लेखक- हरीश भंडारी

उत्तराखंड के कोटद्वार बेस अस्पताल मे कोरोना आइसोलेशन वार्ड में भर्ती एक स्थानीय कोरोना पौजिटिव युवक के उपचार के दौरान डौक्टरों की लापरवाही सामने आने से उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग में हडकंप मच है. डॉक्टरों ने बिना पीपीई यानी पर्सनल इक्विपमेंट किट का इस्तेमाल किए ही 7 दिन तक स्पेन से लौटे इस युवक का इलाज किया, जिससे पूरे क्षेत्र में व अस्पताल स्टाफ में कोरोना संक्रमण की दहशत बनी है. एहतियात के तौर पर उसके उपचार में शामिल 3 डॉक्टर, 4 नर्स और 2 सफाईकर्मी को 14 दिन के लिए होम क्वारन्टीन किया गया है.

कोरोना से डरिए नहीं सावधानी बरतें

इस वायरस का फैलाव रोकने के लिए बार बार हाथों को साबुन से धोइए. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार लगभग 20 सेकंड तक हाथों को रगड़ें, तभी फायदा होगा. अकसर लोग केवल हथेलियों को रगड़कर आणि डालकर हाथ साफ कर लेते हैं, जोकि गलत तरीके है. यदि हमें कोरोना वायरस से लड़ना है तो विधिवत तरीके से हाथ धोकर उन्हें सेनेटाइज करना चाहिए.

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हाथों पर काम नहीं कर सेनेटाइज चिकनाईयुक्त

सेनेटाइज से हर तरह के कीटाणु नहीं मरते. बहुत गेंद या चिकनाई लगे हाथों को सेनेटाइजर से कोई लाभ नहीं होता, कीटाणुनाशक दवा या केमिकल लगे हाथों को यह साफ नहीं करता है. हाथों को ठंडे या कुनकुने पानी से गीला करें, हैंडवाश या साबुन दोनों हथेलियों में लगाकर रगड़ें फिर झाग बनाकर हथेलियों को एकदूसरे से रगड़ें और उंगलियों के पोरों को हथेलियों पर रगड़ें. अंगूठे और बीच के हिस्से को दूसरे हाथ से रगड़ें फिर हथेली को दूसरे हाथ की उंगलियों से घुमावदार तरीक़े से रगड़ें. नल खोलकर पानी से हाथों को धो लें. हाथों को साफ तोलिया या एयर ड्राई मशीन से सुखाएं.

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