डकैती के ज्यादातर किस्से ‘चंबल’ के ‘जंगलों’ और ‘बीहडों’ के ही सुनने को मिलते थे. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में चंबल जैसे बीहड और जंगल भले न हों, पर डकैतों के कारनामें लोगो को दहला रहे हैं. अब तक लखनऊ की नवनिर्मित कालोनियों को अपना शिकार बनाने वाले डकैत अब शहर की सबसे पौश और सुरक्षित माने जाने वाली कालोनियों को अपना शिकार बनाने में सफल हो रहे हैं.

घर के मालिकों को बुरी तरह से मारपीट कर लहूलुहान करने के बाद उनके हाथ और पांव बांध कर कमरे में बद कर घर में लूट कर फरार हो जाते हैं. कई घटनाओं में तो घर की महिलाओं के साथ बदसलूकी और गाली गलौज तक की जाती है. दो दिन के अंदर उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की साउथ सिटी कालोनी और गोमती नगर कालोनी के विवेक खंड में डकैतों ने अपना हौसला दिखा कर पुलिस और प्रशासन को बौना साबित कर दिया है.

गोमतीनगर का विवकेखंड इलाका सबसे सुरक्षित माना जाता है. बिजली विभाग के रिटायर इंजीनियर गिरीश चन्द्र पांडेय के घर 2 घंटे तक डकैत घुस कर लूटपाट करते रहे. इन सबने गिरीश के साथ उनकी पत्नी, बेटे और बहू को मारपीट कर घायल कर दिया. गिरीश के घर के ठीक सामने रिटायर पुलिस महानिदेशक एमसी द्विवेदी का घर है. इससे पता चलता है कि यह जगह कितनी सुरिक्षत थी. इसके बाद भी डकैत साहस दिखाने में सफल रहे. डकैतों ने 8 लाख से अधिक की लूटपाट की.

गोमती नगर की ही तरह साउथ सिटी लखनऊ की दूसरी सबसे पौश कालोनी है. यहां एचएएल के चीफ सुपर वाइजर देवेन्द्र सिंह नेगी के घर डकैती पड़ गई. विरोध को देखते हुये राज्यमंत्री स्वाति सिंह यहां पहुंची. तो लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा. गोमतीनगर में इसके पहले भी एसएम रिजवी और चमन लाल दिवाकर के घर डकैती पड़ चुकी है.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 महीना)
USD2
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...