सोशल मीडिया से जुड़ने को फायदेमंद क्यों मानती हैं करिश्मा शर्मा

मगर हाल ही में आई फिल्म ‘‘सुपर 30’’के एक गीत में रितिक रोशन के साथ नजर आ रही अदाकारा करिश्मा शर्मा ऐसा नहीं मानती हैं. वह तो सोशल मीडिया को बहुत ही फायदेमंद बताती हैं.फिल्म ‘‘सुपर 30’’ के प्रदर्शन के बाद जब करिश्माशर्मा से हमारी एक्सक्लूसिब मुलाकात हुई, तो सोशल मीडिया की चर्चा चलने पर उन्होंने कहा-

‘‘मेरे लिए सोशल मीडिया बहुत लाभप्रद साबित हो रहा है. सोशल मीडिया से मेरे करियर को भी फायदा हो रहा है.हम सोशल मीडिया पर बहुत सी चीजों को प्रमोट करते हैं. अब जब कि मैं अच्छे चुनौतीपूर्ण किरदारों को पाने के लिए इंतजार करना चाहती हूं, तो मैं इस बात को सोशल मीडिया से लोगों तक पहुंचा सकती हूं. इस इंतजार के दौरान मैं अपनी किसी पोषाक, अपने डांस के किसी फार्म को प्रमोट कर रही हू या घूमने जा रही हूं. मैं    मालदीव घूमने गयी, मेरी यह ट्पि ‘स्पांसर्ड ट्पि’थी. सारा खर्च वहां की सरकार ने उठाया था. मुझे एक दुनिया देखने का मौका मिला. तो मुझे सोशल मीडिया से कई तरह के अवसर मिल रहे हैं.’’ विदेशों में घूमने व अच्छे कपड़े पहनने का अवसर

करिश्मा शर्मा आगे कहती हैं-ं

‘‘सोशल मीडिया की लोकप्रियता के चलते हुए विदेषों में घूमने अच्छे अच्छे कपडे पहनने के मौके मिल रहे हैं, मेरी एक सहेली तो टोवेल ब्लौगर है. वह तो फ्रांस,प्राग सहित कई जगह मुफ्त में घूम कर आ चुकी है. किश्वर मर्चेंट भी कई देषों की स्पांसर्ड ट्पि कर चुकी हैं. अब तो टीवी सीरियल और वेब सीरीज में भी कलाकारों को यह देखकर काम मिल रहा है कि इंस्टाग्राम पर उनके फौलोवर्स कितने हैं?’’

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ज्यादा एक्सपोज नहीं

करिश्मा कहती हैं-

‘‘पर मैं अपने आपको बहुत ज्यादा एक्सपोज नहीं करती. क्योंकि मेरा मानना है कि कलाकार अपने बारे में जितनी मिस्ट्री बनाकर रखेगा, उतना ही लोग उसकी फिल्म को देखने जाएंगे. इसीलिए मैं रियालिटी शो नहीं करती. सोशल मीडिया पर हम सीमित चीजें ही डालते हैं.’’

सोशल मीडिया के फायदे ही फायदेः

सोशल मीडिया के फायदे गिनाते हुए करिश्माशर्मा कहती हैं-ं ‘‘सोशल मीडिया हमें फायदा देता है.यदि आप किसी को नही पहचानते हैं,तो आप सोशल मीडिया में उसे तलाश कर उसके बारे में जानकारी पा सकते हैं.विदेश में रहने वाली कैली जेन्नर के 144 मिलियन फौलोवर्स हैं.उसका अपना प्रायवेट जेट है. उसने यह सारा पैसा सोशलमीडिया से ही कमाया है.मेरी नजर में पैसा कमाने के लिए सोशल मीडिया बहुत बड़ा प्लेटफार्म है. ’’

हौट बौडी के चलते हौट इमेज

करिश्माशर्मा स्वयं सोशल मीडिया व इंस्टाग्राम पर जिस तरह की तस्वीरें पोस्ट करती हैं,उसी के चलते उनकी ईमेज हौट व सेक्सी बनी हुई है,जबकि वह इस ईमेज के विपरीत किरदार निभना चाहती हैं. इस पर करिश्मा शर्मा कहती हैं-

‘‘मैंने जान बूझकर अपनी हौट व सेक्सी इमेज बनाने के लिए इस तरह की तस्वीरें नहीं डाली. अब मैं पिछले दिनों मालदीव घूमने गयी थी. मालदीव में आपने किसी को सलवार सूट पहने हुए देखा है?

