोगों के लिए प्रार्थना की. पीले कपड़े पहनने वाला यह धार्मिक परिवार कहता है कि विश्वव्यापी हवन, यज्ञ अभियान के तहत छत्तीसगढ़ के 30 हजार से अधिक परिवारों में हवन का आयोजन किया गया. अंधविश्वास यह की इसके परिणाम स्वरूप कोरोना कोविड-19 काबू में आ जाएगा. कुल मिलाकर कोरोना काबू में आए या ना आए मगर धार्मिक दुकान चलाने वालों का धंधा आज भी बड़ा चोखा चल रहा है.
मंत्र तंत्र का चोखा धंधा
केंद्र सरकार, राज्य सरकार और प्रशासनिक अमला कोरोना संक्रमण से लड़ने की बहुतेरी कोशिशें कर रही हैं. फिर भी दोबारा कोरोना वायरस बड़ी तेजी से फैल रहा है. इसलिए अब धार्मिक गतिविधियां की भी मानो बाढ़ आ गई है . पंडे पुजारी कहते है कि हमारे मंत्र हवन से प्रदेशवासियों को कोरोना से राहत मिलेगी.
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स्वामी राघेश्वरा नंद के मुताबिक कोरोना के लिए हम लगातार हवन कर रहे है. पुराणों के अनुसार भी किसी गंभीर बीमारी में जाप करना लाभदायक है. इसलिए हमने तय किया कि जाप किया जाए. जाप में महामृत्युंजय मंत्र, मूल रामायण का पाठ, बगलामुखी का मंत्र और नवग्रहों के मंत्र का जाप किया जा रहा है.
उन्होंने बताया कि भगवान शिव के मंत्रों का उच्चारण कर हवन किया जाता है. 9 पंडितों ने मिलकर प्रतिदिन 11 हजार जाप करने का लक्ष्य रखा है. इस जप का समापन रामनवमी के दिन किया जाएगा. इससे पहले भी रायपुर में कोरोना भगाने के लिए हवन और पूजा अर्चना किया जा चुका है.
छत्तीसगढ़ में यह रिपोर्ट लिखते वक्त कोरोना के 5 हजार 250 नए कोरोना पॉजिटिव मरीज़ सामने आए हैं. इस संक्रमण से 32 लोगों की मौत हुई है. हालांकि 2 हजार 918 मरीज़ स्वस्थ होने के बाद डिस्चार्ज किए गए हैं. रायपुर में 1 हजार 213 कोरोना मरीज मिले थे और 14 लोगों की जान गई है. दरअसल,कुछ लोगों को अपने धंधे से मतलब है और यह धंधा ऐसा है जो पुरातन काल से चला रहा है और हमारे यहां वोटों की राजनीति के कारण कोई इन पर अंकुश लगाने वाला भी नहीं है. ऐसे में आज जबकि सारी दुनिया कोरोना से त्रस्त है कथित साधु संत को मौका मिल गया है जमकर रुपए बनाने का.
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