Dr Ak Jain: अंडकोष के दर्द को न करें अनदेखा

मैडिकल साइंस की एक पत्रिका में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, पिछले कुछ सालों से पुरुषों में अंडकोष के कैंसर की समस्या तेजी से बढ़ रही है. अंडकोष में कैंसर 6 माह के अंदर खतरनाक हालत में पहुंच जाता है. इस का फैलाव पेड़ से दिमाग तक हो सकता है.

 पुरुष अंडकोष के दर्द को सामान्य रूप में लेते हैं जिस की वजह से वे डाक्टर के पास देर से जाते हैं. कुछ डाक्टर के पास जाते भी हैं तो डाक्टर पहचानने में गलती कर जाते हैं. साधारण बीमारी समझ कर उस का इलाज कर देते हैं. अधिकतर भारतीय पुरुष  अंडकोष के कैंसर से अनजान हैं जिस की वजह से वे अपने अंडकोष में आए परिवर्तन की ओर ध्यान नहीं देते हैं. जब समस्या बढ़ जाती है तब डाक्टर के पास पहुंचते हैं.

अगर आप भी ऐसी ही किसी समस्या से जूझ रहे हैं तो संपर्क करिए लखनऊ के डॉक्टर ए. के. जैन से जो पिछले 40 सालों से इन समस्याओं का इलाज कर रहे हैं.

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हर पुरुष को चाहिए कि वह अपने अंडकोष  में आए परिवर्तन पर ध्यान रखे. अंडकोश में दर्द, सूजन, आसपास भारीपन, अजीब सा महसूस होना, लगातार हलका दर्द बना रहना, अचानक अंडकोष के साइज में काफी अंतर महसूस करना, अंडकोष पर गांठ, अंडकोश का धंसना आदि लक्षण दिखाई देने पर तुरंत डाक्टर से मिलना चाहिए. पुरुषों में यह समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है.

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अंडकोष  कैंसर के कारण

किसी भी व्यक्ति के अंडकोष में कैंसर उत्पन्न हो सकता है. इस के होने की कुछ वजहें ये हैं :

क्रिस्टोरचाइडिज्म :

यदि किसी युवक के बचपन से ही अंडकोश शरीर के अंदर धंसे रहें तो उसे अंडकोष कैंसर की समस्या हो सकती है. क्रिप्टोरचाइडिज्म का इलाज बचपन में ही करवा लेना चाहिए ताकि बड़े होने पर उसे खतरनाक समस्या से न जूझना पड़े. सर्जन छोटा सा औपरेशन कर के अंडकोष को बाहर कर देते हैं.

आनुवंशिकता :

यदि पिता, चाचा, नाना, भाई आदि किसी को अंडकोष के कैंसर की समस्या हुई हो तो सावधान हो जाना चाहिए. टीएसई यानी टैस्टीक्युलर सैल्फ एक्जामिनेशन द्वारा अंडकोष की जांच करते रहना चाहिए.

बचपन की चोट :

बचपन में खेलते वक्त कभी किसी बच्चे को यदि अंडकोष में चोट लगी है तो बड़े होने पर उसे अंडकोष के कैंसर की समस्या उत्पन्न हो सकती है. बचपन में चोट लगने वाले पुरुषों के अंडकोष में किसी तरह का दर्द, सूजन आदि महसूस होने पर तुरंत डाक्टर को दिखाना चाहिए.

हर्निया :

हर्निया की समस्या की वजह से भी किसीकिसी के अंडकोश में दर्द व सूजन उत्पन्न हो जाती है. ऐसे में डाक्टर से शीघ्र मिलना चाहिए.

हाइड्रोसील :

हाइड्रोसील की समस्या होने पर अंडकोष की थैली में पानी जैसा द्रव्य जमा हो जाता है. इस में अंडकोष में दर्द भले ही न हो लेकिन थैली के भारीपन से अंडकोश प्रभावित हो जाते हैं जिस की वजह से अंडकोष का कैंसर हो सकता है.

