लेखक- नीरज कुमार मिश्रा
जब रात में आहट हुई, तो रणबीर का मन बल्लियों उछल गया. सामने मुमताज खड़ी थी. उसे देख कर रणबीर अपने ऊपर कंट्रोल नहीं रख सका और जा कर मुमताज से लिपट गया और बेतहाशा चूमने लगा. मुमताज ने कोई विरोध नहीं किया.
कुछ देर बाद रणबीर को अपने से अलग करते हुए मुमताज बोली, ‘‘अब यहीं शुरू रहोगे या अंदर भी चलने दोगे.‘‘
दोनों बेडरूम में आ गए थे. रणबीर पर नशा हावी हो रहा था और अपने सामने एक जवान और खूबसूरत लड़की को देख कर उस से रहा नहीं जा रहा था, पर मुमताज तो कुछ और ही सोच कर आई थी.
‘‘तुम नेताजी से इतना डरते क्यों हो… मैं ने अकसर देखा है कि वे तुम्हें डांटते रहते हैं,‘‘ रणबीर सिंह के बालों में उंगली घुमाते हुए मुमताज ने कहा.
‘‘अरे, वो साला दो कौड़ी का आदमी मुझे क्या डांटेगा… मेरे पास उस की एक दूसरी पार्टी की महिला नेता के साथ सैक्स सीडी भी है, जिसे मैं जब चाहूं तब मीडिया में जा कर सरेआम कर सकता हूं… बस कुछ ऐसे कारण हैं, जिन की वजह से मैं रुका हुआ हूं,‘‘ रणबीर ने बताया.
‘‘तो फिर तुम ऐसे ही डांट कब तक खाते रहोगे और फिर नेताजी की ऐसी कौन सी राज की बात है, जिसे तुम मुझे भी नहीं बता रहे हो…‘‘ मुमताज ने दांव खेला.
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रणबीर ने मुमताज के होंठों को चूमा और बोला, ‘‘मेरी जान, तुम से क्या छिपाना… दरअसल, ये नेता एक नंबर का औरतखोर और भ्रष्ट है. इस ने तुम्हारी बहन रजिया पर भी बुरी नजर डालनी चाही थी, पर मैं ने रजिया को बचा लिया. समय आने पर मैं इस की सब पोलपट्टी खोल दूंगा, तब तक मैं इस के पैसों पर ऐश करना चाहता हूं… और… और इस की एक लड़की भी है, जो विदेश में पढ़ाई कर रही है… बला की खूबसूरत है… मेरा अंतिम लक्ष्य है उसे अपने जाल में फंसा कर उस से शादी करना और इस नेता की जायदाद का वारिस बनना. अगर उस लड़की ने मुझ से शादी करने में जरा भी नानुकुर की, तो उस के जिस्म को रौंद डालूंगा मैं…‘‘ रणबीर ने अपना सारा राज उगल दिया था. अभी वह आगे कुछ और बोलता, इस से पहले एक और जाम मुमताज ने उस के होंठों से लगा दिया, जिसे पीने के बाद रणबीर को तेजी से नींद आ गई. उस के बाद रणबीर कितने घंटे सोया, उसे कुछ पता नहीं चला.
अगले दिन जब रणबीर को होश आया, तब उस का मोबाइल बज रहा था. देखा तो नेताजी का फोन था.
‘‘जी सर,‘‘ हकलाते हुए रणबीर सिंह बोला.
‘‘सर के बच्चे… तुरंत ही मेरे पास आओ… कुछ जरूरी बात करनी है तुम से,‘‘ नेताजी का स्वर कुछ कड़क था.
रणबीर सिंह का सिर बहुत भारी हो रहा था. जैसेतैसे वह नेताजी के पास पंहुचा. नौकरों ने बताया कि वह अपने बेडरूम में आराम कर रहे हैं. बेडरूम के बाहर पहुंच कर रणबीर ने दरवाजे पर दस्तक दी.
‘‘अंदर आ जाओ,‘‘ नेताजी बोले.
बेडरूम का दरवाजा खोल कर जैसे ही रणबीर ने नजर उठाई, तो सामने का नजारा देख कर उस के पैरों तले जमीन ही खिसक गई. सामने नेताजी के बिस्तर पर मुमताज लेटी हुई थी. उस के नंगे बदन पर सिर्फ चादर थी. अभी वह भौंचक्का सा खड़ा ही था कि नेताजी ने उसे बैठने का इशारा किया. रणबीर सोफे पर बैठ गया.
मुमताज अब भी मुसकराए जा रही थी.
नेताजी ने अपने पास रखे हुए रिमोट से दीवार पर लगा हुआ एलईडी टीवी चला दिया. उस टीवी पर कल रात का रणबीर वाला वीडियो चल रहा था, जिस में उस ने नेताजी के बारे में सबकुछ बोला था और नेताजी की लड़की के बारे में भी अपनी मंशा जाहिर की थी.
रणबीर को समझते देर नहीं लगी कि मुमताज ने उस के खिलाफ साजिश रची है. उस ने रणबीर को शराब पिला कर उसी के द्वारा दिलाए मोबाइल से उस का चुपके से वीडियो बनाया और अपने मनचाहे सवालों के जवाब रणबीर के मुंह से उगलवा लिए और अब नेताजी की हमराज बन गई और उन के ही साथ हमबिस्तर भी हो गई है.
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‘‘तो तेरी नजर हमारे पैसे और हमारी लड़की पर है… साल्ले… आस्तीन के सांप,‘‘ नेताजी गुर्रा रहे थे.
उन्होंने मोबाइल पर किसी लल्लन को बुलाया. कुछ ही देर में एक लंबा, तगड़ा सा आदमी अपने गुरगों के साथ आया और नेताजी को प्रणाम कर के खड़ा हो गया.
‘‘इस हराम के पिल्ले को ले जाओ… और शहर के बाहर ले जा कर छोड़ दो… और इतना मारो… इतना मारो कि फिर ये किसी लड़की के साथ गलत काम करने लायक ही न रह जाए.‘‘
कुछ घंटों बाद ही रणबीर का शरीर शहर से बाहर जाती रोड पर लहूलुहान पड़ा था… आतेजाते लोग अपने मोबाइल से उस का वीडियो बना रहे थे.
मुमताज ने भले ही अपने शरीर को इतने दिनों तक शरणार्थी कैंपों में बचा कर रखा, पर भला वह ऐसा कब तक कर पाती, आज भी उस की अस्मत का सौदा एक नेता के हाथों हो ही गया था, पर मुमताज को सुकून इस बात का था कि उस ने रणबीर सिंह से अपनी बहन रजिया का बदला तो ले ही लिया था और न जाने कितनी और रजियाओं की अस्मत लुटने से बचा ली थी.