आखिर क्यों यौन अक्षमता से पीड़ित होती हैं महिलाएं, जानें कारण

अगर आपका पार्टनर लम्‍बे समय से सेक्‍स के लिए न कह रही हैतो यह चिंता का विषय हो सकता है. ये भी संभव है कि आपकी पार्टनर सेक्‍स के प्रति रुझान न होने की समस्‍या से जूझ रही है. इसे महिला यौन अक्षमता भी कहा जाता है.

इस शब्द का उपयोग किसी ऐसे व्यक्ति को परिभाषित करने के लिए किया जाता है जो अपने साथी को सेक्‍स के दौरान सहयोग नहीं करता. महिलाओं में एफएसडी यानी फीमेल सेक्सुअल डिसफंक्शन होने के कई कारण हो सकते हैं जैसे सेक्स के दौरान दर्द या मनोवैज्ञानिक कारण. 

ज्यादातर मामलों मेंहालांकिएफएसडी को मनोवैज्ञानिक कारणों के लिए जिम्मेदार माना जाता है. इस परिदृश्य मेंमहिलाओं के लिए किसी पेशेवर से मदद लेना महत्वपूर्ण होता है.

इस समस्या के मुख्य कारण हैं ;

1. मनोवैज्ञानिक कारण

पुरुषों के लिए सेक्‍स एक शारीरिक मुद्दा हो सकता हैलेकिन महिलाओं के लिए यह एक भावनात्मक मुद्दा है. पिछले बुरे अनुभवों के कारण कुछ महिलाएं भावनात्मक रूप से टूट जाती हैं. वर्तमान में बुरे अनुभवों के कारण मनोवैज्ञानिक मुद्दे या फिर अवसाद इसका कारण हो सकता है.

2. और्गेज्‍म तक न पहुंच पाना

एफएसडी का दूसरा भाग एनोर्गस्मिया कहलाता है. यह स्थिति तब होती है जब व्‍यक्ति को या तो कभी और्गेज्‍म नहीं होता या वह कभी इस तक पहुंच ही नहीं पाता.र्गेज्‍म तक पहुंचने में असमर्थता भी एक मेडिकल कंडीशन है. सेक्स में रुचि की कमी और और्गेज्‍म तक पहुंचने में असमर्थता दोनों ही स्थिति गंभीर हैं. 

यह मुख्य रूप से इसलिए होता है क्योंकि महिलाएं अधिक फोरप्ले पसंद करती हैं. अगर ऐसा नहीं हो रहा तो और्गेज्‍म तक पहुंचना मुश्किल है. इसका मनोचिकित्सा के माध्यम से इलाज किया जा सकता है. महिलाओं को अपने रिश्ते में सेक्स के साथ समस्याएं होती हैं. यदि आपको ऐसी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा हैतो आपको अपने एंड्रोलौजिस्ट को जल्द से जल्द दिखाना चाहिए ताकि समस्या संबंधों को प्रभावित न करे.

3.  फीमेल सेक्सुअल डिसफंक्शन का इलाज और उपचार

जहां तक घरेलू उपचार का सवाल हैएफएसडी के इलाज में वास्तव में यह बहुत प्रभावी नहीं होते. बाजार में कई तरह के महिला वियाग्रा मौजूद हैं लेकिन ये आमतौर पर अपेक्षित नतीजे नहीं दे पाते. महिलाएं लेजर के साथ योनि कायाकल्प ट्राई कर सकती हैं. आप चाहें तो प्लेटलेट रिच प्लाज़्मा (पी आर पी ) थेरेपी भी अपना सकती हैं. इस क्षेत्र में ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करने के लिए योनि के पास इंजेक्शन दिया जाता है. इसे ओ-शौट के रूप में जाना जाता है.

यदि आप यौन संबंध का आनंद नहीं ले रहे हैं तो डाक्टर को दिखाना जरूरी है। उसके बाद डाक्टर जांच करेगा. दोनों भागीदारों के लिए यौन परामर्श उपयोगी हो सकता है. दिनचर्या बदलने और अलग-अलग पदों की कोशिश करके इसे और अधिक रोचक बनाने की कोशिश करना उपयोगी हो सकता है. योनि क्रीम या स्नेहक की कोशिश की जा सकती है.

ज्यादातर महिलाओं कोविशेष रूप से जब वे बूढी हो जाती हैं तो संभोग शुरू करने से पहले अधिक उत्तेजना और फोरप्ले की आवश्यकता होती है. योनि प्रवेश के साथ ज्यादातर महिलाओं को संभोग के दौरान संतुष्टि नहीं होती है. उन्हें अपने साथी द्वारा अपने निप्पलस और क्लिटोरिस को संभोग करने में सक्षम होने के लिए चूमने, छूने इत्यादि की आवश्यकता हो सकती है. हस्तमैथुन या मौखिक सेक्स जैसी अन्य यौन गतिविधियों की कोशिश की जा सकती है.

यहां औरत नहीं, मर्द बेचते हैं अपना जिस्म

शहर हो या गांव आमतौर पर ऐसी बदनाम गलियां आम हैं जहां जिस्म का कारोबार धड़ल्ले से किया जाता है और औरतें जिस्म के हिसाब से रेट लगाती हैं. खरीदार मर्द भी जिस्म देख कर ही बोली लगाता है और तय रकम देने के बाद शारीरिक सुख भोगता है.

बदनाम गली

यों तो ऐसी दुकानें रात के अंधेरों या फिर आधी रात के बाद सजती हैं, पर बेचने वाले और खरीदार दोनों एकदूसरे को पहचान लेते हैं.

खरीदारों के लिए यह बाजार जन्नत सरीखा होता है पर सभ्य समाज इसे बदनाम गली कहते हैं, भले ही इस बदनाम गली में इसी सभ्य समाज से जाने वाले लोग हों.

बन गया धंधा

राजारजवाड़ों के समय से चली आ रही यह परंपरा नाच और मुजरे से होते हुए देह व्यापार का धंधा ही बन गया, जिस के ग्राहक आमतौर पर मर्द ही होते हैं.

लेकिन ज्यादातर को भी यही पता होता है कि शरीर का सुख भोगने वाले मर्द होते हैं और खरीदार भी वही, तो अब इस सोच को बदलने की जरूरत है.

हम आपको एक ऐसी जगह के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां जिस्म का करोबार तो होता है पर बोली लगाने वाली औरतें होती हैं.

दरअसल, आधी रात को सजने वाली इस मंडी में औरतें मर्दों को कुछ घंटे या फिर पूरी रात के लिए खरीदती हैं.

जान कर हैरानी होगी

यह जान कर हैरानी होगी कि यह बाजार देश के बड़ेबड़े महानगरों में आधी रात को लगता है और इस की ग्राहक होती हैं ऐशोआराम की जिंदगी जीने वाली, पैसे वाली या फिर अकेली रह रही महिलाएं.

ये महिलाएं बोली लगा कर मर्दों को खरीदती हैं और शारीरिक सुख का आनंद उठाती हैं.

पेशेवर अंदाज में कारोबार

राजधानी दिल्ली के भी कई पौश इलाकों में यह बाजार गुपचुप तरीके से लगता है. इन बाजारों को ‘जिगोलो मार्केट’ कहा जाता है. इन इलाकों की जानकारी कुछ को ही रहती है, जहां डील फाइनल करने का तरीका भी बेहद हाईप्रोफाइल होता है.

ऐसे हाईफाई पब, क्लब, कौफी हाउस बगैरा जिन में यह करोबार चलता है, बिलकुल पेशेवर ढंग से काम को अंजाम दिया जाता है. सबकुछ इतना गोपनीय होता है कि दूसरों को भनक तक न लगे.

लगते हैं रेट

दिल्ली में आमतौर पर यह जिगोलो , 1,800 से ले कर 10,000 रूपए या फिर मोलभाव से कमज्यादा पर भी खरीदे जाते हैं. ये घंटों के हिसाब से भी खरीदे जाते हैं.

