प्रदेश में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल केंद्र सरकार विशेषत: नरेंद्र दामोदरदास मोदी के साथ दो-दो हाथ करने की कवायद में लग गए हैं. जिसका प्रत्यक्षीकरण 21 जून संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा घोषित अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को प्रदेश की राजधानी रायपुर से लेकर अंबिकापुर, बिलासपुर, कोरबा में स्पष्ट दिखाई दिया. 'योग' के प्रति जैसा रवैया भूपेश बघेल सरकार ने दिखाया उससे स्पष्ट हो जाता है कि भूपेश सरकार नरेंद्र मोदी की किसी भी योजना को बढ़ा चढ़ाकर आवाम के बीच नहीं ले जाएगी और न ही छत्तीसगढ़ में उस योजना को हाथों-हाथ लिया जाएगा.

भूपेश बघेल स्वयं रायपुर में नहीं थे. जबकि के प्रोटोकाल के हिसाब से राजधानी रायपुर के मुख्य कार्यक्रम में पदेन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को शिरकत करनी थी मगर वे दिल्ली चले वित्त मंत्रियों की बैठक में वकालत करने चले गए.  इधर छत्तीसगढ़ के प्रमुखतम नेता चरणदास महंत, टी. एस.सिंहदेव, ताम्रध्वज साहू ने भी 'योगा' को कोई तवज्जो नहीं दी और प्रदेश मे अंतरराष्ट्रीय योग सिर्फ औपचारिकता बनकर रह गया.  इसका सीधा संकेत यह है कि छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल सरकार नरेंद्र मोदी के किसी भी प्रोजेक्ट को तरजीह नहीं देने वाली है.

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60 लाख लोगों ने किया योगाभ्यास

कहने को छत्तीसगढ़ में 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर 60 लाख लोगों ने एक विश्व रिकार्ड बनाया है.  आपको हंसी आ सकती है आजकल रिकार्ड बनाने का सबको शगल हो चला है मगर इससे गंभीरता कितनी है यह भी दिखाई देनी चाहिए.

पांचवें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर राजधानी रायपुर में मुख्य समारोह हुआ सरदार बलबीर सिंह जुनेजा इनडोर स्टेडियम में 600 स्कूली बच्चे जनप्रतिनिधि गण वरिष्ठ अधिकारियों ने योगाभ्यास किया. और सबसे बड़ी बात यह कि मुख्य अतिथि थे महापौर प्रमोद दुबे व अन्य अतिथि बतौर बृजमोहन अग्रवाल पूर्व मंत्री डा. रमन सरकार.

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