मेरे पेरेंट्स हर बात के लिए चीख पड़ते हैं जैसे मैं छोटा बच्चा हूं, ऐसे में मुझे क्या करना चाहिए?

सवाल

मेरे पिता ऐसी नौकरी नहीं करते जिसे वे घरबैठे जारी रख सकें. सो, घर का सारा खर्च मेरे कंधों पर है. मेरी तनख्वाह से जो पैसा आता है वह मैं घर में दे देता हूं. लेकिन मुझे लगता है जैसे मेरे इतना सब करने पर भी मेरे मातापिता को मेरी बिलकुल कद्र नहीं है. वे मुझ पर किसी भी बात के लिए ऐसे चीख पड़ते हैं जैसे मैं अब भी छोटा बच्चा हूं. कभीकभी तो इतना गुस्सा आता है कि मन करता है नौकरी छोड़ कर बैठ जाऊं, शायद तब उन्हें समझ आए कि उन्हें कम से कम अब मुझ से इस तरह पेश नहीं आना चाहिए.

जवाब

आप जानते हैं कि इस समय आप के मातापिता को आप की जरूरत है और इस समय आप का इस तरह बातें करना बेहद दुखी करता है. माना आप के मातापिता का आप पर इस तरह चिल्लाना सही नहीं लेकिन आप का भी इस तरह की बात करना सही नहीं है. आखिर वे आप के मातापिता हैं और उन्हें आप की इस समय सब से ज्यादा जरूरत है. आप उन से कह दीजिए कि उन का इस तरह पेश आना आप को पसंद नहीं व इस से आप को गुस्सा आता है, यकीनन वे समझेंगे. लौकडाउन में आज जहां देश आर्थिक संकट की तरफ अग्रसर है वहां यदि आप नौकरी छोड़ देंगे तो यह अपने पैर पर ही कुल्हाड़ी मारने जैसा होगा. किसी भी स्थिति में गुस्से में कोई फैसला मत लीजिए.

मैं अपनी पहचान बनाना चाहती हूं लेकिन ससुराल वाले साथ नहीं देते, मैं क्या करूं?

सवाल

मैं 40 साल की शादीशुदा औरत  हूं और 2 बच्चों की मां भी. मैं  ज्यादा पढ़ीलिखी नहीं हूं, पर मुझे सिलाईकढ़ाई का अच्छा काम आता है, लेकिन मेरी ससुराल वाले इस काम में मुझे सहयोग नहीं देते हैं. वे कहते  हैं कि कमाई के लिए सिलाईकढ़ाई करने की कोई जरूरत नहीं है.

पति भी अपने परिवार की हां में हां मिलाते हैं, पर मैं जानती हूं कि अपने इस हुनर से मैं अच्छे दाम पा सकती हूं. मेरी यह काम करने की बहुत इच्छा है, पर कोई मेरा साथ नहीं दे रहा है. मैं क्या करूं?

जवाब

आप की समझ और मंशा तारीफ के काबिल है, लेकिन ससुराल वालों के सामने जिद पर अड़ने के बजाय  अक्ल से काम लें. शुरू में घर के ही लोगों के कपड़े सिल कर उन्हें अपना हुनर दिखाएं.

ससुराल वालों को इस बात में हेठी महसूस हो रही होगी कि उन की बहू दर्जीगीरी कर के पैसा कमाए. आप उन्हें प्यार से सम झाएं कि कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता. अगर हुनर का लगातार इस्तेमाल न किया जाए, तो वह खत्म होने लगता है. घर में चार पैसे और आएं तो इस में हर्ज क्या है. अपने पति को भी अपनी यह इच्छा पूरी करने के लिए राजी करें. धीरेधीरे ससुराल वाले भी मान जाएंगे.

मेरी भाभी किसी से बात नहीं करती हैं वह एकटक शून्य में देखती रहती हैं, मैं क्या करूं?

