महाभारत में क्या हुआ था. कौरवों और पांडवों को पहले आपस में लड़वा दिया और फिर सब को मरवा दिया, कुरु वंश को ही समाप्त करा दिया. यह बात दूसरी है कि आज जब तर्क और तथ्य सब को उपलब्ध हैं, अधिकतर हिंदू महाभारत को विशेष धर्मयुद्ध सम झते हैं जिस में कृष्ण ने हिचकिचाते अर्जुन को गीता का पाठ पढ़ा कर परस्पर विरोधी बातें कहते हुए उसे रणक्षेत्र में लड़ने को अंतत: राजी कर ही लिया.
2019 के संसदीय चुनावों में ऐसा सा महाभारत भारतीय जनता पार्टी ने अपनी ही सहयोगी पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) के साथ रचा जब लोक जनशक्ति पार्टी के चिराग पासवान को नीतीश कुमार के उम्मीदवारों के सामने खड़ा करवा कर नीतीश कुमार को कमजोर कर दिया और नीतीश कुमार अब भारतीय जनता पार्टी के मोहताज हैं.
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22 जून को चिराग पासवान ने यह माना कि 2019 में उन्होंने जो भी किया वह भाजपा की रजामंदी से किया था. चिराग पासवान को यह रहस्य खोलना पड़ा क्योंकि जैसे पांडवों को हिमालय पर जा कर आत्महत्या करनी पड़ी थी, वैसे ही चिराग पासवान को करनी पड़ रही है क्योंकि उन के सांसद और विधायक छोड़ कर जा रहे हैं पर विपक्ष में नहीं, भारतीय जनता पार्टी या जनता दल (यू) में. चिराग को अनाथ कर के बड़ी चालबाजी से भारतीय जनता पार्टी ने दलित आंदोलन को बिहार में भी कुचल दिया और काफी बड़ी संख्या में होते हुए, वंचित होते हुए भी दलितों को अब किसी ऊंची जाति की जीहुजूरी में फिर से लगना पड़ेगा.
बातें बनाने में तेज और लच्छेदार लुभावने वादों के बलबूतों पर भाजपाई जैसे लोग सदियों से इस देश में राज करते आए हैं. राजनीतिक शासन किसी के हाथ में हो सामाजिक शासन हमेशा इन्हीं के हाथों में रहा है और जन्म से ले कर मृत्यु तक दलितों की तो छोडि़ए, शूद्रों, वैश्यों और क्षत्रियों तक की लगाम इन्हीं लोगों के पास रही. आज थोड़ाबहुत पढ़लिख कर इन्हें गरूर होने लगा था कि हम भी कुछ हैं पर पहले रामविलास पासवान को दलबदलू नंबर एक बना डाला गया और अब उन के पुत्र चिराग पासवान को दलबदल की आग में स्वाहा कर दिया गया है.