अक्षरा सिंह ने इस गाने में बताया ‘BOYFRIEND बदलने का नया तरीका’ देखें Viral Video

भोजपुरी दिलों की धड़कन अक्षरा सिंह लगता है अब उन लड़कों को सबक सीखा कर ही दम लेंगी, जो लड़कियों के इमोशन के साथ खिलवाड़ करते हैं. तभी अक्षरा ने अपना नया हिंदी रैप सांग ‘BOYFRIEND बदलने का नया तरीका’ लेकर आयीं है, जो उन्होंने अपने ही यूट्यूब चैनल से रिलीज किया है. अक्षरा का यह गाना रिलीज के साथ ही वायरल होने लगा और महज कुछ ही घंटों में इस गाने को 1 लाख (100234) व्यूज मिले हैं.

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अक्षरा सिंह अपने इस रैप सांग में थोड़ा गुस्से में नजर आ रही हैं और लड़कियों से खासकर कह रही हैं कि अब वे भी अपने पसन्द से किसी को बॉयफ्रेंड बनाये और उसे बदले भी. ‘BOYFRIEND बदलने का नया तरीका’ क्या होगा, यह अक्षरा के इस गाने में साफ नजर आ रहा है. अक्षरा का यह गाना वायरल तो हो ही रहा है, साथ ही लड़कियों के बीच खूब पसंद भी किया जा रहा है. ये गाने को मिले रहे कमेंट से पता चलता है. वहीं, अक्षरा ने इस गाने को लेकर साफ कहा कि जब लड़के लड़कियों को छोड़ने में हिचकते नहीं, तो लड़कियां भी क्यों पीछे रहे. शायद इसलिए अक्षरा ने BOYFRIEND को लेकर उलझन में रहने वाली लड़कियों को नया तरीका सुझाया है और अपने इंस्टाग्राम एकाउंट पर लिखा है – लो जी आ गया नया तरीका.

बहरहाल अक्षरा के ‘BOYFRIEND बदलने का नया तरीका’ का असर लड़कियों पर क्या होता है, वो तो देखने की बात होगी. लेकिन इतना तय है कि जिस तरह से अक्षरा के गानों को लोग पसन्द कर रहे हैं, वो इस बात की ओर इशारा करता है कि यह गाना भी चार्टबस्टर होने वाला है. आपको बता दें कि हिंदी रैप सांग ‘BOYFRIEND बदलने का नया तरीका’ को अक्षरा ने खुद गया है. लिरिक्स सूरज सिंह (आरा) का है. म्यूजिक आशीष वर्मा का है. वीडियो डायरेक्टर पंकज सोनी हैं.

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Khesari Lal Yadav और Aamrapali Dubey इस फिल्म में करेंगे रोमांस, देखें Viral Photos

भोजपुरी एक्ट्रेस आम्रपाली दुबे इन सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं. वह आए दिन फैंस के साथ अपनी फोटोज और वीडियो शेयर करती रहती है. तो अब एक्ट्रेस ने खेसारी लाल यादव के साथ कई फोटोज शेयर की हैं.

दरअसल इन फोटोज को शेयर करते हुए आम्रपाली दुबे ने सोशल मीडिया पर बताया है कि एक्ट्रेस ने खेसारी के साथ अपकमिंग फिल्म ‘आशिकी’ (Aashiqui) की शूटिंग शुरू कर दी है.

 

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आम्रपाली दुबे ने फोटोज शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है कि फोटो थोड़ी ब्लर है, लेकिन इंटेनशंस  क्लीयर हैं. एक ग्रेट स्क्रिप्ट ‘आशिकी’ पर बेहतरीन कलाकार खेसारी लाल यादव के साथ काम कर रही हूं.

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आप इन  फोटो में देख सकते हैं आम्रपाली दुबे पिंक कलर की साड़ी में बेहद खूबसूरत नजर आ रही हैं तो वहीं खेसारी लाल यादव का देसी अंदाज भी फैंस को खूब पसंद आ रहा है.

खेसारी लाल यादव और आम्रपाली दुबे की इस फिल्म का निर्देशन प्रदीप शर्मा कर रहे हैं. बता दें कि खेसारी लाल यादव इस फिल्म से पहले प्रदीप के साथ ‘लिट्टी चोखा’ में भी दिखाई देंगे. फैंस भी आम्रपाली दुबे और खेसारी लाल यादव का ऑनस्क्रीन रोमांस देखने के लिए लिए बेताब हैं.

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फिल्म ‘लिट्टी चोखा’ के ट्रेलर लॉन्च से दूर रहीं काजल राघवानी और श्रुति राव, सामने आई ये वजह

भोजपुरी अभिनेता खेसारीलाल यादव और खूबसूरत भोजपुरी अदाकारा काजल राघवनी के बीच दूरियां इस कदर बढ़ गयी हैं कि प्रोफेशनल रिश्तों को भी निभाना भूल गए हैं. इसका अहसास हर किसी को उस वक्त हुआ जब प्रयागराज में निर्माता प्रदीप के शर्मा और निर्देशक पराग पाटिल की फिल्म ‘लिट्टी चोखा‘ के ट्रेलर लॉन्च के अवसर पर फिल्म की मुख्य अदाकारा काजल राघवानी नदारद रहीं. इतना ही नही काजल की दोस्त व फिल्म की सेकंड लीड अभिनेत्री श्रुति राव भी इस समारोह में शामिल नहीं हुई.

ट्रेलर लॉन्च के मौके पर निर्माता व निर्देशक के साथ केवल खेसारीलाल यादव ही नजर आए. फिल्म के ट्रेलर लांच के अवसर पर काजल राघवानी व श्रुति राव की अनुपस्थिति पर बोलने से हर कोई बचता नजर आया. यहां तक कि युनिट से से जुड़े लोगों ने भी इस बाबत अपना मुंह सिल रखा था.

