हेल्दी सेक्स चाहिए तो सेक्स के दौरान करें ऐसी बातें

सेक्स के वक्त केवल सेक्स ही जरूरी नहीं है, बल्कि इस दौरान आप अपने पार्टनर के साथ कैसा वक्त बिताते हैं ये भी मायने रखता है. उस दौरान आप अपने पार्टनर के साथ कितना इंजौय करते हैं ये आपकी बातों पर भी खासा निर्भर करता है.

सेक्स केवल खानापूर्ति का तरीका नहीं हैं. अगर आप इसे खानापूर्ति मानते हैं तो इससे ना तो आपका सेक्स पार्टनर और न ही आप कुछ संतोषजनक परिणाम हासिल कर सकेंगे. अगर आप सेक्स के दौरान ज्यादा इंजौय करना चाहते हैं तो ये जरूरी है कि आप दोनों के बीच एक मजबूत संवाद हो, तभी आप एक बेहतर सेक्स लाइफ का आनंद ले सकेंगे.

  • क्यों जरूरी है सेक्स संवाद

सेक्स के दौरान बात से आप प्यार, अपनापन, आकर्षक और ज़रूरत को बेहतर ढ़ंग से समझा सकते हैं. इसलिये सेक्स को लेकर बिना किसी झिझक और शर्म के इसके हर पहलू पर संवाद होना चाहिए.

  • करें शरीर के बारे में बात

अपने दोनों एक दूसरे की पसंद के बारे में बता करें. एक दूसरे के शरीर को अपनाएं और बात करें कि आपको एक दूसरे के शरीर का कौंन सा हिस्सा सबसे ज्यादा पसंद है और आप उसके बारे में क्या सोचते हैं.

  • नएपन के बारे में बात

लंबे वक्त तक सेक्स के बाद आपमें या आपके पार्टनर में सेक्स को ले के अरूचि हो सकती है. पर इससे घबराने की जरूरत नहीं है. जरूरी ये है कि इस विषय पर खुल कर बात करें. इसके लिए सेक्स लाइफ में एक्स्पेरिमेंट करें. पार्टनर के साथ ऐसे प्रयोग आपकी सेक्स लाइफ में ताजापन बनाए रखते हैं.

  • सेक्स के दौरान हंसी मजाक करें

सेक्स के दौरान करें हंसी मजाक बेहद जरूरी होता है. इस दौरान आप डबल मीनिंग वाले आपके नॉटी जोक्स उन पलों का मजा कई गुना बढ़ा देतें हैं.

  • मूव्स के बारे में बात

सेक्स के दौरान आपके मूव्स आपके लिए बहुत फायदेमंद है. इसलिए पार्टनर से पूछें कि उसे कौन सा मूव ज्यादा पसंद है और उस पर आप खुल के बाते करें.

  • परफार्मेंस और साइज

महिलाएं बेडरूम परफार्मेंस और खासतौर से अपने पार्टनर की साइज के बारे में विशेष रुची रखती हैं. वे अपनी सहेलियों से बेडरूम परफार्मेंस की कुछ मजेदार बातों और कामों को खुलकर शेयर करती हैं. साथ ही नए पोजिशन के बारे में भी बातें करती हैं. इस लिए आप भी इन मामलों पर खुल के बाते करें. इससे आपके पार्टनर को कौन्फिडेंस आएगा.

बेहतर सेक्स लाइफ चाहते हैं तो अपनाएं ये टिप्स

कई दिनों से निशा की बढ़ती व्यस्तता नितिन की बेचैनी बढ़ा रही थी. जब भी नितिन सेक्स के मूड में होता वह उस की व्यस्तता के कारण यौनसुख प्राप्त नहीं कर पाता. यह नहीं कि निशा को इस की जरूरत महसूस नहीं होती, पर वह अपने काम को अपनी इस जरूरत से अधिक महत्त्व देती. इस से नितिन की यौन भावनाएं आहत होतीं.  धीरेधीरे वह यौन कुंठा का शिकार हो गया. अकसर व्यस्त दंपती अपनी सेक्सलाइफ का पूर्णरूप से आनंद नहीं उठा पाते, क्योंकि अगर वे सेक्स करते भी हैं तो किसी कार्य को निबटाने की तरह. न तो उन्हें एकदूसरे से रोमांटिक बातें करने की फुरसत होती, न ही वे परस्पर छेड़छाड़ का मजा ले पाते.

सेक्स विशेषज्ञों का मानना है कि सेक्स में चरमसुख की प्राप्ति तभी हो पाती है जब पतिपत्नी दोनों पूरी तरह उत्तेजित हों और यह उत्तेजना उन में तभी आ सकती है, जब वे सेक्स से पहले आवश्यक क्रियाएं जैसे परस्पर छेड़छाड़, एकदूसरे के गुप्त अंगों को सहलाना, होंठ चूमना, आलिंगनबद्ध होना इत्यादि करें. इन क्रियाओं से सेक्सग्रंथियां तेजी से काम करना शुरू कर देती हैं व पतिपत्नी में अत्यधिक उत्तेजना पैदा हो जाती है, जो उन्हें चरमसुख प्रदान करने में सहायक होती है. पर जो दंपती अपने काम को सेक्स से ज्यादा महत्त्वपूर्ण मानते हैं, वे ऐसा कदापि नहीं कर पाते.

घातक स्थिति है यह

राघव की जौब ऐसी है कि वह रात को 11 बजे से पहले घर नहीं लौट पाता. उस की पत्नी ट्विंकल भी नौकरी करती है. दोनों इतने व्यस्त रहते हैं कि उन्हें एकदूसरे से ढंग से बात  करने तक की फुरसत नहीं मिलती. सेक्स को भी दोनों अपने जौबवर्क की तरह ही निबटाते हैं. नतीजा यह होता है कि वे कई सप्ताह तक शारीरिक तौर पर एकदूसरे के साथ जुड़ते ही नहीं, क्योंकि सेक्स में उन्हें बिलकुल भी आनंद नहीं आता और इसी कारण उन की इस में रुचि घटती जा रही है.

अधिक व्यस्त रहने के कारण पतिपत्नी लगातार अपनी यौनइच्छाओं को दबाते रहते हैं, क्योंकि कई बार ऐसी स्थिति भी आती है कि उन में से एक जल्दी फ्री हो जाता है व दूसरे के साथ अपना समय गुजारना चाहता है, शारीरिक सुख प्राप्त करना चाहता है परंतु उस की यह चाहत पूरी नहीं हो पाती, क्योंकि उस का साथी बिजी है. ऐसे में पतिपत्नी न तो कभी अपनी यौन भावनाओं को एकदूसरे से शेयर कर पाते हैं, न ही सेक्स के विषय पर एकदूसरे से खुल कर बातचीत करते हैं. या तो वे लगातार सेक्स को नजरअंदाज करते हैं या इसे सिर्फ निबटाते हैं. ऐसी स्थिति में उन के सेक्स संबंधों पर प्रतिकूल असर पड़ता है. धीरेधीरे सेक्स उन्हें बोर करने लगता है.

