कॉफी और ग्रीन टी का सेवन हर उम्र के लोग करते हैं. इन दोनों में से अक्सर ग्रीन टी को ज्यादा हेल्दी माना जाता है, वजन घटाने की ख्वाहिश रखने वाले लोग अक्सर इस चाय का सेवन करना पसंद करते हैं. आपने सुना होगा कि हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए कैफीन का सेवन अच्छा नहीं होता, क्योंकि इससे बीपी और ज्यादा बढ़ जाता है. अब कॉफी और ग्रीन टी दोनों में ही ये कंपाउंड पाया जाता है, तो क्या बीपी के मरीजों के लिए दोनों ही बुरे हैं?

कॉफी बेहतर है या ग्रीन टी?

रिसर्चर्स ने अपनी स्टडी में ये पाया कि जिन लोगों ने एक दिन में एक बार कॉफी पी और डेली ग्रीन टी का सेवन किया, उनमें दिल की बीमारियों का खतरा नहीं पाया गया, भले ही वो बीपी के मरीज थे. 19 साल तक चली इस स्टडी के शुरुआती वक्त में 40 से 79 साल की उम्र के 6570 से ज्यादा पुरुषों और 12,000 महिलाओं को शामिल किया गया था, जिन्हें कैंसर के खतरे के इवेलुएशन के लिए जापान कोलैबोरेटिव कोहोर्ट स्टडी से चुना गया था.

कॉफी न पिएं हाई बीपी के पेशेंट

एक कप कॉफी पीने से तकरीबन 80 से 90 मिलीग्राम कैफीन मिलता है, ये हाई ब्लड प्रेशर के कंडीशन में अच्छा नहीं है. बेहतर है कि हाई बीपी के मरीज कॉफी न पिएं क्योंकि लॉन्ग टर्म में इससे दिल की बीमारियों का खतरा पैदा हो जाएगा.

क्या ग्रीन टी पी सकते हैं बीपी के मरीज?

ग्रीन टी में कैफीन जरूर पाया जाता है, लेकिन इसमें इस कंपाउंड की मात्रा काफी कम होती है, जो हार्ट रेट और मेटाबॉलिज्म को खतरनाक लेवल तक नहीं बढ़ाती, फिर भी ग्रीन टी पीने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

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