अच्छी सेहत के लिए बेहद जरूरी है सेक्स

Sex News in Hindi: हमारे प्राचीन साहित्य (Ancient Literature) में सेक्स को ले कर खुल कर चर्चा हुई है और महर्षि वात्स्यायन ने सेक्स को ले कर कामसूत्र (Kamasutra) जैसे ग्रंथ की रचना की है. यह विडंबना की बात है कि हमारे यहां आज भी सेक्स (Sex) पर खुल कर बात करना वर्जित माना जाता है और सेक्स को एक टैबू (Taboo) माना जाता है. घरेलू महिला (Domestic Women) सुनीता एवं मैरिज काउंसलर दीप्ति के अनुसार, ‘‘सेक्स जरूरी है, जीवन का अभिन्न अंग है, यह आनंद देता ही है. आनंद देने के साथसाथ सेक्स सृष्टि के चलते रहने के लिए संतान की उत्पत्ति का एकमात्र साधन भी है.’’

यौन रोग विशेषज्ञ प्रकाश कोठारी के अनुसार सेक्स शारीरिक प्रक्रियाओं और हारमोंस के संचालन को नियमित रखता है. इस से शरीर के इम्यून सिस्टम यानी प्रतिरोधात्मक क्षमता को बढ़ावा मिलता है. सप्ताह में 2 बार सेक्स करने वालों की अपेक्षा जो कभीकभी सेक्स कर पाते हैं उन में इम्यूग्लोबिन ‘ए’ का स्तर कम पाया जाता है और रोग प्रतिरोधात्मक क्षमता काफी कम होती है. ऐसे लोग अकसर बीमार रहते हैं. इसलिए विवाहितों की अपेक्षा अविवाहितों की मृत्युदर अधिक पाई गई है.

सेक्स से प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि

कैंसर रोग के खतरे से बचाव होता है, क्योंकि पिछले 35 सालों में जो व्यक्ति जितना अधिक स्खलित होता है उस की अपेक्षा कम स्खलित होने वाले पुरुषों की तुलना में 33% कम प्रोस्टेट कैंसर पाया गया, जबकि पुरुषों में उम्र बढ़ने के साथ प्रोस्टेट कैंसर होने का खतरा अधिक रहता है.

प्रौढ़ावस्था संभालने में सहयोगी

प्रौढ़ावस्था एक ऐसी सीढ़ी है, जिस पर कदम रखते ही स्त्रीपुरुष दोनों ही कुंठाग्रस्त होने लगते हैं, खासकर पुरुष. ऐसे में सेक्स ही कुंठानाशक होता है. यह स्त्रीपुरुष दोनों को एहसास कराता है कि युवावस्था के बाद भी आप का जीवन पूर्ववत चल रहा है, आने वाले जीवन में विशेष प्रभाव नहीं पड़ता है.

सेक्स सौंदर्य बढ़ाता है

1999 में प्रकाशित ‘सुपर यंग’ के लेखक डाक्टर डेविड ने इस संबंध में अनेक शोध कार्य किए. शोध ने प्रमाणित किया कि जो पतिपत्नी सप्ताह में 4 बार औसतन सहवास क्रिया को अंजाम देते हैं वे अपनी वास्तविक उम्र से कम से कम 10 साल छोटे दिखते हैं.

सेक्स उम्र बढ़ाने में मददगार

डा. चार्नतेस्की एवं डा. प्रकाश कोठारी के अनुसार, ‘‘संतुलित सेक्स का आनंद लेने वाले स्त्रीपुरुष, जो करीब 10 सालों में अधिकतम चरमसुख प्राप्त करते हैं, वे कम चरमसुख महसूस करने वाले स्त्रीपुरुषों की अपेक्षा अधिक उम्र तक जीवित रहते हैं.

सेक्स सही ऐक्सरसाइज

पत्रकार मधु सेक्स को सही ऐक्सरसाइज मानती हैं, सेक्स एक अच्छाखासा व्यायाम है. आप रात या सुबहसुबह खुल कर सेक्स करती हैं तो यह आप को चुस्तदुरुस्त रखता है. सेक्स खून के दौरे को नियंत्रित करने में सहायक ही नहीं होता, बल्कि नियमित सेक्स कोलैस्ट्रौल को कम करता है और अतिरिक्त कैलोरी को नष्ट करने में भी सहायक होता है.

सेक्स वजन घटाता है

स्त्रीपुरुष यदि हफ्ते में कम से कम 5 बार सेक्स सुख लेते हैं तो यकीनन उन का बढ़ा हुआ वजन घटाने में सेक्स मददगार होगा, क्योंकि सहवास के दौरान प्रति मिनट में 4-5 कैलोरी और 1 घंटे में 300 कैलोरी कम हो जाती है.

बीमारी से बचाव

सेक्स करने की सलाह देते हुए डा. प्रकाश कोठारी और डा. अशोक जैन का कहना है कि हर स्वस्थ स्त्रीपुरुष के लिए सेक्स जरूरी है. खासकर महिलाओं को होने वाली बीमारियों से सेक्स बचाता है. महिलाओं को विवाह करने की सलाह भी इसलिए दी जाती है ताकि उन की शारीरिक क्रिया संतुलित रहे वरना हिस्टीरिया जैसी बीमारियां जकड़ लेती हैं. बच्चे के जन्म के बाद स्त्री के गर्भाशय की सफाई हो जाती है. स्त्री के शरीर को यदि संतुलित एवं सिस्टम में रखना है तो सेक्स निहायत जरूरी है.

डिप्रैशन कम करने में सहायक

डिप्रैशन में सेक्स रामबाण का काम करता है. दिलीप और मंजू पतिपत्नी दोनों कई बार अवसाद से घिर जाते हैं. जब उन्हें लगता है कि घरेलू समस्याएं उन्हें अवसाद की ओर ले जा रही हैं तो दोनों आपस में खुल कर सेक्स का लुत्फ उठाते हैं.

क्रिएटिव सोच

सेक्स से स्त्रीपुरुष दोनों की सोच में परिवर्तन होते हैं. परिवर्तन से दिमाग में नई क्रिएटिव प्रक्रिया को अंजाम देने की सोच ही पैदा नहीं होती, बल्कि क्रिएटिव कामों को अंजाम भी दिया जाता है. सेक्स एक मैडिसिन है. इस का सब से बड़ा फायदा है कि यह केवल स्वस्थ ही नहीं रखता बल्कि जिंदगी को खुशनुमा भी बनाता है.