सवाल

मेरी भाभी की उम्र 24 साल है. मैं उन से 2 साल छोटी हूं. मुझे लगता है कि वे डिप्रैशन में हैं. भैया और भाभी की शादी को अभी एक साल भी नहीं हुआ है. भाभी हमेशा या तो किताबों में डूबी रहती हैं या एकटक किसी दिशा में देखती रहती हैं. मुझे नहीं लगता कि वे भैया के साथ खुश हैं. मैं उन से पूछती हूं तो वे कुछ बताती नहीं हैं. वे कुछ खाती भी नहीं हैं, इसलिए उन का वजन भी लगातार घट रहा है. मैं उन की कैसे मदद कर सकती हूं?

जवाब

आप अपने भैया से इस बारे में बात कीजिए. हो सकता है वे अपनी पत्नी के डिप्रैशन की वजह जानते हों. वे इस में मदद कर सकते हैं. या आप अपनी भाभी से अकेले में पूछने की कोशिश कीजिए कि वे आप के भाई के साथ खुश हैं या नहीं. यदि नहीं तो इस का कारण जानने की कोशिश कीजिए. उन्हें कोई बात अंदर ही अंदर खाए जा रही होगी, इसीलिए आप को उन में अवसाद के लक्षण दिखाई देने लगे हैं. अपनी भाभी की किसी करीबी सहेली या परिवार के किसी सदस्य को इस बारे में बता दीजिए, जिस से वे मदद के लिए आगे आ पाएं.

अवसादग्रस्त व्यक्ति के मन की बात जानना बेहद कठिन होता है और इस के चलते डाक्टर से संपर्क करना अनिवार्य होता है. यदि डाक्टरी सहायता की जरूरत पड़े तो अधिक न सोचें.

मेरी पत्नी की बातों से मां काफी दुखी रहती हैं, मैं क्या करूं?

सवाल

मेरी उम्र 41 वर्ष है. मेरी मां हमारे साथ ही रहती हैं. वे जो काम करती हैं उस में कुछ न कुछ गड़बड़ हो ही जाती है जिस पर मेरी पत्नी आगबबूला हो चिल्लाने लगती है. मां यह सब सुन काफी आहत हो जाती हैं और यदि मैं कुछ बीच में बोलता हूं तो पत्नी लड़नेझगड़ने पर उतारू हो जाती है. रोजरोज घर में यह ड्रामा भी नहीं देखा जाता और न ही मुझ में लड़ने की इतनी हिम्मत है. समझ नहीं आता क्या करूं.

जवाब

आप चाहे कितना ही खुद को इस स्थिति से बचाना चाहें लेकिन आप नहीं बच सकते. आप की मां वृद्ध हैं और वृद्धावस्था में व्यक्ति में कई प्रकार के बदलाव होते हैं जिन के चलते आप की मां भी सामान्य काम करने में दिक्कत महसूस करती होंगी. आप की पत्नी को इस तरह आप की मां पर नहीं चिल्लाना चाहिए. आप उन्हें आराम से समझाने की कोशिश कीजिए, जब वे झगड़ा करने लगें तब भी अपनी बात पर कायम रहें क्योंकि जो गलत है, सो गलत है. हो सके तो अपनी मां से कहिए कि वे ज्यादा काम करने की कोशिश न करें. न वे अधिक काम करेंगी और न उन से कोई गड़बड़ होगी. लड़ाई से दूर रहने की कोशिश सही है, वहीं अपनी मां को प्रताडि़त होने के लिए छोड़ देना सही नहीं है.

सैक्स करने के बाद मेरे सिर में दर्द होने लगता है, ऐसा क्यों हो रहा है!

सवाल
मैं 26 साल की विवाहित युवती हूं. विवाह 6 महीने पहले हुआ है. मैं तभी से एक विचित्र परेशानी से गुजर रही हूं. जब जब हम सैक्स करते हैं, उस के तुरंत बाद मुझे सिर में जोर का दर्द होने लगता है. मेरी समझ में नहीं आ रहा है कि ऐसा क्यों हो रहा है? कहीं यह किसी गंभीर भीतरी रोग का लक्षण तो नहीं है? इस से बचने के लिए मुझे क्या करना चाहिए? कोई घरेलू नुसखा हो तो बताएं?