इनका काम होता है शारीरिक सुख देना. ये इतने पेशेवर होते हैं कि अपने ग्राहक को नाराज नहीं होने देते और वह सब करने के लिए तैयार रहते हैं जो ग्राहक को पसंद हो.

कभीकभी तो महिलाओं की गोपनीय हाईप्रोफाइल पार्टियों में भी जिगोलो को बुलाया जाता है, जिसका काम मनोरंजन करना और ग्राहकों को खुश करना होता है. इन से न्यूड हो कर नाचने को भी कहा जाता है.

यों तो यह काफी समय से किया जा रहा है पर मोबाइल के आने के बाद डील फाइनल करना और भी आसान हो गया है.

खतरे भी बड़े

आधुनिक समय में जब सब कुछ आधुनिक तरीके से किए जा रहे हों तो इस में खतरे भी कम नहीं होते.

जिगोलो किस प्रवृति का है यह ग्राहक को शायद ही पता हो.

अपराधी किस्म का होगा तो खतरनाक मंसूबों से ग्राहक के लिए खतरा भी पैदा कर सकता है. चोरीछिपे तस्वीरें उतार कर ब्लैकमेल कर बाद में परेशान भी कर सकता है.

हाल ही में एक फर्जी प्लेसमैंट एजेंसी फर्जी विज्ञापन दे कर कई लड़कों को अपने जाल में फांस कर चंपत हो गई. इस एजेंसी ने कईयों से रजिस्ट्रेशन के नाम मोटी रकम वसूले थे.

इस में ज्यादातर कम उम्र के नौजवान थे और अधिकतर छात्र थे. इन्हें जिगोलो बन कर पैसा और मस्ती दोनों कमाने का शौक चर्राया था.

जब भी मैं पति के साथ सेक्स करती हूं तो मुझे काफी दर्द होता है, मैं क्या करूं?

सवाल

मैं विवाहित महिला हूं. विवाह को अभी 1 वर्ष ही हुआ है. समस्या यह है कि मैं जब भी पति के साथ सेक्स करती हूं, मुझे दर्द व तकलीफ से गुजरना पड़ता है. जिस की वजह से मैं सेक्स को एंजौय नहीं कर पाती. मैं अपनी इस समस्या को ले कर बहुत स्ट्रैस में रहती हूं. लेकिन समझ नहीं आता कि किस से अपनी समस्या शेयर करूं. मैं अपनी सेक्स लाइफ एंजौय कर सकूं, इस के लिए मुझे क्या करना चाहिए?

जवाब

हाल ही में ब्रिटेन में हुए एक सर्वे में यह बात सामने आई है कि 10 में से 1 महिला को सेक्स के दौरान दर्द और तकलीफ से गुजरना पड़ता है. आप को सेक्स के दौरान दर्द और तकलीफ से गुजरना पड़ता है तो इस को ले कर हिचकिचाएं नहीं और अपने पति से खुल कर यह बात शेयर करें. क्योंकि यह सामान्य बात है.

अगर आप किसी बात को ले कर स्ट्रैस में हैं या चिंतित हैं तो आप अपनी गाइनीकोलौजिस्ट से भी इस बारे में सलाह लें. क्योंकि सर्वे में यह बात भी सामने आई है कि चिंता व भावनात्मक कारणों से सेक्स संबंध के दौरान दर्द व तकलीफ की समस्या और बढ़ती है.

यह समस्या 20-30 वर्ष की आयु की महिलाओं में ज्यादा देखी जाती है. आप अपने पार्टनर और गाइनीकोलौजिस्ट से इस बारे में खुल कर बात करें. पति से अपनी पसंद और नापसंद को शेयर करें. ऐसा करने से काफी हद तक आप की समस्या का समाधान हो जाएगा.

कौमार्य का ये उपहार बढ़ा देगा सेक्स का मजा

कामिनी की शादी को 10 साल हो गए हैं. वह 2 बच्चों की मां है. पति बहुत अमीर हैं. कारोबार के सिलसिले में उन्हें अकसर विदेश जाना पड़ता है. कामिनी बेहद शौकीन तबीयत की है. उस पर जो धुन सवार हो जाए उसे पूरा कर के ही मानती है. कुछ अरसा पहले कामिनी को हाइमनोप्लास्टी (कौमार्य पुनर्प्राप्ति) के बारे में पता चला. पति 1 माह के लिए यूरोप दौरे पर थे. इसी दौरान उचित अवसर जान उस ने हाइमनोप्लास्टी करवा ली. इस संबंध में उस ने पूरी गोपनीयता बरती. सब कुछ सामान्य होने पर एक दिन उस ने पति से फोन पर कहा, ‘‘आप जैसे ही भारत लौटेंगे हम हनीमून ट्रिप पर स्विट्जरलैंड जाएंगे.’’

‘‘यह क्या मजाक है,’’ पति ने हंसते हुए कहा, ‘‘हमारी शादी को 10 साल हो गए हैं. इस उम्र में अब तुम मुझे किस के साथ हनीमून पर भेजना चाह रही हो?’’

कामिनी को ऐसे उत्तर की उम्मीद न थी, इसलिए तुनक कर बोली, ‘‘कैसी बातें करते हैं, आप? किसी और के साथ क्यों? हनीमून ट्रिप मेरे साथ होगा.’’

पति ठहाका लगाते हुए बोले, ‘‘क्यों बचकानी बातें कर रही हो?’’

‘‘मैं बचकानी बातें नहीं कर रही हूं. और हनीमून पर तो चलिए. एकदम प्योर वर्जिनिटी का आनंद उठाएंगे.’’

अंजलि कालेज के साथियों के साथ पिकनिक पर गोवा गई. दोस्त एकदूसरे से बेहद खुले हुए थे, अत: खूब मस्ती कर रहे थे. मगर इसी बीच अंजलि के साथ एक हादसा घट गया. पार्टी के दौरान उस के दोस्तों ने उस के ड्रिंक में नशीली दवा मिला दी. फिर क्या था, उसे नशे में कुछ पता नहीं चल रहा था कि उस के दोस्त उस के साथ क्या कर रहे हैं. उलटे नशे में होने पर वह उन का साथ दे रही थी. मगर जब नशा उतरा तो अपनी हालत देख कर उस के होश उड़ गए. पिकनिक से लौटने पर अंजलि ने सारी बात अपनी डाक्टर मम्मी को बताई. सुन कर वे बहुत दुखी हुईं. फिर उन्होंने बेटी को धैर्य बंधाया. पर अंजलि अंदर ही अंदर टूट चुकी थी. शीघ्र ही उस का विवाह होने वाला था. उसे वर्जिन न होने की टीस साल रही थी. मां उस की भावनाओं को समझती थीं. आखिर उन्होंने एक दिन बेटी की हाइमनोप्लास्टी करवा दी. इस से वह दोबारा वर्जिन हो गई और फिर उस का खोया आत्मविश्वास भी लौट आया.

करीब 30% से अधिक लड़कियों को प्रथम मिलन पर रक्तस्राव नहीं होता, जिस का अर्थ आमतौर पर यह लगाया जाता है कि लड़की का विवाहपूर्व कौमार्य भंग हो चुका है अथवा यों कहिए कि उस के विवाहपूर्व यौन संबंध रहे हैं. परिणामस्वरूप रिश्ता टूटने की कगार पर पहुंच जाता है. जहां तक पारंपरिक भारतीय समाज की सोच का सवाल है, तो यहां सब कुछ एकपक्षीय यानी पुरुष के पक्ष में है. पति चाहे खुद कितना भी दुराचारी क्यों न हो, वह अपेक्षा रखता है कि उस की होने वाली पत्नी शतप्रतिशत वर्जिन हो.

