गर्भवती महिलाओं को बैंलेंस डाइट लेना चाहिए. कुछ महिलाओं का दृष्टिकोण होता है कि गर्भवती महिला के साथ एक नया जीवन जुड़ा हुआ होता है. इसलिए दोगुना आहार लेने की जरूरत होती है, लेकिन घर की खान-पान शैली उपयुक्त नहीं होती है. इस लिए लाखों महिलाएं गर्भावस्था के समय एनीमिया (रक्त की कमी) के कारण कई प्रकार के बीमारी से पीड़ित हो जाती है. इन सबसे बचने के लिए जरूरी है , संतुलित आहार लेना .
संतुलित आहार लेने से गर्भवती महिला एवं गर्भस्थ शिशु स्वस्थ रहते हैं. जो महिलाएं स्वस्थ रहती है, उनमें औरों की अपेक्षा प्रसव पीढ़ा को शारीरिक-मानसिक स्तर पर सहने की क्षमता अधिक होती है.
संतुलित आहार में प्रोटीन, काबरेहाइड्रेट, खनिज, मिनरल, विटामिन और वसा की उचित मात्रा मौजूद हो.
गर्भवती महिलाओं को निम्न आहार लेना चाहिए. इस समय कई बार आपको खाने का मन नहीं करता है, लेकिन मन को माना कर स्वाद बदल बदल कर संतुलित आहार का सेवन करते रहना चाहिए . दस विंदुओ में समझते है , संतुलित आहार के स्वाद अनुसार सेवन से क्या लाभ है . किन किन बातों का रखें ख्याल , आईए जानते है ...
- रक्त की कमी न हो इसलिए महिला रोग विशेषज्ञ की सलाह से कैल्शियम एवं आयरन की गोली लेना शुरू से ही प्रारंभ कर देना चाहिए. साथ ही स्वाद अनुसार या जो आपको पसंद हो उस सब्जी का सेवन आपको करना है .
- आपके खाने के थाली में गोभी, पत्ता गोभी, सभी लंबी हरी पत्तेदार सब्जियां, तौरई, परवल, लौकी या पालक में से कोई एक प्रतिदिन शामिल होना चाहिए . इसका चुनाव आप अपने पसंद और स्वाद अनुसार कर सकती है .
3. जिन महिलाओं को गर्भपात की शिकायत पूर्व में रही हो , उन्हें अगर बैंगन, पपीता, प्याज, मिर्ची, अदरक, लहसुन, काली मिर्च और सरसों अगर पसंद हो भी तो नहीं खाना चाहिए. अगर आपको इन सब्जियों का स्वाद बहुत पसंद है तो आप बहुत कम मात्रा में प्रयोग करें.