तो जब मैं मालद्वीप घूमने जाउंगी,तो वहां के बीच पर बिकनी ही पहनूंगी. स्वाभाविक तौर पर वही तस्वीरें इंस्टाग्राम पर डालूंगी. अब यदि मेरी बौडी हौट है, तो बिकनी वाली तस्वीरों में मैं हौट लगूंगी. इसमें मेरा क्या दोष?’’

वह आगे कहती हैं-ंउचय‘‘तमाम अभिनेत्रियां जहां घूमने जाती हैं,वहां की तस्वीरें डालती हैं.मेरी सम-हजय में यह नहीं आता कि लोगों को क्यों लगता है कि मैं अपनी हौट बौडी या अपने सेक्सी होने को प्रमोट करती हूं. मैं फिर से यही कहूंगी कि मैं जान बूझकर या किसी सोची सम-हजयी योजना के तहत अपने आपको हौट या सेक्सी प्रचारित नहीं कर रही हूं. बहरहाल,मैं तो अलग तरह के किरदार निभाना चाहती हूं, जिससे लोगों को लगे कि मैं कुछ और भी कर सकती हूं.’’

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मूलतः पटना निवासी करिश्मा शर्मा ने 2013 में सीरियल‘‘पवित्र रिश्ता’’से अभिनय करियर की शुरूआत की थी. बाद में ‘प्यार तूने क्या किया’,‘यह है मोहब्बतें’,‘लव बाय चांस’,‘आहत’, ‘सिलसिला प्यार का’सीरियलों में अभिनय किया. 2015 में फिल्म‘प्यार का पंचनामा 2’में छोटा सा किरदार निभाया.पर उन्हे असली पहचान मिली 2017 में वेब सीरीज‘‘रागिनी एमएमएस रिटर्न’’से.फिर वह वेब सीरीज ‘हम-ंउचयआई एम बिकाज आफ अस’में नजर आयी.2018 में प्रदर्शित फिल्म ‘होटल मिलन’ व 2019 में प्रदर्शित फिल्म ‘फंसते फंसाते’ में वह मेनलीड में नजर आयी. अब वह रितिक रोशन की फिल्म ‘‘सुपर 30’’में महज एक गाने ‘‘पैसा’’ में नजर आयीं.इन दिनों वह सोहम शाह के निर्देशन में वेब सीरीज ‘‘फिक्सर’’कर रही हैं,जिसमें उनके साथ तिग्मांषु धुलिया,शब्बीर अहलूवालिया और माही गिल हैं.

 

Edited By- Neelesh Singh Sisodia 

‘‘मुझे संगीत में गंदगी पसंद ही नहीं है.’’-जसबीर जस्सी

जसबीर जस्सी के 1988 के लोकप्रिय गीत ‘‘दिल ले गयी कुड़ी’’को 2017 में फिल्म‘‘स्वीटी वेड्स एनआर आई’’ में रीक्रिएट किया गया था और अब 2 अगस्त को प्रदर्शित होने वाली फिल्म ‘‘खानदानी शफाखाना’’में जसबीर के गीत‘‘कोका’’को रीक्रिएट किया गया है. इस बार ‘कोका’को रीक्रिएट किया है संगीतकार तनिस्क बागची ने. जबकि गाया है जसबीर जस्सी ने ही. सूफी संगीतज्ञ पूरण शाह कोटी और वीएस जोली से शास्त्रीय संगीत की शिक्षा लेने वाले जसबीर जस्सी बचपन में ही हारमोनियम बजाने लगे थे. पंजाब के गुरूदासपुर में जन्में जसबीर जस्सी ने उस्ताद षौकत अली खान व बाबा कश्मीरा सिंह जी से भी संगीत की शिक्षा हासिल की. जसबीर जस्सी का पहला पंजाबी संगीत अलबम ‘‘चन्ना वी तेरी चाननी’’1993 में आया था. उसके बाद ‘‘बल्ले बलबीरो बल्ले’’,‘‘दिल ले गयी’’,‘‘कुड़ी कुड़ी’, ‘‘निशानी प्यार दी’’, ‘‘जस्त जस्सी’’, ‘‘मुखड़ा चन्न वरगा’’, ‘‘अख मस्तानी’’, ‘ब्लैक विथ द बैंग’’, ‘शहीद भगत सिंह’’,  ‘‘सावन’’, ‘‘शुभान अल्लाह’’और ‘‘तेरी याद’’ उनके बहु चर्चित संगीत अलबम हैं.पंजाबी फिल्म‘मेल करा दे रब्बा’और ‘मुंडे यू के दे’ के गीतों ने तो लोकप्रियता के परचम लहराए. बौलीवुड में उन्होंने 2011 में प्रदर्शित अक्षय कुमार की फिल्म ‘‘पटियाला हाउस’’में गीत ‘‘लौंग द लश्कारा’’ गाकर शुरूआत की. जिसने संगीत जगत में एक नए इतिहास को रचा था. उसके बाद तनूजा चंद्रा निर्देशित फिल्म ‘‘होप एड ए लिटिल सुगर’में गीत ‘माहिया’गाया.