जवाब

आप जरा भी परेशान न हों. यह समस्या कई युवक युवतियों में देखी जाती है. इस का संबंध शरीर की जटिल रसायनिकी से होता है. यों समझें कि यह एक तरह का कैमिकल लोचा है. जिस समय सैक्स के समय कामोन्माद यानी और्गेज्म प्राप्त होता है, उस समय शरीर की रसायनिकी में आए परिवर्तनों के चलते सिर की रक्तवाहिकाएं कुछ देर के लिए फैल जाती हैं. धमनियों में आए इस अस्थाई फैलाव से उन के साथसाथ चल रही तंत्रिकाओं पर जोर पड़ता है, जिस कारण सिर में दर्द होने लगता है.

आप आगे इस दर्द से परेशान न हों, इस के लिए आप एक छोटा सा घरेलू नुसखा अपना सकती हैं. सहवास से 40-45 मिनट पहले आप पैरासिटामोल की साधारण दर्दनिवारक गोली लें. साइड इफैक्ट्स के नजरिए से पैरासिटामोल बहुत सुरक्षित दवा है. इसे लेने से कोई नुकसान नहीं होता.

जिन्हें पैरासिटामोल सूट नहीं करती, उन्हें अपने फैमिली डाक्टर से सलाह लेनी चाहिए. यदि डाक्टर कहे तो नियम से प्रोप्रानोलोल सरीखी बीटा ब्लौकर दवा लेते रहने से और्गैज्म के समय सिर की धमनियों में फैलाव नहीं आता और सिरदर्द से बचाव होता है.

मैंने एक दिन स्कर्ट पहने हुए अपनी गर्लफ्रैंड की तारीफ की थी, उस दिन के बाद से वह नाराज है, मैं क्या करूं?

सवाल
मैं अपनी गर्लफ्रैंड जोकि मेरी ही क्लास में पढ़ती है, से बहुत प्यार करता हूं, लेकिन कुछ दिन से वह मुझ से बात नहीं करती. हमारे बीच झगड़ा हो गया है, क्योंकि मैं ने उस के स्कर्ट में आने पर उस की टांगों की सुंदरता की तारीफ कर दी. मैं उस से दूर नहीं जाना चाहता. ऐग्जाम्स भी आने वाले हैं. मैं क्या करूं?

जवाब
भई, सब से पहले तो आप यह बताइए कि आप उस से प्यार करते हैं या उस के शरीर से. आप की बातों से तो लगता है आप का प्यार शारीरिक आकर्षण है, जो इस उम्र में हो जाता है वरना आप का उस की टांगों की सुंदरता की ओर ही ध्यान क्यों गया? वह भी आप से इसी वजह से नाराज है.

बहरहाल, आप उस से अपनी गलती की माफी मांग मामला सुलटाइए. फिर प्यार में एकदूसरे की मदद पढ़ाई के जरिए कीजिए. शारीरिक आकर्षण से ध्यान हटाएंगे तो पढ़ाई पर भी ध्यान दे पाएंगे वरना पेपर भी बकवास जाएंगे और अगर पढ़ाई न हुई तो महबूबा भी हाथ से जाएगी. अत: एकदूसरे का संबल बनिए, पढ़ाई कर कैरियर बनाइए, ताकि सारी उम्र साथ निभा सकें.

मेरी दोस्त की बहन गलत रास्ते पर जा रही है, क्या मुझे अपने दोस्त को इस बारे में बताना सही होगा?

सवाल

मेरा एक दोस्त है जिस की बहन मेरे ही कालेज में पढ़ती है. मेरे दोस्त ने मुझ से कहा था कि मैं उस की बहन पर नजर रखूं और उसे अपनी बहन जैसा ही मानूं. मैं ने ऐसा ही किया और मैं अपने दोस्त की बहन को अपनी छोटी बहन जैसा ही समझता हूं. कालेज का नया टर्म शुरू हुआ तो मैं ने जाना कि दोस्त की बहन कुछ बिगड़े हुए लड़कों से दोस्ती रखती है जो सही नहीं है, मैं ने उसे समझाया भी कि वे लड़के सही नहीं हैं लेकिन उस ने मेरी बात नहीं मानी. अब मैं सोच रहा हूं अपने दोस्त यानी उस के भाई को इस बारे में बता दूं पर ऐसा करना सही होगा या नहीं, यह समझ नहीं पा रहा.

