मेरा पति दूसरे शहर में काम करता है, मुझे शक है कि वो दूसरी औरत के चक्कर में पड़ गया है, बताइएं मैं क्या करुं?

सवाल

मैं 24 साल की एक शादीशुदा औरत हूं और एक बच्चे की मां भी. वैसे तो मेरा पति बहुत अच्छा है और हम दोनों का पूरा खयाल रखता हैपर न जाने क्यों अब वह मुझ से कटाकटा सा रहने लगा है. वह जल्दीजल्दी दूसरे शहर जाने लगा है. एक सीरियल में मैं ने देखा था कि ऐसे मर्द दूसरे शहर में नैनमटक्का करते हैं. क्या मेरा  वाला भी किसी दूसरी औरत के चक्कर में तो नहीं पड़ गया है और अपनी सारी कमाई उस पर लुटा रहा है? हालांकि मेरे पास इस बात का कोई सुबूत नहीं हैपर यह बात मुझे खाए जा रही है. मैं क्या करूं?

जवाब

आप का अंदाजा सही भी हो सकता और गलत भीलेकिन महज शक की बिना पर खुद का खून न जलाएं. मुमकिन है कि आप में ही वह बात नहीं रह गई होजो एक पति पत्नी से चाहता है और उस में ढूंढ़ता हैइसलिए खुद को बदलें. सजसंवर कर रहेंहमबिस्तरी में पति को भरपूर मजा देंउस की हर छोटीबड़ी जरूरत का खयाल रखें. उस की कमाई और खर्चे पर नजर रखेंलेकिन इस बाबत कलह या ज्यादा पूछताछ न करें. सीरियलों की बातें और कहानियां काल्पनिक होती हैंउन्हें अपने ऊपर हावी न होने दें.

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मैं एक 20 साल की लड़की से प्यार करता हूं और शादी करना चाहता हूं लेकिन, मेरे घर वाले मना कर रहे है मैं क्या करुं?

सवाल 

मैं 23 साल का एक पढ़ालिखा लड़का हूं. मेरी नौकरी भी लग गई है. मेरे घर वाले अब मेरी शादी करना चाहते हैंजबकि मैं अपने पड़ोस की एक लड़की से प्यार करता हूं. वह 20 साल की है और अच्छी पढ़ीलिखी भी है. वह एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ाती है. पर चूंकि वह हमारी जाति से नहीं हैतो मेरे घर वाले मुझे उस से दूर रहने को बोलते हैं.

जवाब

वह लड़की भी मुझ से प्यार करती है और आगे की जिंदगी मेरे साथ बिताना चाहती है. उस के मांबाप को हमारे रिश्ते से कोई परेशानी नहीं है. हम दोनों ऐसा क्या करें कि मेरे घर वाले इस रिश्ते को अपनी रजामंदी दे दें?

आजकल जाति का अलग होना कोई खास माने नहीं रखता है. आप अपने घर वालों को समझाएं कि आप उस लड़की से शादी कर के ही सुकून की जिंदगी गुजार सकते हैं.

आज के दौर में धर्म और जाति की चिंता और परवाह कई जिंदगियों को वीरान कर देती है. समाज में इज्जत और जाति को नाक का सवाल बनाने से किसी को कुछ हासिल नहीं होता. अगर इस के बाद भी घर वाले न मानेंतो आप अपनी मरजी से उस लड़की से शादी कर लेंक्योंकि आप दोनों ही बालिग हैं और अपनी जिंदगी से जुड़े फैसले लेने का हक आप को है.                                          

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मेरी समस्या यह है कि रात को बिस्तर पर मेरी बीवी मुझे भाव नहीं देती है, बताइए मैं क्या करूं?

सवाल

मैं 45 साल का एक शादीशुदा मर्द हूं और मेरे 2 बच्चे भी हैं. मेरी समस्या यह है कि रात को बिस्तर पर मेरी बीवी मुझे भाव नहीं देती है, जिस से मेरा सैक्स का मजा किरकिरा हो जाता है. इस बात से घर में तनाव बना रहता है.

इतना ही नहीं, अब मुझे लगता है कि मेरी पत्नी, जिस की उम्र मुझ से 2 साल ज्यादा है, सैक्स को ले कर ठंडी पड़ गई है. वह अब सत्संग में जा कर अपना समय बिताने लगी है और मेरी जिंदगी को नरक बना रही है. मैं क्या करूं?