अपराधबोध से ग्रस्त

इस पुरुषप्रधान समाज की यह दकियानूसी सोच स्त्री पर इस कद्र हावी हो गई है कि वह भी अपनी कौमार्य को अपनी आबरू कह कर संबोधित करती है. जिस का मतलब औरत की इज्जत से है. यदि विवाह के समय उस के पास कौमार्य की पूंजी नहीं है तो वह अपराधबोध से ग्रस्त हो जाती है, भले ऐसा किसी हादसे के कारण हुआ हो. कौमार्य भंग होने का मतलब यह नहीं कि लड़की चरित्रहीन है. अब वह जमाना नहीं रहा जब लड़कियां घर की चारदीवारी में बंद रहती थीं और शादी हो कर गुडि़या की भांति ससुराल विदा हो जाती थीं. आज की लड़कियां स्कूलकालेज जाती हैं और लड़कों की तरह हर गतिविधि में हिस्सा लेती हैं. जिमनास्टिक, तैराकी, घुड़सवारी, स्कूटर, बाइक चलाते या फिर अन्य कोई शारीरिक श्रम के दौरान कब कौमार्य की झिल्ली अपना वजूद खो देती है, इस का लड़कियों को एहसास तक नहीं होता.

कई बार विवाह का वादा कर यौन संबंध बन जाते हैं, मगर बाद में दहेज या अन्य किसी कारण के चलते रिश्ता टूट जाता है. कई बार लड़कियां अंजलि जैसी स्थिति का भी शिकार बन जाती हैं और कौमार्य खो बैठती हैं. ऐसे में लड़की व उस के मांबाप के लिए यह हादसा गहरी चिंता का विषय बन जाता है. और जगह रिश्ता तय करने में वे कौमार्य भंग को मुख्य बाधा मानते हैं. लेकिन अब ऐसे मामलों में हाइमनोप्लास्टी के माध्यम से आशा की नई किरण नजर आने लगी है.

क्या है हाइमनोप्लास्टी

कामिनी जैसे शौकिया वर्जिनिटी हासिल करने के मामले बहुत कम होते हैं, क्योंकि इस प्रकार की महिलाएं ऐसी शल्य चिकित्सा महज इसलिए करवाती हैं ताकि एक बार फिर कौमार्य होने का लुत्फ उठाया जा सके. मगर हाइमनोप्लास्टी क्या है, यह जानना भी जरूरी है. यह एक सर्जिकल प्रक्रिया है जिस में चिकित्सक कौमार्य झिल्ली जिसे हाइमन कहते हैं, का वैजाइना से टिशू ले कर पुनर्निर्माण कर देते हैं. इस में करीब क्व 60-70 हजार का खर्च आता है और उसी दिन मरीज को छुट्टी दे दी जाती है. कुछ दिनों तक मरीज को ऐंटीबायोटिक्स व अन्य दवाएं खानी पड़ती हैं.

बढ़ रहा है प्रचलन

शौकिया किस्म की शादीशुदा महिलाएं वैलेंटाइन डे और शादी की वर्षगांठ से कुछ समय पूर्व हाइमनोप्लास्टी करवाती हैं. लेकिन बारबार यह सर्जरी करवाने को डाक्टर बेहद नुकसानदेह बताते हैं. कौस्मैटिक सर्जन विक्रमजीत सिंह के अनुसार करीब 60 फीसदी मामलों में लड़कियां मांबाप के साथ सर्जरी के लिए आती हैं. उन में से ज्यादातर तो शादी की तारीख के हिसाब से समय तय कर सर्जरी करवाती हैं ताकि विवाह के समय वे बिलकुल फिट ऐंड फाइन हों. जिस तरह शादियों के सीजन में लोग शौपिंग से ले कर बैंडबाजे जैसी तैयारी की प्लानिंग करते हैं, उसी तरह शादी के लिए वर्जिनी फिट होने के उद्देश्य से डाक्टर से हाइमनोप्लास्टी का समय तय करते हैं. अकेले चंडीगढ़ में हर महीने करीब आधा दर्जन शल्य चिकित्सा होती है, जिस से सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है कि पूरे देश में कितने पैमाने पर इस का प्रचलन हो गया है. चूंकि यह प्रक्रिया प्राय: गुपचुप होती है, इस के सही आंकड़े तो कुछ और ही होंगे.

क्या प्रतिबंध लगाना चाहिए

महिला कल्याण समिति की डाक्टर सरस्वती मनोहर हाइमनोप्लास्टी करवाए जाने को बहुत बुरा मानती हैं. उन का कहना है कि बेशक चिकित्सकों के अनुसार इस शल्य चिकित्सा का शरीर पर कोई विपरीत प्रभाव न पड़ता हो, मगर वे महिलाओं द्वारा अपनाए जाने वाले इस विकल्प को केवल पुरुष के अहम का तुष्टीकरण ही मानती हैं. वे रोषपूर्वक पूछती हैं कि क्या पुरुष ऐसा कोई प्रमाण दे सकता है जिस से यह साबित हो कि वह विवाहपूर्व उस के किसी स्त्री से संबंध नहीं रहे हैं? डाक्टर सरस्वती की सलाह है कि सरकार को इसे रैग्युलेट करना चाहिए और ऐसी शल्य चिकित्सा से पहले संबंधित महिला व अभिभावकों की काउंसलिंग की जानी चाहिए. हालांकि वे यह भी मानती हैं कि सामाजिक बदनामी के दबाव में पीडि़त महिला व उस के मांबाप काउंसलिंग सहज ही स्वीकार नहीं करेंगे. मगर परिवार न्यायालय की भांति निजता व अपनत्व का भरोसा दिलवाए जाने पर ऐसा संभव हो सकता है. साथ ही, शौकिया तौर पर करवाई जाने वाली हाइमनोप्लास्टी को भी पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया जाना चाहिए.

खुशहाल दांपत्य के लिए जरूरी है सैक्स

ऐसा माना जाता है कि शादीशुदा जिंदगी में सैक्स लाइफ अच्छी हो तो शादीशुदा जिंदगी खुशनुमा रहती है. विभिन्न शोधों में यह बात सामने आ चुकी है कि जिन कपल्स की सैक्स लाइफ अच्छी होती है, वे लंबे समय तक स्वस्थ उम्र जीते हैं, लेकिन कई बार दांपत्य जीवन में एक समय के बाद बोरियत आने लगती है. जिंदगी कुछ नीरस सी हो जाती है. कुछ भी नया नहीं होता. हम एकदूसरे से बोर होने लगते हैं. हमारे रिश्ते में बोरियत सी आ जाती है और हम एकदूसरे की परवाह किए बिना अपनी दुनिया में खो जाना चाहते हैं.

हम अपने किसी निर्णय में एकदूसरे की दखलंदाजी को बरदाश्त नहीं कर पाते और आए दिन लड़ाई होने लगती है.

यदि आप की जिंदगी में भी कुछ ऐसा ही हो रहा है तो आप को आवश्यकता है अपने रिश्ते को दोबारा निखारने की.

दांपत्य जीवन को लंबे समय तक तरोताजा रखने के लिए सैक्स लाइफ का एक अहम रोल होता है इस के लिए सब से जरूरी है खुद को स्वस्थ एवं हमेशा ऊर्जा से भरा हुआ रखना.

आजकल भागमभाग वाला हमारी जो लाइफस्टाइल है उस में खुद को स्वस्थ रखना किसी चुनौती से कम नहीं. रात को देर से सोना, सुबह देर से उठना, बेवक्त खानापीना, अपना फ्री समय मोबाइल और टीवी के सामने बिताने आदि से हमें खुद को स्वस्थ्य रखने का वक्त ही नहीं मिल पाता और हम 40-45 की उम्र तक खुद को फिट और ऊर्जा से भरा हुआ महसूस नहीं कर पाते जिस का प्रभाव हमारी सैक्स लाइफ पर भी पड़ता है.

कई बार हम पार्टनर की इच्छा को पूरी नहीं कर पाते जिस के कारण हमारे रिश्ते में बोरियत आने लगती है और हमारी सैक्स लाइफ जल्दी खत्म हो जाती है, इसलिए यदि आप अपने रिश्ते को लंबे समय तक खुशनुमा बनाए रखना चाहते हैं तो खुद को स्वस्थ रखें ताकि आप अपने पार्टनर की इच्छा को पूरा कर सकें.