सेक्स में बोरियत होने से दोनों ही इस से विमुख होने लगते हैं. उन की सेक्स के प्रति अंदरूनी चाहत खत्म होने लगती है और पति का अंग शिथिल पड़ता चला जाता है, साथ ही पत्नी को भी उत्तेजित होने में अधिक समय लगता है. यह स्थिति दांपत्य संबंधों के लिए खतरे की घंटी है. सेक्स, जो सफल वैवाहिक जीवन का आधार है, अगर पतिपत्नी इस से ही विमुख हो जाएंगे तो उन्हें एकदूसरे के प्रति कोई आकर्षण नहीं रहेगा. ऐसे में विवाहेतर संबंध पनपते हैं, जो पतिपत्नी के आपसी रिश्ते की जड़ें खोखली करने में अहम भूमिका निभाते हैं. अगर पतिपत्नी दोनों मिल कर प्रयास करें तो वे अपने व्यस्त जीवन में से सेक्स में पूर्ण आनंद प्राप्त करने हेतु समय निकाल ही सकते हैं. बस, जरूरत है थोड़ी समझदारी व इच्छाशक्ति की. अपनी यौनइच्छाओं को दबाएं नहीं बल्कि मौका देख कर उन्हें जीवनसाथी के समक्ष उजागर करें.

नेहा और सूजल ऐसी स्थिति में एकदूसरे को पूर्ण सहयोग देते हैं. एक फ्री है तो उस ने दूसरे के काम निबटा दिए, दूसरा जल्दी फ्री हो जाता है तो वह अपने साथी के कार्यों में सहयोग देता है ताकि वे दोनों एकदूसरे के साथ कुछ वक्त बिता सकें. नेहा कहती है, ‘‘कई बार सूजल जल्दी फ्री हो जाते हैं तो वह नौकरानी को खाना बनाने संबंधी हिदायतें देते हैं, फिर अन्य काम जैसे प्रेस के कपड़े भिजवाना, बेडरूम को व्यवस्थित करना इत्यादि कार्य निबटा लेते हैं. मैं जब घर लौटती हूं तो वह जल्दी से मुझे फे्रश होने को कह खाना लगा देते हैं. ऐसे में हमारा शारीरिक व मानसिक रिश्ता अधिक मजबूत हो जाता है.’’ यह तो तय है कि जिन पतिपत्नी में परस्पर सहयोग की भावना होती है, वे मानसिक तथा शारीरिक तौर पर एकदूसरे के अधिक करीब होते हैं, क्योंकि एकदूसरे का सहयोग उन्हें मानसिक संबल प्रदान करने के साथसाथ आपसी लगाव, प्यार व विश्वास में भी वृद्धि करता है. ऐसे में वे शारीरिक तौर पर भी सहज ही एकदूसरे से जुड़ जाते हैं और उन्हें उत्तेजित होने में भी अधिक समय नहीं लगता.

इन्हीं सब बातों पर आप की सेक्सलाइफ निर्भर करती है. अगर आप चरमसुख की अनुभूति प्राप्त करना चाहते हैं तो परस्पर सहयोग तो करना ही होगा, क्योंकि सेक्स भी टैक्स मांगता है. तो फिर देर किस बात की, टैक्स चुकाइए व सेक्स का लुत्फ उठाइए.

नवीनता लाएं

अगर आप सदैव व्यस्तता का रोना रो कर सेक्स से कटते हैं तो आप के संबंध बेहद नीरस हो जाते हैं. ऐसी स्थिति पैदा होने पर आप को स्वयं में कुछ बदलाव लाने होंगे, तभी आप अपने संबंधों को चरमसुख के रस से सराबोर कर सकते हैं.

सेक्स का पूरा आनंद उठाने हेतु आप दोनों का पूर्णरूप से उत्तेजित होना बहुत आवश्यक है और यह उत्तेजना तभी आ सकती है, जब आप सेक्स से पूर्व एकदूसरे के साथ मीठीमीठी बातें, शरारतें, छेड़छाड़ करें.

कभीकभी रूटीन से हट कर कुछ नया करें. समय निकाल कर जीवनसाथी से मोबाइल पर मीठी बातें करें. अगर वह बिजी हो तो उसे रोमांटिक मैसेज भेजें.

अपने अंत:वस्त्रों में बदलाव लाएं. ऐसे रंग के अंत:वस्त्र पहनें, जो जीवनसाथी को बेहद पसंद हों.

डिनर के वक्त प्यार से एकदूसरे को निहारें. पैरों से शरारतें करें. कभी खाना लेते वक्त हलके से हाथों का स्पर्श करें या फिर अचानक उस अंग को छू दें, जिस से जीवनसाथी में उत्तेजना पैदा होती हो. रोमांटिक गाने सुनें.

आप का बेडरूम व्यवस्थित व खुशबूदार होना चाहिए. बेडरूम में भीगी महक वाला स्पे्र करें. यह महक आप को मदहोश कर देगी और आप मौका मिलते ही आलिंगनबद्ध हो जाएंगे और आप को पता भी नहीं चलेगा कि कब आप एकदूसरे में समा गए.

मेरा बौयफ्रैंड फोन या मैसेज का कोई रिप्लाई नहीं करता, ऐसे में मुझे क्या करना चाहिए ?

सवाल

मेरी उम्र 25 वर्ष है. मेरा बौयफ्रैंड है और हम रिलेशनशिप में हैं. वैसे तो मेरे और बौयफ्रैंड के बीच सब ठीक है. हम जब भी मिलते हैं वह मुझ पर जी भर कर प्यार लुटाता है. मेरी सारी बातें मानता है. मुझे पूरा यकीन दिला देता है कि उस की जिंदगी में मैं बहुत इंर्पोटैंट हूं. लेकिन दोबारा मिलने का वादा कर के जैसे ही हम अलग हो अपनीअपनी राह चल पड़ते हैं मुझे ऐसा लगता है जैसे वह मुझे भूल गया है. न तो फोन करता है और न ही कोई मैसेज. मैं जब कोई मैसेज करती हूं तो उस का टू दी पौइंट जवाब दे देता है.

जब फोन पर मैं उस से यह शिकायत करती हूं कि अलग होते ही तुम्हारा बिहेवियर चेंज क्यों हो जाता है तो वह कहता है कि यह मेरी गलतफहमी है. उस का नेचर ही कुछ ऐसा है. फोन पर ज्यादा मैसेज और लंबी बात करने की उस की आदत नहीं है. जौब ऐसी है कि बिजी रहता हूं. दोबारा जब फिर मिलता है तो अपने प्यार और लुभावनी बातों से मेरा गुस्सा शांत कर देता है लेकिन दूर जाते ही फिर उसी ढर्रे पर आ जाता है. उस का ऐसा व्यवहार मुझे परेशान कर देता है. ऐसा लगता है जैसे मैं ही उस के प्यार में दीवानी हूं उसे मेरी परवाह ही नहीं. क्या मेरा ऐसा सोचना ठीक है?

जवाब

आप कुछ ज्यादा ही सोच रही हैं. आप खुद मानती हैं कि जब आप का बौयफ्रैंड आप से मिलता है तो पूरी तरह से आप का होता है. अपना 100 परसैंट बेस्ट देने की कोशिश करता है. रही बात उस के कम फोन करने की और मैसेज न करना तो हो सकता है वाकई वह अपने काम में बिजी रहता हो. आप खाली बैठे हों तो जरूरी नहीं कि वह भी खाली हो.