जवाब

शादी के कुछ सालों बाद बच्चे हो जाने के बाद कई औरतों का मन सैक्स से उचटने लगता है. इस की कई वजहें होती हैं, मसलन सैक्स में नयापन न होना, मजा न आना, सेहत से जुड़ी परेशानियां और धर्मकर्म के चक्कर में मन में वैराग्य का आ जाना वगैरह.

आप को बहुत सब्र और समझ से काम लेते हुए अपनी बीवी को रास्ते पर लाना पड़ेगा. पहले तो यह सोचना छोड़ दें कि सैक्स का मजा किरकिरा हो रहा है, फिर सैक्स को मजेदार बनाने का जतन करें और पत्नी से नजदीकियां बढ़ाएं. उस के साथ ज्यादा से ज्यादा वक्त गुजारें.

उस की जरूरतों का खयाल रखें, उसे घुमाएंफिराएं. इसी दौरान उस का मूड सैक्सी करने की कोशिश करें. कभीकभार मोबाइल फोन पर उसे ब्लू फिल्मों की क्लिप दिखाएं, सैक्सी बातें करें. उस की तारीफ करें. धीरेधीरे वह रास्ते पर आ जाएगी और अगर बात न बने तो किसी माहिर डाक्टर से मिलें.

मेरा दोस्त की बीवी से 9 सालों से पति पत्नी जैसा ही संबंध है, हमारा एक बेटा भी है मैं क्या करूं?

सवाल

मैं 22 साल का हूं. मेरा 25 साल की दोस्त की बीवी से 9 सालों से पति पत्नी जैसा ही संबंध है. मैं उस से शादी करना चाहता हूं, पर वह अपने परिवार को धोखा नहीं देना चाहती. हमारा एक बेटा भी है. मैं क्या करूं?

जवाब

दोस्त की पत्नी को पत्नी की तरह इस्तेमाल कर के आप ने खूब दोस्ती निभाई है. वह औरत आप से शादी कर के पति को धोखा नहीं देना चाहती, तो आप के साथ सो कर वह क्या कर रही है? बेटा आप का ही है, यह आप कैसे कह सकते हैं? अब शादी का नाटक करने की क्या जरूरत है? जिस दिन पकड़े गए, तो शामत आ जाएगी.

मैं 38 साल की एक शादीशुदा औरत हूं मेरे पति को लगता है कि मैं बहुत ज्यादा सफाईपसंद है और इस आदत को लेकर हम दोनों में लड़ाई होती है, मैं क्या करुं?

सवाल 

मैं 38 साल की एक ब्याहता औरत हूं. मेरे पति को लगता है कि मैं बहुत ज्यादा सफाईपसंद हूं और अपना सारा समय बेवजह की सफाई पर बरबाद करती रहती हूं. उन के मुताबिकमुझे सफाई करने की बीमारी है. इस बात पर मेरी और मेरे पति की आएदिन लड़ाई होती रहती हैक्योंकि मैं ऐसा बिलकुल भी नहीं मानती हूं. आप ही बताइए कि सफाई करना बीमारी कैसे हो सकती हैजबकि मेरे पति मेरी इस आदत से तंग आ गए हैं. वे कहते हैं कि एक ही चीज को दिन में कई बार साफ करने की कोई जरूरत नहीं होती है. ऐसी बातों के चलते मैं और ज्यादा सफाई करती हूं. इस से घर में तनाव का माहौल रहता है. मैं क्या करूं?

जवाब

आप के पति का कहना बिलकुल सही है. सफाई करना कोई बीमारी नहीं हैलेकिन लगातार सफाई करते रहना एक किस्म की बीमारी हैजिसे ओएसडी कहते हैं. यह बहुत चिंता वाली बात नहीं हैलेकिन इस से साथ रह रहे लोगों को कोफ्त होना कुदरती बात है. जब कहासुनी होगीतो तनाव भी होगा. आप को चाहिए कि खुद पर काबू रखें और पति की बातों पर अमल करें. यह बीमारी दुनिया में कई लोगों को हैजिस का कोई इलाज नहीं. फिर भी आप कोशिश करती रहें और सोचें कि घर की शांति साफसफाई से ज्यादा जरूरी है.

