असम में विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया है. यहां कई इलाकों में कर्फ्यू लगाना पड़ा है. कर्फ्यू के बाद भी प्रदर्शकारी सड़कों पर आए. असम से उठे विरोध प्रदर्शन की आग बंगाल तक पहुंच गई. बंगाल में शनिवार को पांच रेलगाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया. कई जगहों पर आगजनी की गई. दिल्ली में भी जामिया यूनिवर्सिटी के छात्रों ने प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों और पुलिस को बीच हिंसक झड़पें भी हुईं.
केंद्र सरकार ने इस कानून को रुप तो दे दिया लेकिन एक प्रश्न सबके दिमाग में आ रहा है. वो ये हैं कि क्या गैर भाजपाई सरकारें इस बिल को अपने प्रदेश में लागू करेंगी या नहीं. क्योंकि पं बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, मध्य प्रदेश में सीएम कमलनाथ, पंजाब की कैप्टन की सरकार सभी ने इसको लागू करने से मना कर दिया है लेकिन गृह मंत्रालय के अधिकारी ने इसका राज बताया है. उनका दावा है कि राज्य सरकारों को इसे लागू करना पड़ेगा.
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गृह मंत्रालय के एक उच्च अधिकारी बताया कि क्योंकि इसे संविधान की 7वीं अनुसूचि के तहत सूचिबद्ध किया गया है, इसलिए राज्य सरकारों के पास इसे अस्वीकार करने का अधिकार नहीं है.गृह मंत्रालय के अधिकारी ने यह बयान उस समय दिया, जब पश्चिम बंगाल, पंजाब, केरल, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ ने इस कानून को असंवैधानिक बताया और अपने राज्यों में इसे लागू नहीं करने की बात कही. गृह मंत्रालय के अधिकारी ने बताया, ‘केंद्रीय कानूनों की सूची में आने वाले किसी भी कानून को लागू करने से राज्य सरकार इनकार नहीं कर सकती हैं.’ उन्होंने बताया कि यूनियन सूची के 7वें शेड्यूल के तहत 97 चीजें आती हैं, जैसे रक्षा, बाहरी मामले, रेलवे, नागरिकता आदि.