जवाब

आप ने एक भाई होने के नाते दोस्त की बहन को समझा दिया, अच्छा किया. लेकिन आप की यह बात कि आप यह बात उस के भाई से भी कहेंगे, सही नहीं है. आप खुद सोचिए वह बालिग है और यह उस की जिंदगी और उस का फैसला है कि वह किस से बात करना चाहती है और किस से नहीं. आप किसी की लाइफ में इतना दखल तो नहीं दे सकते. कम से कम दोस्त चुनना तो हमारी खुद की मरजी होनी चाहिए. आप खुद को उस की जगह  रख कर देखिए तो शायद आप को समझ आए. एक दोस्त या भाई के तौर पर नजर रखने की कोई तुक नहीं बनती, और फिर आप तो जासूसों जैसी बातें कर रहे हैं. वे उस के दोस्त हैं और शायद वह इतना जानतीसमझती तो होगी कि दोस्त किसे बनाना चाहिए.

मेरे पति नियमित सेक्स चाहते हैं जबकि घर की देखभाल से मैं बेहद थक जाती हूं, क्या करूं?

सवाल-

मैं 23 साल की महिला हूं. मेरा डेढ़ साल का एक बच्चा है. शादी के बाद से ही पति मेरे साथ सेक्स संबंध को ले कर संतुष्ट नहीं रहते हैं. वे नियमित सेक्स करना चाहते हैं जबकि घर और बच्चे की देखभाल से मैं बेहद थक जाती हूं और रात में जल्द ही मुझे नींद आ जाती है. पति मुझे बहुत प्यार करते हैं, इसलिए मैं उन्हें नाराज भी नहीं देख सकती. कृपया बताएं मैं क्या करूं?

जवाब-

बच्चे पैदा होने के बाद सेक्स संबंध को ले कर महिलाएं आमतौर पर उदासीन हो जाती हैं, जबकि बच्चों की परवरिश के साथ-साथ पति के साथ सेक्स संबंध दांपत्य जीवन को खुशहाल बनाता है.

इस में कोई दोराय नहीं कि एक गृहिणी घर और बच्चों की देखभाल में इतनी व्यस्त रहती है कि खुद के लिए भी समय नहीं निकाल पाती. ऐसे में यह जरूरी हो जाता है कि आप घर के कामों को पति के साथ बांट लें. घर की साफसफाई, कपड़े धोना आदि कार्य प्यार से पति से करा सकती हैं. इस से आप पर काम का बोझ ज्यादा नहीं पड़ेगा. इस से न केवल आप खुद के लिए वक्त निकाल पाएंगी, बल्कि पति के साथ भी ज्यादा समय बिताने को मिलेगा. फिर जैसाकि आप ने बताया कि आप का बच्चा अब डेढ़ साल का हो चुका है और अब आप शारीरिक रूप से फिट भी हो चुकी हैं, तो ऐसे में सेक्स संबंध का लुत्फ उठा सकती हैं.

मेरी पत्नी निहायत ही झगड़ालू और क्रोधी है और हमेशा मेरी मां के साथ लड़ती रहती है, मैं क्या करूं?

सवाल

मैं सरकारी स्कूल में शिक्षक हूं. घर में किसी चीज की दिक्कत नहीं है पर मेरी परेशानी मेरी पत्नी है, जो निहायत ही झगड़ालू और क्रोधी है. घर में मेरी मां के साथ वह हमेशा लड़ती रहती है और मुझ पर दबाव डालती है कि कहीं और फ्लैट ले लो, मुझे तुम्हारी मां के साथ नहीं रहना. मैं किसी भी हाल में अपनी मां को खुद से अलग नहीं कर सकता. बताएं मैं क्या करूं?