मैं एक युवक को चाहती हूं वह सैक्स की डिमांड कर रहा था, मना करने पर वह किसी ओर से इश्क फरमा रहा है क्या करूं?

सवाल
मैं पिछले 2 वर्ष से एक युवक को चाहती हूं, लेकिन कुछ समय से उस से मुलाकात नहीं हो पाई कारण था उस का मुझ से शारीरिक संपर्क बनाने की डिमांड जबकि मैं ने उस की यह डिमांड ठुकरा दी थी. तब से वह मुझ से बात भी नहीं करता. अभी कुछ समय से मुझे पता चला है कि वह किसी अन्य युवती से इश्क फरमा रहा है, जिस से मैं बहुत आहत हूं. बताइए, मैं क्या करूं?

जवाब
सब से पहले तो आप खुद को संभालिए. धैर्य रखिए और ठंडे दिमाग से सोचिए कि जो युवक सिर्फ आप से संबंध बनाने को मना करने पर नाराज हो गया उस का मकसद क्या होगा? यह एक अनुचित मांग है. अगर आप मान जातीं और उस के बाद वह किसी और के चक्कर में पड़ जाता तो आप क्या करतीं?

जी हां, अमूमन ऐसे युवक शारीरिक संबंध बनाने तक ही प्रेम समझते हैं फिर किनारा कर लेते हैं. आप खुद को समझाइए कि आप बच गईं. खुद को बिजी रखिए अपने जीवन को खुशहाल बनाने के उपाय कीजिए. उस का खयाल दिमाग से यह सोच कर निकाल दीजिए कि वह आप के लायक नहीं था.

अंतरा ने जब अपने पिता के ट्रांसफर के कारण नए शहर के एक नए स्कूल में दाखिला लिया तो उस की खुशी का ठिकाना न रहा, क्योंकि उस की खूबसूरती के कारण स्कूल के अधिकांश युवक उस से दोस्ती करना चाहते थे. जिस की वजह से कभी कोई उसे गिफ्ट देता तो कोई चौकलेट. किंतु शहरी लाइफस्टाइल और विपरीतलिंगी दोस्ती के गहरे अर्थों से अनजान अंतरा को यह रहस्य बिलकुल भी पता नहीं था कि इस के पीछे हकीकत क्या है. शुरूशुरू में तो अंतरा को यह सब अच्छा लगता था, क्योंकि उस से दोस्ती करने वालों और उसे चाहने वालों की लाइन जो लगी रहती थी, लेकिन अंतरा वह सब नहीं देख पा रही थी जो असल में इस दोस्ती के पीछे छिपा हुआ था. उस के लिए ऐसी दोस्ती का मतलब केवल बाहर होटल या रेस्तरां में लंच तथा डिनर करना, स्कूल कैंटीन और कौफी हाउस में कोल्डडिं्रक ऐंजौय करना और चौकलेट्स शेयर करना तथा दोस्तों की बर्थडे पार्टियों में केक खाना और मस्ती के साथ नाचगाना करने के रूप में सीमित था.

इन सब पार्टियों के कारण अंतरा अकसर स्कूल से अपने घर बड़ी देर से लौटती थी. उस के मम्मीपापा भी ज्यादा टोकाटाकी नहीं करते थे. इसलिए अंतरा खुल कर इन पलों को जी रही थी, लेकिन अंतरा के साथ एक दिन जो घटा उस की उस ने सपने में भी कल्पना नहीं की थी.

संयोग से एक दिन गौरव का बर्थडे था, जिसे अंतरा अपना सब से अच्छा दोस्त समझती थी, उस दिन अंतरा स्कूल के बाद अन्य दोस्तों के साथ गौरव का बर्थडे सैलिब्रेट करने के लिए शहर से कुछ दूर स्थित गौरव के फार्म हाउस गई. वहां केक, मिठाइयों और चौकलेट्स के साथसाथ शराब और बियर की बोतलें भी खुलीं. अंतरा इस से बच न सकी. नशे में बेखबर अंतरा वह सबकुछ कर रही थी, जिस का उसे जरा भी अंदाजा नहीं था.

