कहते हैं कि शादी ऐसा लड्डू है, जो खाए वह पछताए और जो न खाए वह भी पछताए. लेकिन वहां आप क्या करेंगे, जहां जबरन गुंडई से आप की मरजी के खिलाफ आप के मुंह में यह लड्डू ठूंसा जाने लगे? हम बात कर रहे हैं ‘पकड़ौवा विवाह’ की, जो बिहार के कुछ जिलों में आज भी हो रहे हैं.

22 साल के शिवम का सेना के टैक्निकल वर्ग में चयन हो गया था और वह 17 जनवरी को नौकरी जौइन करने वाला था. हमेशा की तरह एक सुबह जब वह अपने कुछ दोस्तों के साथ सैर पर निकला, तभी कार में सवार कुछ लोगों ने उसे अगवा कर लिया.

शिवम के दोस्तों ने बताया कि उन पांचों लोगों के हाथों में हथियार थे, इसलिए वे कुछ कर नहीं पाए.

शिवम को अगवा कर के वे बदमाश एक मंदिर में ले गए और जबरन उस की शादी एक लड़की से करा दी. शादी की तसवीरें सोशल मीडिया पर भी वायरल हुई थीं.??

क्या है ‘पकड़ौवा विवाह’

बिहार में इसे ‘पकड़वा’ या ‘पकड़ौवा विवाह’ या फिर ‘फोर्स्ड मैरिज’ भी कहते हैं. इस में लड़के का अपहरण कर के मारपीट और डराधमका कर उसे शादी करने के लिए मजबूर किया जाता है.

इस शादी में कम पढ़ेलिखे, नाबालिग से ले कर नौकरी करने वाले नौजवानों का अपहरण कर जबरन शादी करा दी जाती है. कुछ साल पहले इसी मुद्दे पर एक फिल्म ‘जबरिया जोड़ी’ भी बनी थी.

बिहार में बंदूक की नोक पर शादी कराना कोई बड़ी बात नहीं है. यह तो बहुत ही पुरानी परंपरा है. साल 1980 के दशक में उत्तरी बिहार में खासतौर पर बेगूसराय में ‘पकड़ौवा विवाह’ के मामले खूब सामने आए थे और आज भी इस तरह की शादियां हो रही हैं. बता दें कि ऐसी शादी कराने वाला एक गैंग होता है.

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