इंपोटैंसी :

नई खोज के अनुसार, इंपोटैंसी की वजह से भी अंडकोष के कैंसर की समस्या उत्पन्न हो सकती है. डा. जूड मोले बताते हैं कि जिन लोगों को अंडकोष कैंसर की समस्या पाई गई है उन में से अधिकतर पुरुष इंपोटैंसी यानी नपुंसकता के शिकार थे.

अंडकोष का इलाज :

अंडकोष में असामान्यता दिखाई देने पर तुरंत डाक्टर से मिलना चाहिए. डा. राना का कहना है कि ब्लड, यूरिन टैस्ट व अल्ट्रासाउंड द्वारा बीमारी का पता लगा लिया जाता है. बीमारी की स्थिति के मद्देनजर मरीज को दवा, कीमोथेरैपी या सर्जरी की सलाह दी जाती है. जिस तरह से महिला अपने स्तन का सैल्फ टैस्ट करती है उसी प्रकार पुरुष अपने अंडकोश का सैल्फ टैस्ट कर के जोखिम से बच सकते हैं.

सावधानी

  1. विपरीत पोजिशन में संबंध बनाते वक्त ध्यान रखें कि अंडकोष में चोट न लगे.
  2. तेज गति से हस्तमैथुन न करें, इस से अंडकोष को चोट लग सकती है.
  3. किसी भी हालत में शुक्राणुओं को न रोकें. उन्हें बाहर निकल जाने दें नहीं तो यह शुक्रवाहिनियों में मर कर गांठ बना देते हैं. आगे चल कर कैंसर जैसी समस्या उत्पन्न हो सकती है.
  4. क्रिकेट, हौकी, फुटबाल, कुश्ती आदि खेल खेलते समय अपने अंडकोश का ध्यान रखें. उस में चोट न लग जाए. चोट लगने पर तुरंत डाक्टर को दिखाएं.
  5. टाइट अंडरवियर न पहनें, लंगोट बहुत अधिक कस कर न बांधें. इस से अंडकोष पर अधिक दबाव पड़ता है.
  6. सूती और हलके रंग के अंडरवियर पहनें. नायलोन के अंडरवियर पहनने से अंडकोष को हवा नहीं मिल पाती है. गहरे रंग का अंडरवियर अंडकोष को गरमी पहुंचाता है.
  7. हमेशा अंडरवियर पहन कर न रहें. रात के वक्त उसे उतार दें जिस से अंडकोष को हवा लग सके.
  8. अधिक गरम जगह जैसे भट्ठी, कोयला इंजन के ड्राइवर, लंबी दूरी के ट्रक ड्राइवर आदि अपने अंडकोष को तेज गरमी से बचाएं.
  9. अंडकोष पर किसी प्रकार के तेल की तेजी से मालिश न करें. यह नुकसान पहुंचा सकता है.

बहरहाल, अंडकोष में किसी भी प्रकार की तकलीफ या फर्क महसूस करने पर खामोश न रहें. डाक्टर से सलाह लें. अंडकोष की हर तकलीफ कैंसर नहीं होती लेकिन आगे चल कर वह कैंसर को जन्म दे सकती है इसलिए इस से पहले कि कोई तकलीफ गंभीर रूप ले, उस का निदान कर लें.

लखनऊ के डॉक्टर ए. के. जैन, पिछले 40 सालों से इन सभी समस्याओं का इलाज कर रहे हैं. तो आप भी पाइए अपनी सभी  सेक्स समस्या का बेहतर इलाज अंतर्राष्ट्रीय ख्याति एवं मान्यता प्राप्त डॉ. जैन द्वारा. 

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Dr Ak Jain: क्या करें जब पुरुषों में घटने लगे बच्चा पैदा करने की ताकत?

इनफर्टिलिटी एक बहुत गंभीर समस्‍या है. जिसके कारण बहुत से कपल्‍स की गोद सूनी ही रह जाती है. मौजूदा लाइफस्टाइल की वजह से इनफर्टिलिटी की समस्‍या आम बात हो गई है. इनफर्टिलिटी का मुख्य लक्षण प्रेग्नेंट न हो पाना है. अगर आप भी इस समस्या से जूझ रहे हैं तो संपर्क करिए लखनऊ के डॉक्टर ए. के. जैन से जो पिछले 40 सालों से इसका इलाज कर रहे हैं.

