सुनील शर्मा

20 दिसंबर, 2021 को मराठी और हिंदी फिल्मों के कलाकार व डायरैक्टर चंद्रकांत दत्तात्रेय जोशी की 77 साल की उम्र में मौत हो गई थी. जब मैं ने उन के बारे में थोड़ा ज्यादा खंगाला तो मुझे उन से जुड़ी एक हिंदी फिल्म नजर आई, जिस का नाम ‘सूत्रधार’ है.

चंद्रकांत दत्तात्रेय जोशी ने इस फिल्म का डायरैक्शन किया था, जिस में स्मिता पाटिल, गिरीश कर्नाड और नाना पाटेकर जैसे दिग्गज कलाकारों ने बेहतरीन काम किया था.

इस फिल्म की कहानी का प्लौट इतना भर था कि एक कच्चेपक्के घरों के अति पिछड़े गांव में एक अमीर जमींदार गिरीश कर्नाड का एकछत्र राज चलता है, जिसे लोग डर कहें या इज्जत से ‘सरकार’ कहते हैं.

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वह ‘सरकार’ बच्चे नाना पाटेकर के सामने उस के पिता की अपने गुरगों से पिटाई करवाता है, जो नाना पाटेकर के बालमन पर छप जाती है. नाना पाटेकर के पिता का कुसूर इतना ही होता है कि वह अपनी जमीन पर कुआं खुदवा रहा होता है, पर उस ने ‘सरकार’ से इजाजत नहीं ली होती है.

बड़ा हो कर नाना पाटेकर पहले गांव में ही टीचर बनता है और गिरीश कर्नाड के फैसलों की काट करता है. इतना ही नहीं, बाद में नौकरी छोड़ कर उसी के खिलाफ सरपंच का चुनाव लड़ कर जीतता है और गिरीश कर्नाड की सत्ता के किले में सेंध लगा देता है, पर बाद में नाना पाटेकर राजनीति के खेल में इतना ज्यादा रम जाता है कि वह अपने परिवार, अपने उसूल, अपनी आक्रामकता को परे रख कर धीरेधीरे दूसरा गिरीश कर्नाड बन जाता है. फिल्म के आखिर में एक बच्चा नाना पाटेकर के खिलाफ हो जाता है और कहानी में एक नया सूत्र बंध जाता है.

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