मेरी होने वाली बीवी पहले मुझ से घंटों बातें किया करती थी पर अब वह मेरा फोन काट देती है, मैं क्या करूं?

सवाल

मेरी शादी 2 महीने पहले होने वाली थी, पर अचानक चाचाजी की मौत होने के चलते यह शादी टल गई. मेरी होने वाली बीवी पहले मुझ से घंटों बातें किया करती थी, लेकिन अब नहीं करती. वह मेरा फोन काट देती है. मैं क्या करूं?

जवाब

आप की शादी टली है, टूटी तो नहीं, फिर परेशान होने की क्या बात है. जब शादी हो जाए, तब उस से इस की वजह पूछ सकते हैं.  हो सकता है कि उस के घर के किसी बुजुर्ग ने उसे शादी से पहले बातें करने से रोका हो.

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अंडरवियर यूं तो पैंट के नीचे पहनी जाती है. जिस पर पहले कोई खास ध्यान नहीं देता था. पर समय बदला और बदला कपड़ों का फैशन जिसने अंडरवियर को खास जगह दे डाली. अब पेंट और शर्ट की तरह ही अंडरवियर अलग-अलग स्टाइल और डिजाइन में मार्किट में मौजूद है. इस ग्लैमराइज होते समाज में अंडरवियर की एक अगल इंमपोर्टेंस  हो गई है. पर इस इंपोर्टेंस के चलते हम कही अपनी सेहत के साथ तो संझौता तो नही कर रहे?

अंडरवियर कुछ मायनों में स्वास्थ से भी जुड़ी है. एक रिसर्च के मुताबिक अंडरवियर का चुनाव पुरुष प्रजनन क्षमता को प्रभावित करता है. लेकिन क्या पुरुषों की जेब और उनके जांघे के बीच भी कोई रिश्ता हो सकता है? अमरीका के दिग्गज अर्थशास्त्री ‘एलन ग्रीनस्पैन ने कभी कहा था कि अर्थव्यवस्था की सेहत का अंदाजा पुरुषों के जांघिये की बिक्री से लगाया जा सकता है. खैर जो भी हो अंडरवियर का आज के दौर में एक विशेष महत्व है, जिससे जुड़े कई पहलुओं की हमें जानकारी होनी चाहिए.

एक रिसर्च बताती है कि बहुत उच्च तापमान शुक्राणु के लिए हानिकारक साबित हो सकता है. इसी कारण हाल ही में पुरुषों को शुक्राणुओं की संख्या या एकाग्रता में कमी के डर से अंडरवीयर पहनने से बचने के लिए कहा गया. हालांकि, हाल ही के दो अध्ययनों के अनुसार, अंडरवियर का चुनाव से इस बात पर कोई फर्क नही पड़ता.

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फ्रांस में हुए एक शोध में बताया गया था कि 1990 के दशक के बाद से पूरे विश्‍व में स्‍पर्म काउंट यानी प्रति मि‍लीलीटर वीर्य में शुक्राणुओं की संख्‍या घट गई है. इतना ही नहीं इस दौरान शुक्राणुओं की गुणवत्‍ता में भी कमी आयी. इस शोध में पाया गया है कि 1985 से 2005 के बीच पुरुषों में स्‍पर्म काउंट में 30 प्रतिशत तक की कमी दर्ज हुई है. सोध के अनुसार स्‍वस्‍थ शुक्राणु भी वर्तमान में आसानी से नहीं मिल पा रहे हैं.

सिन्‍थेटिक अंडरवियर

हम सभी जानते हैं कि जननांगो की स्वच्छता बेहतर स्वास्थ्य के लिए बहुत मायने रखती है. क्योंकि सिन्‍थेटिक अंडरवियर जल्‍दी सूखती नहीं है, जिससे पसीने की वजह से वहां यीस्‍ट इंफेक्‍शन, गीलेपन की वजह से खुजली होना तथा बदबू आने का डर हमेशा रहता है.

सूती अंडरवियर

कुल मिलाकर बात इतनी है कि सूती अंडरवियर सेहत के दृष्टी से भी और पहनने में भी आरामदाय होते हैं तो पुरुषों को चाहिए की वे आमतौर पर रोजमर्रा में सूती अंडरवियर ही पहनें. हां कभी कबहार विशेष मौकों पर स्टाइलिश सिन्‍थेटिक अंडरवियर पहनने में कोई गुरहेज नहीं.