अगर आप उस का प्यार आजमाना ही चाहती हैं तो उस से कहें कि वह रात में या सुबह जागने के बाद एक बार आप को फोन करे, ऐसा पूरा एक हफ्ता करे. देखिए वह ऐसा करता है या नहीं. अगर करता है तो वाकई वह आप को खुश रखना चाहता है, वो दूसरी बात है कि वह सच में पूरा दिन काम में बिजी रहता हो.
रिलेशनशिप में अपने पार्टनर की स्थिति को समझना चाहिए. उस की नेचर के साथ थोड़ाबहुत समझौता करना पड़ता है. जो समझौता नहीं करते तो बात आखिर में बे्रकअप पर खत्म होती है. आप खुद थोड़ा समझदार बनिए. अपने बौयफ्रैंड की कंडीशन समझने की कोशिश करें.

प्यार के साथ जौब भी तो जरूरी है. फिर आगे चल कर अगर आप दोनों विवाह कर लेते हैं तो आप की यह शिकायत दूर हो जाएगी कि वह आप से अलग होने के बाद बिजी हो जाता है. विवाह के बाद तो सारा सिनेरियो ही चेंज हो जाएगा. प्यार तो वह आप से करता ही है. शादी के बाद वह आप के प्यार में कितना और कैसे डूबा रहे यह आप बेहतर जानती हैं.

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जानें क्यों सेक्स करते समय छेड़छाड़ करना है जरूरी, पढ़ें खबर

पतिपत्नी में छेड़छाड़ तो बहुत जरूरी है, इस के बिना तो जिंदगी में कोई रस ही नहीं, इसलिए यह जरूरी है कि पति की छेड़छाड़ का जवाब पत्नी पूरे जोश से दे और पत्नी की छेड़छाड़ का जवाब पति भी दोगुने मजे से दे. इस से जिंदगी में हमेशा नएपन का एहसास होता है.

अगर जिस्मानी रिश्ता कायम करने के दौरान या किसी दूसरे समय पर भी पति अपनी पत्नी को सहलाए और उस के जवाब में पत्नी पूरे जोश के साथ प्यार से पति के गालों को चूमते हुए अपने दांत गड़ा दे, तो उस मजे की कोई सीमा नहीं होती. पति तुरंत सेक्स सुख के सागर में डूबनेउतराने लगता है. इसी तरह पत्नी भी अगर जिस्मानी रिश्ता कायम करने से पहले या उस दौरान पति से छेड़छाड़ करते हुए उस के अंगों को सहला दे, तो कुदरती बात है कि पति जोश से भर उठेगा और उस के जोश की सीमा भी बढ़ जाएगी.

कभीकभी यह सवाल भी उठता है कि क्या जिस्मानी रिश्ता सिर्फ सेक्स सुख के लिए कायम किया जाता है? क्या दिमागी सुकून से उस का कोई लेनादेना नहीं होता? क्या जिस्मानी रिश्ते के दौरान छेड़छाड़ करना जरूरी है? क्या छेड़छाड़ सेक्स सुख में बढ़ोतरी करती है? क्या छेड़छाड़ से पतिपत्नी को सच्चा सुख मिलता है? इसी तरह और भी कई सवाल हैं, जो पतिपत्नी को बेचैन किए रहते हैं.

जवाब यह है कि जिस्मानी रिश्तों के दौरान छेड़छाड़ व कुछ रोमांटिक बातें बहुत जरूरी हैं. इस के बिना तो सेक्स सुख का मजा बिलकुल अधूरा है. जिस्मानी रिश्ता सिर्फ सेक्स सुख के लिए ही नहीं, बल्कि दिमागी सुकून के लिए भी किया जाता है.

कुछ पति ऐसे होते हैं, जो पत्नी की मरजी की बिलकुल भी परवाह नहीं करते, जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए. पत्नी की चाहत का भी पूरा खयाल रखना चाहिए, नहीं तो आप की पत्नी जिंदगीभर तड़पती ही रह जाएगी. कुछ औरतें बिलकुल ही सुस्त होती हैं. वे पति को अपना जिस्म सौंप कर फर्ज अदायगी कर लेती हैं.

उन्हें यह भी एहसास नहीं होता कि इस तरह वे अपने पति को अपने से दूर कर रही हैं. कुछ पति जिस्मानी रिश्ता तो कायम करते हैं और जल्दबाजी में अपनी मंजिल पर पहुंच भी जाते हैं, परंतु उन्हें इतना भी पता नहीं होता कि इस के पहले भी और कई काम होते हैं, जो उन के मजे को कई गुना बढ़ा सकते हैं.

कुछ औरतें शरमीली होती हैं. वे जिस्मानी रिश्तों से दूर तो होती ही हैं, छेड़छाड़ को भी बुरा मानती हैं. अब आप ही बताइए कि ऐसे हालात में क्या पत्नी पति से और पति पत्नी से खुश रह सकता है?

नहीं न… तो फिर ऐसे हालात ही क्यों पैदा किए जाएं, जिन से पतिपत्नी एकदूसरे से नाखुश रहें? इसलिए प्यार के सुनहरे पलों को छेड़छाड़, हंसीखुशी व रोमांटिक बातों में बिताइए, ताकि आने वाला कल आप के लिए और ज्यादा मजेदार बन जाए.

मेरे जेठ मुझसे जबरन संबंध बनाना चाहते हैं, मैं क्या करूं?

सवाल-

मेरी शादी करीब 4 साल पहले दिल्ली में हुई थी. पति बिजनैसमैन हैं. हमारी अरेंज्ड मैरिज हुई थी. शुरुआत में पति के साथ थोड़ी खटपट रहती थी, मगर फिर धीरेधीरे हम एक-दूसरे को समझने लगे और सब ठीक चलने लगा. मगर इसी बीच मेरी जेठानी जो परिवार के साथ ऊपर वाले फ्लोर पर रहती थीं अचानक चल बसीं. उनके 2 बच्चे हैं जो इतने बड़े हो चुके हैं कि खुद अपनी देखभाल कर सकें. मेरे जेठ की पास में ही कपड़ों की शौप है. वे अकसर मेरे पति के पीछे भी हमारे घर आते-जाते रहते थे.

जेठानी की मौत के बाद मेरे मन में उन के लिए सहानुभूति की भावना रहती थी. मगर उन का रवैया कुछ और ही रहने लगा. वे अकसर मेरे करीब आने का प्रयास करने लगे. एक दिन तो खुलेतौर पर मुझ से हमबिस्तर होने का आग्रह करने लगे.  मैंने उस समय तो उन्हें किसी तरह झटक दिया और जाने को कह दिया, मगर अब मुझे डर लगा रहता है कि न जाने कब वे फिर से ऐसे ही इरादे के साथ आ धमकें. मुझे पति से भी इस संदर्भ में बात करने में हिचक हो रही है, क्योंकि वे अपने बड़े भाई को बहुत मानते हैं. मुझे डर है कि कहीं वे मुझे ही दोषी न मान बैठें. बताएं क्या करूं?

जवाब-

सब से पहले तो आप को बिना किसी डर या हिचकिचाहट के अपने पति से बात करनी चाहिए. उन्हें अपने विश्वास में ले कर अपना डर जाहिर करना होगा. यदि वे बिलकुल न मानें तो किसी दिन मौका देख कर कोई सुबूत जुटाने का प्रयास करें. जेठ जब भी दरवाजा खटखटाएं तो आप मोबाइल का वौइस रिकौर्डर औन कर के अपने पास रख लें तब दरवाजा खोलें. ऐसे में जेठ यदि कोई गलत बात कहते या ऐसीवैसी कोई हरकत करते हैं तो सब रिकौर्ड हो जाएगा और फिर आप अपने पति को बतौर सुबूत उस रिकौर्डिंग को सुना सकती हैं.