अपनाएं उमंगभरा सेक्स

उमंगभरे सेक्स के लिए हफ्ते में 5-6 दिन कुछ कार्डियो (हृदय संबंधी) व्यायाम करें. इस से सेक्स क्षमता बढ़ेगी, कैलोरी बर्न होगी और ब्लड शुगर नियंत्रण में रहेगा. स्त्रीपुरुष दोनों ही स्वस्थ रहने के साथसाथ खुश भी रहेंगे.

भावनात्मक संबंध मजबूत करता है

जब तक स्त्रीपुरुष के भावनात्मक संबंध आपस में प्रगाढ़ नहीं होंगे तब तक सेक्स आप के लिए जरूरी नहीं होगा. मानसिक लगाव के बिना सेक्स अधूरा है. इस के अभाव में केवल खानापूर्ति ही होती है. सेक्स के बिना जिंदगी बेरौनक है. दांपत्य जीवन को तरोताजा रखने के लिए सेक्स को जीवन का अहम हिस्सा मान कर चलें.

 

पिता बनने में परेशानी बन सकता है गलत अंडरवियर, जानें कैसे

Sex News in Hindi: ज्यादातर पुरुष 2 ही तरह के अंडरवियर पहनना पसंद करते है और वे दो हैं बौक्सर और ब्रीफ. मार्केट में बिकने वाले हजारों में से अपने लिए सही अंडरवियर चुनना काफी मुश्किल हो सकता है. क्या आप जानते हैं कि गलत अंडरवियर आपके लिए काफी सारी परेशानियां खड़ी कर सकता है और उन बीमारियों में से एक मुख्य बीमारी है शुक्राणुओं की कमी.

25 प्रतिशत तक कम हो सकता है स्पर्म काउंट…

जी हां गलत अंडरवियर पहनने से आपका पिता बनना मुश्किल हो सकता है. एक रिसर्च के मुताबिक जो पुरुष टाइट अंडरवियर पहनते हैं उन पुरुषों में शुक्राणुओं की संख्या 25 प्रतिशत तक कम हो सकती है और यही नहीं बल्कि टाइट अंडरवियर से स्पर्म काउंट और क्वालिटी दोनों कम हो सकते हैं.

अगर कंपेयर किया जाए तो जो पुरुष टाइट अंडरवियर ना पहन के ढीले अंडरवियर पहनना पसंद करते हैं उन पुरुषों की स्पर्म क्वालिटी काफी बेहतर होती है उन पुरुषों से जो टाइट अंडरवियर पहनते हैं. स्पर्म काउंट और क्वालिटी पुरुषों के पिता बनने में काफी प्रभाव डालता है.

स्टाइलिश के साथ खतरनाक भी है टाइट अंडरवियर…

बौक्सर अंडरवियर हमारी जांघों के पास से ढीले होते हैं जो काफी कंफरटेबल होते हैं और वहीं दूसरी तरफ ब्रीफ अंडरवियर की शुरुआत बौक्सर के मुताबिक काफी समय बाद हुई था और ब्रीफ अंडरवियर बिकनी की तरह बौडी से चिपका होता है और इसकी टाइट फिटिंग की वजह से ये काफी स्टाइलिश लगता है. यही कारण है कि आज कल के लड़के ब्रीफ पहनना ज्यादा पसंद करते हैं.

अंडकोषों का तापमान होना चाहिए कम…

टाइट अंडरवियर पहनने से स्पर्म क्वालिटी काफी हद तक प्रभावित होती है क्योंकि पुरुषों में स्पर्म टेस्टिस यानी अंडकोष में होता है जिसका तापमान से काफी असर पड़ता है. हमारे शरीर का तापमान वैसे ही काफी गरम होता है और हमारे शरीर के अनुसार अंडकोषों का तापमान 2-4 डिग्री सेल्सियस तक कम काफी जरूरी है.

यही कारण है कि टाइट अंडरवियर पहनने से शरीर से निकलने वाली गर्मी के कारण अंडकोष भी गर्म हो जाते हैं और स्पर्म क्वालिटी खराब हो जाती है. हमें जितना हो सके ढीले अंडरवियर पहनने चाहिए ताकी हमारे शरीर के अनुसार अंडकोषों का तापमान कम रह सके.

इन 6 टिप्स से बचे इरेक्टाइल डिसफंक्शन से

Lifestyle tips in Hindi: इरेक्टाइल डिसफंक्शन (Erectile disfunction) एक यौन समस्या (Sex Problem) है पर ना जाने क्यों लोग इसको अपने आत्मसम्मान (Self-Respect) से जोड़ कर इसका इलाज नहीं कराते और सभी से छुपा कर रखते है. इसके दौरान पुरुषों को इरेक्शन होने में परेशानी होती है. उम्र बढ़ने के साथ इस समस्या की संभावनाएं बढ़ जाती हैं. इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के कारण आपका यौन जीवन प्रभावित होता है और आपको अपने प्रेम संबंधों के दौरान शर्मिंदगी महसूस करनी पड़ सकती है. समय रहते अगर आप डाक्टर से सलाह ले तो आप जल्द इस समस्या से निजात पा सकते है. पर ऐसा बहुत कम देखा जाता हैं. बहुत से लोग इस समस्या को किसी के साथ साझा नहीं करते, यहां तक कि वो अपने पार्टनर के साथ इस बात को शेयर करने से कतराते हैं. इस कारण समस्या का समाधान और मुश्किल हो जाता है. इसलिए आज हम लेकर आए हैं वो कुछ बचाव जिससे आप इरेक्टाइल डिसफंक्शन को खुद से दूर रख सकते है.

1. एल्कोहल से रहें दूर

एल्कोहल का सेवन जहां आपकी सेक्सुअल डिजायर को बढ़ाता है वहीं आपकी परफौर्मेंस को कम कर देता है. इसलिए अत्यधिक मात्रा में शराब का सेवन ना करें. यह आपकी लव लाइफ के लिए खतरा हो सकती है.

2. धमनियों के स्वास्थ्य की करें चिंता

अगर आपको कोलेस्ट्रौल की समस्या है तो इस कारण भी इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या हो सकती है. कोलेस्ट्रौल बढ़ जाने के कारण आपकी धमनियां सिकुड़ने लगती हैं जिससे आपके जनानांग में रक्त का प्रवाह नहीं हो पाता और इरेक्शन होने में दिक्कत होती है. इसलिए कोलेस्ट्रौल को नियंत्रित रखें और धमनियों के स्वास्थ्य पर ध्यान दें.