जवाब-

पहले तो आप यह जानने की कोशिश करें कि आप की पत्नी ऐसा क्यों चाहती है? तह तक जाए बगैर फिलहाल कोई निर्णय लेना सही नहीं होगा. पत्नी को समझाबुझा सकते हैं. संभव हो तो पत्नी के मातापिता को भी मध्यस्थ बनाएं. पत्नी के साथ अधिक से अधिक समय बिताएं और साथ घूमनेफिरने जाएं. इन सब से पत्नी सही रास्ते पर आ सकती है.

पति-पत्नी के झगड़ों ने लिया भयानक रूप

मियांबीवी के ?झगड़े आम हैं पर कभीकभार हत्या में भी तबदील हो जाते हैं. दिल्ली में एक मेकैनिक का घर बेचने को ले कर हो रहे ?झगड़े में मर्द ने औरत पर किसी तेज चीज से हमला कर दिया और शायद यह एहसास होने पर कि कुछ गलत हो गया है, उस ने खुद को भी घायल कर लिया. दोनों की अपने बड़े बच्चों के सामने मौत हो गई.

कुएं में कूद जाऊंगी, आग लगा लूंगी, जहर पी लूंगा, घर छोड़ कर भाग जाऊंगा जैसे बोल अकसर मियांबीवी के ?झगड़ों में ?ाल्ला कर बोले जाते हैं. मर्द और औरत में कौन सही है, कौन गलत, इस का फैसला नहीं होता. ?झगड़ा तो किस की चलेगी पर होता है. पहले हमेशा मर्दों की चलती रही है पर अब औरतें भी बराबर होने लगी हैं.

यह बात दूसरी है कि आम आदमी को पट्टी पढ़ाई जाती है कि औरत पैर की जूती है, वहीं रखो. यही सीख जो मांबाप देते हैं, पंडेपादरी देते हैं, समाज देता है, रिश्तेदार देते हैं, ?झगड़ों को मारपीट की हद तक ले जाते हैं.

जिस भी बात पर 2 जनों की राय एक न हो वहां कौन सही है, कौन गलत का पूरा फैसला कभी नहीं हो सकता. हर मामले के कई पहलू होते हैं और हरेक अपनी समझ  से अपना मन बनाता है. अच्छे पतिपत्नी वे होते हैं जो एकदूसरे की पूरी तरह सुनते हैं और बिना अकड़ लाए तय करते हैं कि क्या सही है, क्या गलत है. अगर पतिपत्नी में से कोई तीसरे से चिपक भी रहा है तो मरनामारना कोई तरीका नहीं है. आज किसी को मार कर उस की लाश को निबटाना आसान नहीं है. अगर बच्चे हों तो मारने वाला भी जेल में रहता है तो बच्चों की देखभालके लिए कोई बचता नहीं. तीसरे के साथ जुड़ाव होने पर घर से अलग होना सब से सही है.

हमारे समाज में पतिपत्नी के ?झगडे़ मारपीट में इसलिए ज्यादा तबदील होते हैं कि यहां शादी को तोड़ना आसान नहीं है. अगर ?झगड़े के बाद आदमी या औरत कुछ दिन अपना अकेले का घर बना सकते हों तो उन्हें जल्दी ही एहसास हो जाए कि वजह कुछ भी रही हो, वे एकदूसरे के बिना अधूरे हैं. इस के लिए जरूरी है कि मर्द और औरत हमेशा बाहर काम करते रहें और अपने पैरों पर खड़े हों.

दूसरी जरूरत यह हो कि कानून यह मजबूर करे कि कोई मकान मालिक अकेले आदमी या अकेली औरत को मकान किराए पर देने से मना न करेगा. चाहे मकान बड़ा हो या छोटी खोली, आजकल अकेलों को घर मिलना मुश्किल होता जा रहा है.

मुश्किल यह है कि सरकारें तो धर्म, हिंदूमुसलिम, मूर्तियों, नारों में इतनी लगी हैं कि समाज की सब से बड़ी जरूरत, घर, सुखी घर, पर उन का कोई ध्यान नहीं है.

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