आइए अब जानते हैं इनफर्टिलिटी के बारे में…

नौजवानों में तेजी से बढ़ते तनाव और डिप्रैशन के साथसाथ प्रदूषण और गलत लाइफस्टाइल के चलते एनीमिया की समस्या भी मर्दों में नामर्दी की वजह बनती है. इनफर्टिलिटी से जुड़े सब से बुरे हालात तब पैदा होते हैं जब मर्द के वीर्य में शुक्राणु नहीं बन पाते हैं. इस को एजूस्पर्मिया कहा जाता है. तकरीबन एक फीसदी मर्द आबादी भारत में इसी समस्या से पीडि़त है.

हमारे शरीर को रोज थोड़ी मात्रा में कसरत की जरूरत होती है, भले ही वह किसी भी रूप में क्यों न हो. इस से हमारे शारीरिक विकास को बढ़ावा मिलता है.

हालांकि कसरत के कई अच्छे पहलू भी हैं. मगर इस के कुछ बुरे पहलुओं पर भी ध्यान देने की जरूरत है जिन की तरफ कम ही लोगों का ध्यान जाता है. मसलन, औरतों का ज्यादा कसरत करना बांझपन की वजह भी बन सकता है. वैसे, कसरत करने के कुछ फायदे इस तरह से हैं:

  1. दिल बने मजबूत : हमारे दिल की हालत सीधेतौर पर इस बात से जुड़ी होती है कि हम शारीरिक रूप से कितना काम करते हैं. जो लोग रोजाना शारीरिक रूप से ज्यादा ऐक्टिव नहीं रहते हैं, दिल से जुड़ी सब से ज्यादा बीमारियां भी उन्हीं लोगों को होती हैं खासतौर से उन लोगों के मुकाबले जो रोजाना कसरत करते हैं.

2. अच्छी नींद आना : यह साबित हो चुका है कि जो लोग रोजाना कसरत करते हैं, उन्हें रात को नींद भी अच्छी आती है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि कसरत करने की वजह से हमारे शरीर की सरकेडियन रिदम मजबूत होती है जो दिन में आप को ऐक्टिव बनाए रखने में मदद करती है और जिस की वजह से रात में आप को अच्छी नींद आती है.

3. शारीरिक ताकत में बढ़ोतरी : हम में से कई लोगों के मन में कसरत को ले कर कई तरह की गलतफहमियां होती हैं, जैसे कसरत हमारे शरीर की सारी ताकत को सोख लेती है और फिर आप पूरे दिन कुछ नहीं कर पाते हैं. मगर असल में होता इस का बिलकुल उलटा है. इस की वजह से आप दिनभर ऐक्टिव रहते हैं, क्योंकि कसरत करने के दौरान हमारे शरीर से कुछ खास तरह के हार्मोंस रिलीज होते हैं, जो हमें दिनभर ऐक्टिव बनाए रखने में मदद करते हैं.

4. आत्मविश्वास को मिले बढ़ावा : नियमित रूप से कसरत कर के अपने शरीर को उस परफैक्ट शेप में ला सकते हैं जो आप हमेशा से चाहते हैं. इस से आप के आत्मविश्वास में भी बढ़ोतरी होती है.

रोजाना कसरत करने के कई सारे फायदे हैं इसलिए फिजिकल ऐक्टिविटी को नजरअंदाज करने का तो मतलब ही नहीं बनता, लेकिन बहुत ज्यादा कसरत करने का हमारे शरीर पर बुरा असर भी पड़ सकता है खासतौर से आप की फर्टिलिटी कम होती है, फिर चाहे वह कोई औरत हो या मर्द.

ऐसा कहा जाता है कि बहुत ज्यादा अच्छाई भी बुरी साबित हो सकती है. अकसर औरतों में एक खास तरह के हालात पैदा हो जाते हैं जिन्हें एमेनोरिया कहते हैं. ऐसी हालत तब पैदा होती है, जब एक सामान्य औरत को लगातार 3 महीने से ज्यादा वक्त तक सही तरीके से माहवारी नहीं हो पाती है.

