छत्तीसगढ़ में किसान लगातार आत्महत्या कर रहे हैं सन् 2019 में 629 आत्महत्याओं में 233 किसान व खेतिहर मजदूर हैं जिन्होंने आत्महत्या की. और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल किसानों की कथित"आत्महत्या" पर मौन है आखिर क्यों?
पहला पक्ष- अभनपुर के विधायक पूर्व मंत्री धनेंद्र साहू ने कहा किसान की मानसिक दशा ठीक नहीं थी, इसलिए आत्महत्या कर ली है. ऐसा ही तोरला गांव के सरपंच और सचिव ने अपने बयान में कहा है जिसका विरोध मृतक किसान के परिजनों ने किया.
दूसरा पक्ष - छत्तीसगढ़ सरकार के जांच टीम ने पाया फसल क्षति, कर्ज और भुखमरी का आत्महत्या से कोई संबंध नहीं. दरअसल सरकार किसान आत्महत्या मामलों को स्वतंत्र जांच एजेंसियों के मध्यम से नहीं कराना चाहती.
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तीसरा पक्ष - हमारे संवाददाता ने रायगढ़ ,जांजगीर और कोरबा के कई किसानों से चर्चा की और पाया सरकार की नीतियों और नकली कीटनाशक दवाइयों के कारण वर्तमान में किसान बेहद क्षुब्ध अवसाद में हैं.
छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले के अभनपुर तहसील के ग्राम तोरला के कृषक प्रकाश तारक की आत्महत्या देशभर में सुर्खियों में रही. इसी तरह मुख्यमंत्री के गृह जिला दुर्ग में एक युवा किसान दुर्गेश निषाद किसान ने आत्महत्या कर ली है.
यहां उल्लेखनीय है कि जब भी कोई किसान आत्महत्या करता है तो सरकार यही कहती है कि इसमें हमारी नीतियों का कोई लेना देना नहीं है. यह किसान के परिवारिक और व्यक्तिगत कारण से हुआ है. वहीं विपक्ष हमेशा यही कहता है कि यह सरकार की नीतियों के कारण आत्महत्या हुई है. वही चौथा स्तंभ प्रेस मीडिया सच को दिखाने का प्रयास करता है.