अंडरवियर की ये जानकारी के साथ हम आपको पता दे की अगर आप भी गुप्त अंग में किसी स्किन प्रोब्लम से परेशान है तो जल्द से जल्द डाक्टर की सलाह ले साथ ही जरुरी साफ सफाई भी रखे.

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कोरोनाकाल में शादी तो कर ली पर हनीमून पर जाने का प्लान करते हुए डर रही हूं, मैं क्या करूं ?

सवाल

अक्तूबर में हमारी शादी हुई है. कोरोनाकाल में शादी तो कर ली लेकिन हनीमून को ले कर हमारे सपने धरे के धरे रह गए. घरवालों का कहना है कि विदेश नहीं जा सकते, तो अपने देश में ही कहीं घूमने चले जाओ. पति को जाने में कोई एतराज नहीं, लेकिन मैं ही हनीमून पर जाने का प्लान करते हुए डर रही हूं. क्या हमें हनीमून के लिए जाना चाहिए?

जवाब

कोरोना की वजह से जिंदगी में काफी बदलाव आए तो हैं लेकिन कुछ गाइडलाइंस के साथ लोगों को ट्रैवल करने की इजाजत मिल गई है. हालांकि पहले के मुकाबले यात्रा करना मुश्किल हो गया है लेकिन आप की नईनई शादी हुई है, तो हनीमून का प्लान कर सकते हैं, लेकिन कुछ बातों का खास खयाल रखें.
फ्लाइट में यात्रा करने के कुछ नियम बदल गए हैं, इसलिए इन नियमों का पता कर लें ताकि सफर में परेशानी न हो. हवाई यात्रा के दौरान सोशल डिस्टैंसिंग के नियमों का पालन करें, साथ ही फेस मास्क पहनना और हाथों में दस्ताने पहनना न भूलें. हवाई जहाज में आप को खानेपीने की वस्तुएं नहीं दी जाएंगी. इस कारण आप अपने साथ पीने के लिए पानी जरूर रखें साथ ही हो सके तो टिशू पेपर भी जरूर रखें. साथ में ग्लब्स पहन कर रखें. होटल की बुकिंग करने से पहले फ्लाइट की उपलब्धता की तारीख चैक कर लें.

हनीमून पर जाते वक्त अपनी सुरक्षा को ले कर किसी तरह का कोई भी कंप्रोमाइज न करें. आप ने जहां कहीं भी जाने का प्रोग्राम बनाया है उस जगह पर पहुंचने के बाद होटल ढूंढ़ने से बेहतर है कि आप औनलाइन ही बुकिंग कर लें. होटल के मामले में लापरवाह न बनें और रैप्युटेड होटल में ही जाएं.

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मेरी पत्नी की डिलीवरी अस्पताल में होने वाली है, ऐसे में बच्चे को कोविड हो गया तो, कोई सुझाव दें

सवाल

मेरी उम्र 30 वर्ष है. 2 साल हो गए हैं शादी हुए. मेरी पत्नी और मैंने इस वर्ष बेबी के लिए प्लान किया था. लेकिन कोविड-19 के कारण हम अगले साल के लिए बच्चे के बारे में सोचने लगे. लेकिन लापरवाही की वजह से पत्नी प्रैग्नैंट हो गई. पत्नी अबौर्शन नहीं कराना चाहती थी. इस बात को 4 महीने हो गए हैं. पत्नी अब डिप्रैशन में रहने लगी है. उसे हर वक्त भय रहता है कि डिलीवरी के वक्त अस्पताल जाना पड़ेगा और कोरोना के चलते बच्चे को कुछ हो गया तो हम सभी बड़ी मुश्किल में फंस जाएंगे. सु झाव दें, इस स्थिति में मैं उसे कैसे समझाऊं?