वैसे अच्छा होगा कि आप पति से कहीं और घर लेने का आग्रह करें या फिर जेठ की दोबारा शादी कराने का प्रयास करें. उन्हें पत्नी की कमी खल रही है, इसलिए आप की तरफ आकर्षित हो रहे हैं. नई पत्नी के आ जाने पर संभव है कि वे आप से सामान्य व्यवहार करने लगें.

मेरी सासू मां मुझ पर कई पाबंदियां लगाती हैं, मैं क्या करूं?

सवाल-

मैं 25 वर्षीय महिला हूं. हाल ही में शादी हुई है. पति घर की इकलौती संतान हैं और सरकारी बैंक में कार्यरत हैं. घर साधनसंपन्न है. पर सब से बड़ी दिक्कत सासूमां को ले कर है. उन्हें मेरा आधुनिक कपड़े पहनना, टीवी देखना, मोबाइल पर बातें करना और यहां तक कि सोने तक पर पाबंदियां लगाना मुझे बहुत अखरता है. बताएं मैं क्या करूं?

जवाब-

आप घर की इकलौती बहू हैं तो जाहिर है आगे चल कर आप को बड़ी जिम्मेदारियां निभानी होंगी. यह बात आप की सासूमां समझती होंगी, इसलिए वे चाहती होंगी कि आप जल्दी अपनी जिम्मेदारी समझ कर घर संभाल लें. बेहतर होगा कि ससुराल में सब को विश्वास में लेने की कोशिश की जाए. सासूमां को मां समान समझेंगी, इज्जत देंगी तो जल्द ही वे भी आप से घुलमिल जाएंगी और तब वे खुद ही आप को आधुनिक कपड़े पहनने को प्रेरित कर सकती हैं.

घर का कामकाज निबटा कर टीवी देखने पर सासूमां को भी आपत्ति नहीं होगी. बेहतर यही होगा कि आप सासूमां के साथ अधिक से अधिक रहें, साथ शौपिंग करने जाएं, घर की जिम्मेदारियों को समझें, फिर देखिएगा आप दोनों एकदूसरे की पर्याय बन जाएंगी.

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इतने समय तक सेक्स करना चाहती हैं महिलाएं

हम सोचते थे कि महिलाएं लंबे समय तक सेक्शुअल गतिविधि चाहती हैं, पर हाल के अध्ययनों से पता चलता है कि पुरुषों को लगता है कि महिलाएं लंबा सेक्स नहीं चाहतीं.

पीनिस के आकार से लेकर सेक्स के दौरान अपने प्रदर्शन तक-पुरुष होना आसान काम नहीं है. अमेरिका में टार्जन कंडोम द्वारा हाल ही में कराए गए एक सर्वे के नतीजों में सामने आया कि 41 प्रतिशत पुरुषों ने कहा कि वे चाहते हैं कि सेक्स लंबे समय तक चले, जबकि ऐसा चाहनेवाली महिलाओं की संख्या 34 फीसदी ही थी.

अक्सर महिलाएं थोड़े समय के सेक्शुअल इंटरकोर्स से ही खुश रहती हैं, वे इसे लंबा नहीं रखना चाहती हैं, जबकि अधिकतर पुरुष इस प्रक्रिया को लंबा ही रखना चाहते हैं.

म्यूजिशियन गैविन फर्नांडिस स्वीकारते हैं कि वे सेक्स के दौरान अपने प्रदर्शन को लेकर दबाव महसूस करते हैं. ‘‘हमें पता है कि महिलाओं को मल्टीपल ऑर्गैज़्म (कई बार चरम) आ सकते हैं. फिर इस तरह की मान्यताएं भी हैं कि महिलाएं ऑर्गैज़्म का झूठा दिखावा भी करती हैं. ये बातें पुरुषों की मानसिकता को प्रभावित करने के लिए काफ़ी हैं,’’

वे कहते हैं. ‘‘कई बार सेक्शुअल संबंध बनाने के बाद मैं समझ ही नहीं पाता कि मैं अपनी गर्लफ्रेंड को संतुष्ट कर भी पाया हूं या नहीं. मैं चाहता हूं कि उसे संतुष्ट करने के लिए मैं और लंबे समय तक उसका साथ दे सकूं.’’

आनंद को लंबा रखने की चाहत

गैविन जैसे कई और पुरुष हैं. वर्ष 2009 में मेन्स हेल्थ मैग्ज़ीन द्वारा कराए गए सर्वे में पाया गया कि सेक्स के दौरान पुरुष 5 से 10 मिनट तक संयम बनाए रख सकते हैं, पर 71 प्रतिशत पुरुष चाहते हैं कि काश वे इससे कहीं अधिक समय तक ऐसा कर पाते.

जरनल औफ सेक्स मेडिसिन द्वारा कराए गए एक अलग अध्ययन के मुताबिक, वह इंटरकोर्स जो 7 से 13 मिनट के भीतर समाप्त हो जाता है, बेहतरीन माना जाता है. ‘‘कई पुरुष इस बात को लेकर शर्मिंदगी महसूस करते हैं कि वे लंबे समय तक संयम नहीं बनाए रख पाते,’’ कहना है चेन्नई की काउंसलर सुजाता रामकृष्णन का. ‘‘और मैं उन पुरुषों की बात नहीं कर रही हूं, जिन्हें प्रीमैच्योर इजेकुलेशन की समस्या है. सामान्य पुरुष, जिनका सेक्शुअल जीवन अच्छा है, वे भी सेक्स की प्रक्रिया को और लंबा बनाना चाहते हैं. इसकी वजह ये है कि ये पुरुष पौर्न देखते हुए बड़े हुए हैं और सेक्स के बारे में अपनी पिछले पीढ़ी से कहीं ज्यादा बातें करते हैं. ये बातें अब मीडिया में हैं, फिलम्स में हैं, किताबों में भी हैं. आज की महिलाएं भी यह बताने में संकोच महसूस नहीं करतीं कि उन्हें सेक्स के दौरान क्या पसंद है और क्या नापसंद. इस वजह से पुरुषों पर काफी दबाव होता है.’’

फोरप्ले का समय भी तो जोड़िए!

सेक्स एक्सपर्ट डॉ महिंदर वत्स कहते हैं कि यदि कुछ बदलाव किए जाएं तो सेक्स प्रक्रिया को लंबा बनाया जा सकता है. ‘‘हालांकि यूं देखा जाए तो ये बात सिर्फ़ आपकी दिमा़गी सोच पर निर्भर करती है, लेकिन आप सेक्शुअल इंटरकोर्स को थोड़ा लंबा बना सकते हैं,’’ वे कहते हैं. ‘‘क्विकी (झटपट सेक्शुअल संबंध बनाना) अच्छे तो होते हैं, पर हमेशा नहीं. सेक्स को लंबा बनाने के लिए सही समय और अपने शरीर के संकेतों को समझना बहुत जरूरी है. यही कारण है कि फोरप्ले का महत्व उससे कहीं ज्यादा बढ़ जाता है, जितना कि हम सोचते हैं. यदि सेक्शुल प्रक्रिया को लंबा बनाना चाहते हैं तो फोरप्ले का समय भी लंबा होना चाहिए. और लंबे समय तक चलने वाले फोरप्ले से कभी किसी महिला को शिकायत नहीं होती, बल्कि वे इसका आनंद लेती हैं.’’