नशे की हालत में धीरेधीरे उस के दोस्तों ने अंतरा के साथ छेड़खानी शुरू कर दी. पार्र्टी में अंतरा 10-12 दोस्तों के बीच अकेली लड़की थी. अपने बदन पर अपने दोस्तों की छुअन की सिहरन को अंतरा खूब महसूस कर रही थी, लेकिन जब अंतरा को लगा कि उस के साथ जबरदस्ती की जा रही है तो उसे अपनी गलती का एहसास हुआ. ऐसे में अपने दोस्तों से उस ने छोड़ने की मिन्नतें कीं, लेकिन वे सभी अंतरा की खूबसूरती के नशे में अंधे हो चुके थे.

अंतरा को जब लगा कि वे ऐसे नहीं मानेंगे तो वह जोरजोर से चिल्लाने लगी और पास में रखी खाली बोतलें खिड़कियों के शीशे पर मारने लगी. कहीं लोग इकट्ठे न हो जाएं इस भय से अंतरा के दोस्तों ने उसे छोड़ दिया. इस जाल से निकलने के बाद अंतरा को नए अनुभव के साथ नई जिंदगी मिली थी, जो उस के लिए बड़ी सीख थी.

सच पूछिए तो अंतरा जैसी निर्दोष और मासूम युवती के जीवन की व्यथा की यह कहानी एक लेखक की कोरी कल्पना हो सकती है, लेकिन वास्तविक दुनिया में इस तरह की सच्ची और कड़वी कहानियों से प्रिंट मीडिया के पेज और टैलीविजन के चैनल्स भरे रहते हैं. यह भी सच है कि इस तरह की घटना का शिकार होने वाली अंतरा वास्तविक जीवन और मौडर्न दुनिया में अकेली नहीं है. अंतरा जैसी कुछ युवतियां परिवार और समाज के भय से या तो आत्महत्या कर लेती हैं या फिर अपने पर किए गए जुल्मों को चुपचाप सह लेती हैं.

अहम प्रश्न यह उठता है कि जिस दोस्ती को मानव जीवन का अनमोल उपहार माना जाता है, आखिर उसी पवित्र रिश्ते को कलंकित करने की पृष्ठभूमि तैयार करने के लिए कौन जिम्मेदार होता है? साइकोलौजी के जनक कहे जाने वाले सिगमंड फ्रायड का यह मानना था कि मानो जीवन की हरेक ऐक्टिविटी केवल 2 उद्देश्यों से प्रभावित होती है, प्रसिद्धि पाने की लालसा और सैक्स. इस तरह सैक्स को मानव जीवन में एक कुदरती आवश्यकता के रूप में शुमार किया जाता है.

सच पूछिए तो किसी युवक और युवती के बीच दोस्ती संबंधों की मर्यादा और उस की पवित्रता का वहन करना कोईर् आसान काम नहीं होता. दोस्ती का यह रिश्ता जिस नाजुक डोर से बंधा होता है वह तनमन की हलकी सी गरमी से भी दरक उठता है. लिहाजा, यदि आप भी तथाकथित दोस्ती के किसी ऐसे बंधन से बंधे हुए हैं तो आप को इस पवित्र रिश्ते को स्वच्छ रखने के लिए अपने मन पर बड़ी कठोरता से नियंत्रण रखने की आवश्यकता है, क्योंकि युवक और युवतियों की दोस्ती के बंधन की उम्र बहुत छोटी होती है. ऐसा नहीं है कि इस प्रकार की दोस्ती की आड़ में केवल युवक ही सैक्सुअल रिलेशन बनाने की ताक में रहते हैं बल्कि युवतियां भी इस में पीछे नहीं रहतीं.

संस्कार जब एक छोटे से गांव से अपनी स्कूली पढ़ाई पूरी कर कालेज की पढ़ाई के लिए शहर आया तो उसे शुरू में सबकुछ अजीब सा लगता था. वह बहुत शर्मीले स्वभाव का था और वह युवतियां तो दूर युवकों से भी बड़ी मुश्किल से बात करता था. लेकिन वह बहुत होशियार था और पेरैंट्स उसे एक आईएएस औफिसर के रूप में देखना चाहते थे. वर्षा भी उसी की क्लास में पढ़ती थी और संस्कार के रिजर्व नेचर और होशियार होने के कारण उसे मन ही मन काफी चाहती भी थी, लेकिन वह संस्कार को इस बारे में बता पाने की हिम्मत नहीं जुटा पाती थी.