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जवाब

डिप्रैशन ऐसी समस्या है जो व्यक्ति को स्वस्थ से अस्वस्थ बना देती है. इस का प्रभाव पूरे शरीर पर पड़ता है. खासकर जब महिला गर्भवती हो. आप की पत्नी की डिप्रैशन की वजह आजकल के हालात हैं. इस समस्या को दूर करने के लिए आप को व परिवार में सभी को उन का ध्यान रखना होगा. उन्हें पूरी तरह से आश्वस्त करें कि वे घर में पूरी तरह से सुरक्षित हैं और होने वाला बच्चा अपनेआप सुरक्षित है.
पत्नी को टीवी चैनल की तनावभरी न्यूज से दूर रखें. उन्हें अपना प्यार और स्नेह दें. उन्हें सम झाएं कि वे तनाव में रहेंगी तो असर बच्चे पर पड़ेगा जिस के लिए वे इतना चिंतित हैं. एक स्वस्थ बच्चे के लिए उन्हें खुश रहना है.

जहां तक अस्पतालों की बात है, तो उन्हें उन की गाइनोकोलौजिस्ट से संपर्क करवाएं. उन से उन की वीडियो कौलिंग करवा सकते हैं. वह सम झाएगी कि मैटरनिटी वार्ड अलग हैं. वहां सावधानी बरती जा रही है. डाक्टर के सम झाने से वे आश्वस्त हो जाएंगी.

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हम भी यही सलाह देते हैं कि उन्हें समय से दवाएं, पौष्टिक आहार दें. डाक्टर ने जो निर्देश दिए हैं उन का पालन करें. पौजिटिव सोच एक स्वस्थ बच्चे को जन्म देगी.

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अक्षरा सिंह ने इस गाने में बताया ‘BOYFRIEND बदलने का नया तरीका’ देखें Viral Video

भोजपुरी दिलों की धड़कन अक्षरा सिंह लगता है अब उन लड़कों को सबक सीखा कर ही दम लेंगी, जो लड़कियों के इमोशन के साथ खिलवाड़ करते हैं. तभी अक्षरा ने अपना नया हिंदी रैप सांग ‘BOYFRIEND बदलने का नया तरीका’ लेकर आयीं है, जो उन्होंने अपने ही यूट्यूब चैनल से रिलीज किया है. अक्षरा का यह गाना रिलीज के साथ ही वायरल होने लगा और महज कुछ ही घंटों में इस गाने को 1 लाख (100234) व्यूज मिले हैं.

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अक्षरा सिंह अपने इस रैप सांग में थोड़ा गुस्से में नजर आ रही हैं और लड़कियों से खासकर कह रही हैं कि अब वे भी अपने पसन्द से किसी को बॉयफ्रेंड बनाये और उसे बदले भी. ‘BOYFRIEND बदलने का नया तरीका’ क्या होगा, यह अक्षरा के इस गाने में साफ नजर आ रहा है. अक्षरा का यह गाना वायरल तो हो ही रहा है, साथ ही लड़कियों के बीच खूब पसंद भी किया जा रहा है. ये गाने को मिले रहे कमेंट से पता चलता है. वहीं, अक्षरा ने इस गाने को लेकर साफ कहा कि जब लड़के लड़कियों को छोड़ने में हिचकते नहीं, तो लड़कियां भी क्यों पीछे रहे. शायद इसलिए अक्षरा ने BOYFRIEND को लेकर उलझन में रहने वाली लड़कियों को नया तरीका सुझाया है और अपने इंस्टाग्राम एकाउंट पर लिखा है – लो जी आ गया नया तरीका.

बहरहाल अक्षरा के ‘BOYFRIEND बदलने का नया तरीका’ का असर लड़कियों पर क्या होता है, वो तो देखने की बात होगी. लेकिन इतना तय है कि जिस तरह से अक्षरा के गानों को लोग पसन्द कर रहे हैं, वो इस बात की ओर इशारा करता है कि यह गाना भी चार्टबस्टर होने वाला है. आपको बता दें कि हिंदी रैप सांग ‘BOYFRIEND बदलने का नया तरीका’ को अक्षरा ने खुद गया है. लिरिक्स सूरज सिंह (आरा) का है. म्यूजिक आशीष वर्मा का है. वीडियो डायरेक्टर पंकज सोनी हैं.

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मैं सबके सामने अपनी बात बोल देता हूं पर इम्प्रेस नहीं कर पाता, मैं क्या करूं?