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लेकिन खेसारीलाल यादव ने फिल्म के ट्रेलर रिलीज के बाद फिल्म को शानदार बताते हुए जमकर बातें की. उन्होंने दावा किया फिल्म में सभी कलाकारों के किरदारों की अहमियत है. उन्होने कहा- ‘‘इसमें प्रदीप के शर्मा, पराग पाटिल, पद्म सिंह, काजल राघवानी सहित सभी लोगों की सोच दिखती है. यह फिल्म किसानों की बात को प्रमुखता से दर्शकों के बीच रखेगी. इसकी कहानी शोषण, उत्पीड़न और जुल्म पर चोट करती है. तो किसानों के मुद्दे पर खुलकर बात करती है. आखिर किसान आत्महत्या क्यों करते हैं, जबकि किसानों के बिना पैसे वालों की भी जिंदगी नहीं चल सकती.

किसान साल भर खेत में खून पसीना एक करते हैं, तब जाकर एक आम आदमी से लेकर देश की नीतियां बनाने वाले प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, अधिकारी और पैसे वालों को रोटी नसीब होती है. इसलिए यह ज्वलंत विषय है.इस पर सरकार को और हमें भी सोचना चाहिए.’’

जब खेसारी लाल यादव से पूछा गया कि ट्रेलर लांच पर काजल राघवानी क्यों नही आयी, तब भी इस मसले पर कुछ भी कहने से खेसारीलाल यादव टाल गए.

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यूं तो विवादो के चलते फिल्म के फर्स्ट लुक लांच के दौरान भी काजल राघवानी शामिल नहीं हुईं थी. बहरहाल, फिल्म लिट्टी चोखा का ट्रेलर लांच हो गया है. यह फिल्म अप्रैल के दूसरे हफ्ते में रिलीज होगी.‘बाबा मोशन पिक्चर प्रा.लि.’ के बैनर तले फिल्म ‘लिट्टी चोखा‘ में मुख्य भूमिका में खेसारीलाल यादव, काजल राघवानी, मनोज सिंह टाइगर, पदम सिंह, प्रगति भट्ट, प्रीति सिंह, श्रुति राव, उत्कर्ष, यादवेन्द्र यादव, देव सिंह, करण पांडे, प्रकाश जैश हैं. फिल्म की सह निर्माता अनीता शर्मा और पदम सिंह हैं. फिल्म के संगीतकार ओम झा हैं.

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किसी से कम नहीं हैं भोजपुरी फिल्में

उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश और नेपाल के तराई इलाकों के साथसाथ हिंदी बैल्ट में भोजपुरी सिनेमा देखने वालों की भरमार है. छोटे बजट की इन फिल्मों के गीत घरघर में सुनाई देते हैं. फिल्म की कहानी और कलाकारों की मेहनत का ही नतीजा है कि सिनेमाघर में बैठे दर्शक सीटी बजाबजा कर फिल्म देखने का लुत्फ उठाते हैं.

इस सब के बावजूद पिछले कुछ सालों तक भोजपुरी सिनेमा को दोयम दर्जे का ही समझ जाता था. इन फिल्मों पर अश्लील होने और गानों के नाम पर बेहूदगी परोसने के लांछन लगते थे. हिंदी, बंगाली, मराठी, पंजाबी और दक्षिण भारतीय फिल्मों के मुकाबले भोजपुरी फिल्में कहीं नहीं ठहरती थीं.

पर, अब माहौल थोड़ा बदल गया है. भले ही ये फिल्में कम बजट की होती हैं, पर इन की क्वालिटी में गजब का सुधार हुआ है.

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अब इन फिल्मों का हीरो भी हवा में उड़ता हुआ विलेन और उस के गुरगों की धुनाई करता है, तेज रफ्तार कार किसी गहरी खाई को भी आसानी से लांघ जाती है. गानों की कोरियोग्राफी पर मेहनत की जाती है.

कहने का मतलब है कि नई तकनीकी के इस्तेमाल के चलते इन फिल्मों को दर्शक खूब पसंद कर रहे हैं.

यह बदलाव साल 2004 में तब हुआ था, जब भोजपुरी गायक और नायक मनोज तिवारी ‘मृदुल’ की फिल्म ‘ससुरा बड़ा पइसावाला’ ने भोजपुरी बैल्ट से बाहर निकल कर दूसरे राज्यों के सिनेमाघरों में धमाल मचाया था. तकरीबन 30 लाख रुपए के बजट से बनी इस फिल्म ने अव्वल दर्जे की टैक्नोलौजी का इस्तेमाल होने के चलते 9 करोड़ रुपए की कमाई की थी.

इस के बाद भोजपुरी फिल्मों में तकनीकी पक्ष को मजबूत किए जाने पर खासा जोर दिया गया था, जिस के चलते बहुत सी फिल्मों ने अच्छी कमाई भी की थी.

यही वजह है कि आज भोजपुरी फिल्मों में रवि किशन, पवन सिंह, दिनेशलाल यादव ‘निरहुआ’, अरविंद अकेला ‘कल्लू’, रितेश पांडेय, विराज भट्ट, प्रदीप पांडेय ‘चिंटू’, शुभम तिवारी जैसे नामचीन हीरो और रानी चटर्जी, नगमा, काजल राघवानी, प्रियंका पंडित, आम्रपाली दुबे, अक्षरा सिंह, कनक यादव जैसी हीरोइनों का जलवा पूरे देश पर छा रहा है.

आज भोजपुरी फिल्में महंगी वीएफएस व क्रोमा जैसी तकनीकी के इस्तेमाल की तरफ कदम बढ़ा रही हैं. ऐसे में ऐक्शन, डांस, लाइटिंग, ग्राफिक्स, स्पैशल इफैक्ट्स का पक्ष बेहद मजबूत हुआ है. इस के लिए दक्षिण के ऐक्शन मास्टरों का इस्तेमाल किया जा रहा है.

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कार्यकारी निर्माता संतोष वर्मा ने अपनी फिल्म ‘वांटेड’ के बारे में बताया कि इस फिल्म में आधुनिक साउंड तकनीकी का इस्तेमाल भी किया गया है, क्योंकि फिल्मों के सीन में अगर साउंड और बैकग्राउंड म्यूजिक न डाला जाए, तो ये फिल्में दर्शकों को मूक फिल्मों जैसी लगेंगी.