कई औरतों में ऐसी हालत इस वजह से पैदा होती है क्योंकि वे शरीर को नियमित रूप से ताकत देने के लिए जरूरी कैलोरी देने वाली चीजों का सेवन किए बिना ही जिम में नियमित रूप से किसी खास तरह की कसरत के 3 से 4 सैशन करती हैं.

शरीर में कैलोरी की कमी का सीधा असर न केवल फर्टिलिटी पर पड़ता है, बल्कि औरतों की सेक्स इच्छा पर भी बुरा असर पड़ता है. साथ ही मोटापा भी इस में एक अहम रोल निभाता है क्योंकि ज्यादातर मोटी औरतें वजन घटाने के लिए कई बार काफी मुश्किल कसरतें भी करती हैं. इस वजह से भी उन की फर्टिलिटी पर बुरा असर पड़ता है.

इनफर्टिलिटी की समस्या से जूझ रहे जोड़े शारीरिक और मानसिक तनाव की हालत में पहुंच जाते हैं. अकसर देखा गया है कि ऐसे मामलों में या तो शुक्राणु की मात्रा कम होती है या स्पर्म की ऐक्टिविटी बहुत कम रहती है. लिहाजा ऐसे शुक्राणु औरत के अंडाणु को गर्भाधान करने में नाकाम रहते हैं.

वैसे अब इनफर्टिलिटी से नजात पाने के लिए कई उपयोगी इलाज मुहैया हैं. ओलिगोस्पर्मिया में स्पर्म की तादाद बहुत कम पाई जाती है और एजूस्पर्मिया में तो वीर्य के नमूने में स्पर्म होता ही नहीं है. एजूस्पर्मिया में मर्द के स्खलित वीर्य से स्पर्म नहीं निकलता है जिसे जीरो स्पर्म काउंट कहा जाता है. इस का पता वीर्य की जांच के बाद ही लग पाता है.

कुछ मामलों में जांच के दौरान तो स्पर्म नजर आता है लेकिन कुछ रुकावट होने के चलते वीर्य के जरीए यह स्खलित नहीं हो पाता है. स्पर्म न पनपने की एक और वजह है वैरिकोसिल. इस का इलाज सर्जरी से ही मुमकिन है.

कुछ समय पहले तक पिता बनने के लिए या तो दाता के स्पर्म का इस्तेमाल करना पड़ता था या किसी बच्चे को गोद लेना पड़ता था, लेकिन अब चिकित्सा विज्ञान में स्टेम सैल्स टैक्नोलौजी की तरक्की ने लैबोरेटरी में स्पर्म बनाना मुमकिन कर दिया है.

लैबोरेटरी में  मरीज के स्टेम सैल्स का इस्तेमाल करते हुए स्पर्म को बनाया जाता है, फिर इसे विट्रो फर्टिलाइजेशन तरीके से औरत पार्टनर के अंडाशय में डाल कर अंडाणु में फर्टिलाइज किया जाता है. इस तरीके से वह औरत पेट से हो सकती है.

लखनऊ के डॉक्टर ए. के. जैन, पिछले 40 सालों से इन सभी समस्याओं का इलाज कर रहे हैं. तो आप भी पाइए अपनी सभी  सेक्स समस्या का बेहतर इलाज अंतर्राष्ट्रीय ख्याति एवं मान्यता प्राप्त डॉ. जैन द्वारा. 

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दिल्ली-लखनऊ में हिंसा आर या पार, नागरिकता बिल पर बवाल

19 दिसंबर की दिल्ली की ये हिंसा इस कदर हावी हो गई की लोगों के मन में डर बैठ गया है. लोग सहम रहे हैं. इस हिंसा को देख तो यही लगता है कि अब तो दिल्ली की ये हिंसा आर या पार. इस बढ़ती हिंसा के चलते राजधानी दिल्ली के कई मेट्रो स्टेशनों को बंद कर दिया गया, जिसमें भगवान दास, राजीव चौक, जनपथ, वसंत विहार, कल्याण मार्ग, मंडी हाउस, खान मार्केट, जामा मस्जिद, लालकिला, जामिया विश्वनिद्याल, मुनेरका, केंदीय सचिवालय, चांदनी चौक, शाहीन बाग ये सभी मेट्रो स्टेशन शामिल हैं.

