सातवें वेतन आयोग की आड़ लेकर दिल्ली के स्कूल अभिभावकों से अधिक फीस नहीं वसूल सकते. दिल्ली सरकार ने इस संबंध में स्कूलों को कड़ी चेतावनी दी है. फीस बढ़ोत्तरी के मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शिक्षा विभाग को स्थिति की समीक्षा कर के सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए हैं. इसके लिए 7 दिन का समय दिया गया है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोई भी स्कूल फीस बढ़ोत्तरी को लेकर किसी भी छात्र को परेशान नहीं कर सकता है. किसी भी मामले यदि पाया जाता है कि स्कूल फीस बढ़ोत्तरी के नाम पर मनमानी कर रहे हैं तो सरकार सख्त कदम उठाने में संकोच नहीं करेगी. मुख्यमंत्री ने शिक्षा विभाग को मामले की जांच कर रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए हैं.
मुख्यमंत्री ने साफ किया है कि यदि यह पाया जाता है कि कोई स्कूल फीस बढ़ोत्तरी में मनमानी कर रहा है तो सख्त कार्रवाई से परहेज नहीं किया जाएगा. आवश्यकता हुई तो सरकार इन स्कूलों ऑडिट भी करा सकती है.
मुख्यमंत्री ने बताया कि मामले में दिल्ली के विभिन्न इलाकों से अभिभावकों की शिकायत उनके पास आई थी. इस शिकायत में कहा गया था कि सातवें वेतन आयोग को लागू करने की आड़ में अभिभवकों से अधिक पैसा वसूला जा रहा है. यह स्थिति रुकनी चाहिए.
इसीलिए पूरे मामले में जांच शिक्षा निदेशालय को दी गई है. इस जांच के रिपोर्ट में सामने आने वाली गड़बड़ी के आधार पर आगे की कार्रवाईकी जाएगी.
‘सरकार एक-एक स्कूल की जांच करेगी’
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया कि मुख्यमंत्री ने फीस मामले की समीक्षा की थी. इस स्थिति का मूल्यांकन किया गया है. अब सरकार एक -एक स्कूल की स्थिति की जांच करेगी. इस रिपोर्ट के आधार पर निर्णय लिया जाएगा. शिक्षा विभाग को कहा गया है किसी भी बच्चे या अभिभावकों को परेशान नहीं करे. उन्होंने कहा कि यदि स्कूल प्रशासन कोई भी ऐसी हरकत में पाया जाता है तो कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी. सरकार स्कूलों का व्यावसायिक प्रयोग नहीं होने देगी. एक हफ्ते की रिपोर्ट के बाद इस पर आखिरी निर्णय होगा. इसमें किसी भी स्कूल के साथ नरमी नहीं बरती जाएगी. भविष्य में जरूरत पड़ी तो और कड़े नियम बनाए जाएंगे.