नई तकनीकी का कमाल है

आजकल भोजपुरी में हौरर फिल्में भी बनने लगी हैं. रितेश पांडेय की फिल्म ‘बलमा बिहारवाला 2’ में भी इसी तरह की बेहतरीन टैक्नोलौजी का इस्तेमाल किया गया था, जिस से डरावने सीन ने फिल्म में जान डाल दी थी.

अब डांस और कोरियोग्राफी पर भी नजर डालते हैं. आज के दौर में भोजपुरी फिल्मों में भी आइटम डांस खूब चलन  में हैं.

आजमगढ़ जिले की अदाकारा सनी सिंह के मुताबिक, कभीकभी एक आइटम डांस गाना ही फिल्म के हिट होने की वजह बन सकता है.

आइटम गर्ल राखी सांवत ने रवि किशन और पवन सिंह की फिल्म ‘कट्टा तनल दुपट्टा पर’ में दमदार आइटम डांस दिखाया था.

भोजपुरी फिल्मों ने हिंदी फिल्म वालों पर भी अपना जादू चलाया है. हीरोइन प्रियंका चोपड़ा ने दिनेशलाल यादव ‘निरहुआ’ और आम्रपाली दुबे को साथ ले कर फिल्म ‘बमबम बोल रहा काशी’ में अपना पैसा लगाया था.

इस फिल्म में इस्तेमाल की गई बेहतरीन फिल्मांकन तकनीकी, लाइट विजुअल व साउंड इफैक्ट के चलते फिल्म के रिलीज होने के 3 दिन के भीतर ही पूरी लागत निकाल ली थी.

नई टैक्नोलौजी से यह साबित होता है कि भोजपुरी फिल्मों में बजट की कमी इन के आगे बढ़ने में आड़े नहीं आ सकती है.

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वीडियो और आर्ट डायरैक्टर आशीष यादव ने बताया कि हाल के सालों में भोजपुरी फिल्मों के फिल्मांकन में टैक्नोलौजी का इस्तेमाल तेजी से बढ़ा है. अब भोजपुरी बैल्ट के सिनेमाघरों में दर्शक भोजपुरी फिल्मों को देखने में वही रोमांच महसूस करते हैं, जो बौलीवुड व हौलीवुड की फिल्में देखने पर मिलता है.

यही वजह है कि बौलीवुड के अमिताभ बच्चन, मिथुन चकवर्ती, शक्ति कपूर, रजा मुराद जैसे बड़े कलाकार भी भोजपुरी फिल्मों में दिखाई देते रहे हैं.

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भोजपुरी इंडस्ट्री  में स्टार्स होली त्यौहार को लेकर काफी उत्साहित नजर आ रहे हैं. तभी तो स्टार्स इन दिनों एक के बाद एक होली से पहले स्पेशल सॉन्ग्स रिलीज करने में लगे हुए हैं.

हाल ही में पवन सिंह (Pawan Singh) ने बॉलीवुड एक्ट्रेस त्रिधा चौधरी के साथ भोजपुरी होली स्पेशल सॉन्ग ‘बबुनी तेरे रंग में’ दर्शकों के बीच रिलीज किया था. इस गाने को यूट्यूब पर खूब पसंद किया गया.

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तो अब वहीं दिनेश लाल यादव और आम्रपाली दुबे ने बॉलीवुड सुपरस्टार गोविंदा के साथ अपकमिंग होली सॉन्ग के लिए हाथ मिला लिया है.

 

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दरअसल दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ ने सोशल मीडिया अकाउंट पर आम्रपाली दुबे और गोविंदा (Govinda) के साथ एक फोटो शेयर की है, इस फोटो में दिनेश लाल यादव ने कैप्शन में लिखा है कि ‘हमारे आदर्श, जिनकी फिल्में देखकर सब कुछ सीखा.

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उन्होंने आगे लिखा, आज ऐसे गोविंदा सर के साथ नाच के धन्य हो गया… लव यू गोविंदा सर.  तो यह भी दावा किया जा रहा है कि ये गाना इस साल का सबसे जबरदस्त और हिट गाना होने वाला है.

हंसाना सबसे मुश्किल काम: धामा वर्मा

भोजपुरी, हिंदी और बंगला फिल्मों के कलाकार धामा वर्मा ने कई सुपरहिट फिल्में दी हैं. वे बेहद मंजे हुए कलाकारों में गिने जाते हैं. फिल्मों में उन की संवाद अदायगी और ऐक्टिंग बेहद पसंद की जाती है. ‘सरस सलिल भोजपुरी सिने अवार्ड’ के दौरान उन से हुई एक मुलाकात में उन के फिल्मी सफर पर लंबी बातचीत हुई. पेश हैं, उसी के खास अंश :

आप ने अपने सफर की शुरुआत हिंदी फिल्मों से की थी, फिर भोजपुरी फिल्मों की तरफ रुझान कैसे हुआ?

मैं ने गौतम घोष के डायरैक्शन में बनी फिल्म ‘पतंग’ से अपने ऐक्टिंग कैरियर की शुरुआत की थी. उस फिल्म में मेरे साथ शबाना आजमी, ओम पुरी, मोहन अगाशे और शत्रुघ्न सिन्हा जैसे दिग्गज कलाकारों की पूरी टीम थी.

इस के बाद मुझे लगा कि हिंदी फिल्मों के साथसाथ भोजपुरी सिनेमा में भी अपना हाथ आजमाना चाहिए, क्योंकि भोजपुरी का दर्शक वर्ग बहुत बड़ा है. कई फिल्मों में दमदार रोल कर के मैं दर्शकों के दिलों में आसानी से जगह बनाने में कामयाब रहा.

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आप ने हिंदी और भोजपुरी फिल्मों के साथसाथ बंगला फिल्मों में भी काम किया है. बंगला भाषा की कोई यादगार फिल्म?

मैं ने गौतम घोष के डायरैक्शन में बनी बंगला फिल्म ‘शून्य’ में काम किया था. यह फिल्म माओवादियों की बैकग्राउंड पर बनी थी.

आप फिल्मों के अलावा टैलीविजन पर भी काफी सक्रिय रहते हैं. आप ने अभी तक किनकिन धारावाहिकों में काम किया है?