ऑर्गैज़्म पर ध्यान देने के बजाए सेक्स के दौरान एक-दूसरे के साथ का आनंद उठाना ज़्यादा महत्वपूर्ण है. आप अलग-अलग सेक्शुअल पोज़ीशन्स अपना सकते हैं. अंतिम, लेकिन महत्वपूर्ण बात ये है कि इस दौरान पार्टनर्स एक-दूसरे से बातचीत करते रहें. तो अगली बार यदि वे कुछ ऐसा करें, जिससे आपको सुखद अनुभूति हो तो उनकी तारीफ करना बिल्कुल न भूलें.

मेरा पति शराबी है, मुझसे मारपीट भी करता है, क्या मुझे तलाक मिल सकता है?

सवाल 

मैं 30 साल की शादीशुदा औरत हूं. मैं ज्यादातर अपने मायके में ही रहती हूं क्योंकि मेरा पति शराबी है और बेवजह मुझ से मारपीट भी करता है. जब मैं अपनी ससुराल में थी, तब भी उस के भाई ही हमारा खर्च चलाते थे. इस से मुझे बहुत तकलीफ होती थी. क्या मुझे तलाक मिल सकता है?

जवाब

यह बात सही है कि शराबी पति निकम्मा भी हो तो किसी गंभीर समस्या से कम नहीं होता. बेवजह नशे में मारपीट करने वाले पतियों से निभाना मुश्किल ही होता है. आप को अगर लगता है कि अब और नहीं निभ पाएगी, तो तलाक मिल सकता है. अपने शहर के किसी अच्छे वकील से मिल कर आप तलाक का मुकदमा दायर कर सकती हैं, लेकिन बच्चे अगर हों तो उस को रास्ते पर लाने की कोशिश करें. अगर बात न बने तो फिर अदालत जाएं. अदालतों से भी तलाक आसानी से नहीं मिलता. वहां कई साल लग जाते हैं.

मैं 28 साल का शादीशुदा मर्द हूं लेकिन…

सवाल

मैं 28 साल का शादीशुदा मर्द हूं. हम ने लवमैरिज की थी. मेरा एक 4 साल का बेटा भी है. लेकिन पिछले कई साल से मुझे कोई ढंग का काम नहीं मिल रहा है. मैं घर पर पड़ापड़ा आलसी हो गया हूं और मुझ पर चरबी भी चढ़ गई है. इस बात पर मेरा अपनी पत्नी का झगड़ा भी खूब होता है. इस आलसीपन से कैसे बाहर निकलूं?

जवाब 

लगता है कि आप के बापदादा अच्छीखासी जमीनजायदाद छोड़ कर गए हैं या फिर आप को ज्ञान मिल गया है कि बिना कुछ करेधरे भी दालरोटी मिल ही जातीहै, तो क्यों मेहनत की जाए. यह निहायत ही लानत और शर्म की बात है. इस का असर आप की बीवी और बच्चे पर भी पड़ रहा है, इसलिए यह निकम्मापन तुरंत छोड़ दें.

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz
 
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55 की उम्र में भी ऐसे एजौंय करे सेक्शुअल लाइफ

कुछ समय पहले की बात है. एक विख्यात सेक्स विशेषज्ञ को एक महिला का पत्र मिला. लिखा था, मेरे पति 54 साल के हैं. उन्होंने फैसला किया है कि वह अब भविष्य में मुझ से कोई  जिस्मानी संबंध न रखेंगे. उन का कहना है कि उन्होंने कहीं पढ़ा है कि 50 साल बाद वीर्य का निकलना मर्द पर अधिक शारीरिक दबाव डालता है और वह अगर नियमित संभोग में लिप्त रहेगा तो उस की आयु कम रह जाएगी यानी वह वक्त से पहले मर जाएगा. इसलिए उन्होंने सेक्स को पूरी तरह से त्याग दिया है. क्या इस बात में सचाई  है? अगर नहीं, तो आप कृपया उन्हें सही सलाह दें.

मैं आशा करती हूं कि इस में कोई सत्य न हो, क्योंकि यद्यपि मैं 50 की हूं मेरी इच्छाएं अभी बहुत जवान हैं. मैं इस विचार से ही बहुत उदास हो जाती हूं कि अब ताउम्र मुझे सेक्स सुख की प्राप्ति नहीं होगी. मैं ने अपने पति को समझाने की बहुत कोशिश की.

मुझे यकीन है कि वह गलत हैं. लेकिन मेरे पास कोई मेडिकल सुबूत नहीं है, इसलिए वह मेरी बात पर ध्यान नहीं देते.

मुझे विश्वास है कि जहां मैं नाकाम रही वहीं आप कामयाब हो जाएंगे.

यह केवल एक महिला का दुखड़ा नहीं है. अगर सर्वे किया जाए तो 50 से ऊपर की ज्यादातर महिलाएं इसी कहानी को दोहराएंगी और महिलाएं ही क्यों पुरुषों का भी यही हाल है. सेक्स से इस विमुखता के कारण स्पष्ट और जगजाहिर हैं, लेकिन एक बात जिसे मुश्किल से स्वीकार किया जाता है और जो आधुनिक शोध से साबित है, वह यह है कि सेक्स न करने से व्यक्ति जल्दी बूढ़ा हो जाता है और उसे बीमारियां भी घेर लेती हैं. एक 55 साल की महिला से सेक्स के बाद जब उस के प्रेमी ने कहा कि वह जवान लग रही है, तो उस ने आईना देखा. उस ने अपने शरीर में अजीब किस्म की तरंगों को महसूस किया और उसे लगा कि वह अपने जीवन में 20 वर्ष पहले लौट आई है. 50 के बाद सेक्स में दिलचस्पी कम होने की कई वजहें हैं. हालांकि अब वैदिक काल जैसी कट्टरता नहीं है, लेकिन अब भी सोच यही है कि 50 पर गृहस्थ आश्रम खत्म हो जाता है और वानप्रस्थ आश्रम शुरू हो जाता है. इसलिए शायद ही कोई घर बचा हो जिस में यह वाक्य न दोहराया जाता हो : नातीपोते वाले हो गए, अब तुम्हारे खेलने के दिन कहां बाकी हैं. शर्म करो, अब बचपना छोड़ो. बहूबेटे क्या कहेंगे? क्या सोचेंगे कि बूढ़ों को अब भी चैन नहीं है.

दरअसल, भक्तिकाल में जब ब्रह्मचर्य और वीर्य को सुरक्षित रखने पर जो बल दिया गया उस से यह सोच विकसित हो गई कि सेक्स का उद्देश्य आनंदित स्वस्थ और तनावमुक्त रहना नहीं बल्कि केवल उत्पत्ति है. एक बार जब संतान की उत्पत्ति हो जाए तो सेक्स पर विराम लगा देना चाहिए. इस तथाकथित धार्मिक धारणा पर अब तक साइंस का गिलाफ चढ़ाने का प्रयास किया  जाता रहा है. मसलन, हाल ही में ‘योग’ से  संबंधित एक पत्रिका में लिखा था, ‘‘वीर्य में सेक्स हारमोन होते हैं. उन्हें सुरक्षित रखें और सेक्स में लिप्त हो कर उसे बरबाद न करें. यह कीमती हारमोन यदि बचा लिए जाते हैं तो वापस रक्त में चले जाते हैं और शरीर में ताजगी और स्फूर्ति आ जाती है. आधी छटांक वीर्य 40 छटांक रक्त के बराबर होता है, क्योंकि वह इतने ही खून से बनता है. जिस्म से जितनी बार वीर्य निकलता है उतनी ही बार कीमती रासायनिक तत्त्व बरबाद हो जाते हैं, वह तत्त्व जो नर्व व बे्रन टिश्यू के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण  हैं. यही वजह है कि अति उत्तेजक पुरुषों की पत्नियां और वेश्याओं की आयु बहुत कम होती है.