इसके बाद फिल्म‘‘दोबारा’के लिए गीत ‘‘प्यार मेरे नु’ को लिखने के साथ संगीत से संवारा और स्वरबद्ध भी किया. जसबीर जस्सी सिर्फ संगीत तक ही सीमित नहीं है. उन्होंने अभिनय भी किया है. पंजाबी फिल्म ‘खुशिया’ में टिस्का चोपड़ा, कुलभू-ुनवजयाण खरबंदा व रमा विज के साथ अभिनय किया.फिल्म‘हीर रां-हजया’में गेस्ट अपियरेंस किया.पंजाबी टीवी पर रियालिटी शो के जज बनकर आए.इतना ही नही जसबीर जस्सी ने 2012 में ‘कान्स इंटरनेषनल फिल्म फेस्टिवल’मे भी संगीत की परफार्मेंस दी थी. हाल ही में मुंबई में जसबीर जस्सी से रीक्रिएटेड गीत ‘‘कोका’’ के अलावा संगीत में फैली हुई गंदगी सहित कई मुद्दों पर एक्सक्लूसिब बातचीत हुई. जो कि इस प्रकार रही….

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इन दिनों हिंदी फिल्म‘‘खानदानी शफाखाना’’ का रीक्रिएटेड गाना‘‘कोका’’काफी लोकप्रिय हो रहा है.इसके बारे में क्या कहना चाहेंगे?

मेरा पंजाबी का अति लोकप्रिय गाना है, जिसे 16 साल पहले पंजाबी में मैने ही संगीत से संवारा और मैंने ही गाया था.अब इसे संगीतकार तनि-ुनवजयक बागची ने कुछ बदलाव कर रीक्रिएट कर मुझे गवाया है. जो कि हिंदी फिल्म ‘खानदानी शफाखाना’में सोनाक्षी सिन्हा, बादशाह,प्रियांषु जोरा व वरूण षर्मा पर फिल्माया गया है.यह पंजाबी टशन वाला दमदार जोषीला गाना है.यह गाना लोगों को नाचने पर मजबूर करता है.यह बहुत ही अलग तरह का डांसिंग नंबर है.गाना तो बाजार में आ गया है और ‘यू ट्यूब’पर लोग इसे काफी पसंद कर रहे हैं. इस गाने को जो लोकप्रियता मिल रही है, उसका फायदा फिल्म को बौक्स आफिस पर भी मिलेगी.

आप तो गीतों के रीक्रिएशन व रीमिक्स के काफी खिलाफ हैं?

हां! मैं कभी नही चाहता कि किसी भी क्लासिक व लोकप्रिय पुराने गीत कोरीमिक्स किया जाए. अमूमन रीक्रिएट गाने सही नहीं बनते हैं,इसलिए मैं रीक्रिएशन के खिलाफ रहता हूं. पर संगीतकार तनिस्क बागची ने ‘कोका’ को रीक्रिएट करते हुए बहुत अच्छा काम किया है. उन्होने इस गाने की मौलिक मैलोडी को बरकरार रखा है. मैं ने इसे संगीत से संवारने के साथ ही खुद ही आज से सोलह साल पहले गाया था. तब से यह गाना लोगों की जुबान पर है.उस वक्त जो पंद्रह साल के थे,वह अब 31 साल के हो गए.पर नई पी-सजय़ी भी इस गाने को पसंद कर रही है. पंजाबी में जब गाना हिट हो और वह बौलीवुड में रीक्रिएट होता है,तो उसका असर पड़ता है. फिर इस गाने को लोकप्रिय कलाकारों पर फिल्माया गया है.मेरे लिए सुखद बात यह है कि जब मेरा ‘‘कोका’’ जैसा गीत पंजाबी के बाद बौलीवुड में भी हिट होता है,तो मुझे कुछ और अच्छे गाने बनाने की प्रेरणा व नया जोष मिलता है.