उम्र के हर पड़ाव पर खासकर 40-45 वर्ष के बीच खुद को स्वस्थ एवं हमेशा ऊर्जा से भरा हुआ रखने के लिए शरीर का स्वस्थ होना सब से आवश्यक है ताकि आप असमय होने वाली बीमारियों से दूर रह सकें और अपनी सैक्स लाइफ का लंबे समय तक भरपूर मजा ले सकें. इस के लिए आवश्यक है कुछ बातों को अपनाने या अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाने की ताकि आप के रिश्ते में कभी बोरियत न आए और आप का दांपत्य जीवन हमेशा फ्रैश और खुशियों से भरा रहे.

40 वर्ष की उम्र के बाद सैक्स लाइफ में रोमांच को बनाए रखने के लिए आप को कुछ खास तरीके अपनाने होंगे.

डिटौक्सिफिकेशन

यदि आप 40-45 की उम्र के पड़ाव पर हमेशा सुस्ती का अनुभव करते हैं एवं ऊर्जा से भरा हुआ महसूस नहीं करते हैं तो आप के शरीर को जरूरत है डिटौक्सिफिकेशन की ताकि आप अपने शरीर को स्वस्थ और जवान रख सकें और अपने वैवाहिक जीवन को हमेशा तरोताजा रख सकें.

डिटौक्सिफिकेशन के लिए क्या करें

शरीर के अंदर का डिटौक्सिफिकेशन: डिटौक्स, शरीर और दिमाग को स्वस्थ और तरोताजा रखने की प्रक्रिया है और इस से नई ऊर्जा का संचार होता है, आप की मानसिक तनाव और दूसरी अन्य बीमारियां दूर होती हैं. शरीर को डिटौक्स करने के लिए कुछ खाद्य और पेयपदार्थों का सेवन करना, ज्यादा पानी पीना और हरी सब्जियां खाना बहुत जरूरी होता है, कुछ पदार्थों का त्याग करना पड़ता है जैसे शराब, तले पदार्थ, चीनी, रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट्स, प्रोसैस्ड फूड आदि के कारण तनाव बढ़ जाता है और यही तनाव शरीर की क्रियाओं के साथसाथ आप की सैक्स लाइफ को भी प्रभावित करता है.

आप अस्वस्थता के चलते 40-45 की उम्र तक अपनी सैक्स लाइफ का भरपूर मजा नहीं ले पाते, आप की सैक्स लाइफ में बोरियत आने लगती है.

बनाएं अपने शरीर को सुडौल: हर वैवाहिक जोड़े की इच्छा होती है कि उस का पार्टनर सुंदर दिखे चाहे औरत हो या पुरुष, इस के लिए हम अच्छे कपड़े, फुटवियर, सौंदर्य का सामान आदि खरीदते हैं और अपना काफी पैसा भी इन पर खर्च कर देते हैं. शादी के बाद तो औरतें सुंदर दिखने के लिए कुछ ज्यादा ही कौंसियस हो जाती हैं और चाहती हैं कि अपने पार्टनर को इंप्रैस और आकर्षित कर सकें. मगर सब के साथसाथ अपने आहार पर भी ध्यान देना होगा और साथ ही नियमित व्यायाम व पर्याप्त नींद भी जरुरी है.

इस के लिए वयस्तता के बीच अपनी उम्र और सेहत के हिसाब से व्यायाम को दिनचर्या का हिस्सा बनाना ही होगा. योग, प्राणायाम और मैडिटेशन हमें सिर्फ बहार से ही नहीं अंदर से भी मजबूत बनाते हैं. उम्र के हर पड़ाव पर खुद को स्वस्थ रखने के लिए योग, मैडिटेशन, साइक्लिंग, मौर्निंग वाक आदि की आदत डालें ताकि आप हमेशा खुद को फिट और ऊर्जा से भरा हुआ रख सकें, मानसिक एवं शारीरिक बीमारियों से दूर

रख सकें.

अपनी उम्र के अनुसार चुनें आहार: हम सभी को चाहे महिला हो या पुरुष अपना खानपान उम्र के अनुसार करना चाहिए खासकर महिलाओं को अपनी डाइट को ले कर सतर्क होना चाहिए क्योंकि उन्हें उम्र के हर पड़ाव पर अलगअलग नूट्रियस हैल्दी डाइट की आवश्यकता होती है एवं घर से ले कर औफिस तक की जिम्मेदारी निभानी पड़ती है. इस के लिए आवश्यक है कि वे खुद पूरी तरह से फिट और स्ट्रौंग रहें, इस के लिए उन का खानपान सही होना अति आवश्यक है.

40 से 50 की उम्र में महिलाओ के शरीर में हारमोनल बदलाव एवं उन के इंसुलिन लैवल में भी बदलाव आता है. हड्डियों से संबंधित, मेनोपौज एवं और भी कई तरह की समस्याए शुरू होने लगती हैं.

अत: इस उम्र में खानपान के ऊपर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है. इस के लिए ज्यादा फाइबरयुक्त, हरी सब्जिया, कैल्सियमयुक्त डायरी प्रोडक्ट्स, नट्स आदि अपने भोजन में शामिल करने चाहिए.

तनाव को करें कम: महिलाएं हों या पुरुष, दोनों में ही सैक्स क्षमता में कमी का कारण हारमोंस की गड़बड़ी, रोजमर्रा का तनाव और उम्र के साथ घटता ऐनर्जी लैवल है वैसे तो सैक्स तनाव को कम करता है. मगर कई बार रोजमर्रा की जिंदगी की टैंशन और तनाव आप पर इतना हावी हो जाता है कि आप की सैक्स लाइफ को प्रभावित करने लगता है.

इस के लिए आप पर्याप्त नींद ले कर तनाव और चिंता को कम कर के रोजाना योग एवं ध्यान की मदद से अपनी सैक्स की इच्छा को बरकरार रख सकते हैं तथा अपने ऐनर्जी लैवल को बढ़ा सकते हैं.

उपयुक्त कपड़ों का चुनाव करें

सैक्स के समय आप के पार्टनर ने क्या पहन रखा है इस का भी सैक्स लाइफ पर बहुत असर पड़ता है, इसलिए सैक्स के समय सैक्सी कपड़ों का चयन करें ताकि पार्टनर को आकर्षित कर सकें.

कई बार कुछ लोग सैक्स के दौरान अपने आनंद को बढ़ाने के लिए अलकोहल का प्रयोग करते हैं, मगर ध्यान रहे यदि आप थोड़ी मात्रा में इस का सेवन करते हैं तो ठीक है, लेकिन ज्यादा मात्रा में प्रयोग आप की सैक्स लाइफ को प्रभावित करता है, इसलिए किसी भी नशीले पदार्थ से दूरी बनाए रखें.

इस तरह अपनी दिनचर्या में बदलाव कर अपने रिश्ते को बोरियत से दूर रख सकते हैं और उम्र के 40-45 वर्ष के पड़ाव पर सैक्स लाइफ का भरपूर मजा ले सकते हैं अपनी शादीशुदा जिंदगी की गाड़ी को लंबे समय तक तरोताजा एवं खुशियों से भरा रख सकते हैं.

सेक्स समस्याएं: महिला और पुरुष को झेलनी पड़ती हैं ये परेशानियां

स्वस्थ सेक्स का आपकी जीवनशैली से गहरा रिश्ता होता है. आज के समय में तनाव भरी जीवनशैली के कारण सेक्स समस्याएं बढ़ती जा रही हैं. अगर आप तनाव में हैं तो जाहिर है आप सेक्स का आनंद नही ले सकते और इसका आपके रिश्तों पर भी नकारात्मक असर पड़ने लगता है.