संयोग से एक दिन उस के कालेज का एक हिल स्टेशन पर जाने का प्रोग्राम बना और इस दौरान दोनों को बस में एकसाथ बैठने का मौका मिल गया. मौका पा कर वर्षा ने संस्कार के हाथों में हाथ डाल कर अपने मन की बात कह डाली. यह सुन संस्कार के होश उड़ गए और उस ने बिना सोचेसमझे ही उसे मना कर दिया, क्योंकि वह जिस बैकग्राउंड से आया था उस में उस के लिए इन सब चीजों को ऐक्सैप्ट करना संभव नहीं था.

ठीक है, तुम मुझे प्यार नहीं कर सकते तो हम दोनों दोस्त बन कर तो रह ही सकते हैं. क्या तुम मेरी फैं्रडशिप भी ऐक्सैप्ट नहीं करोगे? वर्षा ने प्यार के अंतिम तीर के रूप में जब यह प्रश्न संस्कार के सामने रखा तो संस्कार भावनाओं के सागर में गोते लगाने लगा और इस के लिए उस ने हामी भर दी.

दोस्ती के नाम पर अब वे दोनों साथ घूमतेफिरते, मस्ती करते. वक्त के साथ उन दोनों के बीच दोस्ती और भी गहरी होती गई और धीरेधीरे साथसाथ जीनेमरने की कसमें भी खाई जाने लगीं. वैलेंटाइन डे के दिन जब पूरा कालेज डांस और म्यूजिक में बिजी था तो संस्कार और वर्षा फरवरी की उस कुनकुनी ठंड में शहर के एक खूबसूरत पार्क में साथसाथ जीवन जीने के सपने बुन रहे थे.

सूरज डूब चुका था और शाम के साए में रोशनी धीरेधीरे खत्म हो रही थी. वहां से लौटते हुए वर्षा और संस्कार की करीबी में जीवन की सारी मर्यादाओं की रेखा मिट चुकी थी. दोस्ती के बंधन में प्यार और वासना की भूख ने कब सेंध लगा दी, इस का एहसास भी प्रेमी युगल को नहीं हो पाया.

जब इस प्रकार दोस्ती निभाने का प्रश्न उठता है तो ऐसा करना किसी तलवार की धार पर चलने से कम खतरनाक नहीं होता. पहले तो आप इस प्रकार के रिश्ते को अपने परिवार वालों से छिपा कर न रखें. महंगे गिफ्ट्स के ऐक्सचेंज से दूर रहने की कोशिश करें, क्योंकि जब इस प्रकार के महंगे गिफ्ट्स के ऐक्सचेंज की शुरुआत होती है तो एकदूसरे से अपेक्षाओं का दायरा काफी बढ़ जाता है और इस के साथ सब से बड़ी बात यह होती है कि इस प्रकार की अपेक्षाओं की कोई लक्ष्मण रेखा नहीं होती.

दूसरी महत्त्वपूर्ण बात यह है कि किसी भी पार्टी और फंक्शन में अपने फ्रैंड्स के साथ अकेले जाने से परहेज करें, क्योंकि मन के आवेग का कोई भरोसा नहीं होता. यदि ऐसी पार्टियों में जाना निहायत जरूरी हो तो अपने परिवार के किसी सदस्य या फिर कौमन फैं्रड्स के साथ जाएं. ऐसा करने से आप सेफ रहेंगी.

अभी तक मैं सेक्स का पूरा सुख नहीं पा सका, आप मेरा मार्गदर्शन करें ताकि मैं सेक्स का आनंद उठा सकूं!

सवाल

मैं 25 वर्षीय विवाहित युवक हूं. शादी हुए 1 वर्ष हो चुका है. अभी तक मैं संभोग का पूरा सुख नहीं पा सका. वास्तव में मुझे सैक्स के विषय में कोई जानकारी नहीं है. मैं पत्नी से संबंध तो बनाता हूं पर बहुत जल्दी निवृत्त हो जाता हूं. मेरे यौनांग में पूरी तरह तनाव भी नहीं आता. कृपया मेरा मार्गदर्शन करें ताकि मैं सहवास का पूरापूरा आनंद उठा सकूं?

