अग्निवीर के पीछे मोदी सरकार का असली मकसद यह है कि इन सिपाहियों को अपनी जनता के खिलाफ इस्तेमाल किया जाएगा. सरकार बड़े पूंजीपतियों के लिए इस दौरान आदिवासी इलाकों में जमीनों पर, खदानों पर कब्जा करेंगे। समुद्र तटों पर कब्जा करेंगे, उस के बाद यह किसानों की जमीनों पर पूंजीपतियों का कब्जा करवाएंगे.
  जाहिर है, जनता इस सब का विरोध करेगी. जनता के विरोध को दबाने के लिए सरकार को बंदूकधारी मजदूर सिपाहियों की जरूरत पड़ेगी. मोदी सरकार इस देश के नौजवान को इस देश की जनता के खिलाफ लड़ाने का प्लान बना रही है. इन सिपाहियों को इस देश के मुसलमानों, दलितों व मजदूरों के खिलाफ भी इस्तेमाल किया जाएगा.
  यह पहले सदियों से किया जा रहा है जब रजवाड़ों और जागीरदारों के यहां लठैत रखे जाते थे जो निहत्थे दलितों और कमजोर पिछड़ों को सताते थे, उनकी उपज छीन लेते थे, बेटियां उठा ले जाते थे. आजादी के बाद यह काम सिर्फ पुलिस कर सकती थी पर अब पुलिस का खर्च भारी पड़ रहा है इसलिए प्राइवेट आर्मियां बनाने के लिए ट्रेनिंग पाए जवान समाज में छुट्टे छोड़े जा रहे हैं.
भगवाइयों  की तानाशाही, क्रूरता और बर्बरता को सरकारी सपोर्ट देने के लिए यह सेना तैयार की जा रही है, वरना अंतर्राष्ट्रीय हालात तो ऐसी नहीं है कि आप को पाकिस्तान बांग्लादेश, बर्मा, भूटान, नेपाल या श्रीलंका से कोई इतना बड़ा खतरा है कि आप की वर्तमान सेना उस से निबटने में कम पड़ रही है, इसलिए आप को इस तरह के नए सिपाही चाहिए.
 नौजवानों को हथियारबंद बनाना, उन्हें राष्ट्रवाद के नाम पर कट्टर बनाना, हिंसक बनाना और अपनी जनता के खिलाफ इस्तेमाल करना, यह फासीवादियों का एक तरीका होता है.संघ प्रायोजित यह सरकार उसी योजना पर काम कर रही है. इस में पैसा जनता का लगेगा और जनता की जायज मांगों को दबाने के लिए हथियारबंद सिपाही खड़े किए जाएंगे. संविधान को रौंदा जाएगा, लोकतंत्र को कुचला जाएगा, मानव अधिकारों का हनन होगा.
 विकास के नाम पर जो पूंजीवाद और कारपोरेटीकरण का दौर नई आर्थिक नीतियां लागू होने के बाद शुरू हुआ है, यह उस का रास्ते को आसान करने की ही चाल है. बच्चों की बड़े पैमाने पर मौत हो रही है, देश के बच्चे भूखे हैं, कुपोषित हैं, माताएं बच्चा पैदा करने में मरे जा रही हैं, देश के दलितआदिवासी कुपोषित हैं, भूखे व बीमार हैं. देश का पैसा उन की हालत सुधारने में खर्च होना चाहिए, स्कूल अस्पताल पर पैसा खर्च होना चाहिए. उस की बजाय आप नये सिपाही फिर उन की खिलाफत के लिए खड़ा करेंगे.
   हमे ऐसा समाज नहीं बनाना जिस में लाखों लोग हथियारबंद हो और बाकी के लोग उन से डरने वाली जनता. हम संविधान के पहले पन्ने पर वर्णित भारत के लोग हैं। गरीब लोग भारत को ऐसे हिंसक देश बनते हुए चुपचाप  देखते रह जाएंगे क्योंकि उन्हें तो मंदिरों की दहलीज साफ करने का काम दे दिया है जहां और कहीं से कमाया पैसा भी चढ़ाना होता है

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