लालकिला, मंडीहाउस समेत कई ऐसे क्षेत्र हैं दिल्ली के जहां पर गुरुवार को उग्र प्रदर्शनकारियों ने जमकर प्रदर्शन किया और जगह-जगह पर आगजनी, तोड़-फोड़, पथराव किया. पुलिस को लाठीचार्ज करनी पड़ी, आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े. ऐसा नहीं है कि इस प्रदर्शन में केवल विद्यार्थी ही शामिल हैं बल्कि इस प्रदर्शन में कुछ नेता भी शामिल हैं. एक खबर के मुताबिक इतिहासकार रामचंद्र गुहा और बेंगलुरु में लेखक को तो हिरासत में लिया गया साथ ही योगेंद्र यादब, उमर खालिद, संदीप दीक्षित, प्रशांत भूषण जैसे नेताओं को भी हिरासत में लिया गया है.

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ये सभी नेता नागरिकता बिल को लेकर प्रदर्शन में शामिल है. मेंट्रो के बंद हो जाने के कारण आम जनता को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि लोगों को आवाजाही में दिक्कत हो रही है. तो वहीं राजधानी दिल्ली में कई इलाकों में इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया गया है. कालिंग सुविधा बंद कर दी गई है. एसएमएस तक पर रोक लगा दी गई है. ताकि हिंसा को बढ़ावा देने वाले कुछ अवांछनीय तत्व जो अफवाह फैला रहे हैं वो ना कर पाए. लेकिन ऐसे में उन क्षेत्रों में रहने वाले आम नागरिक परेशानी उठा रहे हैं.

इधर जामिया हिंसा को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी करते हुए कहा कि इस पर सुनवाई अब चार फरवरी को होगी. एक तरफ दिल्ली में हिंसा उग्र होती जा रही है तो वहीं गुरुवार को लखनऊ में भी हिंसा अपने चरम पर पहुंचता हुआ नजर आया. वहां पर प्रदर्शनकारी उग्र हो उठे. कई जगहों पर आगजनी, तोड़फोड़ की और इतना ही नहीं बल्कि एक ओबी वैन को भी आग के हवाले कर दिया. कई गाड़ियां धू-धू कर जल रहीं थीं. रोडवेज बसों को भी आग के हवाले कर दिया.

हालांकि जहां पर भी सार्वजनिक संपत्ति को प्रदर्शनकारियों ने नुकसान पहुंचाया है वहां पर सरकार कड़ा रुख अपनाते हुए सख्त कार्रवाई करेगी. लखनऊ के डालीगंज इलाके में हिंसा इतनी तेज हो गई कि पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा और आंसू गैस के गोले भी छोड़ने पड़ें. लखनऊ के इस बढ़ती हिंसा में दो पुलिस बूथ भी बुरी तरह से स्वाहा हो गए. वहां पर इस हिंसा को देखते हुए इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है. हिंसा का ये रूप देखकर कोई भी सहम जाए. पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच में झड़प हो रही है. प्रदर्शनकारी पुलिस पर उल्टा पथराव करने पर उतारू हैं.

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खबरों के मुताबिक सीएम योगी इन सब को देख कर काफी नाराज हैं और उन्होंने कहा है कि जो भी उपद्रवी सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहे हैं उन सबको भरपाई करनी पड़ेगी. उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने इस इस पर चर्चा के लिए बैठक भी बुलाई है. शायद ये कड़ा रुख अपनाना जरूरी भी था. उपद्रवीयों ने लखनऊ में 20 बाइक, 10 कार व 3 बसों को जला डाला. इतना ही नहीं कवर करने के लिए गई चार मीडियो ओबी वैन को भी आग के हवाले कर दिया. ना जाने ये प्रदर्शन कब तक चलेगा और देश को कब तक इसमें जलना पड़ेगा, क्योंकि ये हिंसा बहुत ही खतरनाक रूप लेती जा रही है और सरकार को जल्द ही इस पर कोई कड़ा रूख अपनाना होगा.

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