सुबह की चाय हम में से अमुमन सभी की पहली पसंद होती है. चाय की चुस्की से की दिन शुरुआत पुरे दिन  को तरेताजगा कर देता है. चाय के शौकीन लोगों के लिए जरुरी है की वो किस प्रकार की चाय पी रहे है इसपर ध्यान दे. दूध वाली चाय, ग्रीन चाय या काली चाय सभी का अपना अपना स्वाद होता है. ये बात जानना बेहद है की सुबह खाली पेट दूध वाली चाय पीना आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो सकती है. इससे आपको डाईजेशन में तो समस्या होती ही है साथ ही और भी कई समस्या से दो चार होना पड़ता हैं. ऐसे में अगर आप दूध वाली चाय की जगह काली चाय पिएंगे तो ये आपकी सेहत के लिए काफी लाभदायक होगी. ब्लैक टी हृदय रोगों, दस्त, पाचन समस्याओं, हाई ब्लड प्रेशर, टाइप 2 शुगर और अस्थमा जैसी बीमारियों से लड़ने में मदद करती हैं. इसलिए हम आपको ब्लैक टी पीने के ऐसे चार फायदे बता रहे हैं, जिसके जरिए आप अपनी सेहत में सुधार कर सकते हैं और कई रोगों से दूर रहे सकते हैं.

शरीर की बदबू को दूर रखे ब्लैक टी

जिन्हें बहुत ज्यादा पसीना आता है और आपके आस-पास के लोग आपके पसीने की दुर्गंध से परेशान रहते हैं तो आपके लिए ब्लैक टी एक बेहद अच्छी है. ब्लैक टी बैक्टीरिया को पनपने नहीं देती, जिसके कारण पसीने से बदबू नहीं आती.

ब्लैक टी रखे टेंशन को रखे दूर

ब्लैक टी तनाव पैदा करने वाले हार्मोन के उत्पादन में कमी लाती है और इसे सामान्य बनाए रखने में सहायता करती है. एक अध्ययन के मुताबिक ब्लैक टी में मौजूद अमीनो एसिड और एल-थीनिन तनाव कम करता है और आपके शरीर को आराम भी देता है.

ब्लैक टी करें हृदय को बेहतर

शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है दिल. ब्लैक टी में मौजूद फ्लेवोन दिल के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में बेहद उपयोगी है. वैज्ञानिक भी इस बात की पुष्टि करते हैं कि रोजाना तीन या उससे अधिक कप ब्लैक टी पीने से कोरोनरी हार्ट डिसीज का जोखिम कम हो जाता है. अगर आप भी अपनी डाइट में एंटीऑक्सिडेंट को शामिल करना चाहते हैं तो आप ब्लैक टी के साथ ऐसा कर सकते हैं.

शुगर को रखें दूर ब्लैक टी

मधुमेह(शुगर) एक ऐसी बीमारी है, जो सबसे तेजी से फैलने वाली बीमारियों में से एक है. मधुमेह का इलाज अगर प्रारंभिक चरण में हो तो इस रोग को प्रबंधित करना आसान होता है. हालांकि कुछ सावधानियों के साथ इस रोग का निदान आसान है. वैज्ञानिकों ने एक अध्ययन में पाया है कि ब्लैक टी टाइप 2 डायबिटीज के जोखिम को कम करती है क्योंकि इसमें पाए जाने वाला कैटेचिन और थायफ्लाविंस शरीर के इंसुलिन स्तर के संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है.

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