सवाल

मैं 21 वर्षीय युवक हूं. कालेज की पढ़ाई पूरी कर चुका हूं. शुरू से ही पढ़ाईलिखाई में अव्वल रहा हूं. कालेज में आकर मुझे यह एहसास हुआ कि बेशक मैं पढ़ाई में तेज हूं लेकिन मेरा कम्युनिकेशन स्किल अच्छा नहीं है. क्लास में कुछ लड़के पढ़ाईलिखाई में ज्यादा तेज नहीं थे लेकिन अपने बोलने के तरीके से वे कक्षा में सब को प्रभावित कर देते थे. मैं सब के सामने अपनी बात बोल तो देता हूं पर प्रभावित नहीं कर पाता. ऐसा क्या करूं कि जब मैं बोलूं तो सब का ध्यान मेरी तरफ आकर्षित हो?

जवाब

व्यक्ति के व्यक्तित्व को सिर्फ पढ़ाईलिखाई नहीं निखारती, बल्कि उस का उठनाबैठना, बोलने का तरीका, पहनावा आदि बातें भी व्यक्तित्व को प्रभावशाली बनाती हैं.

जहां तक आप की बात है, पढ़ाईलिखाई में आप अव्वल हैं लेकिन सब के सामने अपनी बात रखने का तरीका आप को नहीं आता. आप की कैरियर बनाने की उम्र है और किसी भी प्रोफैशन या सामाजिक तौर पर कम्युनिकेशन स्किल सब से जरूरी है. जब तक आप अच्छे से कम्युनिकेट नहीं कर पाएंगे, आप की ग्रोथ नहीं होगी.

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सब से पहले अपनी बौडी लैंग्वेज को जज करें, कहीं ऐसा तो नहीं है कि आप बोल तो कुछ रहे होते हैं और बौडी लैंग्वेज कह कुछ और रही होती है. बात करने के दौरान यह जानें कि आप किस से बात कर रहे हैं. हर किसी के साथ बात करने का तरीका अलग होता है. जब आप एक बच्चे के साथ बात करते हैं तो अलग तरह के कम्युनिकेशन का सहारा लेते हैं. वहीं, औफिस में हमें प्रोफैशनल कम्युनिकेशन स्किल्स का सहारा लेना होता है. बातचीत के दौरान सही शब्दों के चयन पर ध्यान देने लगेंगे तो लोग आप की बातों को ध्यान से सुनना शुरू कर देंगे.

हमेशा शांत और सहज रहें. बातों में किसी भी प्रकार का तकियाकलाम हमेशा जोड़ने की कोशिश न करें. पौइंट टू पौइंट बात करना आप के लिए और सामने वाले दोनों के लिए आसान होगा. जो भी बोलें, उस पर कायम रहें. बारबार अपनी ही बात न काटें. एक बात हमेशा ध्यान में रखें कि दूसरे की बात भी सुनें, न कि अपनी ही हांकते रहें. इन सब बातों का ध्यान रखना शुरू कर दें, आप अवश्य परिवर्तन देखेंगे.

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मेरे गर्दन में दर्द रहने लगा है ज्यादा देर बैठा नहीं जाता, मैं क्या करूं?

सवाल

लौकडाउन शुरू होने के साथ ही वर्क फ्रौम होम शुरू हो गया. आई टी कंपनी में हूं, इसलिए सारा काम कंप्यूटर पर ही होता है. घर में शुरू में तो कोई दिक्कत नहीं आई लेकिन अब गरदन में दर्द रहने लगा है. ज्यादा देर बैठा नहीं जाता. काफी परेशान हो गया हूं. कोई निदान सुझाएं?

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जवाब

आप ने बताया कि सारा दिन आप कंप्यूटर पर काम करते हैं. हो सकता है घर पर कंप्यूटर के आगे बैठने की पोजिशन सही न हो. कुरसी आरामदायक न हो. कई घंटे टीवी व मोबाइल देखना भी एक कारण हो सकता है. इस से बचें. बैठने के सही तरीके व गरदन की ऐक्सरसाइज से आराम मिल सकता है. अगर फिर भी आराम न मिले तो फिजियोथेरैपिस्ट को दिखाएं.

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मैं अपने बच्चे को मिल्क पाउडर का दूध पिलाती हूं, क्या यह उसके हेल्थ के लिए सही है ?