3. धूम्रपान भी हो सकता है कारण

सिगरेट का सेवन भी आपका यौन जीवन बिगाड़ सकता है. सिगरेट में मौजूद निकोटीन आपकी रक्त धमनियों को सिकोड़ देता है जिससे आपको निजी अंगों में रक्त पर्याप्त मात्रा में नहीं पहुंच पाता है और इसी कारण इरेक्शन नहीं होता है.

4. वजन को रखे कट्रोल में

शोध बताते हैं कि जो लोग मोटापे का शिकार होते हैं उन्हें इरेक्शन में अधिक दिक्कत होती है. इसलिए बेहतर है कि आप स्वस्थ वजन रखें. इसके लिए आप नियमित रुप से एक्सरसाइज करें, साथ ही आप सही आहार भी ले सकते हैं. इससे ना केवल आप इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या कम होगी बल्कि आपका संपूर्ण स्वास्थ्य बना रहता है.

5. साइकिल चलाना भी है खतरनाक

अधिक साइकिल चलाने से आपको प्यूबिक एरिया में अधिक दबाव पड़ता है जिसके कारण रक्त धमनियों और नसों में रक्त का प्रवाह ठीक प्रकार से नहीं होता है. इस कारण लिंग तक पर्याप्त मात्रा में रक्त नहीं पहुंचता और यही इरेक्टाइल डिस्फंक्शन का कारण बनता है.

6. नियमित रूप से यौन संबंध बनाएं

अगर आप नियमित रूप से यौन संबध बनाते हैं तो इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या नहीं होती. इसलिए सप्ताह में एक बार यौन संबंध जरुर बनाएं. तो ये है वो 6 बाते जिसका आपको ध्याल रखना है और आप अगर इस समस्या से वाकई परेशान हो जो शर्माएं नहीं और डाक्टर की सलाह जरुर लें.

अट्रैक्शन बढ़ाने के लिए करें ये 8 Exercises

जवान होती युवतियों के लिए उन के शरीर की बनावट व कसावट बड़े मायने रखती है, जिस की बदौलत कोई भी युवती किसी युवक को अपनी तरफ न केवल आकर्षित कर सकती है, बल्कि उस के कैरियर को भी प्रभावित करती है. ऐसे में युवतियों के शरीर की कसावट ही उन की सुंदरता का निर्धारण करती है. किसी भी युवती की सुंदरता उस के नितंब के आकार व कसावट, त्वचा, कमर व स्तनों के चुस्तदुरुस्त होने से ही आंकी जा सकती है. शरीर के इन अंगों में ढीलापन किसी भी युवती के लिए दूसरे को अपनी ओर सैक्सुअली अट्रैक्ट करने में बाधक बनता है.

ज्यादातर युवतियां आकर्षक दिखने के लिए भारीभरकम पैसा खर्च कर फिटनैस विशेषज्ञों का सहारा लेती हैं. कई जगह जौब पर ऐसी ही युवतियों को रखा जाता है, जिन की फिगर देखने में जीरो साइज यानी उन के शरीर की बनावट ऐसी हो जो आसानी से किसी को भी अपनी तरफ आकर्षित करने की क्षमता रखती हो. इस के लिए युवती के स्तनों में कसाव, नितंबों का भरा होना, चेहरे पर निखार, चरबी मुक्त पतली कमर होना बहुत जरूरी है. फिटनैस विशेषज्ञ निरुपम श्रीवास्तव का कहना है कि सैक्सुअली आकर्षक दिखने वाली युवतियों के शरीर के कुछ अंग ऐसे होते हैं जिन के लोग दीवाने होते हैं. इन में कसे व उठे नितंब वाली युवतियों की न केवल फैशन में बल्कि फिल्म इंडस्ट्री में भी डिमांड है. वे आम जीवन में भी काफी लोकप्रिय होती हैं. पतली कमर, कसे स्तन व छरहरा बदन हर किसी को अपना दीवाना बना सकते हैं. सैक्सुअली अट्रैक्ट मानी जाने वाली फिगर को 36-24-36 इंच में मापा जाता है यानी युवती के सब से सैक्सी अंगों का यह आकार स्तन, कमर व नितंबों से मापा जाता है. वहीं अब ग्लैमर, फैशन व फिल्म इंडस्ट्री में 31-23-32 का आकार अच्छा समझा जाने लगा है.

फिटनैस विशेषज्ञ अनुराधा दूबे का कहना है कि सैक्सुअली आकर्षण बढ़ाने के लिए हर युवती को शरीर के इन अंगों का खासा ध्यान रखना पड़ता है. इस के लिए संतुलित खानपान से ले कर व्यवस्थित दिनचर्या की जरूरत होती है. लेकिन जिस की सब से ज्यादा जरूरत होती है, वह है फिगर को सैक्सी बनाए रखने के लिए कुछ महत्त्वपूर्ण व्यायाम, जिन से हर युवती खुद को आकर्षक बना सकती है. इस से न केवल मसाज पार्लर व फिटनैस सैंटर जाने से छुटकारा मिलेगा बल्कि आप अपने बदन को सैक्सी व छरहरा भी बना पाएंगी. सैक्सी दिखने के लिए त्वचा में कसाव के साथ निखार आना भी बेहद जरूरी है. वहीं नितंबों व स्तनों में कसाव, सुडौलता व कमर का पतला होना भी जरूरी होता है. ऐसी फिगर के लिए यहां बताए जा रहे 10 व्यायाम कर आप खुद को सैक्सुअली अट्रैक्ट बना सकती हैं.

1. एयर बाइक

यह व्यायाम त्वचा में कसावट लाने व निखार बढ़ाने के लिए किया जाता है. इस व्यायाम को करने के लिए सब से पहले आप पीछे की तरफ कमर के बल लेटें. इस के बाद दोनों कुहनियों को मोड़ते हुए हथेलियों को सिर के नीचे लगाएं. इस के बाद घुटनों को अपनी तरफ खींचें. फिर पुन: व्यायाम की दूसरी स्थिति में जाने के लिए आप कंधों को दूसरी तरफ ऊपर उठा कर अपनी दाईं कुहनी को बाएं घुटने की तरफ तब तक खींचें जब तक कि दोनों आपस में मिल न जाएं. इस के बाद इसी प्रक्रिया को बाईं कुहनी और दाएं घुटने के साथ करें. इस व्यायाम को कई बार करने से ढीली त्वचा में कसावट व चमक दोनों बढ़ जाती हैं.

