राहुल गांधी का कांग्रेस अध्यक्ष पद से लोकसभा चुनाव 2019 में हार का ठीकरा अपने सिर फोड़ते हुए इस्तीफा देना उन की छवि को चमकाने का एक प्रयास भले ही हो, पर उन के एक पुराने अनर्गल बयान 'मोदी चोर है' को ले कर काफी होहल्ला मचा था. यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट को भी दखल देना पड़ा था कि ऐसा नहीं बोलना चाहिए.

राहुल गांधी अब कांग्रेस अध्यक्ष नहीं हैं. उन्होंने चिट्ठी की मारफत अपनी बात रखी है, वहीं कोर्ट का पेचीदा मामला उन्हें यह सोचने पर मजबूर करेगा कि गलत बोलना कितना भारी है.

अपने ऊलजलूल बयानों को ले कर राहुल गांधी अदालतों के फेर में पड़ कर उलझ गए हैं. अलगअलग अदालतों में उन के खिलाफ मामले हैं. जुलाई महीने में ही उन की 4 पेशी हैं. अगली पेशी पटना हाईकोर्ट में 6 जुलाई को होनी है. उस के बाद 12 जुलाई को गुजरात की एक और कोर्ट में आपराधिक मानहानि केस में पेशी है. राहुल की एक और पेशी सूरत की एक अदालत में 24 जुलाई को है.

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4 जुलाई, 2019 को राहुल गांधी मानहानि मामले में पेश होने के लिए मुंबई की शिवड़ी कोर्ट 11 बजे पहुंच गए. कोर्ट के बाहर कांग्रेस समर्थकों का जमावड़ा लगा हुआ था. राहुल गांधी के साथ मल्लिकार्जुन खड़गे और मिलिंद देवड़ा मौजूद थे. राहुल गांधी के मुंबई एयरपोर्ट पर पहुंचते ही कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने 'राहुल तुम संघर्ष करो हम तुम्हारे साथ है' के नारे लगाने शुरू कर दिए.

बता दें कि चुनाव प्रचार के दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी आरएसएस के खिलाफ दिए बयानों का बचाव करने के लिए राहुल गांधी 4 जुलाई, 2019 की सुबह 11 बजे मुंबई में शिवड़ी कोर्ट पहुंचे. सुनवाई के दौरान राहुल गांधी ने कहा कि वह दोषी नहीं हैं. यह विचारधारा की लड़ाई है और मेरे ऊपर आक्रमण हो रहा है.

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