इस पूरे ‘प्रवचन’ के लिए एक ही शब्द है, बकवास. सब से पहली बात तो यह है कि वीर्य में शुक्राणु बड़ी मात्रा में साधारण शकर, सेट्रिक एसिड, एसकोरबिक एसिड, विटामिन सी, बाइकारबोनेट, फासफेट और अन्य पदार्थ होते हैं जो ज्यादातर एंजाइम होते हैं, इन सब का उत्पादन अंडकोशिकाएं, सेमिनल बेसिकल्स और एपिडर्मिस व वसा की डक्ट के जरिए होता है. वीर्य में सेक्स हारमोन होते ही नहीं. यह सारे तत्त्व या पदार्थ जिस्म में खाने की सप्लाई से बनते हैं जोकि एक न खत्म होने वाली प्रक्रिया है. निष्कासित होने से पहले वीर्य सेमिनल वेसिकल्स में स्टोर होता है, अगर इसे निष्कासित नहीं किया गया तो भीगे ख्वाबों से यह अपनेआप हो जाएगा. जाहिर है इस के शरीर में स्टोर होने का अर्थ है कि जिस्म में यह सरकुलेशन का हिस्सा रहा ही नहीं है और न ही ऐसी कोई प्रक्रिया है जिस से वीर्य फिर खून में शामिल हो कर ऊर्जा का हिस्सा बन जाए.

विख्यात वैज्ञानिक डा. इसाडोर रूबिन का कहना है, ‘‘अगर यह धारणा सही होती कि वीर्य के निकलने से या महिला के चरम आनंद प्राप्त करने से जिस्म में कमजोरी आ जाती है और उम्र में कटौती हो जाती है, तो कुंआरों की आयु विवाहितों से ज्यादा होती, क्योंकि अविवाहितों को सेक्स के अवसर कम मिलते हैं. वास्तविकता यह है कि विवाहित व्यक्ति लंबे समय तक जीते हैं.’’

हाल में किए गए शोधों से पता चला है कि अगर कोई व्यक्ति काफी दिन तक सेक्स से दूर रहता है तो कुछ प्रोस्टेटिक फ्लूड सख्त हो कर ग्रंथि में रह जाते हैं. इस से प्रोस्टेट ग्रंथि का आकार बढ़ जाता है और व्यक्ति को पेशाब करने में कठिनाई होने लगती है. इस समस्या पर अगर ध्यान न दिया जाए तो फिर प्रोस्टेट की सर्जरी आवश्यक हो जाती है. 50 के बाद सेक्स से विमुखता का एक अन्य कारण यह है कि जवानी में लोग कसरत पर और अपने जिस्म को सुडौल रखने के लिए खानपान पर अकसर खास ध्यान नहीं  देते. इस से उम्र के साथ उन के शरीर पर फैट जमा होने लगता है जिस से वह मोटे हो जाते हैं. यह जानने के लिए ज्ञानी होना आवश्यक नहीं है कि मोटापा अपनेआप में कई गंभीर बीमारियों की जड़ होता है. व्यक्ति जब बीमार रहेगा तो उस का ध्यान सेक्स की ओर कहां जाएगा, साथ ही पुरुष का जब पेट निकल जाता है और उस का सीना भी औरतों की तरह लटक जाता है तो वह उस मुस्तैदी से सेक्स में लिप्त नहीं हो पाता जैसे वह जवानी में होता था. महिलाओं के बेडौल और मोटे होने से उन में मर्द के लिए पहले जैसा आकर्षण नहीं रह पाता. इसलिए जरूरी है कि उम्र के हर हिस्से में कसरत की जाए और अपना वजन नियंत्रित रखा जाए.

वैसे सेक्स भी अपनेआप में बेहतरीन कसरत है. अन्य फायदों के अलावा इस से मांसपेशियों सुगठित रहती हैं, ब्लड पे्रशर सामान्य और अतिरिक्त फैट कम हो जाता है. गौरतलब है कि पुरुष के गुप्तांग में जोश स्पंजी टिश्यू के छिद्रों में खून के बहाव से आता है. अगर आप के जिस्म पर 1 किलो अतिरिक्त फैट है तो रक्त को 22 मील और ज्यादा सरकुलेट होना पड़ता है. अगर व्यक्ति बहुत मोटा है तो फैट उस के सामान्य सरकुलेशन को और कमजोर कर देता है और खास मौके पर इतना रक्त उपलब्ध नहीं होता कि पूरी तरह से जोश में आ जाए.

दरअसल, खानेपीने का तरीका सामान्य सेहत को ही नहीं सेक्स जीवन को भी प्रभावित करता है. इस में कोई दोराय नहीं कि पतिपत्नी क्योंकि एक ही छत के नीचे रहते हैं इसलिए खाना भी एक सा ही खाते हैं. अगर किसी दंपती के खाने में विटामिन ‘बी’ की कमी है तो इस का उन के जीवन पर जटिल प्रभाव पडे़गा. इस की वजह से पत्नी में अतिरिक्त एस्ट्रोजन (महिला सेक्स हारमोन) आ जाएंगे और उस की सेक्स इच्छाएं बढ़ जाएंगी जबकि पति में इस का उलटा असर होता है. एस्टो्रजन के बढ़ने से उस के एंड्रोजन (पुरुष सेक्स हारमोन) में कमी आ जाती है.

दूसरे शब्दों में, स्थिति यह हो जाएगी कि पत्नी तो ज्यादा प्यार करना चाहेगी, लेकिन पति की इच्छाएं कम हो जाएंगी. इसलिए आवश्यक है कि संतुलित हाई प्रोटीन खुराक ली जाए. साथ ही शराब और सिगरेट की अधिकता से बचा जाए, क्योंकि इन दोनों के सेवन से व्यक्ति वक्त से पहले चरम पर पहुंच जाता है और फिर अतृप्त सा महसूस करता है.

गौरतलब है कि इंटरनेशनल जर्नल आफ सेक्सोलोजी-7 के अनुसार विटामिन और हारमोंस का गहरा रिश्ता है. दर्द भरी माहवारी में राहत के लिए जब टेस्टेस्टेरोन हारमोन दिया जाता है तो उस की अधिक सफलता के लिए साथ ही विटामिन ‘डी’ भी दिया जाता है. इसी तरह से गर्भपात के संभावित खतरे से बचने के लिए प्रोजेस्टरोन हारमोन के साथ विटामिन ‘सी’  दिया जाता है.