जवाब

आप सहवास में प्रवृत्त होने से पहले उस के लिए उपयुक्त माहौल बनाएं. पत्नी से प्रेमालाप करें. उस के बाद आलिंगन, चुंबन आदि कामक्रीड़ाएं करें. जब अनुभव करें कि पत्नी सहवास के लिए पूरी तरह कामोत्तेजित हो गई है तभी संबंध बनाएं. इस से आप देर तक सहवास कर पाएंगे और आप को अधिक सुखानुभूति होगी. इस के अलावा सैक्स ज्ञान के लिए आप सैक्स पर किसी अच्छे लेखक की पुस्तक से भी जानकारी ले सकते हैं.

मैं 27 साल का एक शादीशुदा आदमी हूं, मेरे पड़ोस की औरत मुझे सेक्स के लिए उकसाती है मैं क्या करुं?

सवाल 

मैं 27 साल का एक शादीशुदा आदमी हूं. मेरे पड़ोस एक अधेड़ औरत रहती है. उस के रसोईघर से मेरा बैडरूम साफ दिखता है. जब कभी मैं घर पर अकेला होता हूंतो वह अपने रसोईघर में ऐसे कपड़े पहन कर मेरे सामने आती हैजिन से उस के उभार झलक रहे होते हैं. शुरू में तो लगा कि वह यह बात जानती नहीं है कि मेरी उस पर नजर पड़ रही हैपर कल तो वह मुझे देख कर हंसने लगी और इस तरह अंगड़ाई ली कि मेरे पसीने छूट गए.

आज उस ने अपनी झीनी नाइटी में इशारे से मुझे अपने घर आने का न्योता दिया. वह औरत इतनी ज्यादा मादक है कि मैं खुद को रोक नहीं पा रहा हूं. पर मुझे अपने परिवार का खयाल आ गया. मैं क्या करूं?

जवाब

आप दूर से उभारों के दर्शनमादकता और अंगड़ाई का मजा लेते रहें. ज्यादा नजदीक जाएंगेतो दिक्कतें पेश आ सकती हैं. यह लालच आप को फिसला भी सकता है. यह तो अच्छा है और आप के भले आदमी होने का सुबूत भी है कि आप को परिवार का खयाल है. इस तरह के ढोल दूर से ही अच्छे लगते हैं. उन्हें गले में लटकाना मुसीबत खड़ी कर सकता है.

मादकता के दूर दर्शन में ही सुख ढूंढ़ कर तसल्ली कर लें और खुद पर काबू न रख पाएंतो आगे की भी सोच लें. मुमकिन है कि कोई बखेड़ा खड़ा न हो. यह भी मुमकिन है कि कई बखेड़े खड़े हो जाएंइसलिए सोचसमझ कर फैसला करें.   

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मैं शादी के बाद भी अपने प्रेमी के साथ सेक्स करती हूं मुझे बहुत मजा आता है, क्या ये सब करना ठीक है?

सवाल


मेरी शादी को 2 साल हो चुके हैं. मैं बचपन से ही एक लड़के से प्यार करती थी. आज भी हम दोनों एकदूसरे से मिलते हैं और हमबिस्तरी भी करते हैं. पति भी मुझे प्यार करते हैं, पर मैं प्रेमी की याद में डूबी रहती हूं. मैं क्या करूं कि वह मुझे मिल जाए?

जवाब


जब आप को प्रेमी से इतना ही प्यार था, तो 2 साल पहले आप किसी दूसरे से शादी करने को क्यों राजी हुईं? दरअसल, इस पार्टटाइम हमबिस्तरी में आप दोनों को ही मजा आ रहा है. अक्लमंदी इसी में है कि आप अपने मासूम पति को और धोखा न दें. अगर उन्हें पता चल गया, तो आप तबाह हो सकती हैं. पति ने अगर आप को छोड़ दिया, तो प्रेमी भी खिसक जाएगा. आप प्रेमी को छोड़ दें.

इंसान की फितरत है धोखा देना. दरअसल इसे कमजोरी भी कहा जा सकता है. लोग दोस्ती में धोखा देते हैं, रिश्तों में धोखा देते हैं, प्यार में धोखा देते हैं और यहां तक कि शादी के बाद भी धोखा देते हैं.

देखा गया है कि शादी के बाद लोग धोखा कई कारणों से देते हैं. कई बार ये धोखा जानबूझकर दिया जाता है तो कई बार धोखा का बदला लेने के लिये धोखा दिया जाता है. कई बार तलाक का मुख्‍य कारण धोखा ही होता है.

