अकसर आप ने सुना होगा कि पीरियड्स में सैक्स करना सही नहीं माना जाता है. यहां तक कि आज भी कई जगह पीरियड्स के दौरान महिलाओं को अपने घर में ही पराया बना दिया जाता है. उन्हें पति से दूरी बनाने को कहा जाता है, रसोईघर में घुसने नहीं दिया जाता है, यहां तक कि महिलाएं पीरियड्स के दौरान खुद को सब से अलगथलग कर लेती हैं, जिस से ऐसा लगता है कि उन के लिए पीरियड्स अभिशाप हों, जबकि हमें यह मानना होगा कि यह उन्हें प्रकृति की देन है.
1972 में जब ‘द जौय औफ सैक्स : ए गोरमैट गाइड टू लवमेकिंग’ नामक एक बैस्ट सैलर पुस्तक प्रकाशित हुई थी तब पीरियड्स के दौरान सैक्स की मनाही थी. लेकिन लेखक ने पीरियड्स के दौरान सैक्स को पौजिटिव नजरिए से देखा और यह वास्तव में सही भी है.
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ऐसा माना जाता है कि पीरियड्स में सैक्स लंबे समय से सांस्कृतिक व धार्मिक कारणों से निंदा का कारण बन गया है. अभी भी बहुत से लोग मानते हैं कि यह खतरनाक व बुरा है. लेकिन शिक्षा के माध्यम से इस भ्रांति को दूर करने की कोशिश की जा रही है.
अनेक शोधों से तो यह भी पता चला है कि पीरियड्स के दौरान सैक्स के काफी फायदे हैं व महिलाएं पीरियड्स के दौरान बहुत ज्यादा कामोत्तेजित हो जाती हैं, क्योंकि योनि से अधिक खून का बहाव जो होता है, इसलिए महिलाओं में होने वाली इस प्राकृतिक प्रक्रिया को स्वीकार करें, क्योंकि यह उन की सिर्फ शारीरिक खुशहाली के लिए ही नहीं, बल्कि मानसिक खुशहाली के लिए भी आवश्यक है.
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सैक्स के लाभ
पीरियड्स की अवधि का कम होना : संभोग के दौरान मांसेपशियों में संकुचन तेजी से होने से पीरियड्स का खून तेजी से बाहर निकलता है, जिस का मतलब है कि अगर आप के पीरियड्स 7 दिन तक चलेंगे तो संभोग के कारण उन की अवधि घट कर 2-3 दिन हो जाती है.
दर्द से राहत : पीरियड्स में मांसपेशियों में जो ऐंठन होती है, संभोग उसे शांत करता है, क्योंकि इस से खून का प्रवाह बढ़ता है और ऐंड्रोफिंस रिलीज होता है जो दर्द से राहत दिलाने का काम करता है.
करे लुब्रिकेशन का काम : सैक्स के दौरान जितने लुब्रिकेशन की जरूरत होती है, कई महिलाओं में इस दौरान इस की कमी रहती है. लेकिन पीरियड्स के दौरान गुप्तांगों में ऐक्स्ट्रा फ्लूड रहता है.
सैक्स की इच्छा बढ़ाए : आप को बता दें कि महिलाओं में बड़ी तेजी से हार्मोन बदलते हैं खासकर प्रोजेस्टेरोन हार्मोन ओब्युलेशन से पहले ओवरीज से रिलीज होता है, जो ऐंड्रोमैट्रियन को अंडों को फलदायक बनाने के लिए तैयार करता है.
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प्रोजेस्टेरोन को कामेच्छा कम करने के लिए जाना जाता है इसलिए यह हार्मोन सर्किल की शुरुआत में न्यून होता है और आप की सैक्स की इच्छा बढ़ जाती है. तनाव को कम करे : सैक्स से ऐंड्रोफिंस नामक कैमिकल्स रिलीज होते हैं जिस से आप अच्छा महसूस कर पाते हैं. इस से पीरियड्स के दौरान होने वाले तनाव में भी कमी आती है. सिरदर्द से राहत : ज्यादातर महिलाओं को इस दौरान पैन्स्ट्रूअल माइग्रेन की शिकायत होती है, लेकिन सैक्स से सिरदर्द से उन्हें राहत मिल सकती है. मूड को सुधारे : साबित हुआ है कि संभोग से ऐंड्रोफिंस हार्मोंस जैसे औक्सिटोसिन व डोपामाइन रिलीज होते हैं, जो पीरियड्स के लक्षणों को कम कर के मूड को सुधारने का काम करते हैं.
सेफ सैक्स के लिए यह भी जरूरी
* पीरियड्स के दौरान कंसीव करने के चांस बहुत कम होते हैं लेकिन अगर आप का पीरियड सर्किल छोटा है तो कंसीव करने के चांस काफी बढ़ जाते हैं, इसलिए अगर आप कंसीव नहीं करना चाहती हैं तो पीरियड्स की शुरुआत में ही सैक्स करें, वह भी सेफ तरीके से.
* पीरियड्स में सैक्स से सैक्सुअल ट्रांसमिटिड इंफैक्शन होने का भी डर रहता है, इसलिए सेफ सैक्स के लिए कंडोम वगैरह का इस्तेमाल करना न भूलें.
* वेजाइनल यीस्ट इंफैक्शन होने के चांसेज ज्यादा रहते हैं क्योंकि आप की योनि 3.8-4.5 के बीच पीएच लैवल को मैंटेन रखती है लेकिन मैंसुरेशन के दौरान यह बढ़ जाता है. इस का कारण है कि खून का पीएच लैवल काफी बढ़ा हुआ होता है.
* बैक्टीरिया को पनपने से रोकने के लिए जल्दीजल्दी सैनेटरी पैड्स वगैरह बदलें.
लिहाजा, सैक्स को ऐंजौय कर खुद को हैल्दी और ऐक्टिव रखें. साथ ही, पीरियड्स में सैक्स से जुड़ी भ्रांतियों को दूर करने की कोशिश करें.
– जैसमीन वासुदेवा
मार्केटिंग मैनेजर, नाइन