2. लैग्स अप स्ट्रैट आर्म क्रंच

इस व्यायाम को करने से आप के ऐब्स व त्वचा दोनों में निखार आता है. इस को करने के लिए सब से पहले आप जमीन पर कमर के बल लेट जाएं और टांगों को 90 डिग्री तक ऊपर की तरफ उठाएं. टांगों को उठाते समय अपने दोनों हाथों में डंबल पकड़ना न भूलें. टांगों को ऊपर उठाने के दौरान डंबल्स भी धीरेधीरे हाथों से ऊपर उठाएं. डंबल्स को जहां तक आसानी से उठा पाएं वहां तक उठाने के बाद उस स्थिति को कुछ सैकंड तक ऐसे ही रहने दें. इस के बाद धीरेधीरे कंधों को ढीला छोड़ दें. इस प्रक्रिया को आप बारबार दोहराएं.

3. लाइंग लैग रेसेज

यह व्यायाम पेट की मांसपेशियों में कसावट लाने के लिए सब से उपयुक्त माना जाता है. इस व्यायाम को शुरू करने के लिए सब से पहले आप कमर के बल जमीन पर लेट कर अपनी टांगों व हाथों को टाइट करें. टांगों को फर्श से ऊपर 90 डिग्री पर उठाएं. इस दौरान जितना हो सके टांगों को टाइट रखें. इस के बाद टांगों को टाइट अवस्था में ही धीरेधीरे नीचे लाएं जब तक कि फर्श से सट न जाएं. इस प्रक्रिया को कई बार दोहराने से पेट व त्वचा में कसावट आती है.

4. सीजर जंप्स

नितंबों को सुडौल बनाने के लिए यह व्यायाम सब से अच्छा माना जाता है. इस के लिए आप को सीधे खड़े हो कर पैरों को फैलाना होता है, जिस से कि बीच में बहुत गैप हो. अब अपने पैरों की उंगलियों को एक तरफ मोड़ कर बैठने की कोशिश करें, लेकिन पूरी तरह बैठें नहीं. हाफ वे सिटिंग की मुद्रा में जितनी देर संभव हो, रहें. अब दोबारा उठ कर इसे करने की कोशिश करें. इस व्यायाम को बारबार करने से नितंबों की मांसपेशियों में कसावट आती है और नितंब आकर्षक दिखने लगते हैं.

4. वौल सिट

यह व्यायाम भी नितंबों को सैक्सी लुक देने के लिए किया जाता है. इस व्यायाम को शुरू करने के लिए सब से पहले अपनी पीठ को दीवार की तरफ ले जाएं और इस तरह बैठें जैसे कुरसी पर बैठते हैं. परंतु इस कसरत के दौरान सचमुच कुरसी का प्रयोग न करें, क्योंकि इस से आप को कोई फायदा नहीं होगा. इस प्रक्रिया के दौरान भी आप को अपना पेट कड़ा रखना होगा और आप का सारा भार पैरों पर होना चाहिए. अगर आप इस कसरत की आदी हो गई हैं तो अधिक लाभ प्राप्त करने के लिए अपना एक पैर आगे कर के रखें. दर्द कम करने के लिए हर 15 सैकंड में पैरों को स्विच करते रहें. इस से आप के नितंब अट्रैक्टिव नजर आएंगे.

4. स्ट्रेट लैग पल्स

इस व्यायाम को करने के लिए चलने की मुद्रा में कुछ इस तरह खड़े हों कि आप का दायां पैर आगे और बायां पीछे हो. अब बारबार पैर को जमीन से छूने की कोशिश करते हुए बैठें और एकसाथ अपने दोनों हाथ अपनी कमर पर रखें. इस मुद्रा में 2-3 मिनट रहने के बाद खड़ी हो जाएं. इस कसरत को जितनी देर हो सके उतनी देर करें. इस प्रक्रिया में आप की रीढ़ की हड्डी सीधी और आप का पेट कड़ा होना चाहिए.

5. पुशअप

स्तनों को आकर्षक बनाने के लिए यह सब से अच्छा व्यायाम माना जाता है. इस व्यायाम में शरीर को हवा में उठाया जाता है. इस व्यायाम को करने के लिए  समतल जगह का चुनाव करना जरूरी होता है, पुशअप्स करने से पहले थोड़ा वार्मअप करना बहुत जरूरी है, क्योंकि यह स्ट्रैंथ ट्रेनिंग ऐक्सरसाइज का एक प्रकार भी है, जो बिना जिम के किया जाता है. वार्मअप करने से आप का शरीर इस ऐक्सरसाइज के लिए थोड़ा तैयार हो जाता है. वार्मअप करने के बाद पुशअप्स की शुरुआत कीजिए. इस व्यायाम को शुरू करने के लिए पेट के बल सीधे हो कर मैट पर लेट जाइए. इस दौरान आप का पूरा शरीर सीधा होना चाहिए. पुशअप्स के दौरान सब से महत्त्वपूर्ण भूमिका आप के हाथपैरों की होती है, क्योंकि आप के पूरे शरीर का भार इन पर होता है. पुशअप्स से पहले शरीर का भार हाथों और पैरों के पंजों पर रखिए. घुटने भी सीधे रहें.

फिर अपने पूरे शरीर को हवा में कीजिए. अगर आप ने पुशअप्स के दौरान सांस अंदरबाहर करने का सही तरीका अपनाया तो पुशअप्स की गिनती आसानी से बढ़ा सकती हैं. शरीर को नीचे ले जाते वक्त सांस बाहर छोड़ें और उठाते वक्त सांस को अंदर की तरफ खींचिए. यदि पुशअप्स की शुरुआत करने जा रही हैं तो एक बार में ही ज्यादा करने से बचें. इस के 3 सैट बना लीजिए, 10-10 के 3 सैट से इस की शुरुआत कीजिए. बाद में अपनी क्षमतानुसार इस की संख्या बढ़ाइए.

6. डंबल्स

स्तनों को सुडौल बनाने के लिए यह व्यायाम सब से उपयुक्त माना जाता है. इस व्यायाम को करने के लिए सर्वप्रथम आप चटाई पर लेट जाएं और दोनों हाथों में एकएक डंबल ले लें. इस के बाद हाथों को सीधा करें. इस से आप की मांसपेशियों को बल मिलेगा. 2 मिनट तक ऐसा करने के बाद हाथों को अपने शरीर के दोनों तरफ ले जाएं. इस दौरान कुहनी को मोड़ें नहीं और न ही फर्श या चटाई पर टिकाएं. इस के बाद हाथों को फर्श से कुछ इंच ऊपर ही रखें. 10 मिनट तक इसी अवस्था में रहें और फिर हाथों को नीचे की तरफ लें. इस व्यायाम को प्रतिदिन 10 बार करने से स्तनों में आकर्षण के साथ कसावट आती है.