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बौलीवुड संगीत को लेकर क्या कहना चाहेंगे?

उस वक्त बौलीवुड संगीत में कई तरह के संगीत मिक्स हो चुके हैं.फिर चाहे वह पंजाबी संगीत हो या फोक संगीत हो या उत्तर भारत के का क्षेत्रीय संगीत हो. बौलीवुड के संगीतकार फोक संगीत का अपने तरीके से उपयोग कर रहे हैं. वास्तव में पंजाबी हो दूसरा क्षेत्रीय संगीत हो, उसे बौलीवुड से जुड़कर ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचने की राह मिल रही है. इसलिए कई तरह का संगीत बौलीवुड में मिक्स हो रहा है.लोग बौलीवुड संगीत को पसंद कर रहे हैं.यह अच्छी बात है.इससे संगीत की रीच ब-सजय़ रही है,यह भी अच्छा है. मगर रचनात्मक,गंभीर,संगीत की अच्छी सम-हजय रखने वाले, मौलिक संगीत को समझने वाले मेरे जैसे भरे हुए लोगों का बौलीवुड से जुड़ना बहुत आवश्यक है. अफसोस ऐसा नहीं हो पा रहा है.

आप पंजाबी संगीत को किस मुकाम पर पाते हैं?

आप ओ पी नैय्यर के जमाने से देख लें, पंजाबी संगीत तो हमेशा लोकप्रियता के शिखर पर रहा है. पंजाबी संगीत में कोई मिलावट नहीं है.पंजाबी संगीत को कभी किसी से खतरा नहीं रहा.क्योंकि पंजाबी संगीत में बहुत जिंदगी है. जीवंतता है. पंजाबी संगीत में वेराइटी मिलती है.पंजाबी संगीत आपको चिअर करने, उदास होने, खुश होने,डांस करने,रोमांटिक होने, अग्रसिब होने,स्प्रिच्युअल होने का अवसर देता है. हकीकत यह है कि अभी तक पंजाब का दस प्रतिशत संगीत ही बाहर आया है.

बौलीवुड तो उपरी सतह का पंजाबी संगीत लेकर ही खुश है. अतीत में भी पंजाबी संगीत के मुकाबले बौलीवुड संगीत की सीडी या कैसेट कभी नही बिके. इसकी क्या वजहें रहीं?

अब डिजिटल पर भी पंजाबी संगीत ही हावी है.जैसा कि मैने पहले कहा कि पंजाबी संगीत जीवंत है.लोगों को जिंदगी व जीवंतता ही चाहिए.पंजाबी लोग अलग तरीके से जिंदगी जीेते हैं,उन्हे उस तरह की अच्छी ंिजंदगी जीने वाला रस पंजाबी संगीत में ही मिलता है.

आपके लिए संगीत क्या है?

संगीत तो मेरे दिल में दबी हुई ऐसी आग है,जो कि बाहर निकलने के लिए उबाल लेती रहती है.मेरी नजरों में संगीत एकता का प्रतीक है.संगीत तो लोगों को एक साथ प्रेम भाव से रहना सिखाता है.मैं आधुनिक हूं, मगर अश्लील नही हूं मुझे संगीत में गंदगी पसंद ही नही है. मैं पंजाबी की ही तरह बौलीवुड में भी साफ सुथरे कर्णप्रिय गाने ही परोसना चाहता हूं मेरी कोशिश रहेगी कि दूसरे लोग जो गंध फैला रहे हैं, उससे मैं खुद को बचाकर रखूं.

अभी कुछ दिन पहले ही यो यो हनी सिंह ने गीत ‘‘मखाना’’ गाया है,जिस पर पंजाब महिला आयोग ने आपत्ति जताई और उसके कहने पर पुलिस ने ओ ओ हनी सिंह के खिलाफ एफआरआई लिखी है.इस पर क्या कहना चाहेंगे?

