आज के समय में भी, जब समाज में, बेटियों को बोझ माना और समझा जाता है. कोई एक शख्स ऐसा भी हो सकता है जो बेटी के जन्म को उत्सव में बदल दे, यही नहीं, इस संदेश और  उत्सव में सभी शहर वासियों को भी शामिल कर ले तो यह एक मिसाल बन जाती है.

एक पानी पुरी बेचने वाले एक साधारण से व्यक्ति  ने एक ऐसा  काम कर दिखाया है जिसकी मिसाल दूसरी शायद ही आपने सुनी और देखी हो.

'आइए! आज आपको हम मिलाते हैं एक ऐसे शख्स से जिसने बेटी के जन्म को एक उत्सव बना दिया और समाज को एक बड़ा संदेश दिया .   आंचल गुप्ता ने  यह  महसूस किया कि इतने लंबे समय से वह एक बेटी की कामना कर रहा था, तो क्यों न मैं इस खुशी मैं लोगों को शामिल कर लूं और उसने परिवार की सलाह पर  एक दिन के लिए अपने दुकान में पानीपुरी मुफ्त खिलाने  का निर्णय लिया.

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और विगत  सितंबर के पहले पखवाड़े में बारह तारीख को दोपहर 1 बजे से शाम 6 बजे तक अपनी दुकान पर आने वाले सभी ग्राहकों को मुफ्त में पानीपुरी खिलाते रहे.यही नहीं उन्होंने ज्यादा से ज्यादा लोग पानीपुरी खा सकें, बेटी के जन्मोत्सव में भाग लें इसके लिए 10 स्टॉल लगाए थे. पांच घंटे के दौरान उन्होंने लोगों को लगभग 50 हजार पानीपुरी खिलाई.

यह संपूर्ण प्रसंग मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के बाहर  अब देश में चर्चा का विषय बन गया है. और लोगों को प्रेरणा दे रहा है कि बेटी का जन्म भी जन्मोत्सव हो सकता है. लोगों की सोच बदलने का यह अनूठा प्रयास एक तरह से स्वमेव‌ आयोजित हो गया.

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