मैं ने ‘क्या दिल में है’, ‘अर्जुन पंडित’, ‘जीजी मां’, ‘दीया और बाती हम’, ‘लाल इश्क’, ‘क्राइम पैट्रोल’, ‘सावधान इंडिया’ और ‘विधान’ जैसे धारावाहिकों में काम किया है. भोजपुरी के एक धारावाहिक ‘घरआंगन’ में भी अहम रोल निभाया है. इस के अलावा वैब सीरीज ‘किराएदार’ व ‘बैडगर्ल’ में भी काम कर चुका हूं.

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आप ने अमिताभ बच्चन के साथ भी काम किया है. उन से क्या सीखने को मिला?

मुझे भोजपुरी फिल्म ‘गंगा’ में अमिताभ बच्चन के साथ काम करने का मौका मिला था. वे फिल्म सैट पर सहज रहते हैं और साथी कलाकारों का हर समय हौसला बढ़ाते हैं.

भोजपुरी सिनेमा में कई अच्छे कौमेडियनों की बाढ़ आ गई है. ऐसे में कितना कंपीटिशन बढ़ा है?

यह भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री के लिए अच्छा संकेत है कि अच्छे कौमेडी कलाकार आ रहे हैं. इस से भोजपुरी फिल्मों का दायरा बढ़ेगा.

एक कलाकार के लिए हंसाना सब से मुश्किल विधा मानी जाती है? ऐसा क्यों है?

ऐक्टिंग की सब से मुश्किल विधा है लोगों को हंसाना. इस में कलाकार अपनी पूरी कला लगा देता है. रुलाने के लिए किसी को मार कर रुलाया जा सकता है, गरीबी दिखा कर रुलाया जा सकता है, लेकिन हंसाने के लिए अंदर से फीलिंग लानी पड़ती है, जो मुश्किल काम है.

भोजपुरी के सब से ज्यादा दर्शक बिहार में ही हैं. क्या वजह है कि वहां फिल्मों की शूटिंग को बढ़ावा नहीं मिल पा रहा है?

बिहार सरकार अपने प्रदेश में फिल्मों को बढ़ावा देने के प्रति उदासीन है. अगर वह प्रदेश में शूटिंग को बढ़ावा देती है, तो वहां रोजगार की उम्मीद बढ़ेगी.

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भोजपुरी सिनेमा के 60 साल का सुनहरा सफर

भले ही भोजपुरी फिल्मों पर तरहतरह के आरोप लगते रहे हों, पर यह भी सच है कि भोजपुरी सिनेमा में बन रही फिल्में रिलीज होने के पहले ही चर्चा में आ जाती हैं. यही वजह है कि भोजपुरी फिल्में तकरीबन 35 करोड़ लोगों के दिलों पर राज कर रही हैं.

भोजपुरी सिनेमा को यह मुकाम यूं ही नहीं मिला है, बल्कि इसकी शुरुआत 60 साल पहले भोजपुरी की पहली फिल्म ‘गंगा मइया तोहे पियरी चढ़इबो’ से हो गई थी. भोजपुरी में बनी यह पहली फिल्म इतनी सुपरडुपर हिट रही थी कि इस फिल्म को देखने के लिए लोग बैलगाडि़यों पर लद कर सिनेमाघरों तक पहुंचे थे.

भोजपुरी सिनेमा का दौर

यह भोजपुरी सिनेमा का पहला दौर था, जिस ने इस फिल्म के रिलीज के साथ ही सुनहरे युग की शुरुआत कर दी थी.

इस फिल्म को तब के राष्ट्रपति  डा. राजेंद्र प्रसाद की प्रेरणा से बनाया गया था. वे चाहते थे कि दूसरी भाषाओं की तरह भोजपुरी में भी फिल्म बने. जब उन्होंने इस की इच्छा आजाद हिंद फौज के सिपाही रहे नजीर हुसैन से जाहिर की, तो उन्होंने विधवा पुनर्विवाह पर आधारित भोजपुरी फिल्म ‘गंगा मइया तोहे पियरी चढ़इबो’ की पटकथा लिखी.

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इस के बाद आरा के रहने वाले कारोबारी विश्वनाथ प्रसाद शाहाबादी ने इस फिल्म में अपना पैसा लगाने का ऐलान किया. फिर इस फिल्म को बनाने का काम शुरू हो गया.

फिल्म ‘गंगा मइया तोहे पियरी चढ़इबो’ के डायरैक्शन का काम कुंदन कुमार ने किया था, तो इस में गाने को आवाज देने का काम लता मंगेशकर और मोहम्मद रफी जैसे मशहूर गायकों ने किया था. फिल्म के गाने मशहूर गीतकार शैलेंद्र और भिखारी ठाकुर ने लिखे थे. इसी के साथ फिल्म में म्यूजिक देने का काम संगीतकार आनंदमिलिंद के पिता चित्रगुप्त ने किया था.

फिल्म में लीड रोल हिंदी फिल्मों की मशहूर हीरोइन कुमकुम ने किया था, जो भोजपुरी फिल्मों की पहली हीरोइन  बनी थीं.

इस के अलावा कुमकुम के अपोजिट असीम कुमार हीरो थे. फिल्म में विलेन का किरदार बिहार के रहने वाले रामायण तिवारी ने निभाई थी. इस फिल्म में पद्मा खन्ना, हेलेन, लीला मिश्रा, टुनटुन वगैरह भी प्रमुख भूमिकाओं में नजर आए थे.

यह फिल्म 22 फरवरी, 1963 को पटना के वीणा सिनेमा में रिलीज हुई थी, जिस ने कामयाबी के इतने ज्यादा रिकौर्ड तोड़े कि महीनों तक दर्शकों की लाइन ही नहीं टूटी.

इस फिल्म के बाद भोजपुरी में दूसरी फिल्म ‘लागी नाही छूटे राम’ आई थी. यह फिल्म भी साल 1963 में ही रिलीज हुई थी, जिस का डायरैक्शन कुंदन कुमार ने किया था और निर्माता रामायण तिवारी रहे थे. फिल्म में मुख्य भूमिका असीम कुमार, नसीर हुसैन और कुमकुम ने निभाई थी.