हम यहां आपको बताने जा रहे हैं कि शादीशुदा लोग क्यों एक दूसरे को धोखा देते हैं.

1. संतुष्टि न मिलना

कई बार पति को अपनी पति से सेक्स से वो संतुष्टि नहीं मिलती जो वो चाहता और तब वह शादी के बाहर इस संतुष्टि की तलाश करने लगता है और दूसरी महिलाओं के संपर्क में आ जाता है.

2. ओपन सोसाइटी

आधुनिकता की वजह से समाज में आ रहे बदलाव यानी खुलेपन की कारण भी पति अपनी पत्नी को धोखा देने लगता है. दरअसल, नयी आब-ओ-हवा में समाज में खुलापन तेज़ी से आ रहा है और इसकी वजह से लोगों की मानसिकता भी खुलती जा रही है और वे शादी के बाहर संबंध बनाने में अब कम हिचकते हैं. इस मामले में महिलाएं भी बहुत बोल्ड हो गई हैं. ज़ाहिर है ऐसे रिश्ते की बुनियाद धोखे पर ही रखी जाती है.

3. सोशल मीडिया का फैलाव

आजकल विवाहेत्तर संबंध बनने की संभावनाएं अधिक हो गई हैं क्योंकि आप सोसल मीडिया के ज़रिये आसानी से दोस्त बना लते हैं जो पहले इतना आसान नहीं था.

4. आपसी संवाद का अभाव

पति और पत्नी के बीच नियमित रुप से संवाद कई समस्याओं को पैदा होने से रोक देता है लेकिन देखा गया है कि जिस दंपत्ति में आपसी संवाद नहीं होता या बहुत कम होता है वहां भी धोखे की संभावना बढ़ जाती है. संवाद न होने से दोनों में कई बार ग़लतफ़हमी हो जाती है जो फिर कड़वाहट में बदल जाती है.

5. प्रयोगवादी होना

लोग आजकल अपनी सेक्ल-लाइफ को और दिलचस्प बनाने के लिये नए-नए प्रयोग करने की सोचते हैं. पति को अगर पति को सेक्स का सुक नहीं मिल रहा हो या फिर ऊब गया हो तो तो वह एक्सपेरिमेंट करने से नहीं चूकता. लेकिन जब पत्नी इसमें सहयोग नहीं देती तो पुरूष धोखा देने लगते हैं.

6. अफेयर होना

आमतौर पर कोई पत्नी शादी के बाद पति को या तो इसलिए धोखा देने लगती हैं क्योंकि उसका शादी से पहले किसी से अफेयर होता है या फिर उसका पहला प्रेमी उसे परेशान और ब्लैकमेल कर रहा हो.

7. पति का शक़्की मिजाज

कई हार पत्नी अपने पति को इसलिए धोखा देने लगती है क्योंकि उसका पति शक्की होता है और बात-बात पर उस पर शक़ करता है.

8. अकेलापन और बोरियत होना

कई बार पत्नि घर में अकेली रहकर या फिर एक ही तरह के रूटीन से बोर हो जाती है और ऐसे में वह बाहरी दुनियां की तरफ आकर्षित हो जाती है नतीजन उसका अफेयर चलने लगता है.

9. पति से विचार ना मिलना

कई बार पति से विचार ना मिलना या फिर हर समय घर के झगड़े के कारण भी पत्नी बाहर किसी पराये मर्द की तरफ आकर्षित हो जाती है.

इसके अलावा भी बहुत से कारण हैं जिससे महिलाएं और पुरूष शादी के बाद भी अपने साथी को धोखा देने लगती है.

मैं 14 साल की उम्र से रोजाना हस्तमैथुन करता आ रहा हूं, क्या इस से शादी के बाद मेरी जिंदगी पर कोई बुरा असर होगा?

सवाल

मैं 28 साल का हूं. मैं 14 साल की उम्र से रोजाना हस्तमैथुन करता आ रहा हूं. क्या इस से शादी के बाद मेरी जिंदगी पर कोई बुरा असर होगा?

जवाब

वैसे, हस्तमैथुन करना अच्छी बात नहीं है. इस आदत को छोड़ने की कोशिश करें. जहां तक शादी के बाद की जिंदगी की बात है, तो इस का कोई खराब असर नहीं पड़ेगा.

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