हर कट्टरपंथी समाज का एक गुण होता है कि वह सुनीसुनाई बात को परम सत्य मान लेता है. वह पुरखों की या महान माने जाने वाले लोगों की बातों को बिना परखे, बिना तर्क की कसौटी पर जांचे, बिना वैज्ञानिक परीक्षण के मान लेता है. यह वही समाज है जो गणेश का दूध पीना 21वीं सदी में सही मान लेता है, जो कुतुबमीनार को किसी राजा की रानी के लिए जमुना की पूजा का मंच मान लेता है और गणेश के सिर को सर्जरी की कला का कमाल मान लेता है.
इसी समाज के नेता सुनीसुनाई बातों पर भरोसा कर रहे थे कि देश में कालाधन या तो स्विस बैंकों में जमा है या लोगों की तिजोरियों में बंद है. इसीलिए नरेंद्र मोदी ने 2014 में वादा किया कि जीतने के बाद हर नागरिक को 15 लाख रुपए मिल जाएंगे और 8 नवंबर, 2016 को वादा किया कि 1 जनवरी, 2017 से न कालाधन होगा, न रिश्वतखोरी. देश प्रगति की कुलांचें भरेगा.
यही वादा कर के ‘एक देश एक टैक्स’ लाया गया कि जीएसटी से न ब्लैक इकोनौमी होगी और न कर चोरी.
इन सब से कर चोरी तो जरूर रुकेगी क्योंकि लोगों के पास पैसे ही नहीं बचेंगे. रिश्वतखोर कांग्रेस सरकार के जमाने में अर्थव्यवस्था जिस तरह बढ़ रही थी उस पर ब्रेक लग गया है. आंकड़े बता रहे हैं कि नोटबंदी का लाभ जीरो मिला है क्योंकि सारे नोट ही नहीं, शायद सारों से ज्यादा, नकली सहित, बैंकों में पहुंच गए. नोटबंदी ने अर्थव्यवस्था को बीमार कर दिया था जिस से वह लड़खड़ा कर उठ रही ही थी कि अब जीएसटी की मार ने उस का सिर फोड़ दिया है.
अर्थव्यवस्था की प्रगति, जो 6.9 से 7.3 प्रतिशत से बढ़ रही थी, अब 5.2 प्रतिशत रह गई है. भविष्य में यह और ज्यादा घट सकती है. हम युवाशक्ति पर गर्व करते हैं पर गांवों और शहरों में युवाओं को काम नहीं मिल रहा है. वहीं, किसान व आमलोग अपनी संपत्ति बेचने की फिराक में है. खेती व शहरी जमीनों के दाम गिर रहे हैं.
नीतिनिर्धारक दरअसल प्रचारकों की भाषा में सोचते हैं कि अंतिम सत्य किताबों में, शोधों में नहीं, प्रवचनों और मंत्रों में होता है. बुलेट ट्रेन मंत्री की रेलों में दुर्घटनाएं होती हैं और जीवन उद्धार करने वाले भगवा मुख्यमंत्री के अपने शहर में बच्चे जीवन त्याग रहे हैं, वह भी सरकारी अस्पताल में.
हां, एक मोरचे पर भारी सफलता है- वोटों के मोरचे पर. केंद्र सरकार को अभी भी भारी समर्थन मिल रहा है. बिहार में सत्ताधारी एक पूरी पार्टी उस के साथ आ मिली है और ऐसा ही तमिलनाडु में होने जा रहा है. गुरु राम रहीम जिन तथाकथित चमत्कारों का दावा कर के लोगों को वश में करता था वह कला बहुतों को आती है.