7. स्क्वैट्स

कमर के लिए यह सब से सरल व्यायाम है. इस व्यायाम को शुरू करने के लिए सीधी खड़ी हो जाएं और हाथों को अपने सामने की तरफ सीधे लेते हुए बिना घुटनों को ढीला छोड़ें, धीरेधीरे फिर वापस उसी स्थिति में आएं. यह ऐक्सरसाइज न केवल आप के हिप्स के फैट को कम करने में मदद करती है बल्कि पैरों की मांसपेशियों को भी टोन करती है.

8. साइकिलिंग

यह एक तरह से कमर, जांघों, कूल्हों और पिंडलियों की मांसपेशियों की कसरत होती है, जिस में इस्तेमाल होने वाली साइकिल पर रोजाना 2 से 3 मिनट तक व्यायाम करने से आप काफी कैलोरी बर्न कर सकती हैं. 45 मिनट की साइकिलिंग करें या फिर बाहर भी साइकिल चला कर कसरत कर सकती हैं. इस व्यायाम को करने से आप के शरीर का फैट कम हो जाता है.

क्यों है लहसुन मर्दों के लिए फायदेमंद? जानें यहां

लहसुन को किसी भी सब्जी मे दालने से उसका स्वाद तो बढ़ता है साथ ही वो कई मायनों में फायदेमंद है. लहसुन की अगर बात करें तो वेद में इसको “मेडिसिनल हर्ब”  के  तौर पर जाना जाता है. लहसुन में कई ऐसे पोषक तत्व पाए जाते है जो पेठ संबंध बीमारी के लिए काफी लाभकारी है. पर पुरुषों के लिए लहसुन का सेवन थोड़ा खास है, दरअसल लहसुन की कच्ची कली पेट के जीवाणु और विषाक्त पदार्थों को दूर करने में मदद करती है पर इसके अलावा शरीरिक रूप से कमजोर मर्दों के लिए लहसुन की कलियां बेहद फायदेमंद होती हैं. एक शोध से  ये बात  सामने आई है की शारीरिक रूप से कमजोर मर्द अगर सुबह खाली पेट लहसुन की 2 कलियां चबाए तो उनके प्राइवेट पार्ट के कार्पस कैवर्नोसा में रक्त का बहाव पूरा होता है, जिससे इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या दूर हो जाती है. कच्चा लहसुन उन पुरुषों के लिए रामबाण है, जो किसी कारणवश गुप्त रोग का शिकार हो गए हैं. लहसुन में में ऐफ्रोडिजिएक नाम का कामोत्तेजक गुण पाया जाता है, जो पुरुषों के लिए फायदेमंद साबित होता है.

पुरुषों को लहसुन से होने वाले फायदे क्या है?

  • लहसुन में सेलेनियम नाम का गुण पाया जाता है, जो पुरुषों को इंफर्टिलिटी से बचाता है.
  • लहसुन में प्रोटीन की भी मात्रा होती है, जो मांसपेशियां टोंड करने में मदद करती हैं.
  • लहसुन में पाए जाने वाले कार्बोहाइड्रेट्स से कमजोरी दूर होती है और आपकी बौडी को ऊर्जा मिलती है.
  • लहसुन में पाए जाने वाले एलिसिन से फैट बर्निंग की प्रक्रिया में गति आती है, जिससे वजन नियंत्रित होता है.
  • लहसुन में मौजूद फाइबर कब्ज जैसी पेट की समस्या को दूर करने में मदद करता है.

लहसुन में पाए जाने वाले एलिकिन नाम के तत्व में जीवाणुरोधी, एंटीवायरल, एंटीफंगल और एंटीऔक्सिडेंट गुण होते हैं. इसके अलावा इसमें विटामिन B1, B6 और C के साथ-साथ मैगनीज़ कैल्शिम, तांबा, सेलेनियम और अन्य जरूरी तत्व भी पाए जाते हैं.

ह्रदय संबंधी समस्या

लहसुन खाने से रक्त वाहिकाओं (Blood vessels) में खून का जमाव नहीं होता, जिससे हार्ट अटैक जैसी दिल से संबंधित समस्याओं का खतरा कम हो जाता है. लहसुन और शहद को मिलाकर खाने से दिल तक जाने वाली धमनियों में जमा फैट निकल जाता है, जिससे रक्त प्रवाह सही हो जाता है.

पेट की समस्या को रखें दूर

लहसुन का प्रयोग पेट से जुड़ी बीमारियों जैसे डायरिया और कब्‍ज की रोकथाम में बेहद मददगार है. उबले पानी में लहसुन की कलियां डालें और खाली पेट इस पानी को पी लें. इसे पीने से डायरिया और कब्‍ज से आराम मिलेगा. इतना ही नहीं यह पानी शरीर के अंदर मौजूद जहरीलें पदार्थों को भी बाहर निकालने में मदद करता है.

टेंशन से मिले राहत

लहसुन टेंशन दूर करने में भी मददगार है. दरअसल कई बार हमारे पेट के अंदर कई प्रकार के एसिड बनते हैं, जिनके कारण हमें घबराहट होने लगती है. लहसुन उन एसिडों को बनने से रोकता है, जिससे सिर दर्द और हाइपर टेंशन में आराम मिलता है.

तो ये है लहसुन के कुछ ऐसे फायदे जिससे शायद आप अब तक अंजान थे.