इस फिल्म के बाद फिल्म ‘बिदेसिया’ बनी थी, जिस के हीरो सुजीत कुमार और हीरोइन बेबी नाज थीं. साल 1964-65 में एसएन त्रिपाठी के डायरैक्शन में बनी यह फिल्म सुपरडुपर हिट रही थी. इस के बाद भोजपुरी में कुछ छिटपुट फिल्में बनीं, जो बहुत ज्यादा नहीं चल पाईं और यही भोजपुरी सिनेमा का पहला दौर खत्म सा हो गया. इस के बाद 10 साल तक भोजपुरी सिनेमा में सन्नाटा सा छाया रहा था.

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ऐसे टूटा सन्नाटा

10 साल के सूखे के बाद भोजपुरी सिनेमा के दूसरे दौर की शुरुआत नजीर हुसैन ने फिर से कर दी और उन्होंने उस समय की सब से बड़ी हिट फिल्म ‘बलम परदेसीया’ बनाई, जिस में मुख्य भूमिका राकेश पांडेय और पद्मा खन्ना ने निभाई थी.

बौलीवुड के जानेमाने म्यूजिक डायरैक्टर नदीमश्रवण ने भोजपुरी फिल्म ‘दंगल’ से अपने म्यूजिक कैरियर की शुरुआत की थी.

यह फिल्म साल 1977 में रिलीज  हुई थी. इस फिल्म में सुजीत कुमार  और प्रेमा नारायण समेत उस वक्त के कई भोजपुरी फिल्म कलाकारों ने काम  किया था.

यह फिल्म उस दौर की सुपरहिट फिल्म साबित हुई थी. इस फिल्म के प्रोड्यूसर बच्चू भाई शाह थे. इस फिल्म में म्यूजिक देने के बाद नदीमश्रवण बौलीवुड में छा गए थे.

इस के बाद भोजपुरी में कई सुपरहिट फिल्में बनी थीं, जिन में साल 1980 में बनी भोजपुरी फिल्म ‘धरती मैया’ से भोजपुरी के सुपरस्टार कुणाल सिंह की ऐंट्री हुई.

इस फिल्म में राकेश पांडेय और पद्मा खन्ना के साथ गौरी खुराना प्रमुख भूमिकाओं में नजर आए थे. इस के बाद ‘गंगा किनारे मोरा गांव’, ‘बसुरिया बाजे गंगा तीर’, ‘दूल्हा गंगा पार के’, ‘माई’ जैसी ब्लौकबस्टर फिल्में आई थीं.

भोजपुरी सिनेमा के दूसरे दौर में इन फिल्मों के अलावा दर्जनों फिल्में बनी थीं, लेकिन यह फिल्में चल नहीं पाईं और धीरेधीरे 90 का दशक आतेआते भोजपुरी सिनेमा सन्नाटे में चला गया.

बुलंदियों का तीसरा दौर

भोजपुरी सिनेमा के लिए साल 2000 का दशक बदलाव का दौर रहा. इस दौर ने भोजपुरी फिल्मों के क्षेत्र में क्रांति लाने का काम किया. रवि किशन और मनोज तिवारी जैसे भोजपुरी के कई सुपरस्टार इस दौर ने दिए, बल्कि भोजपुरी सिनेमा से पूरी तरह से कट चुके दर्शकों को जोड़ने का काम भी किया.

इस दौर की पहली फिल्म साल 2000 में आई, जिस का नाम था ‘सईयां हमार’, जिस में मुख्य भूमिका में रवि किशन थे. इस फिल्म में बृजेश त्रिपाठी मुख्य विलेन की भूमिका में नजर आए थे.

साल 2004 में मनोज तिवारी की फिल्म ‘ससुरा बड़ा पइसावाला’ बनी थी, जिस ने कमाई के सारे रिकौर्ड तोड़ दिए थे.

इस के बाद रवि किशन के लीड रोल में ही ‘सईयां से कर द मिलनवा हे राम’ और ‘पंडितजी बताई न बियाह कब होई’ फिल्में बनी थीं, जो साल 2005 की सब से बड़ी हिट फिल्में रही थीं.

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इस दौर की बड़ी हिट फिल्मों में ‘गंगा जइसन माई हमार’, ‘दरोगा बाबू आई लव यू’, ‘देहाती बाबू’, ‘धरतीपुत्र’, ‘दीवाना’, ‘लगल रहा हे राजाजी’, ‘देवरा बड़ा सतावेला’ वगैरह शामिल रहीं.

इन्होंने दी बड़ी पहचान

साल 2010 के बाद का दशक गायक से नायक बने कई ऐक्टरों के नाम रहा, जिस में दिनेशलाल यादव ‘निरहुआ’, पवन सिंह, खेसारीलाल जैसे दर्जनों नाम शामिल हैं. इन ऐक्टरों ने पिछले 10 सालों में सैकड़ों हिट फिल्में दी हैं. आज इन्हीं ऐक्टरों से भोजपुरी सिनेमा की पहचान है.

वहीं अगर ऐक्ट्रैस की बात की जाए, तो रानी चटर्जी, नगमा, आम्रपाली दुबे, काजल राघवानी जैसे कई नाम हैं, जिन के करोड़ों दीवाने हैं. भोजपुरी सिनेमा में कई हिट डायरैक्टरों के नाम है, जिन में राजकुमार आर. पांडेय, संजय श्रीवास्तव, पराग पाटिल जैसे दर्जनों नाम शामिल हैं. वहीं निगेटिव रोल में संजय पांडेय, अवधेश मिश्र, देव सिंह, सुशील सिंह, कौमेडी में संजय महानंद, धामा वर्मा, लोटा तिवारी जैसे सैकड़ों नाम  शामिल हैं.

आज के दौर में भोजपुरी में बन रही फिल्मों और दर्शकों की तादाद के आधार पर यह कहा जा सकता है कि भोजपुरी आज दूसरी फिल्मों की अपेक्षा टौप पर है.

बनाया नया मुकाम

भोजपुरी फिल्मों की बढ़ती लोकप्रियता के बीच इस पर अश्लीलता फैलाने के आरोप भी लगते रहे हैं. लेकिन ये आरोप भोजपुरी सिनेमा के दर्शकों की तरफ से नहीं, बल्कि भोजपुरी सिनेमा को न देखने वालों की तरफ से लगाए जाते रहे हैं, जबकि आज की भोजपुरी फिल्में भोजपुरी बैल्ट के दर्शकों के मूड को देखते हुए ही बन रही हैं.