वैसे भारत में सेक्स समस्या बढ़ने की मुख्य वजह है लोगों में सेक्स के प्रति जागरूकता की कमी. लोग डॉक्टर व काउंसलर से सेक्स समस्याओं के बारे में खुल कर बात करने में संकोच करते हैं. महिलाओं और पुरुषों में कुछ सामान्य सेक्स समस्याएं होती हैं जिनसे लोग आमतौर पर ग्रस्त रहते हैं.

-यहां हम आपको बता रहे हैं सेक्स संबंधी 10 समस्याएं.

1. पुरुषों की सेक्स समस्याएं

  • पुरुष के लिंग में उत्तेजना न आना, उत्तेजना आकर शीघ्र ही खत्म हो जाना, उत्तेजना आते ही semen (वीर्य) निकल जाना आदि पुरूषों में आम सेक्स समस्याएं हैं.
  • पुरूषों का स्त्री के सामने आते ही घबरा जाना, semen निकल जाना इत्यादि सेक्स समस्याओं के तहत ही आता है. इस समस्या की वजह से अक़्सर पुरूष स्त्री से दूर-दूर भागने लगते हैं और अपनी बीमारी को छिपाने की कोशिश करते हैं.
  • पुरुष के semen में शुक्राणु होते हैं. ये शुक्राणु ही गर्भ धारण के लिये जिम्मेदार होते हैं. semen में इन शुक्राणुओं की संख्या कम होने से महिला गर्भवति नहीं हो पाती. शुक्राणु की कमी को ओलिगोस्पर्मिया कहते हैं जो पुरूषों में होने वाली एक गंभीर सेक्स समस्या है.
  • कई पुरूषों के semen में शुक्राणुओं ही नहीं होते, इस स्थिति को एज़ूस्पर्मिया कहा जाता है. इस समस्या के होने पर पुरुष संतान पैदा करने योग्य नहीं होते हैं. यह भी पुरूषों के लिए एक गंभीर सेक्स समस्या है.
  • पुरूषों में उम्र के बढ़ने के साथ टेस्टोस्टेरोन नामक हार्मोन का स्तर कम हो जाता है और इसके कारण सेक्स इच्छा में कमी भी हो जाती है.

2. महिलाओं की सेक्स समस्याएं

  • महिलाओं को सबसे अधिक शिकायत यौनेच्छा की कमी होती है. कई महिलाओं की सेक्स करने में बिल्कुल भी रूचि नहीं होती. उनकी सेक्स भावना बिल्कुल खत्म हो चुकी होती है जो कि एक गंभीर सेक्स समस्या है. कई बार ये स्थिति मेनोपोज के बाद आती है लेकिन कई महिलाओं में मेनोपोज से पहले ही सेक्स के प्रति इच्छा ख़त्म हो जाती है.
  • योनि से सफेद, चिपचिपा गाढ़ा स्राव होना आज युवावस्था की महिलाओं के लिए भी आम समस्या हो गई है. सामान्य भाषा में इसे सफेद पानी यानी ल्यूकोरिया कहा जाता है.
  • कई कारणों से महिलाओं को योनि में itching (खुजली) होने लगती है. इसके कई कारण होते हैं जैसे इन्फेक्शन, ठीक से सफाई न होना, रोज़ाना कब्ज रहना. इसके अलवा संभोग करने वाले व्यक्ति के यौनांगों में इन्फेक्शन से भी ये समस्या हो जाती है.
  • कई बार प्यूबिक हेयर्स की ठीक से सफाई न करने से उसमें मौजूद कीटाणु योनि मार्ग में चले जाते हैं जिससे योनि गर्भाशय संबंधी समस्याएं पैदा हो जाती हैं. इसीलिये यौनांगों की ठीक तरह से सफाई बेहद ज़रुरी है.
  • कई बार स्तनों में दर्द होने पर लड़कियां इसे आम बीमारी समझ कर लापरवा‍ही करती हैं लेकिन ये दर्द बढ़कर स्तन कैंसर का रूप भी ले सकता है. इसीलिए किसी भी तरह के बड़े ख़तरे को टालने के लिए जरूरी है डॉक्टर की सही समय पर सलाह लेना.

तन से पहले अपने मन के तार भी जोड़ें

4 सहेलियां कुछ अरसे बाद मिली थीं. 2 की जल्दी शादी हुई थी तो 2 कुछ बरसों का वैवाहिक जीवन बिता चुकी थीं. ऐसा नहीं कि उन में और किसी विषय पर बात नहीं हुई. बात हुई, लेकिन बहुत जल्द ही वह पहली बार के अनुभव पर आ टिकी.

पहली सहेली ने पूछा, ‘‘तुम फोन पर ट्रेन वाली क्या बात बता रही थी? मेरी समझ में नहीं आई.’’

दूसरी बोली, ‘‘चलो हटो, दोबारा सुनना चाह रही हो.’’

तीसरी ने कहा, ‘‘क्या? कौन सी बात? हमें तो पता ही नहीं है. बता न.’’

दूसरी बोली, ‘‘अरे यार, कुछ नहीं. पहली रात की बात बता रही थी. हनीमून के लिए गोआ जाते वक्त हमारी सुहागरात तो ट्रेन में ही मन गई थी.’’

तीसरी यह सुन कर चौंकी, ‘‘हाउ, रोमांटिक यार. पहली बार दर्द नहीं हुआ?’’

दूसरी ने कहा, ‘‘ऐसा कुछ खास तो नहीं.’’

तीसरी बोली, ‘‘चल झूठी, मेरी तो पहली बार जान ही निकल गई थी. सच में बड़ा दर्द होता है. क्यों, है न? तू क्यों चुप बैठी है? बता न?’’

चौथी सहेली ने कहा, ‘‘हां, वह तो है. दर्द तो सह लो पर आदमी भी तो मनमानी करते हैं. इन्होंने तो पहली रात को चांटा ही मार दिया था.’’

बाकी सभी बोलीं, ‘‘अरेअरे, क्यों?’’

चौथी ने बताया, ‘‘वे अपने मन की नहीं कर पा रहे थे और मुझे बहुत दर्द हो रहा था.’’

पहली बोली, ‘‘ओह नो. सच में दर्द का होना न होना, आदमी पर बहुत डिपैंड करता है. तुम विश्वास नहीं करोगी, हम ने तो शादी के डेढ़ महीने बाद यह सबकुछ किया था.’’

दूसरी और तीसरी बोलीं, ‘‘क्यों झूठ बोल रही हो?’’

पहली सहेली बोली, ‘‘मायके में बड़ी बहनों ने भी सुन कर यही कहा था, उन्होंने यह भी कहा कि लगता है मुझे कोई धैर्यवान मिल गया है, लेकिन मेरे पति ने बताया कि उन्होंने शादी से पहले ही तय कर लिया था कि पहले मन के तार जोडं़ूगा, फिर तन के.

‘‘मुझे भी आश्चर्य होता था कि ये चुंबन, आलिंगन और प्यार भरी बातें तो करते थे, पर उस से आगे नहीं बढ़ते थे. बीच में एक महीने के लिए मैं मायके आ गई. ससुराल लौटी तो हम मन से काफी करीब आ चुके थे. वैसे भी मैं स्कूली दिनों में खूब खेलतीकूदती थी और साइकिल भी चलाती थी. पति भी धैर्य वाला मिल गया. इसलिए दर्द नहीं हुआ. हुआ भी तो जोश और आनंद में पता ही नहीं चला.’’

पतिपत्नी के पहले मिलन को ले कर अनेक तरह के किस्से, आशंकाएं और भ्रांतियां सुनने को मिलती हैं. पुरुषों को अपने सफल होने की आशंका के बीच यह उत्सुकता भी रहती है कि पत्नी वर्जिन है या नहीं. उधर, स्त्री के मन मे

मुझे मेरी बेस्टफ्रैंड के बौयफ्रैंड से अट्रैक्शन होता है, मैं क्या करूं?