सर्दियों में हेल्दी रहने के लिए जरूर खाएं ये 5 चीजें

सर्दियों के मौसम में सेहत का ध्यान रखना बेहद जरूरी होता है. सर्दी से बचने के  लिये केवल गर्म कपड़े ही काफी नहीं है. बल्कि जरूरी है कि शरीर में अंदरूनी गर्माहट बनी रहे जिस के लिये हमें  अपने खान पान का ध्यान रखना अति आवश्यक है. अगर हमारा आहार पौष्टिक और शरीर को गर्माहट देने वाला होगा तो हमारी सेहत भी ठीक रहेगी व हम अपने शरीर को सर्दी से होने वाले संक्रमण से भी बचा सकते हैं. ज्यादातर लोगों  के साथ यह परेशानी होती है की सर्दी जुखाम, खासी की गिरफ्त में जल्दी ही आ जाते हैं. इसका कारण इम्युनिटी सिस्टम का कमजोर होना भी  होता है सर्दियों में  खास तौर पर बच्चों का ध्यान अधिक रखना होता है. सर्दियों के मौसम में  हमें सामान्य से 500 कैलोरी  अधिक लेनी चाहिये क्योंकि हमारा मेटाबोलिज्म रेट बढ़ जाता है जिस कारण हमें ज्यादा ऊर्जा की आवश्यकता होती है. हर मौसम में मौसमी सब्जी, फल, नट्स अपनी एक अलग अहमियत रखते है. यह हमारे शरीर के तापमान को मौसम के अनुसार बना कर रखते  हैं. सर्दियों में हमारा रक्त संचार धीमी गति से होता है , जिस कारण ब्लड ब्लड प्रेशर की समस्या हो जाती है. इससे निबटने के लिये जरूरी है कि खान पान का अधिक ध्यान रखा जाये.

रोजाना खाये गुड़

गुड़ की तासीर गर्म होती है जिससे शरीर का तापमान ठीक रहता है इसमें कैल्शियम व मैग्नीशियम तत्व पाए जाते हैं जो हड्डियों के साथ मांसपेशियों व नसों की थकान को दूर करता है. गुड़ खाने  से पाचन तंत्र तंदरुस्त रहता है डायबिटीज के शिकार लोग चीनी की जगह मीठे के रूप में गुड़ खा सकते हैं क्योंकि यह नैचुरल शुगर है.

बाजरा व मक्का  करें डाइट में शामिल  

बाजरा न केवल ऊष्मा देता है बल्कि यह  एक बहुत पौष्टिक आहार है. यह हमारे रक्त मे कोलेस्ट्रौल के स्तर को संतुलित रखता है यह रोटी खिचड़ी पुलाव के रूप मे खाया जाता है वहीं मक्का डायबेटिज के मरीजों के लिये बहुत लाभदायक होता है इसमें  विटामिन ए, बी व पोषक तत्व मौजूद होते हैं. इसे रोटी , सब्जी ,स्वीट कौर्न व पौप कौर्न के रूप मे खाया जाता है.

मूंगफली खाकर हड्डियां करें मजबूत

मूंगफली मे कैल्शियम और विटामिन डी होता है जो कि हड्डियों को कमजोर नहीं होने देता . इसके सेवन से कोलेस्ट्रौल का स्तर सही रहता है व खून की कमी नहीं होने देता. रोजाना सेवन से पाचन तंत्र ठीक रहता है मूंगफली का तेल जोड़ो की मालिश के लिये बहुत लाभदायक होता है. मूंगफली खाते समय उसका लाल छिलका उतार कर खाएं व  खाने के बाद आधा घंटे  तक पानी न पिये. क्योंकि छिलके समेत खाने से खांसी  की समस्या हो सकती है.

सरसों का साग खाएं

सर्दियां हो साग नहीं खाया तो क्या सर्दियों का  क्या मजा आया. जी हां साग स्वादिष्ट तो होता ही है और पौष्टिक भी सरसोें के साग में कैल्शियम और पोटाशियम मौजूद होता है जो कि हड्डियों को मजबूती देता है.  विटामन के, ओमेगा 3 फैटी एसिड पाए जाते हैं जो गठिए के रोग और शरीर के किसी भी भाग में सूजन से राहत दिलाने का काम करता है.

गाजर खाकर रहे तंदरुस्त

गाज़र  दिल, दिमाग, नस के साथ-साथ हेल्‍थ के लिए भी फायदेमंद है. इसमें विटामिन A, B,C,D,E, G और K पाए जाते हैं जिससे हमारी बौडी को काफी सारे न्‍यूट्रिएंट्स मिल जाते हैं. इसमें बीटा-कैरोटीन भी पाए जाते हैं क्योंकि ये  लाल, गहरे हरे, पीली  या फिर नारंगी रंग की सब्जी में पाया जाता है. एक गाजर  किसी व्यक्ति के भी शरीर में विटामिन-A की दैनिक खपत का 300 % ज्यादा पूर्ति करती है.गाजर हमें रतौंधी,कैंसर ,जैसी बिमारियों से बचाती है इससे  ब्लड कोलेस्ट्रौल कन्ट्रोल रहता है.

 

जानें किन दो गलतियों से आप दुबलेपन के शिकार होते हैं

Health Tips in Hindi: हमारे आसपास कुछ लोग ऐसे जरूर होते हैं जो कितना भी खा लें पर उनकी सेहत पर कोई असर नहीं पड़ता. पतला और कमजोर शरीर किसी को भी अच्छा नहीं लगता. इसके चलते पतले लोग ना जाने कितनी ही दवाई और अलग अलग तरीके अपनाते हैं जिससे कई तरह की परेशानियां तो होती ही हैं, साथ ही साथ मानसिक तौर पर भी काफी असर पड़ता है. पतलेपन के कई कारण हो सकते हैं जिसमें तेजी से बदलती जीवनशैली सबसे अहम है. दुबले पतले इंसान के साथ कई जगह गलत व्यवहार भी होते हैं जैसे उन्हें स्कूल से लेकर कौलेज तक शर्मिंदगी झेलनी पड़ती है. लड़के वजन बढ़ाने के लिए न जाने क्या-क्या खाते हैं लेकिन वजन नहीं बढ़ता और उनका शरीर जैसे का तैसा ही बना रहता है.

मौजूदा समय में युवाओं के दैनिक जीवन में कुछ ऐसी गलत आदतें शामिल हैं, जिससे वो पतलेपन के शिकार हो जाते हैं. यह आदतें न केवल शरीर को नुकसान पहुंचाती हैं बल्कि उन्हें अंदर से भी नुकसान पहुंचाती हैं. जीवनशैली में कुछ बदलाव कर अगर सेहत में सुधार आता है तो वो बुरा नहीं है. अगर आप चाहते हैं कि आप भी सेहतमंद रहें और आपकी पर्सनेलिटी दूसरों की तरह चमके तो इन दो गलत आदतों को तुरंत छोड़ दें. इन्हें छोड़ते ही आप तुरंत इसका असर देख सकेंगे.

