सवाल

मेरी उम्र 25 वर्ष है. मेरा बौयफ्रैंड है और हम रिलेशनशिप में हैं. वैसे तो मेरे और बौयफ्रैंड के बीच सब ठीक है. हम जब भी मिलते हैं वह मुझ पर जी भर कर प्यार लुटाता है. मेरी सारी बातें मानता है. मुझे पूरा यकीन दिला देता है कि उस की जिंदगी में मैं बहुत इंर्पोटैंट हूं. लेकिन दोबारा मिलने का वादा कर के जैसे ही हम अलग हो अपनीअपनी राह चल पड़ते हैं मुझे ऐसा लगता है जैसे वह मुझे भूल गया है. न तो फोन करता है और न ही कोई मैसेज. मैं जब कोई मैसेज करती हूं तो उस का टू दी पौइंट जवाब दे देता है.

जब फोन पर मैं उस से यह शिकायत करती हूं कि अलग होते ही तुम्हारा बिहेवियर चेंज क्यों हो जाता है तो वह कहता है कि यह मेरी गलतफहमी है. उस का नेचर ही कुछ ऐसा है. फोन पर ज्यादा मैसेज और लंबी बात करने की उस की आदत नहीं है. जौब ऐसी है कि बिजी रहता हूं. दोबारा जब फिर मिलता है तो अपने प्यार और लुभावनी बातों से मेरा गुस्सा शांत कर देता है लेकिन दूर जाते ही फिर उसी ढर्रे पर आ जाता है. उस का ऐसा व्यवहार मुझे परेशान कर देता है. ऐसा लगता है जैसे मैं ही उस के प्यार में दीवानी हूं उसे मेरी परवाह ही नहीं. क्या मेरा ऐसा सोचना ठीक है?

जवाब

आप कुछ ज्यादा ही सोच रही हैं. आप खुद मानती हैं कि जब आप का बौयफ्रैंड आप से मिलता है तो पूरी तरह से आप का होता है. अपना 100 परसैंट बेस्ट देने की कोशिश करता है. रही बात उस के कम फोन करने की और मैसेज न करना तो हो सकता है वाकई वह अपने काम में बिजी रहता हो. आप खाली बैठे हों तो जरूरी नहीं कि वह भी खाली हो.

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