भोजपुरी बैल्ट के दर्शकों के हिसाब से जो भी फिल्में बन रही हैं, उतना हंसीमजाक भोजपुरी बैल्ट में आम  बात है.

दी कड़ी टक्कर

भोजपुरी सिनेमा के तीसरे दौर में बहुतकुछ बदल चुका है, जहां भोजपुरी की फिल्मों के कंटैंट पर अच्छाखासा ध्यान दिया जाने लगा है, वहीं इस में इस्तेमाल होने वाली टैक्नोलौजी में बहुत ज्यादा बदलाव आ चुका है.

इस दौर में आई फिल्मों में ‘निरहुआ रिकशावाला’, ‘निरहुआ हिंदुस्तानी’, ‘विवाह’, ‘कसम पैदा करने वाले की 2’, ‘दोस्ताना’, ‘जुगजुग जिया हो ललनवा’ जैसी सैकड़ों फिल्मों ने भोजपुरी फिल्मों के प्रति लोगों के नजरिए में बदलाव लाने का बड़ा काम किया है.

इस आधार पर यह कहा जा सकता है कि फिल्म ‘गंगा मइया तोहे पियरी चढ़इबो’ से शुरू हुआ भोजपुरी सिनेमा का यह दौर बुलंदियों का दौर है, जहां कम बजट में अच्छी फिल्में बन रही हैं.

पोपुलैरिटी को देख कर बौलीवुड के नामचीन कलाकारों ने किया काम

भोजपुरी के तीसरे दौर में फिल्मों की पोपुलैरिटी और दर्शकों की बढ़ती तादाद को देखते हुए बौलीवुड के कई नामचीन कलाकार खुद को काम करने से रोक नहीं पाए.

साल 2013 में आई भोजपुरी फिल्म ‘देशपरदेश’ में धर्मेंद्र प्रमुख भूमिका में नजर आए थे. इसी के साथ भोजपुरी फिल्म ‘गंगा’ में रवि किशन और मनोज तिवारी के साथ अमिताभ बच्चन और हेमा मालिनी नजर आए तो दिनेशलाल यादव ‘निरहुआ’ की फिल्म ‘गंगा देवी’ में अमिताभ बच्चन और जया बच्चन ने काम कर के भोजपुरी सिनेमा की अहमियत को और भी बढ़ा दिया था.

इस के अलावा फिल्म ‘धरती कहे पुकार के’ में अजय देवगन, ‘बाबुल प्यारे’ में राज बब्बर, ‘भोले शंकर’ में मिथुन चक्रवर्ती, ‘हम हई खलनायक’ में जैकी श्रौफ, ‘एगो चुम्मा दे दा राजाजी’ में भाग्यश्री जैसे नामचीन कलाकारों ने काम किया. आज भी रजा मुराद, शक्ति कपूर, गुलशन ग्रोवर जैसे दर्जनों बौलीवुड कलाकार लगातार काम कर रहे हैं.

नेताओं ने बड़ा आयोजन बताया

28फरवरी, 2021 की शाम ‘अयोध्या महोत्सव’ को एक नया रंग देने वाली थी. खूबसूरत गुलाबी पंडाल में भारी तादाद में जमा हुए दर्शक अपने चहेते भोजपुरी कलाकारों को देखने के लिए उतावले हो रहे थे. जैसेजैसे ‘सरस सलिल भोजपुरी सिने अवार्ड 2020’ खुद को आकार दे रहा था, वैसेवैसे भीड़ का जोश बढ़ता जा रहा था.

इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि हरीश द्विवेदी थे, जो लगातार 2 बार से बस्ती, उत्तर प्रदेश से सांसद हैं. भाजपा की नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी में उन्हें राष्ट्रीय मंत्री बनाया गया है. फेम इंडियाएशिया पोस्ट द्वारा किए गए सर्वे 2020 में वे देश के 25 बेहतरीन सांसदों में चुने गए थे. इतना ही नहीं, वे उत्तर प्रदेश यूनिट के भारतीय जनता युवा मोरचा के अध्यक्ष रहे हैं.

अपने स्वागत भाषण में सांसद हरीश द्विवेदी ने अवार्ड मिलने वाले सभी भोजपुरी कलाकारों को अग्रिम बधाई दी और कहा कि ‘सरस सलिल’ और दिल्ली प्रैस की दूसरी पत्रिकाएं उन्होंने खूब पढ़ी हैं और ‘सरस सलिल’ द्वारा भोजपुरी फिल्मों के कलाकारों और दूसरे लोगों को अवार्ड देना तारीफ का काम है. इस से भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री का दायरा बढ़ेगा और भविष्य में उसे काफी फायदा भी होगा.

इतना ही नहीं, सांसद हरीश द्विवेदी ने इस कार्यक्रम को काफी समय तक देखने का लुत्फ लिया और कलाकारों को अपने हाथों से अवार्ड दे कर उन्हें सम्मानित भी किया.

बिहार की लौरिया विधानसभा से  3 बार के विधायक विनय बिहारी ने भी इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई थी. नेता होने से पहले विनय बिहारी का नाम भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री को आगे बढ़ाने के तौर पर भी याद किया जाता है.

जब साल 1990 से साल 2000 तक भोजपुरी सिनेमा अपने बुरे दौर से गुजर रहा था, तब उन्होंने ही अपने गीतों से भोजपुरी कला जगत को जिंदा रखा था.

विनय बिहारी ने ‘ससुरा बड़ा पइसावाला’, ‘पंडितजी बताई न बियाह कब होई’, ‘कन्यादान’ समेत 300 फिल्मों में बतौर गीतकार और 50 से ज्यादा फिल्मों में पटकथा लेखक, कहानीकार और संवाद लेखक का काम किया है.