सवाल

मैं 30 वर्षीया महिला हूं. शादी के 5 वर्षों बाद काफी इलाज के बाद बच्चा हुआ है. शुरू के कुछ दिन तो मैं स्तनपान कराती रही लेकिन अब ज्यादा दूध नहीं आता है. बच्चे का पेट नहीं भरता, इसलिए रोता है. आखिर में उसे ऊपरी दूध देना पड़ रहा है. बच्चे को मिल्क पाउडर वाला दूध पिलाते वक्त बहुत दुखी होती हूं. हर वक्त उस की सेहत की चिंता सताती रहती है. क्या करूं?

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जवाब

देखिए, सब से पहले तो आप डाक्टर से मिल कर परामर्श लीजिए कि स्तनों में दूध न आने की वजह क्या है. दूध का न आना मां के स्वास्थ्य से जुड़ा होता है, जैसे मोटापा भी शरीर में दूध उत्पादन की प्रक्रिया के धीमा होने का कारण हो सकता है. शिशु के जन्म के समय तनाव, रक्त में लौह तत्त्व के स्तर को भी सीधे दूध के उत्पादन दर से संबंधित माना जाता है. कुछ दवाओं का उपयोग करने से भी यह समस्या हो सकती है.

लेकिन, तब तक आप की समस्या है नवजात शिशु को ऊपरी दूध पिलाने की. देखिए, कई बार मजबूरी हो जाती है कि बच्चे को मां के दूध के बजाय मिल्क पाउडर से बना दूध दिया जाता है. बेबी मिल्क पाउडर तरल दूध को वाष्पीकृत कर के कृत्रिम रूप से बनाया जाता है. यह पूरी तरह से एक नवजात की पोषण संबंधी जरूरतों को पूरा करने में मददगार होता है. मां के दूध का यह सुरक्षित विकल्प है. इस में वे सभी पोषक तत्त्व होते हैं जो एक नवजात शिशु के विकास के लिए जरूरी हैं. यह बच्चे को एनीमिया से बचाने और संक्रमण के खिलाफ लड़ने के लिए मजबूत बनाता है. सो, ज्यादा चिंता न करें. तनावमुक्त रह कर खुशी के साथ अपने बच्चे को बेबी मिल्क पाउडर से बना दूध पिलाएं और उस की देखभाल करने में ध्यान लगाएं.

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मेरी पत्नी के घरवालों ने मुझ पर नाबालिग लड़की को अगवा करने का केस दर्ज करा दिया है, मैं क्या करूं?

सवाल-

मैं एक मुसलिम लड़का हूं. 4 साल पहले मैं ने अपने ही गांव की एक 15 साल की हिंदू लड़की से शादी की थी. हमारा 2 साल का एक बेटा है. लड़की के मांबाप हमें तंग करते हैं. उन्होंने मुझ पर नाबालिग लड़की को अगवा करने का केस दर्ज करा दिया है. मैं क्या करूं?

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जवाब-

बहुत खूब. आप ने पहले तो 15 साल की लड़की से शादी कर ली और कम उम्र में ही उस की गोद भी भर दी, कानूनन यह गुनाह है. अब खामोशी से रहें या फिर कहीं और जा कर बस जाएं. लड़की चूंकि नाबालिग है, इसलिए आप कमजोर पड़ रहे हैं. कानूनन नाबालिग लड़की की मरजी के कोई माने नहीं होते हैं, फिर भी आप को?थोड़ीबहुत राहत मिल सकती है. इस के लिए आप अपने इलाके के किसी नामी वकील से मशवरा लें.

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मुझे इन दिनों कोविड-19 के कारण डर लगता है कि कहीं पति भी इस बीमारी के शिकार ना हो जाए!

सवाल

मैं 55 वर्षीया गृहिणी हूं, पढ़ीलिखी हूं और घरबाहर की दुनिया से पूरी तरह अपने को अपडेट रखती हूं. कोविड-19 के कारण औरों की तरह मैं ने भी अपने परिवार और स्वयं को घर में सुरक्षित रखा हुआ है. लेकिन जब से लौकआऊट शुरू हुआ है तो सरकारी नौकरी होने के कारण पति को औफिस जाना पड़ता है. आशंकित रहती हूं कहीं पति को कोरोना संक्रमण हो गया तो क्या करूंगी. यदि पति को होम क्वारंटाइन करना पड़ गया तो कैसे सब मैनेज करूंगी. कृपया सलाह दें.