हनी सिंह ने बहुत गलत किया है.मैं तो चाहूंगा कि उसे प्रतिबंधित करने के साथ ही दंड दिया जाना चाहिए.मैने संगीत में गंदगी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट व मंत्रालय में अर्जियां भेजी हैं.मैं तो उसे कल्चरल क्रिमिनल मानता हूं. मैं सोचता हूं कि हनी सिंह को पता भी नहीं चलता होगा कि वह क्या बोल रहा है. उसने कहा हैं ‘आई एम ओमनाइजर’. पर मेरा मानना है कि बेडरूम की बातों व चीजों को बाहर थोड़े ही लाना होता है.अगर वह ओमनाइजर है,तो उसे खुलेआम बकने की क्या जरुरत है.‘ओमनाइजर’का मतलब है कि आप समाज के एक तबके को नुकसान पहुंचा रहे हो. इस देष में कई लोग ओमनाइजर होंगे,पर वह दूसरों को ऐसा करने के नही कहते.इस तरह का प्रचार नही करते. जब हम सिगरेट पीते हैं, तो सिगरेट पीने का प्रचार नहीं करते.सिगरेट पीने वाला गाने या वीडियो के माध्यम से टीवी या फिल्म में आकर नहीं कहता कि देखो मैं सिगरेट पी रहा हूं. शराब पीते हैं या नशा करते हैं, तो वह खुलेआम दूसरों से ऐसा करने के लिए नहीं कहते.हनी सिह बहुत बड़ा स्टार है. उसका एक एक लफ्ज मायने रखता है. उसका एक एक शब्द समाज के लिए कितना नुकसान देह हो सकता है, इसका ख्याल तो उसे रखना ही चाहिए. हमारी सरकार कितनी सहनषील है कि वह कल्चरल क्रिमिनल को भी खुलेआम सड़क पर घूमने दे रही है.कल्चरल क्रिमिनल को छोड़ना ही नहीं चाहिए,ऐसे अपराधी को पकड़कर जेल में ठूस देना चाहिए.पर हमारी सरकार ऐसे कल्चरल क्रिमिनल को सजा नहीं देती, यह हमारे लिए बहुत बड़ी षर्म की बात है. देखिए,हनी सिंह और दूसरे रैपर्स पश्चिमी सभ्यता में डूबकर हमारे देष में

रैप क्रांति लेकर आए हैं. वह अश्लील गीतों के मसले पर पष्चिमी सभ्यता का अनुकरण कर रहे हैं.पर वह भूल जाते हैं कि हमारी सभ्यता व संस्कृति तथा पष्चिमी देषों की सभ्यता व संस्कृति में जमीन आसमान का अंतर है..

इस तरह के लोगो को रोकने और पंजाबी संगीत को गंदगी से बचाने के लिए आप किस तरह का काम करते हैं?

मैं तो बहुत कुछ करता रहता हूं. सबसे पहले मैं खुद इस बात का ध्यान रखता हूं कि मेरे गीत व संगीत में गंध/गंदगी न हो.मैंने इस तरह की गंदगी व कल्चरल क्रिमिनल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अर्जियां डाल रखी हैं. मैने सूचना व प्रसारण मंत्रालय के साथ साथ संास्कृतिक मंत्रालय को भी पत्र लिखे हैं.पर मेरा अनुभव कहता है कि इन मंत्रालयों व सरकार का इस तरह के अपराधों की तरफ कोई ध्यान ही नही है.जिस तरह फिल्म व संगीत इंडस्टी को सिर्फ लोकप्रियता से मतलब होता है, उसी तरह राजनीति/राजनेता को सिर्फ अपनी लोकप्रियता से मतलब होता है.

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तो आप मानते हैं कि संस्कृति को बिगाड़ने में राजनीति का बहुत बड़ा योगदान होता है?

मैं यह नहीं कहता कि संस्कृति को बिगाड़ने में राजनीति भी जुड़ी होती है.बल्कि मेरा मानना है कि उन्हे इसकी अवेयरनेस नहीं होती है.राजनेता संस्कृति को बिगाड़ना नहीं चाहते.पर उन्हे इस बात की जानकारी नहीं होती है. उन्हे लगता है कि यह बहुत छोटा काम है.पर उन्हें यह नहीं पता कि कल्चर और भा-ुनवजयाा बर्बाद हो गयी,तो देष व दुनिया को बर्बाद होने से कोई नहीं बचा सकता.

हिंदी में कोई और गाने कर रहे हैं?

सजयेर सारे गाने गा रहा हूं. ‘बैंड आफ महाराजा’ में हिंदी गाना ही गाया है.

Edited By- Neelesh Singh Sisodia 

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