गरमियों का मौसम चल रहा है. लू के थपेड़े झुलसा रहे हैं. पसीना है कि सूखता ही नहीं. सरकार बार बार कहती है कि जरूरी हो तो ही दिन में घर से बाहर निकलें. पर फिर भी काम तो करने ही पड़ते हैं. ऐसे में तेज धूप किसी को भी किसी भी तरह का नुकसान पहुंचा सकती है. तेज गरमी में सब से ज्यादा ध्यान अस्थमा के लोगों को रखना पड़ता है, क्योंकि गरमी में सब से ज्यादा नुकसान अस्थमा पेशेंट्स को होता है. वजह, इस मौसम में रैस्पिरेटरी इंफैक्शन का खतरा बढ़ जाता है. बौडी का मैटाबौलिक रेट बढ़ने लगता है. ऐसे में फेफड़ों पर बहुत लोड पड़ता है. बहुत ठंडी या गरमी से सांस की नलियों में सूजन पैदा हो जाती है. ज्यादा तापमान में यह नलियां ड्राई हो कर सूज जाती हैं, जिस से ये बहुत सैंसिटिव हो जाती हैं. ऐसे में अगर पेशेंट को साथ में हीट स्ट्रोक हो जाए, तो समस्या बढ़ जाती है. तो आज इस आर्टिकल में हम यही बताएंगे कि गरमी में फफड़ों के लिए क्या करें और क्या न करें.

क्या करें अस्थमा पेशेंट्स

  • सीपीओडी (Chronic obstructive pulmonary disease) के मरीज डॉक्टर की सलाह लेकर इन्फ्लूएंजा या नीमोकोकल वैक्सीन का इस्तेमाल करें.
  • जहां भी रहें उस जगह का तापमान मेंटेन रखें, जिससे बॉडी एक समान टेंपरेचर पर रहे.
  • तेज धूप में और दिन के समय सुबह 10 से शाम 4 बजे तक बाहर न निकलें.

ऐसे करें बचाव

  • पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं. पानी के अलावा ओआरएस, फलों का जूस व नारियल पानी भी लें.
  • थोड़ी देर ही सही व्यायाम के लिए वक्त जरूर निकालें. ज्यादा थकाने वाली एक्सरसाइज से बचें.
  • एसी से निकलकर तुरंत तेज धूप में जाने से बचें.
  • वॉकिंग फिट रहने के लिए बेस्ट है.
  • वायरल इन्फेक्शन हो, तो मास्क पहनकर ही रहें.
  • वॉकिंग फिट रहने के लिए बेस्ट है.
  • वायरल इन्फेक्शन हो, तो मास्क पहनकर ही रहें.
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