देश के जनता ने देखा कि किस तरह केंद्र सरकार ने औचक पेट्रोल डीजल मूल्य में कमी करके अपनी पीठ थपथपाई. दरअसल,यह खेल उपचुनाव के परिणामों के पश्चात नरेंद्र दामोदरदास मोदी सरकार खेलने पर विवश हो गई, उपचुनाव के परिणामों ने केंद्र सरकार को भीतर तक हिला दिया है. इसलिए अचानक केंद्र सरकार ने पेट्रोल डीजल के मूल्य कम कर दिए. और यह संदेश दिया कि यह देशवासियों के लिए दीपावली का तोहफा है. यह भी ध्यान रखना होगा कि आगामी कुछ महीनों में देश के राजनीतिक केंद्र उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं. ऐसे में लगातार आंख बंद करके नित्य प्रतिदिन पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ाते जाना... बढ़ाते जाना और किसी की नहीं सुनना अखिर क्या इंगित करता है.

अब जब चुनाव परिणाम विपरीत आए हैं तो श्रीमान प्रधानमंत्री जी की आंख खुल गई है. और मजे की बात देखिए देश के प्रधानमंत्री के कैबिनेट के गृह मंत्री अमित शाह ने इस पर कहा कि यह हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी की बहुत बड़ी संवेदनशीलता है. अगर आम जनता पेट्रोल डीजल के कम हुए दामों का स्वागत करती तो यह रेखांकित करने वाली बात होती. मगर आजकल देश की राजनीति में यह नया चलन शुरू हुआ है कि अपने ही मंत्रिमंडल के सदस्य प्रधानमंत्री की पीठ थपथपाते हैं और अपनी ही सरकार के गुण गाते हैं.

ये भी पढ़ें- प्रशांत किशोर: राजनीतिक दिवालियापन का स्याह पक्ष

वस्तुत: यह एक ऐसा खेल है जिसे सिर्फ "तमाशा" कहा जा सकता है. क्योंकि आप की नीतियां अच्छी हैं जनहितकारी हैं तो विपक्ष को सामने आकर के प्रशंसा करनी चाहिए. विपक्ष नहीं तो कम से कम आम जनता तो यह कहें केंद्र सरकार का यह कदम स्वागतेय है, जनहितकारी है. मगर लगातार पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ाते चले जाना, बढ़ाते चले जाना, लोगों की त्रासदी के बीच आंख बंद करके अपने मंत्रालय में हंसते मुस्कुराते बैठे रहना और कोई टिप्पणी नहीं करना यह सब क्या है, यह कैसी संवेदनशीलता है.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 महीना)
USD2
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...