भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता नूपुर शर्मा द्वारा पैगंबर मोहम्मद पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी और दिल्ली के मीडिया प्रमुख नवीन जिंदल की इसी तरह की टिप्पणी से नाराज खाड़ी देश कतर, कुवैत, ईरान और सऊदी अरब व पाकिस्तान के साथसाथ दुनियाभर के कई देशों ने आड़े हाथ लेते हुए भारतीय राजदूतों को तलब किया. इसी दबाव की वजह से भारतीय जनता पार्टी ने नूपुर शर्मा को निलंबित कर दिया, वहीं नवीन जिंदल को निष्कासित कर दिया. भाजपा को लगने लगा था कि हिंदूमुसलिम के बीच आपसी विवाद से ही उस का विकास हुआ है और आगे भी कामयाबी उसी से मिलेगी. इस के पहले विवादित बयान देने वाले लोगों को भाजपा सम्मानित करती रही है.

बहुत लोगों का कद भाजपा में इसलिए बढ़ता रहा कि वे विवादित बयान देने में माहिर थे, पर इन दोनों नेताओं पर भाजपा ने तत्काल क्यों ऐक्शन लिया? यह एक अहम सवाल है. खाड़ी देशों में भारतीय सामान का बहिष्कार किया जाने लगा. इन नेताओं के विवादित बयान की वजह से खाड़ी देशों में काम कर रहे गैरमुसलिम भारतीय प्रवासियों को वापस जाने की भी बात की जाने लगी. भारतीय राजदूतों से उन के देशों में जवाबतलब किया जाने लगा. इन देशों में गुजराती कारोबारियों का लगा पैसा खतरे में पड़ गया है. भाजपा सरकार सबकुछ बरदाश्त कर सकती है,

लेकिन अपने फाइनैंसर के पैसे को खतरे में नहीं डाल सकती. सऊदी अरब, जो तेल भेजता है, उस में से ज्यादातर तेल मुकेश अंबानी की जामनगर रिफाइनरी में प्रोसैस होता है. अडानी ने चावल कंपनी मोहसिन को खरीद लिया था. कोहिनूर राइस ब्रांड को भी खरीद लिया है. महंगा चावल तो बिरयानी बनाने के ही काम आएगा. अडानी ग्रुप पैक्ड फूड कहां ऐक्सपोर्ट करेगा? सब से ज्यादा खपत तो खाड़ी देशों में ही है. सब से ज्यादा निर्यात करने वाले गुजराती लोग ही हैं. हीरा कारोबारी भी अपने बड़ेबड़े दफ्तर मुंबई से उठा कर दुबई में शिफ्ट कर रहे हैं. ये कई वजहें हैं. जिन पूंजीपतियों के इशारे पर सरकार चल रही है, उन्हें किसी भी शर्त पर नाराज नहीं होना चाहिए.

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