सवाल

मुझे मेरी बेस्टफ्रैंड के बौयफ्रैंड से अट्रैक्शन होता है. वह लंबा, सुंदर और समझदार लड़का है. कभीकभी लगता है जैसे वह मुझे एक अलग नजर से देख रहा है. मेरी बेस्टफ्रैंड मुझे अपने और अपने बौयफ्रैंड के इंटीमेट मोमैंट्स के बारे में भी बताती है जिन्हें सुन कर मुझे उस लड़के के लिए और ज्यादा फैसिनेशन होने लगी है.

मैं अपनी बेस्टफ्रैंड को धोखा नहीं देना चाहती, उस का दिल दुखाना नहीं चाहती पर अपने इस दिल का क्या करूं. मैं बहुत परेशान हो रही हूं. वह लड़का उस से शायद प्यार भी नहीं करता. लेकिन, मेरा उसे पाने का मतलब होगा अपनी दोस्ती खराब करना. कुछ हैल्प कीजिए.

जवाब

आप की बातें सुन कर यह लव का कम और लस्ट का मामला ज्यादा लग रहा है. आप को अपनी बेस्टफ्रैंड के बौयफ्रैंड से सिर्फ अट्रैक्शन है जिस के चलते आप को अपना दिल टूटता हुआ सा लग रहा है जबकि यह ज्यादा से ज्यादा इन्फैचुएशन है और कुछ नहीं. आप को उस लड़के के बारे में सोचना बंद कर देना चाहिए. वह आप की दोस्त से प्यार करता है या नहीं करता इसे ले कर आप अपनी फ्रैंड को सचेत कर सकती हैं, लेकिन खुद उस लड़के के करीब जाने की कोशिश करेंगी तो बेस्टफ्रैंड खो देंगी.

बेहतर यही होगा कि आप अपनी दोस्त के बौयफ्रैंड से दूरी बना कर रखें वरना क्या पता आप की दोस्त ही शक करने लगे, और ऐसे नहीं तो वैसे आप की दोस्ती दांव पर लगे. अट्रैक्शन कम करने के लिए किसी और लड़के पर फोकस करने की कोशिश कीजिए, किसी और ऐक्टिविटी पर ध्यान दीजिए और इस बारे में सोचना बंद कर दीजिए. प्यार को कंट्रोल करना मुश्किल है, अट्रैक्शन को नहीं.

मेरा बौयफ्रेंड अकेले में मुझसे शारीरिक छेड़छाड़ करता है जबकि मैं उस से प्यार की बातें करना चाहती हूं, मैं क्या करूं?

सवाल

मैं 20 वर्षीय युवती अपनी ही कक्षा के एक छात्र से प्रेम करती हूं, लेकिन वह मुझ से सेक्सुअल चाहत ही रखता है. मौडर्न होने के कारण मैं हर तरह की ड्रैसेज पहनती हूं. जब भी मैं शौर्ट स्कर्ट, निकर या खुली पोशाक पहनती हूं तो एकांत मिलते ही वह मेरी जांघ, पीठ आदि पर हाथ फेरने लगता है जबकि मैं उस से प्रेमभरी बातें करना चाहती हूं. मना करने पर वह कहता है कि तुम मुझ से प्यार नहीं करती. क्या करूं?

जवाब

आप दोनों एकदूसरे से प्यार करते हैं तो जाहिर है सिर्फ प्रेममयी बातों तक ही प्यार सीमित नहीं रहेगा. हां, कुछ वक्त व जरूरत का खयाल रखना होगा. लेकिन उस के द्वारा आप के शरीर को छेड़ने की कोशिश व न मानने पर प्रेम का वास्ता देने की बात से जाहिर है कि वह आप से शारीरिक संबंध बनाने को उतावला है. साथ ही उस का ध्यान आप की यौन सुंदरता पर है, दिल पर नहीं.

सब से पहले तो यह जान लें कि भूल कर भी उस से संबंध बनाने की गलती न करें, ‘आप प्यार नहीं करती’ जैसी बातों में आ कर भी उसे शरीर न सौंपें वरना पछतावा ही हाथ लगेगा.

उसे समझाएं कि सैक्स शादी के बाद ही ठीक रहता है. अभी तो प्यार चाहिए. अगर न माने तो उस से थोड़ी दूरी बनाएं. जब उसे अपनी गलती का एहसास होगा, अपनेआप ही चला आएगा.

शादी से पहले मंगेतर के साथ सोना मना है क्योंकि…

-शादी एक ऐसा समय है जब लड़का-लड़की एक साथ एक बंधन में बंधकर पूरा जीवन साथ में बिताने का वादा करते हैं. शादी को पुरूष आमतौर पर शारीरिक तौर पर अधिक देखते हैं. शादी का मतलब अधिकतर पुरूषों के लिए सेक्स संबध बनाना ही होता है लेकिन वे ये बात भूल जाते हैं कि शारीरिक संबंध से अधिक महत्वपूर्ण आत्मिक संबंध होता है.

-यदि महिला और पुरूष आत्मिक रूप से एक-दूसरे से संतुष्ट‍ है तो फिर शारीरिक संबंधों में भी कोई दिक्कत नहीं होती. शादी से पहले यानी सगाई के बाद लड़के और लड़की को एकसाथ खूब समय बिताने को मिलता है लेकिन इसका ये अर्थ नहीं कि वे शादी से पहले फिजीकल रिलेशन बना ले या फिर प्री मैरिटल सेक्सू करें. शादी से पहले संयम बरतना जरूरी है. आइए जानें शादी और संयम के बारे में कुछ और दिलचस्प बातों को.

सगाई और शादी के बीच में संयम के बारे में कुछ और दिलचस्प बातें 

– सगाई के बाद लड़के और लड़की को आपस में एक-दूसरे से मिलना चाहिए और एक-दूसरे को जानना चाहिए, लेकिन इसके साथ ही उन्हें संयम बरतना भी जरूरी है.

– यदि शादी से पहले फिजीकल रिलेशन बनाने के लिए लड़का-लड़की में से कोई भी पहल करता है तो दूसरे को मना करना चाहिए नहीं तो इससे इंप्रेशन अच्छा नहीं पड़ता.

– दोनों को समझना चाहिए कि प्री मैरिटल सेक्स से पहले उन्हें आपस में एक-दूसरे को जानने-सूझने का मौका मिला है जिससे वे पहले एक-दूसरे की पसंद-नापसंद इत्यादि के बारे में जान पाएं.

– ये जरूरी है कि मिलने वाले समय को लड़के व लड़की को समझदारी से बिताना चाहिए न कि फिजूल की चीजों में खर्च करना चाहिए.

– शादी से पहले संयम बरतने से न सिर्फ दोनों के रिश्तों में मजबूती आती है बल्कि दोनों का एक-दूसरे पर विश्वास भी बना रहता है. इसके साथ ही संबंधों में अंतरंगता का महत्व भी बरकरार रहता है.

– प्रीमैरिटल सेक्स में हालांकि कोई बुराई नहीं लेकिन दोनों के रिश्ते पर शादी के बाद मनमुटाव का ये कारण बन सकता है.

– रिश्तों में खुलापन जरूरी है. चाहे तो शादी से पहले आप चीजों को डिस्कस कर सकते हैं. एक-दूसरे के साथ समय व्यतीत कर सकते हैं. एक-दूसरे के साथ घूम-फिर सकते हैं लेकिन इसके लिए जरूरी नहीं कि फिजीकल रिलेशन ही बनाया जाए.

– शादी से पहले फिजीकल रिलेशन से रिश्तों में अवसाद पैदा होने की संभावना बनी रहती है क्योंकि इसके बाद हर समय मन में एक डर और बैचेनी रहने लगती है. इसीलिए इन सबसे बचना जरूरी है.

– सेक्ससुअल रिलेशंस आपके रिश्ते में करीबी ला भी सकते हैं और दूरी बढ़ा भी सकते हैं इसीलिए कोई भी कदम उठाने से पहले सोच-समझ कर विचार करना आवश्यक है.

शादी से पहले संयम बरतने में कोई नुकसान नहीं है बल्कि रिश्तों की मजबूती के लिए यह अच्छा है.