 1. भूख लगे तो खाना खाओ

ज्यादा बिजी रूटीन के चलते या काम के बहाने से हम अकसर खाने के समय को या तो अनदेखा कर देते हैं या अंजाने में खाने को इतनी तवज्जुह देते हैं, जिससे हमारा रूटीन खराब हो जाता है. अगर हम नियमित रूप से ऐसा करते रहते हैं तो हमारी सेहत पर असर पड़ना शुरू हो जाता है और हमें भूख लगना बंद हो जाती है. सही समय पर खाना नहीं खाने से हमारे शरीर पर बहुत बुरा असर पड़ता है और हमारी ये गलत आदत शरीर को तंदुरुस्त नहीं होने देती. इतना ही नहीं बहुत से लोग खाना खाने के समय चाय पी लेते हैं, जिससे भी हमारे शरीर की भूख खत्म हो जाती है और हम खाना नहीं खाते.

खाने के वक्त चाय पेट में गैस और एसिडिटी की समस्या पैदा कर देती है, जो कि खराब स्वास्थ्य का एक सबसे बड़ा कारण है. पेट हमारे शरीर का वो पार्ट होता है जिसके खराब होते ही हमारा मन कहीं नहीं लगता है. जिसके चलते हमारे शरीर अलगअलग बीमारी का घर बन जाता है.

2. जिम में एक्सरसाइज पर दें ध्यान

आजकल यंग लड़के अपनी सेहत से जुड़ी कुछ बातों काफी अनदेखा करते हैं जिसके चलते वो जिम का  सहारा लेते हैं. वहां दूसरों की बौडी देखकर वो खुद को उनकी तरह बनाने के चक्कर में दवाइयां और सप्लीमेंट का इस्तेमान करने लगते हैं. इसके साइड इफेक्ट कुछ समय बाद देखने को मिलते हैं. इसके अलावा एक ही टाइप की एक्सरसाइज करना पतलेपन की सबसे अहम वजह में से एक है.

तो अगर आप भी पतलेपन के शिकार हैं तो खुद पर गौर करें और अगर आप भी वही गलती कर रहे हैं तो इसको तुरंत बंद करें.

जानें टेंशन से कैसे रहे दूर

टेंशन एक ऐसी समस्या है जिसको आज कल एक सामान्य बात सी हो गई है. घर, औफिस और पर्सनल लाइफ की उधेड़बुन में टेंशन हो ही जाती है. हमारे शरीर के लिए टेंसन किसी खतरनाक बीमारे से कम नही है जो इंसान को अंदर तक खत्म कर देती है. सबसे ज्यादा ये समस्या पुरुषों में देखी जाने लगी है इसका सबसे बड़ा कारण है तेजी से बदलती जीवनशैली और इस भागदौड़ भरी जिदंगी. अपने रोजमर्या के जीवन में  पुरष अक्सर छोटी-छोटी बातों पर तनाव ले लेते हैं, जो कि उनके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक तो है ही साथ ही उनके वैवाहिक जीवन के लिए चिंता की बात है. इसलिए कुछ सावधानियां हमें जरुर बरतनी चाहिए जिससे इस तनाव से थोड़ी राहत जरुर मिले.

 आखिर किन कारणों से पुरुषों में होता है तनाव

कैरियर-  ये एक ऐसी समस्या है किसके कारण पुरुष काफी जल्दी अपना आपा खो देते है और टेशन लेना शुरु कर देते है.

काम का प्रेशर – आज कल सभी में आगे बढ़ने की चाह है जिसके चलते लोग एक्सट्रा काम करते है और जब वो काम भी उनको सफलता की ओर नही पहुंचा पाता तो उनको तनाव घेर लेता है.

पारिवारिक समस्या- पुरुषों में एक बात देखी जाती है की वो अपने इमोशन छिपाने में काफी माहिर होते है. इसी के चलते वो घरेलू परेशानियों किसी को बता नहीं पाते और अंदर ही अंदर घुटते चले जाते है.

आर्थिक परेशानीऐसा माना जाता है की पुरुष की कमाई समाज में काफी अहम है. अगर शादी बियाह की बात भी होती है तो पुछा जाता है की लड़का कमाता कितना है. इस आर्थिक स्थिती को ही आधार मना कर पुरुष इसे अपने स्वाभिमान पर ले लेते है और जब उनको वाकई मे किसी आर्थिक की जरुरत होता है तो वो किसी से कह नही पाते और तनाव में आ जाते है.

पुरुष अकेलापन, जल्दी या देर से शादी होना या शादी ही न कारणों में भी तनाव के घेरें में आ जाते है.

तनाव पुरुषों के जीवन के लगभग सभी क्षेत्र को प्रभावित करता है, इसलिए जीवनशैली में बदलाव तनाव की समस्या को कम करने में मदद करता है. तनाव के कारण पुरुषों के स्वास्थ्य में कई तरह के बदलाव देखने को मिलते है जैसे

ब्लड प्रेशर का बढ़ना.

थका हुआ महसूस करना.

दिल तेजी से धड़कना.

इम्यूनिटी सिस्टम कमजोर होना.

 टेंशन से बचने के उपाय

योग और मेडिटेशन का करें इससे मानसिक और शारीरिक दोनों प्रकार के तनाव दूर करने में मदद मिलती है,

तनाव से बचाव के लिए पर्याप्त नींद लें.

अपनी परेशानियों को दोस्तों और परिवार के साथ साझा करें.

तनाव को कम करने के लिए आप अपनी पसंद का गाना सुनें.

लाफ्टर थेरेपी का इस्तेमाल भी कर सकते है.

सफेद बाल हो सकता है दिल की बीमारी का संकेत

हमारे आसपास ऐसे काफी लोंग होते है जिनके उम्र के पहले ही सफेद बाल हो जाते हैं. हैरानी की बाल ये है की इस समस्या से ज्यादा परेशान पुरुष हैं. झड़ते बालों और सफेद बालों की समस्या आए दिन पुरुषों में बढ़ती दिखाई दे रही है. ऐसे में वे कई घरेलू नुस्खे आजमाते हैं, लेकिन फिर भी कुछ भी ठीक होता दिखाई नहीं देता है. इससे शर्मिंदगी के साथ-सात सेल्फकौनफिडेंस भी प्रभावित होता हैं. ऐसे लोग मजाक का पात्र बनकर पब्लिक में आना जाना भी कम कर देते है पर क्या आप जानते है की सफेद बाल को अनदेखा करना कितना खतरनाक हो सकता है. सफेद बाल होना दिल से संबंधित कई बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है.