50 के बाद सेक्स से विमुखता की एक वजह यह भी है कि दोनों पतिपत्नी बननासंवरना काफी हद तक कम कर देते हैं. अच्छे और आकर्षक कपडे़ पहनने से और बाल अच्छी तरह बनाने से यकीनन महिला का मनोबल और आत्मविश्वास बढ़ता है. इस के बावजूद आप को रजोनिवृत्ति से गुजर चुकी ऐसी अनेक महिलाएं मिल जाएंगी जो भद्दे कपडे़ पहनती हैं, ऐसे बाल संवारती हैं जो फैशन में नहीं है. गाल उन के लटक गए होते हैं, ऊपरी होंठ पर बाल होते हैं, स्तन लटके हुए और पेट व कूल्हे फैले हुए होते हैं. ऐसी पत्नियों में भला किस पति की दिलचस्पी बरकरार रहेगी जबकि जरा सी कोशिश से यह सबकुछ बदला जा सकता है. महिलाएं अच्छी डे्रस शाप पर जाएं, सप्ताह में एक बार ब्यूटी पार्लर जाएं, लटकी हुई खाल और मांसपेशियों को सही आकार देने के लिए हैल्थ व ब्यूटी जिम्नेजियम में कोर्स करें और दृढ़ता से तय कर लें कि मांसपेशियों को सख्त रखने के लिए वे रोजाना कुछ मिनट व्यायाम के लिए भी निकालेंगी. यह सौंदर्य उपचार और हलकी कसरत न सिर्फ उन के मनोबल को बेहतर रखेगी बल्कि सख्त जिस्म उन के सेक्सुअल सिस्टम को भी दुरुस्त रखेगा और उन के पति उन की ओर आकर्षित रहेंगे. ज्ञात रहे कि आत्मविश्वास से भरी सुंदर स्त्री जो अपने जिस्म के रखरखाव में भी माहिर हो, वह अपनी ओर एक 16 साल की लड़की से ज्यादा ध्यान आकर्षित करा लेती है.

यहां यह बताना भी आवश्यक होगा कि इसी किस्म का आकर्षण लाने के लिए पुरुषों को भी चाहिए कि वे कसरत करें, ब्यूटी पार्लर जाएं और अच्छे कपडे़ पहनें, साथ ही उन की पत्नी जब रजोनिवृत्ति से गुजर रही हो तो उस का विशेष ध्यान रखें. पत्नी जितना खुल कर अपने पति से बातें कर सकती है उतना वह अपने डाक्टर से भी नहीं कह पाती. इसलिए अगर रजोनिवृत्ति के दौरान पति ने उसे सही से संभाल लिया तो आगे का सेक्स जीवन बेहतर रहेगा.

अब तक जो बहस की गई है उस से स्पष्ट है कि अच्छे, स्वस्थ और लंबे जीवन के लिए 50 के बाद भी सेक्स उतना ही आवश्यक है जितना कि उस से पहले. लेकिन उसे बेहतर बनाए रखने के लिए अपने नजरिए में बदलाव लाना भी जरूरी है और अगर कोई समस्या है तो मनोवैज्ञानिक और डाक्टर से खुल कर बात करने में कोई शर्म नहीं करनी चाहिए.

पहली नजर का प्यार और सेक्स

यह पहली नजर का उफ क्या असर है. तुम्हारी कसम, डगमगाए से हम हैं… उंगलियों में चाबी का गुच्छा नचाते, फुल वौल्यूम में गाते हुए अतुल ने बंधु के कमरे में प्रवेश किया. मेज पर फैली अपनी किताबों को समेटते हुए बंधु ने अतुल से पूछा, ‘‘यार, क्या बात है, बड़ा खुश नजर आ रहा है?’’

‘‘यार, बात ही ऐसी है,’’ कहते हुए अतुल गाने की फिर वही पंक्तियां दोहराने लगा.

बंधु ने अपनी बेचैनी दबाते हुए फिर पूछा, ‘‘अब कुछ बताएगा भी या यों ही गला फाड़ता रहेगा?’’

जब अतुल ने कालेज में ही पढ़ने वाली नीता के साथ अपनी पहली नजर में ही प्यार हो जाने का किस्सा सुनाया तो बंधु हंसने लगा और हंसतेहंसते बोला, ‘‘यार, तू इसे पहली नजर क्यों कह रहा है? मुझे तो लगता है यह शायद तेरी 26वीं नजर वाला प्यार है. एमए में हम दोनों को साथ पढ़ते हुए अभी सिर्फ एक साल ही बीता है, लेकिन इन 12 महीनों में तेरी नजरें 25 युवतियों से तो पहली नजर वाला प्यार कर ही चुकी हैं.

अपनी पहली नजर के प्यार की यों मखौल उड़ता देख अतुल चिढ़ सा गया, बोला, ‘‘मैं सब समझता हूं, तुझ से तो कुछ होता नहीं, बस, बैठाबैठा मेरी तरक्की देख कर जलता रहता है.’’

दोस्त को मनाते हुए बंधु बोला,’’ यार, तू तो नाराज हो रहा है. अरे, मैं क्यों तेरी तरक्की से जलने लगा, मैं तो चाहता हूं कि तू और तरक्की करे. लेकिन जिसे तू प्यार कह रहा है वह प्यार न हो कर मात्र आकर्षण है.’’

बंधु की बात बीच में ही काटता हुआ अतुल बोला, ‘‘यार, तेरी हर समय यह लैक्चरबाजी मुझे पसंद नहीं. अरे, दिलों की बात तू क्या जाने? नीता और मैं दोनों एकदूसरे को कितना चाहने लगे हैं, हम शादी भी करेंगे. तब तेरा मुंह बंद हो जाएगा.’’

कुछ दिनों बाद अतुल के नीता से चल रहे प्रेमप्रसंग का वही अंत हुआ जो उस के पिछले 25 का हुआ था. क्या सच में पहली नजर का प्यार प्रेमियों के अंदर पनपता है? अगर पहली नजर वाला प्यार उत्पन्न होता है तो कुछ समय बाद प्यार से लहराता दिल अचानक सूख क्यों जाता है.

विपरीत सेक्स के प्रति अपार आकर्षण

पहली नजर में होने वाला प्यार काफी हद तक यौनाकर्षण से जुड़ा होता है. लड़केलड़कियां एकदूसरे से विपरीत सेक्स के कारण अपार आकर्षण अनुभव करने लगते हैं. उस आकर्षण को ही वे सच्चा प्यार समझने लगते हैं. वास्तव में यह प्यार नहीं होता. यह तो मात्र एक आकर्षण है, जो विपरीत सेक्स के बीच स्वाभाविक रूप से होता है.

विपरीत सेक्स की आपस में बहुत ज्यादा निकटता से कभीकभी प्यार होने जैसी गलतफहमी होने लगती है. 15 वर्ष की शालू को लगने लगा जैसे वह अपने मास्टर के बिना नहीं जी पाएगी. 25 वर्षीय मास्टरजी उसे घर में सितार सिखाने आते थे. एकांत कमरे में मास्टरजी की समीपता से उसे लगने लगा कि वह मास्टरजी से बहुत प्यार करने लगी है. वह तो अच्छा हुआ कि  शालू पर चढ़ा मास्टरजी का आकर्षण सिर चढ़ कर बोलने लगा. रातदिन बेटी के मुंह से मास्टरजी के किस्से सुन कर शालू की मम्मी का माथा ठनका, बात बिगड़ने से पहले ही मम्मी ने संभाल ली.