विनय बिहारी इस कार्यक्रम से बेहद खुश दिखे और कहा कि उन्होंने इतने बड़े लैवल पर भोजपुरी का कोई अवार्ड शो नहीं देखा है. इस तरह के सम्मान से कलाकारों का मनोबल बढ़ता है. ऐसे कार्यक्रम जनता और कलाकारों के बीच पुल बांधने का काम करते हैं.

इस कार्यक्रम में उत्तर भारत के ही नहीं, बल्कि नेपाल के नेता भी आए थे. वहां से विधायक सहसराम यादव, पूर्व मंत्री दान बहादुर चौधरी और मेयर बजरंगी चौधरी ने भी शिरकत की थी.

उन नेताओं ने बताया कि नेपाल के तराई वाले इलाकों में जिसे मधेश इलाका भी कहा जाता है, हिंंदीभाषी लोग ज्यादा रहते हैं. वे ‘सरस सलिल’ पत्रिका पढ़ते हैं और भोजपुरी और हिंदी फिल्मों को बड़े चाव से देखते हैं. वहां भोजपुरी गाने भी सुने जाते हैं और कलाकारों को खूब पसंद किया जाता है.

विधायक सहसराम यादव ने नेपाल से बुलाए गए नेताओं की तरफ से ‘सरस सलिल’ का शुक्रिया अदा किया और इच्छा जाहिर कि भविष्य में भी ऐसे कार्यक्रम होते रहेंगे.

इस कार्यक्रम में नेता ही नहीं, बल्कि सामाजिक कार्यकर्ता भी मौजूद थे. बुंदेलखंड में ‘जलयोद्धा’ के नाम से मशहूर उमाशंकर पांडेय को इस कार्यक्रम में विशेष सम्मान दिया गया था. उन्होंने मेंड़बंदी जैसे पारंपरिक तरीके को अपना कर पानी की जो बचत की है, वह एक सराहनीय काम है.

‘जलयोद्धा’ उमाशंकर पांडेय दिल्ली प्रैस की पत्रिकाओं के हमेशा से मुरीद रहे हैं. उन्होंने इस अवार्ड शो को एक शानदार कदम बताया और उम्मीद जताई कि ऐसे आयोजन लोगों और भोजपुरी कलाकारों को एकदूसरे से जोड़ते हैं. अपने चहेते कलाकारों को सामने से देखने में जनता को जो खुशी मिलती है, उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है.

– सुनील 

भोजपुरी फिल्म ‘बेटी न.1’ का ट्रेलर देखकर फैंस हुए इमोशनल, देखें Viral Video

अक्सर लोग शिकायत करते है कि भोजपुरी सिनेमा का स्तर गिर रहा है. भोजपुरी सिनेमा सिर्फ अश्लीलता परोस रहा है और अब इसमें परिवार गायब हो चुका है.कुछ लोगों की शिकायत है कि भोजपुरी फिल्में परिवार के साथ देखने लायक नहीं रही.

इन सभी लोगों की शिकायतों को करारा जवाब देने के लिए ही यश कुमार एक
सामाजिक फिल्म ‘बेटी न.1′ लेकर आ रहे हैं, जिसका ट्रेलर जारी होते ही वायरल हो चुका है. फिल्म ‘बेटी नंबर 1′ के ट्रेलर का कंटेंट इतना सशक्त है कि इसे देखकर लोगों की आंखों से आंसू नही थम रहे हैं. जी हां! तीन मिनट 44 सेकंड
के इस ट्रेलर ने लोगों को रूला दिया है.

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वास्तव में फिल्म का ट्रेलर बेहद मार्मिक और दिल को झकझोरने वाला है. चाहे वह गाने हो, या बाप बेटी के बीच का दिल छूने वाला संवाद या फिर एक नन्हीं बच्ची का अपने माता-पिता के लिए किए गए प्रयास,पूरा ट्रेलर काफी भावनापूर्ण है.

‘यश कुमार एंटरटेनमेंट’ प्रस्तुत और निर्मित और बी 4 भोजपुरी के यूट्यूब चैनल रिलीज फिल्म ‘बेटी न.1‘ की कहानी एक ऐसी बच्ची की है,जिसके माता पिता के बीच तलाक हो जाता है.पिता को बेटी की कस्टडी मिलती है.दोनों साथ रहने लगते हैं. मगर जब उस पिता को पता चलता है कि उसकी बेटी को ब्लड कैंसर है और वह कुछ दिनों की मेहमान है, तब एक मजबूर पिता का मर्म,जो अपनी बेटी को किसी हालत में नहीं खोना चाहता है,उभर कर आता है.इसी बीच उसकी बेटी कुछ ऐसा कर देती है,जो धक से हर इंसान के दिल को छू लेती है.

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ट्रेलर के अनुसार यह भोजपुरी सिनेमा की चुनिंदा फिल्मों में से एक होने वाली है. यश कुमार और बाल कलाकार का किरदार बेहद संजीदा है,वहीं निधी झा यादगार भूमिका में नजर आ रही हैं.

यश कुमार की फिल्म ‘बेटी न.1’ की मेकिंग किसी बॉलीवुड की बड़ी
फिल्मों से कम नहीं नजर आ रही है. भोजपुरी सिनेमा पर इसके कंटेंट के लिए जो भी सवाल करते हैं, उन्हें यह फिल्म अपने परिवार के सदस्यों व दोस्तों के साथ मिलकर जरूर देखनी चाहिए.

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फिल्म में यश कुमार, निधि झा, बेबी कियारा सोनी, करण पांडेय, प्रेरणा
सुषमा, प्रिया सिंह, राधे कुमार, नौषाद शेख, मनोज मोहन और सपना त्रिपाठी लीड रोल में हैं.फिल्म के संगीतकार मुन्ना दुबे,गीतकार विनय बिहारी, मुन्ना दुबे व राजेश मिश्रा हैं.फिल्म की कहानी खुद यश कुमार ने एस के चैहान के साथ मिलकर लिखी है.पटकथा और संवाद लेखक एस के चैहान हैं.

