जब सरकार ही धर्म और हिंदुमुसलिम के नाम पर बनती हो, तो आम जनता की चिंता कोई क्यों करेगा...

अंबाला कैंट में जनरल अस्पताल के गेट के सामने अकसर ऐक्सीडैंट होते रहते हैं. एक गेट के बिलकुल सामने तिराहा है तो दूसरे गेट के सामने चौराहा है. वहां पर न तो सिगनल लाइट्स हैं, न ही स्पीड ब्रेकर और न ही ट्रैफिक पुलिस खड़ी रहती है.

बेशक अस्पताल के एक गेट के पास पुलिस का कैबिन है, लेकिन इस में पुलिस का कोई व्यक्ति नजर नहीं आता.

17 फरवरी, 2023 को रात के करीब 10 बज कर 50 मिनट क्योंकि पेशैंट से हम 11 बजे ही मिल सकते थे, इसलिए टाइम पास करने के लिए हम अस्पताल के गेट से बाहर निकलते हैं और बड़ी मुश्किल से सड़क पार कर के दूसरी ओर चाय पीने के लिए जाते हैं क्योंकि अस्पताल में कोई कैंटीन या चाय तक की एक छोटी सी रेहड़ी तक नहीं जबकि इतना बड़ा अस्पताल है जहां हजारों पेशैंट हैं. हर पेशैंट के साथ कम से कम 2 लोग तो आते ही होंगे. उन्हें बाहर सड़क पार जाना होता है, जिस में बहुत जोखिम है.

हम बैठे चाय पी रहे थे कि अचानक जोर की आवाज के साथ सामने आग के गोले से दिखे. हम ने देखा एक बुलेट को एक कार ने इतनी जोर से टक्कर मारी कि बुलेट बीच में 2 टुकड़े हो गई और कार का आगे का हिस्सा पूरी तरह डैमेज हो गया.

हादसों का शहर

बुलेट सवार दोनों लड़कों को उसी समय अस्पताल के अंदर ले जाया गया जहां उन्हें सीरियस बता कर चंडीगढ़ पीजीआई रैफर किया गया. उस से कुछ दिन पहले भी एक मोटरसाइकिल सवार को एक ट्रक काफी दूर तक घसीटता ले गया और उस की मौत हो गई.

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