कुछ दिन तो शालू ने मास्टरजी को बहुत मिस किया, लेकिन धीरेधीरे वह मास्टरजी को भूलने लगी. अब तो मास्टरजी को देख कर उस का मन दुखी हो जाता है. वह स्वयं से प्रश्न करती है, आखिर इन बौनेकाले मास्टरजी में ऐसा क्या था जो मैं इन पर लट्टू हो गई थी. विपरीत सेक्स के आकर्षण का समीपता के अलावा और भी कारण हो सकते हैं जो दिल में प्यार पैदा कर देते हैं.

कल्पना के अनुरूप मिल जाना

हर लड़का या लड़की की जीवनसाथी के बारे में जरूर कुछ न कुछ कल्पना होती है. कल्पना के अनुरूप कोई भी एक गुण मिल जाने पर प्यार हो जाता है. एक कौन्फ्रैंस  में देवेश नागपुर गए थे. वहीं उन्होंने जींसटौप में सजी हंसमुख मीनाक्षी को देखा, तो उन्हें लगा वे उसे अपना दिल ही दे बैठे हैं. एक सप्ताह की कौन्फ्रैंस में 5 दिन दोनों ने साथसाथ बिताए. वहां आए सभी लोगों को भी देवेश और मीनाक्षी के प्रेम को प्रेमविवाह में बदलने का पूरा विश्वास था. लेकिन जाने से 2 दिन पहले की बात है. मीनाक्षी देवेश से मिलने उन के कमरे में आई.

देवेश उस समय चाय बना रहे थे. मीनाक्षी को आया देख कर उन्होंने उस के लिए भी चाय बनाई. 2 कपों में चाय बना कर देवेश ने मेज पर रखी, मीनाक्षी ने चाय उठाई. अपने कप में बाहर की ओर लगी चाय को उस ने रूमाल से नजाकत से पोंछा. देवेश इस उम्मीद में थे कि उन के कप में लगी चाय भी पोंछेगी, लेकिन उस ने उन के कप की ओर ध्यान ही नहीं दिया.

चाय पी कर जूठे कपप्लेट वहीं छोड़ कर वह चली गई. देवेश मीनाक्षी के इस व्यवहार से आहत हो गए. मीनाक्षी के प्रति उन के मन में प्यार का छलकता सागर उसी समय सूख गया. यह अवश्य था कि उन की पसंद के अनुसार मीनाक्षी स्मार्ट थी, हंसमुख थी, लेकिन जिसे उन की जरा भी परवाह नहीं, ऐसी जीवनसाथी उन्हें जीवन में क्या सुख देगी.

उसी समय कई दिनों से बढ़ाई प्यार की डोर उन्होंने एक झटके से काट डाली. उस के बाद मीनाक्षी से उन्होंने कोई बात नहीं की. अगले दिन वे नागपुर से कानपुर लौट आए.

जब मीनाक्षी की ही समझ में कोई कारण न आया तो औरों की समझ में क्या आता. आखिर सब ने देवेश के जाने के बाद उन्हें धूर्त, मक्कार तथा फ्लर्ट की संज्ञा दी.

अवगुण आकर्षण पर भारी

प्यार हो जाने तथा प्यार के टूट जाने के पीछे मुख्य कारण है हमारी पंसद का बिखरी अवस्था में होना. हमारे दिमाग में जहां एक ओर गुणों की लंबीचौड़ी लिस्ट होती है, वहीं अवगुणों की लिस्ट भी मौजूद रहती है. हमारे इच्छित सभी गुणों का एकसाथ मिलना असंभव होता है.

जब किसी से प्यार होता है तो उस प्यार के पीछे हम उस के किसी गुण से आकर्षित हो कर उस से प्यार करते हैं. लेकिन प्यार में नजदीकी बढ़ने के साथ ही अगर कोई बुराई सामने आ जाती है, तो वह प्यार के आकर्षण को वहीं समाप्त कर देती है.

एक श्रीमान हैं. उम्र 40 वर्ष के लगभग है. लेकिन अभी तक कुंआरे हैं. दिल हथेली पर लिए घूमते हैं. मौका मिलते ही दिल लड़की को सौंपने में नहीं हिचकिचाते, चाहे बदले में उन्हें जूते ही खाने पड़ें. लेकिन कई लड़कियों से दिल लगाने के बाद भी वे अकेले के अकेले हैं. कारण, एक न एक गुण तो उन्हें हर लड़की का आकर्षित कर ही लेता है. लेकिन प्यार में नजदीक आने के बाद कोई अवगुण उन के शादी के जोश को समाप्त कर देता है.

वैसे, दिल के साथ दिमाग का प्रयोग करने वाले प्रेमियों की संख्या काफी कम होती है. चूंकि प्यार अंधा होता है, इसलिए अवगुणों की ओर तो ध्यान जाता ही नहीं. प्यार में डूबे अकसर प्रेमीप्रेमिका एकदूसरे के अवगुणों के प्रति आंखें मूंद कर प्यार के अंधे होने को सत्य साबित करते हैं.

किस की कौन सी अदा कब किस के दिल में

मुग्धा बस से दिल्ली जा रही थी. मुग्धा खिड़की से बाहर का दृश्य निहार रही थी अचानक सिगरेट का धुआं उस की नाक में घुसा. उस ने बुरा सा मुंह बनाते हुए पलट कर देखा. बगल की सीट पर ही बैठा नवयुवक बड़ी मस्ती से सिगरेट के छल्ले निकालनिकाल कर मंत्रमुंग्ध हो, उसे देख रहा था. मुग्धा बुरी तरह झल्लाई, ‘‘आप को कुछ तमीज है.’’

युवक ने सहम कर देखा और फौरन जली हुई सिगरेट अपने जूतों के नीचे मसल डाली. मुग्धा उसे देखती रह गई. अब बाहर के दृश्यों को देखने में उस का मन न लगा. रहरह कर आंखें उसी युवक पर टिक जातीं जो सिगरेट बुझा कर उदास सा बैठा था.

न जाने उस में मुग्धा को क्या लगा कि वह उस युवक के भोलेपन पर मुग्ध हो गई. कुछ देर पहले जितनी बेरुखी से उस ने उसे डांटा था, अब आवाज में उस से दोगुनी मिठास घोलते हुए उस ने युवक से पूछा, ‘‘आप इतनी सिगरेट क्यों पीते हैं?’’ फिर बातचीत का ऐसा सिलसिला चला कि कुछ ही घंटों में वे दोनों एकदूसरे के काफी करीब आ गए. इस घटना के कुछ ही समय बाद दोनों विवाहबंधन में भी बंध गए.

ठीक इसी तरह निशा अंगरेजी वाले सर, आनंद की आवाज पर फिदा है. सहेलियों के बीच बैठी हो या परिवार वालों के, उस की बातों का केंद्रबिंदु आनंद सर ही रहते हैं.

‘‘क्या आवाज है उन की. लगता है जैसे कहीं बहुत दूर से आ रही है.’’ जितनी देर आनंद सर कक्षा में पढ़ाते, निशा पढ़ाईलिखाई भूल, मंत्रमुग्ध हो आनंद सर की आवाज के जादू में डूबी रहती.

निशा अपने सर की आवाज की दीवानी है तो कक्षा में सब से स्मार्ट दिखने वाली शशि, ग्रामीण कैलाश को देखते न अघाती थी, उस के आकर्षण का केंद्रबिंदु था कैलाश की ठोड्डी में पड़ने वाला गड्ढा. इसी तरह न जाने किस की कौन सी अदा कब किसी के दिल में प्यार की चिनगारी सुलगा दे, यह बतलाना बहुत मुश्किल है.

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