‘बाजी’ से भोजपुरी सिनेमा में वापसी करेंगे मोनालिसा के पति विक्रांत सिंह

भोजपुरी फिल्मों के सर्वाधिक चर्चित कलाकार विक्रांत सिंह अब फिल्म ‘‘बाजी’’में बहुत सशक्त किरदार में बतौर हीरो रूपहले परदे पर नजर आने वाले हैं. हकीकत में ‘बाजी’से भोजपुरी सिनेमा में विक्रांत सिंह की वापसी होने जा रही है. यह फिल्म उनके फिल्मी करियर के लिए टर्निंग प्वाइंट साबित होगी.

इस फिल्म में उनके साथ अक्षरा सिंह और राकेश मिश्रा भी होंगे. दो हीरो और एक हीरोइन वाली इस फिल्म की कहानी का ताना बाना प्रेम त्रिकोण के इर्द गिर्द बुना गया है. जो कि दर्शकों को रोमांच से भर देगी.विक्रांत सिंह का दावा है कि इस रोमांचक प्रेम कहानी को देखकर दर्शक दांतो तले उंगली दबाने को मजबूर हो जाएंगे. संगीत प्रधान फिल्म‘‘बाजी’’ में बतौर खलनायक देव सिंह नजर आएंगे.

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ज्ञातब्य है कि कुछ दिन पहले फिल्म के निर्माता सुरेश जोशी, कमलेश सिंह और राघवेंद्र प्रताप सिंह ने पटना,बिहार में अक्षरा सिंह और राकेश मिश्रा की मौजूदगी में प्रेस कांफ्रेंस कर फिल्म ‘बाजी’ के निर्माण की घोषणा की थी. उस वक्त तक दूसरे हीरो के किरदार के लिए विक्रांत सिंह का नाम तय नही हो पाया था. पर अब इस फिल्म के साथ विक्रांत सिंह को बतौर हीरो अनुबंधित किया गया है. विक्रांत सिंह इस फिल्म में अहम भूमिका में दिखाई देंगे.

हकीकत में विक्रांत सिंह फिल्म ‘‘बाजी’’से भोजपुरी सिनेमा में वापसी कर रहे हैं. और छोटे शहरों की पृष्ठभूमि की कहानी वाली फिल्म ‘बाजी’ की शूटिंग मई में उत्तर प्रदेश और झारखंड के रमणीय क्षेत्रों में की जाएगी.

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संगीत प्रधान फिल्म ‘‘बाजी’’ का निर्माण  माइलस्टोन फिल्म एंड एंटरटेनमेंट प्रा.लि. के बैनर तले किया जा रहा है. फिल्म के निर्देशक कमलेश सिंह,कथा, पटकथा व संवाद लेखक रजनीश वर्मा, संगीतकार विनय बिहारी एवं मधुकर आनंद,गीतकार विनय बिहारी, प्यारेलाल यादव कवि, मनोज मतलबी और आजाद सिंह, मार्केटिंग हेड विजय यादव हैं.

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फिल्म ‘बाजी’ के निर्देशक कमलेश सिंह कहते हैं-‘‘फिल्म की कहानी पटना और बनारस जैसे शहरों पर आधारित है.यह एक एक म्यूजिकल फिल्म है. हम इस फिल्म को बौलीवुड की बड़ी फिल्मों की तरह फिल्माने वाले हैं.एक्शन और इमोशन पर आधारित यह एक सोशल फिल्म है, जो सभी वर्ग के दर्शकों को ध्यान में रखकर बनाई जा रही है. इस फिल्म में मधुर व कर्णप्रिय संगीत का भी समावेश है.’’

‘दामाद जी किराए पर है’ के ट्रेलर को मिले पांच मिलियन से भी ज्यादा Views, देखें Video

भोजपुरी सिनेमा जगत के चर्चित अभिनेता यश कुमार की शीघ्र प्रदर्तशि होने वाली फिल्म ‘दामाद जी किराए पर है’ के ट्रेलर के बाजार में आते ही पांच लाख मिलियन व्यूज मिल गए. यह अपने आप में एक बड़ा रिकार्ड है. भोजपुरी की यह पहली होगी,जिसका ट्रेलर रिलीज के महज 24 दिनों में पांच मिलियन व्यूज के आंकड़े को पार कर चुकी है.

अब तक इस ट्रेलर को 5,555,060 व्यूज मिल चुके हैं.दर्शक यश की इस फिल्म के ट्रेलर को खूब पसंद कर रहे हैं.

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कांट्रेक्ट मैरिज पर आधारित फिल्म ‘दामाद जी किराए पर है’ में यश कुमार, शिविका दीवान और श्रृद्धा यादव की अहम भूमिकाएं हैं. इसमें यश कुमार का किरदार गांव के सीधे सादे परिवार के लड़के का है, जिसकी शादी उस लड़की से कर दी जाती है, जिसका लाइफ स्टाइल शहर में बिगड़ैल वाली होती है. इस किरदार में शिविका दीवान नजर आ रही हैं, जो शादी के लिए कांट्रेक्ट मैरेज के शर्त पर तैयार होती
हैं.  दोनों की शादी तो हो जाती है, लेकिन यश कुमार के साथ शिविका का व्यवहार बेहद खराब रहता है.

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फिर कुछ ऐसा होता है, जिससे यश उनके दिल में जगह बनाने में कामयाब होते हैं.मगर तब तक यश दूसरी शादी का फैसला कर लेते हैं. मगर क्लाइमेक्स में ऐसा कुछ होता है, जिसकी कल्पना नही की जा सकती. अजय श्रीवास्तव प्रोडक्शन एंड पंकज सिने इंटरटेंमेंट के बेनर तले बनी फिल्म ‘दामाद जी किराए पर है’ के निर्देशक अजय श्रीवास्तव है.

फिल्म के निर्माता शरद श्रीवास्तव और अजय श्रीवास्तव,संगीतकार छोटे बाबा, कोरियोग्राफर रामदेवन, कैमरामैन मनोज सिंह,गायक आलोक कुमार, छोटे बाबा,प्रियंका सिंह, नीलकमल, पमिला सिंह,गीतकार अशोक कुमार दीप, राजेश मिश्रा व सुमित सिंह चंद्रवंशी हैं.जबकि फिल्म में यश कुमार, शिविका दीवान, श्रद्धा यादव के साथ ऋतु पांडेय, शरद श्रीवास्तव भी मुख्य भूमिका में नजर आने वाले हैं.

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