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जवाब

आप का पति को ले कर चिंतित होना जायज है. एहतियात के तौर पर और मानसिक रूप से हर किसी को इस बीमारी से लड़ने के लिए तैयार रहना चाहिए.

यदि घर का कोई भी सदस्य इस से संक्रमित हो जाता है तो लक्षणों को देखते हुए उसे होम क्वारंटाइन कर देना चाहिए. यह दूसरी बात है कि व्यक्ति की हालत यदि ज्यादा खराब है तो उसे अस्पताल ले जाना ही पड़ेगा परंतु व्यक्ति को सामान्य बुखार के साथ बाकी लक्षण हैं तो उसे होम क्वारंटाइन की जरूरी गाइडलाइंस का पालन करना चाहिए.

अच्छे वैंटिलेशन वाले कमरे में मरीज को आइसोलेट कर के रखें. मरीज अपने कमरे में ही रहे. केवल एक ही व्यक्ति जिस की इम्युनिटी पावर सही है उसे ही मरीज की देखभाल में लगाएं.
मरीज से किसी भी प्रकार का शारीरिक संपर्क होने के बाद अपनेआप को अच्छे से सैनिटाइज करें. मरीज से मिलने के तुरंत बाद घर के सदस्यों से न मिलें.

हाथ सुखाने के लिए घर के टौवल का नहीं बल्कि डिस्पोजेबल पेपर टौवल का इस्तेमाल करें. अपने हाथों से चेहरे, नाक, मुंह, आंख को न छुएं. घर के सभी सदस्यों को मास्क पहने रहना जरूरी है. हाथों में ग्लव्स भी पहने रहें और उन्हें दोबारा न इस्तेमाल करें. जब भी ग्लव्स या मास्क पहनें या उतारें, हाथों को साबुन से अच्छी तरह धोएं. मरीज के लिए कपड़े, चप्पल और खाने के बरतन अलग रखें. उन्हें दूसरे सदस्यों के साथ शेयर न करें.

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मैं 25 वर्षीया वर्किंग गर्ल हूं, अगले महीने मेरी शादी होने वाली है लेकिन मैं डरी हुई हूं क्योंकि मेरे ब्रेस्ट छोटे हैं ऐसे में स्तनों का आकार बढ़ाने के लिए मुझे क्या करना चाहिए?

सवाल

मैं 25 वर्षीया वर्किंग गर्ल हूं. मेरी सुंदरता, अच्छी कदकाठी व खासी लंबाई लोगों को आकर्षित भी करती है लेकिन मेरे स्तन छोटे एवं लटके हुए हैं. अगले महीने मेरी शादी होने वाली है. मुझे डर है कि मेरे होने वाले पति को शायद यह अच्छा न लगे. मैं स्तनों का आकार बढ़ाने और इन्हें सुडौल करने के लिए क्या करूं?

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जवाब

व्यायाम या मालिश करने से स्तनों के माप में कोई परिवर्तन नहीं होता, ये सिर्फ स्तन के आसपास की मांसपेशियों को मजबूत करते हैं. पूर्णतया अर्धगोलाकार स्तन केवल औपरेशन या दूसरी तकनीकों द्वारा ही प्राप्त किए जा सकते हैं.

जहां तक आप की बात है, आप बेकार की चिंता कर रही हैं. महिला के स्तन के आकार का सैक्स के प्रति रुचि और यौनिक आनंद यानी अंतरसंबंध बनाने में आनंद लेने या देने की क्षमता से कोई संबंध नहीं होता है. आप की यौनिकता यानी सैक्सुअलिटी केवल आप के शरीर के कुछ हिस्सों तक ही सीमित नहीं है.

आप का पूरा शरीर आप के आकार, रंग, आकृति और वजन पर ध्यान दिए बिना भी यौनिक है. अपने पूरे शरीर का आनंद लें. चिंतामुक्त विवाह उपरांत सैक्स को पूरी तरह एंजौय करें.

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