सुहागरात को जब मैंने पति के साथ सेक्स किया तो मुझे ब्लीडिंग नहीं हुई, बताएं ऐसा क्यों हुआ?

सवाल

मैं 22 वर्षीय युवती हूं. 6 महीने पहले ही मेरा विवाह हुआ है. मैं एक बात को ले कर बहुत परेशान हूं. सुहागरात को जब मैं ने पति के साथ सहवास किया तो रक्तस्राव नहीं हुआ. मैं ने आज तक किसी से संबंध बनाना तो दूर दोस्ती तक नहीं की. फिर प्रथम समागम के दौरान रक्तस्राव क्यों नहीं हुआ. भले ही मेरे पति ने इस बात पर गौर नहीं किया पर यह बात मुझे अंदर ही अंदर खाए जा रही है. कृपया बताएं ऐसा क्यों हुआ?

जवाब

सुहागरात को संबंध बनाने के दौरान आप को रक्तस्राव नहीं हुआ इस बात को ले कर आप को परेशान नहीं होना चाहिए. बहुत बार दौड़तेभागते या गिरने आदि से कौमार्य झिल्ली फट जाती है. आप के साथ भी ऐसा ही कुछ हुआ होगा, इसलिए आप बेवजह परेशान न हों और वैवाहिक जीवन का आनंद उठाएं. अभी आप की नईनई शादी हुई है. रोमांस करने के समय में बेकार की बातों को ले कर परेशान न होएं.

कई महिलाओं को संभोग के बाद रक्त स्त्राव होता है. वैसे तो यह एक सामान्य प्रक्रिया होती है, लेकिन कुछ मामलों में यह अन्य समस्याओं की ओर भी इशारा करती है. पीरियड्स के दौरान सेक्स करने से योनि से खून आता है. लेकिन, यह महिलाओं की योनि में सेक्स के समय लगी किसी चोट, संक्रमण व सर्वाइकल कैंसर का भी संकेत करता है. अगर सेक्स के बाद योनि से लगातार खून निकल रहा हो तो इस स्थिति में आपको तुरंत किसी स्त्री रोग विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए.

सेक्स करते समय खून क्यों आता है?

सेक्स के बाद योनि से खून आने की समस्या को चिकित्सा जगत में पोस्टकोइटल ब्लीडिंग (Postcoital bleeding) के नाम से जाना जाता है. यह समस्या किसी भी उम्र की महिला को हो सकती है. जो महिलाएं रजोनिवृत्ति की स्थिति में नहीं है, उनमें इस तरह की समस्या गर्भाशय ग्रीवा के कारण उत्पन्न होती है, जबकि रजोनिवृत्ति से गुजर रही महिलाओं में यह समस्या कई अन्य कारणों से भी होती हैं.

महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर एक चिंता का विषय है. खासकर रजोनिवृत्ति वाली महिलाओं को इसका खतरा अधिक होता है. सेक्स के बाद महिलाओं की योनि से इस कारण भी खून आता है.

इसके अलावा कुछ ऐसे कारण भी हैं, जिनकी वजह से सेक्स के बाद रक्त स्त्राव होता है.

संक्रमण होना कुछ संक्रमण में सूजन व ऊतक भी योनि से खून आने की वजह होते हैं. इसमें निम्न संक्रमण शामिल होते हैं –

  • श्रोणि में सूजन की बीमारी (Pelvic inflammatory disease)
  • एसटीडी- यौन संचारित रोग
  • गर्भावशय की ग्रीवा में सूजन (Cervicitis)
  • योनि में सूजन (Vaginitis; वैजिनाइटिस)

रजोनिवृत्ति में जेनिटोयुरनेरी सिंड्रोम

यह सिंड्रोम महिलाओं की योनि की सक्रियता को कम करने का इशारा करता है. यह रोग रजोनिवृत्ति के समय व अंडाशय निकालने के कारण होता है. महिलाओं की अधिक उम्र होने पर महवारी बंद हो जाती है और ऐसे उनके शरीर में एस्ट्रोजन के बनने का स्तर कम हो जाता है. एस्ट्रोजन महिलाओं के शरीर में प्रजनन के लिए जिम्मेदार होता है.

महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन का स्तर कम होने से कई तरह के रोग उत्पन्न होने लगते हैं. इससे महिलाओं की योनि में कम ल्युब्रिकेशन बनता है. जिससे महिलाओं की योनि में सूखापन व जलन होने लगती है. एस्ट्रोजन का स्तर कम होने से योनि के लचिलेपन पर भी असर पड़ता है. योनि के ऊतक सिकुड़ जाते हैं. जिसकी वजह से सेक्स के समय दर्द, असहजता व खून आता है.

पोलिप्स (Polyps)

यह एक प्रकार का बैक्टीरिया होता है. इसके होने से कैंसर का खतरा नहीं रहता है. यह महिलाओं के गर्भाशय ग्रीवा व गर्भाशय की अंदरूनी परत में भी हो जाते हैं. यह गोल आकार के होते हैं. इनके सक्रिय होने पर यह ऊतकों में जलन व रक्त वाहिकाओं में ब्लीडिंग की वजह बनते हैं.

जोश में सेक्स करना

जोश के साथ सेक्स करना भी योनि से खून आने का कारण होता है, क्योंकि इस तरह के सेक्स में शारीरिक बल लगाया जाता है जिससे योनि में खरोंच आ जाती है. रजोनिवृत्ति, स्तनपान व योनि में रूखापन होने के कारण भी योनि से खून आता है.

कैंसर

योनि से लगातार खून आना या सेक्स के बाद खून आना सर्वाइकल व योनि के कैंसर का लक्षण होता है. इस तरह के लक्षण पाए जाने वाली कई महिलाओं की जांच में सर्वाइकल कैंसर पाया गया है. इसके अलावा कई मामलों में गर्भाशय के कैंसर को भी पाया गया.

योनि में सूखापन होना

योनि का सूखापन रक्त स्त्राव होने का आम कारण होता है. इसके अलावा भी योनि से खून बहने के निम्न अन्य कारण होते हैं –

  • स्तनपान कराना.
  • बच्चे के जन्म के बाद.
  • अंडाशय को निकालना
  • कई दवाएं, जैसे- सर्दी में ली जाने वाली दवाएं, अस्थमा की दवा, अवसाद को कम करने वाली दवाएं व एस्ट्रोजन को कम करने वाली दवाएं आदि.
  • किमोथेरेपी व रेडीएशन थेरेपी.
  • शारीरिक बल व जोश के साथ सेक्स करना.
  • किसी कैमिकल से योनि को साफ करना.

क्या सेक्स के बाद योनि से खून आना किसी समस्या की ओर संकेत करता है?

अगर आपको सेक्स के बाद खून आ रहा हो तो यह सामान्य स्तिथि होती है. लेकिन इस स्थिति के बारे में सही जानकारी के लिए आपको डॉक्टर से मिलना होगा. अगर आपको पीरियड्स के कुछ समय पहले या बाद के दौरान सेक्स करने के बाद खून आए तो आपको डॉक्टर से इस विषय पर अवश्य परार्मश कर लेना चाहिए. जब तक डॉक्टर की जांच की रिपोर्ट आपको न पता चले तब तक दोबारा सेक्स न करें. कई बार संक्रमण व किसी अन्य गंभीर समस्या के कारण भी संभोग के बाद योनि से खून आने लगता है.

सेक्स के बाद ब्लीडिंग होने पर डॉक्टर से कब मिलना है जरूरी

सेक्स के बाद खून आने के लक्षण इसके कारण के आधार पर अलग-अलग हो सकते हैं. अगर आपको सेक्स के बाद बेहद ही कम रक्त स्त्राव हो रहा हो, तो आपको इस स्थिति में घबराने की आवश्यकता नहीं है.

इन लक्षणों के दिखाई देने पर डॉक्टर से तुरंत मिलें.