सफेद बाल मतलब दिल की बीमारी

एक रिसर्च के अनुसार पता चला है कि 500 से अधिक लोगों में दिल से संबंधित बीमारियां हो रही हैं. सफेद बाल होना कई बाल साधारण हो सकता है, लेकिन ज्यादातर समय में सफेद बाल, वह भी पुरुषों में कोई आम बात नहीं है. अगर किसी पुरुष को सफेद बालों की शिकायत है, तो उसे जल्द डाक्टर से सलाह लेकर ह्रदय संबंधी चेकअप करा लेना चाहिए जिससे समय रहते इलाज हो सकें.

एथेरोस्केलेरोसिस का निर्माण धमनियों (Arteries) के अंदर की फेट सामग्री से होती है और बालों में सफेदी आ  जाती है. दोनों ही कारण में बिगड़ा हुआ डीएनए, औक्सीडेटिव तनाव, सूजन, हार्मोन में बदलाव और कार्यात्मक कोशिकाओं की तन्यता है.

तो अगर आप भी सफेद बालों से परेशान है तो उनके कैल्शियम की से जोड़ कर ना देखें और जल्द से जल्द डाक्टर से सलाह लेकर अपने दिल की सभी जरुरू चेकअप कराएं.

इन 6 टिप्स से करें डिप्रेशन की पहचान

डिप्रेशन, एक ऐसी समस्या है जिसमें खुद उस इंसान को ही पता नहीं होता की वो इस बीमारी का शिकार है. अगर समय रहते इसका इलाज हो जाए तो इससे निजात मिल सकता है. भारत जनसंख्या के मामले है वैसे तो दुनिया में दूसरे नंबर पर आता है. पर डप्रेशन में ये दुनिया के सभी देशों को पीछे छोड़कर पहले स्थान पर है. जी हां…भारतीय लोगों में डिप्रेशन के मामले पिछले कुछ सालों में बढ़ गए हैं. WHO (World Health Organization) की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत के 6.5% नागरिक गंभीर डिप्रेशन का शिकार हैं. ये आंकड़ा दुनिया के किसी भी अन्य देश के मुकाबले सबसे ज्यादा है.

क्या है डिप्रेशन और कैसे करें इसकी पहचान

चिंता और तनाव हम सभी को होता है. मगर जब ये तनाव सीमा से ज्यादा बढ़ जाता है, तो मानसिक रोग बन जाता है, जिसे डिप्रेशन कहते हैं. डिप्रेशन की शुरुआत में कुछ ऐसे लक्षण महसूस होते हैं, जिन्हें आप आसानी से नजरअंदाज कर सकते हैं. अगर आपको भी महसूस होते हैं ये लक्षण, तो सावधान हो जाएं और मानसिक रोग विशेषज्ञ की सलाह लें.

1. हर समय थकान महसूस होना

थकान डिप्रेशन का एक बड़ा लक्षण है. डिप्रेशन के कारण व्यक्ति का किसी काम में मन नहीं लगता है और वो हर समय थका हुआ महसूस करता है. इस दौरान व्यक्ति की शारीरिक गतिविधियां सीमित हो जाती हैं. उसकी बातों में नकारात्मकता आ जाती है और वो ज्यादातर समय गुमसुम उदास रहने लगता है.

2. नींद पर भी पड़ता है बुरा असर

डिप्रेशन का दूसरा सबसे पहला लक्षण व्यक्ति की नींद का प्रभावित होना है. वे या तो बहुत कम या बहुत अधिक सोने लगते हैं. कुछ लोग 12 घंटे तक सोने के बाद भी थकान महसूस करते हैं, तो वहीं कुछ लोग रात में थोड़ी-थोड़ी देर बाद जागते रहते हैं. थकान की ही तरह नींद की समस्‍या भी अवसादग्रस्‍त पुरुषों में सामान्‍य लक्षण है.

3. चिड़चिड़ापन होना

अवसादग्रस्‍त पुरुषों का स्‍वभाव चिड़चिड़ा हो जाता है. अगर वे भावनात्‍मक बातें कर रहे हों, तो दुख और चिड़चिड़ेपन का मेल सामने आ सकता है. पुरुषों में चिड़चिड़ेपन की बड़ी समस्या उनके मस्तिष्‍क में लगातार आने वाले नकारात्‍मक विचार होते है.

4. गुस्सा करना

डिप्रेशन के कारण कई बार व्यक्ति को बिना वजह गुस्सा आता है. गुस्से के कारण कई बार वे आक्रामक हो जाते हैं और लड़ने-झगड़ने भी लगते हैं. गुस्‍से में व्‍यक्ति चिढ़ के मुकाबले स्‍वयं को अधिक प्रभावी दिखाने का प्रयास करता है. ऐसे में व्‍यक्ति को परिवार और दोस्‍तों से खास मदद की जरूरत होती है.

5. डिसिजन मेकिंग पावर में कमी आना

अगर आपको लगातार निर्णय लेने में कठिनाई आ रही है, तो यह डिप्रेशन का संकेत हो सकता है. कुछ लोगों को नैसर्गिक रूप से दुविधा में रहते हैं. उन्‍हें फैसले लेने में परेशानी आ सकती है. अगर आपके साथ पहले से यह परेशानी है, तो आपको अधिक घबराने की जरूरत नहीं. लेकिन, आपके स्‍वभाव में यह आदत नयी शामिल हुई है, तो आपको सोचने की जरूरत है. जानकार मानते हैं कि डिप्रेशन आपके क्षमता लेने की प्रक्रिया को धीमा कर देता है.

6. कब्‍ज या डायरिया का होना

कब्‍ज या डायरिया, और सिरदर्द और कमर दर्द जैसे स्‍वास्‍थ्‍य लक्षण, अवसादग्रस्‍त लोगों में सामान्‍य हैं. लेकिन, अक्‍सर पुरुष इस बात को नहीं समझते कि तेज दर्द और पाचन क्रिया में अनि‍यमितता का संबंध अवसाद से भी हो सकता है. डाक्‍टर बताते हैं कि अवसादग्रस्‍त लोगों को स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍यायें लगी रहती हैं. लेकिन, अक्‍सर वे इसे लेकर गंभीर नहीं होते.

अगर आप भी इन किसी समस्या से परेशान है तो आप जरुर डाक्टर से सलाह ले और कोशिश करें की आपके आस पास के लोगों के अगर व्यवहार या  इन परेशानी को आप देखते है उनका साथ दे और डाक्टर से सलाह दिलवाए.

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