अप्रैल से ले कर सितंबर तक भारत के मैदानी इलाकों में गरमी और बरसात का मौसम रहता है. कभी चिलचिलाती जानलेवा लू तो कभी बादल बरसने के बाद उमस भरी चिपचिपाती गरमी.

शहरों में तो लोग छाते या टोपी से अपना बचाव कर लेते हैं, पर गांवदेहात में इन चीजों का चलन ज्यादा नहीं है. हां, वहां की लड़कियां शहर की लड़कियों की तरह चुन्नी वगैरह से खुद को ढक कर धूप के हमले से खुद को बचा लेती हैं, पर लड़कों को छाते और टोपी का झंझट ज्यादा रास नहीं आता है.

इस सब में उन का साथी बनता है गमछा. यह अमूमन सूती कपड़े से बने छोटे आकार के तौलिए जैसा होता है, पर मोटाई में तौलिए से कम पतला.

ये भी पढ़ें- लड़कियों को मैसेज भेजने से पहले लड़के जान लें ये बातें

जरूरत और फैशन

गांवकसबों में गमछा तकरीबन हर उम्र के आदमी के काम का होता है. बूढ़ों के लिए मक्खीमच्छर भगाने का साधन तो जवान लड़कों के गले में बंधा देशी मफलर. हिंदी फिल्म 'टाइगर जिंदा है' में सलमान खान ने ऐसा ही गमछा अपने गले के इर्दगिर्द लपेटा था, जो अपनेआप में एक फैशन ट्रेंड बन गया था. उस के बाद तो बड़े शहरों के साप्ताहिक बाजारों में ऐसे गमछे ज्यादा मात्रा में बिकने के लिए आने लगे थे. गांवदेहात में तो नौजवानों ने सलमान खान की तरह गले में रंगबिरंगे गमछे लपेट कर सोशल मीडिया पर खूब वीडियो और फोटो अपलोड किए थे.

कोरोना में काम का

इतना ही नहीं, देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना संकट शुरू होने के बाद जब चौथी बार देश को संबोधित किया था, तब उन का मुंह भी गमछे से ढका हुआ था. बाद में उन्होंने उसे अपने गले में लपेट लिया था.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD48USD10
 
सब्सक्राइब करें

सरस सलिल सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं

  • सरस सलिल मैगजीन का सारा कंटेंट
  • 1000 से ज्यादा सेक्सुअल हेल्थ टिप्स
  • 5000 से ज्यादा अतरंगी कहानियां
  • चटपटी फिल्मी और भोजपुरी गॉसिप
  • 24 प्रिंट मैगजीन

डिजिटल

(1 महीना)
USD4USD2
 
सब्सक्राइब करें

सरस सलिल सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं

  • सरस सलिल मैगजीन का सारा कंटेंट
  • 1000 से ज्यादा सेक्सुअल हेल्थ टिप्स
  • 5000 से ज्यादा अतरंगी कहानियां
  • चटपटी फिल्मी और भोजपुरी गॉसिप
 
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...