  • योनि में खुजली और जलन,
  • मूत्रत्याग में जलन महसूस होना,
  • संभोग करते समय अधिक दर्द होना,
  • अधिक खून बहना,
  • पेट के निचले हिस्से में तेज दर्द,
  • पीठ के निचले हिस्से में दर्द,
  • जी मिचलाना और उल्टी आना,
  • योनि से सफेद पानी आना इत्यादि.

संभोग के बाद खून बहने पर कौन से परीक्षण कराएं?

यौन संबंध के बाद खून बहना आमतौर पर योनि के रूखेपन के कारण होता है, लेकिन कई बार यह समस्या गंभीर भी हो सकती है. इसमें डॉक्टर सबसे पहले कैंसर की जांच करते हैं. जिसमें वह आपकी योनि व गर्भाशय ग्रीवा की जांच के लिए पैप स्मीयर (Pap Smear) टेस्ट करते हैं. कैंसर की पहचान होने पर कैंसर विशेषज्ञ के पास आपको भेज दिया जाता है.

यौन संबंध के बाद खून बहने के अतिरिक्त कारणों की जांच निम्न परीक्षण से की जाती है.

  • कोलपोस्कोपी (Coloscope) – इसमें महिलाओं की योनि व गर्भाशय ग्रीवा की जांच की जाती है.
  • ट्रांसवैजाइनल अल्ट्रासाउंड.
  • यूरीन टेस्ट (मूत्र का परीक्षण).
  • खून की जांच.
  • योनि से निकलने वाले सफेद पानी की जांच.

यौन संबंध बनाने के बाद खून आने का इलाज

यौन संबंध बनाने के बाद योनि से खून आने के कारणों के आधार पर इस समस्या का इलाज किया जाता है. जिनमें निम्न प्रमुख हैं –

ल्यूब्रिकेंट्स –

अगर आपकी योनि से खून आने की वजह रूखापन है तो आपको योनि में मॉइश्चराइजर लगना चाहिए. नियमित रूप से मॉइश्चराइजर को योनि की त्वचा पर लगाने से यह योनि की अंदरूनी त्वचा को मॉइश्चराइज करता है. इससे रूखापन खत्म होकर त्वचा में नमीं आने लगती है.

योनि के लिए आने वाले ल्यूब्रिकेंट्स के इस्तेमाल से संभोग के समय त्वचा के घर्षण से छिलने की समस्या कम हो जाती है. पानी युक्त ल्यूब्रिकेंट सेक्स के समय योनि से आने वाले खून को कम कर देता है. तेल युक्त ल्यूब्रिकेंट व कंडोम को साथ में इस्तेमाल करने से कंडोम के कटने या फटने का डर बना रहता है. इसलिए आप पानीयुक्त ल्यूब्रिकेंट्स का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके साथ ही साथ यौन संबंध बनाते समय तेजी या जोश दिखाने की जरूरत नहीं हैं. अगर जोश में महिला को समस्या हो रही है तो आपको तुरंत रूक जाना होगा या इसको आराम से धीरे-धीरे करना होगा.

एस्ट्रोजन थेरेपी –

रजोनिवृत्ति या अंडाशय को बाहर निकलवाने से योनि में रूखापन आने की वजह में आप एस्ट्रोजन थेरेपी को अपना सकती हैं. योनि के लिए आने वाली एस्टोजन क्रीम व अन्य उपादों का इस्तेमाल कर सकती हैं. योनि से खून आने की स्थिति में आप एस्ट्रोजन अंगूठी (रिंग) का भी इस्तेमाल कर सकती हैं. इस लचीली अंगूठी को योनि में अंदर लगाई जाती है. यह सीमित मात्रा में एस्ट्रोजन को करीब 90 दिनों तक स्त्रावित करता है. ओरल हार्मोन थेरेपी में एस्ट्रोजन व प्रोजेस्टीन को बदल दिया जाता है.  इसके लावा भी महिलाओं के लिए कई अन्य विकल्प मौजूद है.

अन्य इलाज –

योनि में सूजन आना रूखेपन व संक्रमण की ओर संकेत करता है. इसके कारण अज्ञात हो सकते हैं. आपके डॉक्टर द्वारा दी जाने वाली एंटीबॉटिक के कारण भी ऐसा हो सकता है. श्रोणी में दर्द व यौन संचारित रोगों की दवा के साथ भी आपको एंटीबॉयोटिक की दवा दी जा सकती है. इसके अलावा गर्भाशय ग्रीवा में संक्रमण होने पर भी डॉक्टर आपको कुछ ऐसी दवाएं दे सकते हैं, जिससे आपको योनि में रूखापन हो जाता है.

ऑनलाइन सेक्स फैंटेसी का नया कारोबार

जब जमाना ऑनलाइन हो रहा है तो सेक्स भी ऑनलाइन नज़र आ रहा है. एक सर्वे के मुताबिक दुनियाभर में ‘डॉमीनेटरिक्स’ का बिजनेस तेजी से बढ़ रहा है. लोगों की फैंटसी पूरी करने के लिए हजारों महिलाएं पूरी दुनिया में हर वक्त ऑनलाइन रहती हैं.

डॉमीनेटरिक्स से जुड़कर महिलाएं पूरी कर रही मर्दों की फैंटेसी

एक सर्वे से साफ हुआ है कि ऑनलाइन रहने वाली महिलाएं दिनभर में एक-एक लाख रुपए तक कमा रही है. डॉमीनेटरिक्स के लिए एक मिनट का 500 रुपए तक चार्ज लिया जा रहा है. इसी सर्वे के मुताबिक अपनी सेक्सुअल फैंटेसी पूरी करने के लिए डॉमीनेटरिक्स में मर्दों की पहली पसंद बॉन्डेज सेक्स एंज़ॉय करना है.

अंग्रेजी अखबार द सन के अनुसार ब्रिटेन में पिछले दिनों 55 साल के एक डॉक्टर ने अपनी डॉमीनेटरिक्स पिक्चर ऑनलाइन पोस्ट कर दी. डॉक्टर के पेट पर उसकी मेड का नाम लिखा था जिसके साथ उसने शारीरिक संबंध बनाए. हालांकि डॉक्टर को बाद में हॉस्पिटल से सस्पेंड कर दिया गया.

ग्लासगो की रहने वाली 34 साल की एना वैसे तो काफी स्ट्रिक्ट है कि लेकिन ऑनलाइन डिमांड होने पर उन्हें लेटैक्स पहनने में भी कोई ऐतराज नहीं है. हालांकि ऑनलाइन न्यूड होने से वो परहेज करती हैं लेकिन ऑनलाइन सेक्स चैट वो अक्सर करती हैं.

उनका कहना है कि शायद मर्दों की फैंटेसी पूरा करने का ये सही तरीका है. इससे वो भी काफी हल्का महसूस करते हैं. वो हमसे अक्सर वो डिमांड करते हैं जिसे वो अपने पार्टनर के साथ पूरा नहीं कर सकते हैं. एना की फीस पर मिनट ढाई सौ रुपए है.

ब्रिजटन की मिया हरिंगटन का कहना है कि शायद मर्द हमसे कुछ ऐसा सीखना चाहते हैं जिसे वो अपने घर पर आजमा सकें. मिया कहती हैं महिलाओं और पुरुषों के अलावा तमाम कपल्स भी उनके क्लाइंट हैं और वो अपने सेक्सुअ फैंटेसी मुझे देखकर पूरी करना चाहते हैं.

डॉमीनेटरिक्स के बारे में क्या सोचते हैं साइकोलॉजिस्ट

ब्रिटेन की नॉटिंघम ट्रेंट यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ मार्क ग्रिफिथ्स को लगता है कि इंटरनेट के बढ़ते चलन के कारण लोग सेक्स फैंटेसी पूरी करने के लिए ऑनलाइन डॉमीनेटरिक्स का सहारा ले रहा है. ये आसानी से उपलब्ध है. जो लोग फेस टू फेस डॉमीनेटरिक्स का सामना करने में हिचकते हैं वो ऑनलाइन जा रहे हैं. जहां वो खुलकर सामने आते हैं.

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