डा.पौम स्पर के अनुसार, सपनों की दुनिया आप के यथार्थ की दुनिया से एकदम अलग हो सकती है. सपने में आप औफिस में बौस के साथ सैक्स कर रहे हैं, जबकि आप उसे पसंद तक नहीं करते. डा. पौम स्पर का मानना है कि लोग अमूमन अपने पुराने साथी के साथ सैक्स के सपने देखते हैं, जबकि वे एक नए रिश्ते में बंध चुके होते हैं. यह एक आम बात है. इस में कुछ भी असामान्य नहीं है.

रवि फैंटेसी की दुनिया में जीता था. हमेशा उस के दिमाग में उथलपुथल मची रहती थी. वह काफी परेशान भी दिखता था. उस के दोस्तों ने जब उसे काफी कुरेदा, तो उस ने बताया कि उसे लगभग रोजाना ऐसा सपना आता है. ऐसे सपने देखना कोई बुरी बात नहीं है और न ही अप्राकृतिक है, लेकिन उस की परेशानी की वजह यह थी कि उसे सपने में केवल सैक्स की बातें आती थीं. आखिर क्यों? कहीं यह दिनभर फैंटेसी में रहने का नतीजा तो नहीं था?

असल में कई लोग सैक्स को ले कर काफी उतावले रहते हैं, लेकिन इसे मन में दबाए रखते हैं. इस कमी को पूरी करने के लिए वे सपनों में इस का अनुभव करते हैं. ऐसा नहीं कि सैक्सी सपनों पर केवल जवां दिलों का ही अधिकार है. मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि सभी उम्र के लोगों को सैक्सी सपने आते हैं. सैक्स से संबंधित सपने अकसर बढ़ती उम्र के साथ बढ़ जाते हैं, लेकिन इन का हमारी सैक्स लाइफ से कोई संबंध नहीं है.

मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि उम्र बढ़ने के साथसाथ रचनात्मक प्रवृत्ति वाले लोेगों को ऐसे सपने भी अधिक आते हैं. वाकई सपनों की दुनिया अजीब है, सोने के बाद हम किस दुनिया में चले जाते हैं हमें मालूम भी नहीं होता. यह दुनिया हमारे असल जीवन से कितनी भिन्न होती है और इस का हमारी जिंदगी से क्या रिश्ता है, कई बार यह सम झना मुश्किल हो जाता है.

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