नैना सिंह धाकड़ एक ऐसा नाम है जो आज रातों रात, किसी परिचय का मोहताज नहीं रहा. प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल राज्यपाल सुश्री अनुसुइया उइके सहित देश प्रदेश के गणमान्य विभूतियां नैना सिंह को बधाई दे रही है. दरअसल नैना सिंह धाकड़ नामक इस युवती ने छत्तीसगढ़ जैसे आदिवासी प्रदेश और बस्तर जैसे दुर्गम नक्सलवाद से गिरे हुए अंचल से जो ऐतिहासिक काम किया है उसे देखकर सभी आवाक, अचंभित हैं कि यह कैसे हो गया.

आइए! आज आपको नैना सिंह धाकड़ के उस संघर्ष से परिचय कराते हैं जिसकी बदौलत आज वह लोगों की जुबां पर है और देश का सम्मान बन गई है.

वस्तुत: छत्तीसगढ़ की प्रसिद्ध इंद्रावती नदी की तरह..जिस प्रकार कोई नदी दुर्गम पथरीली पहाड़ियों से गुजरते हुए अपना रास्ता सुगम बनाकर हम सब के लिए जीवनदायिनी बन जाती है, ठीक उसी प्रकार आज की ये नैना सिंह छत्तीसगढ़ की एक मात्र महिला पर्वतारोही  है जिसके नाम दुनिया की सबसे ऊँची पर्वत चोटी माउंट एवरेस्ट(8848.86 मीटर) और विश्व की चौथी सबसे ऊँची चोटी लोत्से (8516 मीटर ) को फ़तह करने का गौरव दर्ज हो गया है, उनकी यह उपलब्धि स्वर्णिम अक्षर में 1 जून 2021 को  इतिहास के पन्नों में अंकित हो गई. नैना को बस्तर गर्ल के नाम से भी जाना जाता है.

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सतत श्रम का परिणाम

नैना सिंह बताती हैं कि यह उपलब्धि कोई एक दिन की नहीं है. यह उनका बचपन का एक ख्वाब था कि उन्हें दुनिया की ऊंची चोटी को छूना है और देश का तिरंगा लहराना है.

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